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प्रधान मंत्री ने महाराष्ट्र में 75,000 करोड़ रुपये की परियोजनाओं का शुभारंभ किया

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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने महाराष्ट्र में 75,000 करोड़ रुपये से अधिक की विभिन्न परियोजनाओं का शिलान्यास और लोकार्पण किया। इसमें 1500 करोड़ से अधिक की राष्ट्रीय रेल परियोजनाएं, नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वन हेल्थ (एनआईओ), नागपुर और नाग नदी प्रदूषण उपशमन परियोजना, नागपुर शामिल हैं। इस कार्यक्रम के दौरान, प्रधानमंत्री ने ‘सेंट्रल इंस्टीट्यूट ऑफ पेट्रोकेमिकल्स इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी (सीआईपीईटी), चंद्रपुर’ को राष्ट्र को समर्पित किया और ‘सेंटर फॉर रिसर्च, मैनेजमेंट एंड कंट्रोल ऑफ हीमोग्लोबिनोपैथिस, चंद्रपुर’ का उद्घाटन किया।

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प्रधान मंत्री कार्यालय के अनुसार, पीएम मोदी ने हिंदू हृदयसम्राट बालासाहेब ठाकरे महाराष्ट्र समृद्धि महामार्ग के पहले चरण का उद्घाटन किया, जो 520 किलोमीटर की दूरी को कवर करता है और नागपुर और शिरडी को जोड़ता है। प्रधानमंत्री ने 1575 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से विकसित किए जा रहे एम्स नागपुर को भी राष्ट्र को समर्पित किया, यह अत्याधुनिक सुविधाओं वाला अस्पताल है, जिसमें ओपीडी, आईपीडी, डायग्नोस्टिक सेवाएं, ऑपरेशन थिएटर और चिकित्सा विज्ञान के सभी प्रमुख विशेषता और सुपर स्पेशियलिटी विषयों को कवर करने वाले विभाग सहित 38 सुविधाएं उपलब्ध हैं।

 

इससे पहले, प्रधानमंत्री ने नागपुर से बिलासपुर के लिए वंदे भारत एक्सप्रेस को झंडी दिखाकर रवाना किया, ‘नागपुर मेट्रो के पहले चरण’ को राष्ट्र को समर्पित किया और ‘नागपुर मेट्रो के दूसरे चरण’ की आधारशिला रखी। प्रधानमंत्री ने नागपुर और शिरडी को जोड़ने वाले 520 किलोमीटर लंबे हिंदू हृदयसम्राट बालासाहेब ठाकरे महाराष्ट्र समृद्धि महामार्ग के पहले चरण का भी उद्घाटन किया।

 

अन्य परियोजनाएं

 

  • प्रधानमंत्री ने नागपुर में नाग नदी के प्रदूषण उपशमन परियोजना की आधारशिला रखी। राष्ट्रीय नदी संरक्षण योजना (एनआरसीपी) के तहत यह परियोजना 1925 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से संचालित की जाएगी।
  • विदर्भ क्षेत्र में सिकल सेल रोग का प्रसार, विशेष रूप से जनजातीय जनसंख्या में तुलनात्मक रूप से अधिक है। अन्य हीमोग्लोबिनोपैथी जैसे थैलेसीमिया और एचबीई के साथ रोग होना, देश में रोगियों की संख्या में काफी वृद्धि होने का कारण बनता है। इस समस्या का समाधान करने के लिए, प्रधानमंत्री ने फरवरी, 2019 में ‘सेंटर फॉर रिसर्च, मैनेजमेंट एंड कंट्रोल ऑफ हीमोग्लोबिनोपैथिस, चंद्रपुर’ की आधारशिला रखी थी।
  • इसे देश में हीमोग्लोबिनोपैथी के क्षेत्र में नवीन अनुसंधान, प्रौद्योगिकी विकास, मानव संसाधन विकास के लिए एक उत्कृष्टता केंद्र के रूप में परिकल्पना की गई है।
  • प्रधानमंत्री ने सेंट्रल इंस्टीट्यूट ऑफ पेट्रोकेमिकल्स इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी (सीआईपीईटी), चंद्रपुर को भी राष्ट्र को समर्पित किया। संस्थान का उद्देश्य पॉलिमर और संबद्ध उद्योगों की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए कुशल मानव संसाधन विकसित करना है।

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