भारत ने विज्ञान संचार और शिक्षा के क्षेत्र में एक दूरदर्शी व्यक्तित्व को खो दिया है। भारत में विज्ञान संग्रहालय आंदोलन के जनक कहे जाने वाले डॉ. सरोज घोष का 17 मई 2025 को अमेरिका के सिएटल में 89 वर्ष की आयु में निधन हो गया। वे नेशनल काउंसिल ऑफ साइंस म्यूज़ियम्स (NCSM) के संस्थापक महानिदेशक थे और उन्होंने देशभर में विज्ञान शिक्षा को जन-जन तक पहुँचाने के लिए अभूतपूर्व कार्य किया।
क्यों हैं ख़बर में?
डॉ. सरोज घोष के निधन ने देश को उनके योगदानों की पुनः याद दिला दी है। NCSM ने उनकी मृत्यु की पुष्टि करते हुए उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की है।
प्रमुख योगदान:
विषय | विवरण |
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पद | संस्थापक महानिदेशक, NCSM (1979–1997) |
प्रमुख पहल | विकेंद्रीकृत विज्ञान केंद्र मॉडल की शुरुआत |
सेवानिवृत्ति के बाद योगदान | – टाउन हॉल म्यूज़ियम, कोलकाता – संसद संग्रहालय, नई दिल्ली – राष्ट्रपति भवन संग्रहालय, नई दिल्ली |
पृष्ठभूमि:
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NCSM की स्थापना: 1978 में संस्कृति मंत्रालय के अधीन एक स्वायत्त संस्था के रूप में।
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मुख्यालय: कोलकाता।
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वर्तमान नेटवर्क: पूरे भारत में 26 विज्ञान संग्रहालय और केंद्र।
दृष्टिकोण और उद्देश्य:
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विज्ञान को सुलभ, इंटरएक्टिव और प्रेरणादायक बनाना।
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समाज में वैज्ञानिक दृष्टिकोण का प्रसार करना।
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STEM शिक्षा को पाठ्यपुस्तकों से बाहर निकालकर व्यवहारिक रूप में प्रस्तुत करना।
विरासत:
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विज्ञान संचार को वैश्विक स्तर पर नई पहचान दिलाई।
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भारत को UNESCO के विज्ञान शिक्षा लक्ष्यों के अनुरूप मार्ग पर अग्रसर किया।
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अनगिनत शिक्षकों, संग्रहालय क्यूरेटरों और नीति निर्माताओं को प्रेरित किया।