प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 22 मई 2025 को अमृत भारत स्टेशन योजना के तहत 18 राज्यों के 86 जिलों में स्थित 103 पुनर्विकसित अमृत स्टेशनों का उद्घाटन किया। यह भारत की रेलवे बुनियादी ढांचे के आधुनिकीकरण की दिशा में एक बड़ा मील का पत्थर है। ₹1,100 करोड़ से अधिक की लागत से विकसित इन आधुनिक स्टेशनों का उद्देश्य यात्रियों के अनुभव को बेहतर बनाना है — जिसमें आराम, कनेक्टिविटी और सुविधा को बढ़ावा देना प्रमुख है। साथ ही, यह पहल भारत की समृद्ध सांस्कृतिक और स्थापत्य विरासत का भी उत्सव मनाती है। यह परियोजना 1,300 से अधिक स्टेशनों के पुनर्विकास के लिए शुरू की गई एक राष्ट्रव्यापी योजना का हिस्सा है, जिसका लक्ष्य देश की बढ़ती परिवहन आवश्यकताओं के अनुरूप रेलवे अवसंरचना को आधुनिक और सशक्त बनाना है।
यह समाचार में क्यों है?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 22 मई 2025 को अमृत भारत स्टेशन योजना के तहत 18 राज्यों के 86 जिलों में स्थित 103 पुनर्विकसित अमृत स्टेशनों का उद्घाटन किया। यह परियोजना ₹1,100 करोड़ से अधिक की लागत से पूरी हुई है, और यह भारत के रेलवे बुनियादी ढांचे के आधुनिकीकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है। इसका उद्देश्य यात्रियों को बेहतर सुविधा, संपर्क और सांस्कृतिक अनुभव प्रदान करना है।
मुख्य उद्देश्य और लक्ष्य
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रेलवे स्टेशनों का विश्वस्तरीय आधारभूत ढांचे के साथ आधुनिकीकरण।
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यात्रियों के लिए सुविधाओं में सुधार, विशेष रूप से दिव्यांगजन-हितैषी डिज़ाइन पर बल।
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क्षेत्रीय स्थापत्य शैलियों और सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित करना और प्रदर्शित करना।
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सतत विकास और ऊर्जा दक्षता सुनिश्चित करना।
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यात्रा की सुरक्षा, सुविधा और कनेक्टिविटी को बढ़ाना।
घटनाक्रम के मुख्य बिंदु
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पीएम मोदी ने राजस्थान के बीकानेर जिले में देशनोक स्टेशन का उद्घाटन किया।
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बीकानेर-मुंबई एक्सप्रेस ट्रेन को हरी झंडी दिखाई।
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रेल, सड़क और राज्य स्तरीय परियोजनाओं की ₹26,000 करोड़ से अधिक लागत वाली आधारशिलाएं रखीं।
अमृत भारत स्टेशन योजना – पृष्ठभूमि
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भारतीय रेल द्वारा शुरू की गई योजना, जिसके तहत 1,300+ स्टेशनों का पुनर्विकास किया जाएगा।
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आधुनिक सुविधाओं के साथ प्रत्येक स्टेशन की सांस्कृतिक पहचान को संजोने पर जोर।
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यात्री यातायात की भविष्य की वृद्धि और संचालन क्षमता सुधार के अनुसार डिज़ाइन किया गया।
प्रमुख आधारभूत परियोजनाएं
रेलवे विद्युतीकरण (कुल ~999 किमी):
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चूरू–सादुलपुर (58 किमी) – शिलान्यास।
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सूरतगढ़–फलोदी (336 किमी)
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फुलेरा–डीडवाना (109 किमी)
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उदयपुर–हिम्मतनगर (210 किमी)
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फलोदी–जैसलमेर (157 किमी)
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समदड़ी–बाड़मेर (129 किमी)
सड़क अवसंरचना परियोजनाएं
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तीन वाहन अंडरपास और राष्ट्रीय राजमार्गों का चौड़ीकरण।
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राजस्थान में सात सड़क परियोजनाएं – लागत: ₹4,850 करोड़।
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सड़कें भारत-पाक सीमा तक फैलीं, जिससे रक्षा ढांचे और लॉजिस्टिक मूवमेंट को बल मिलेगा।
राज्य विकास योजनाएं – राजस्थान
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राजस्थान में 25 प्रमुख राज्य परियोजनाओं का उद्घाटन/शिलान्यास।
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प्रमुख क्षेत्र: स्वास्थ्य, जल, संपर्क, बिजली और बुनियादी ढांचा।