भारत में पहली बार व्यक्तिगत आयकर संग्रह ने कॉरपोरेट कर को पीछे छोड़ा

भारत की कर संरचना में ऐतिहासिक बदलाव दर्ज किया गया है, जहां पहली बार व्यक्तिगत आयकर (PIT) संग्रह ने कॉरपोरेट कर संग्रह को पीछे छोड़ दिया है। जेएम फाइनेंशियल इंस्टीट्यूशनल सिक्योरिटीज की रिपोर्ट के अनुसार यह मील का पत्थर डिजिटलीकरण, आर्थिक औपचारिकरण और व्यक्तिगत अनुपालन (compliance) में वृद्धि से संभव हुआ है।

प्रत्यक्ष करों की संरचना में बदलाव

कर योगदान पैटर्न में परिवर्तन
FY14 से FY24 के बीच कुल प्रत्यक्ष करों में व्यक्तिगत आयकर का हिस्सा 38.1% से बढ़कर 53.4% हो गया, जबकि कॉरपोरेट कर का हिस्सा 61.9% से घटकर 46.6% हो गया। यह बदलाव दर्शाता है –

  • व्यक्तियों के बीच कर आधार का विस्तार।

  • आय की पारदर्शिता और निगरानी में वृद्धि।

  • गैर-घोषित और अनौपचारिक आय की बेहतर ट्रैकिंग।

यह बदलाव भारत की वेतन-आधारित औपचारिक अर्थव्यवस्था की ओर यात्रा को भी उजागर करता है।

करदाताओं का बढ़ता आधार

ITR दाखिल करने वालों की तेज़ वृद्धि

  • FY14 में व्यक्तिगत आयकर रिटर्न दाखिल करने वाले 3.05 करोड़ थे, जो FY23 में बढ़कर 6.97 करोड़ हो गए – यानी 2.3 गुना वृद्धि।

  • यदि टीडीएस देने वालों को शामिल किया जाए, तो करदाताओं का आधार 5.38 करोड़ से बढ़कर 9.92 करोड़ हो गया।

इस वृद्धि के पीछे कारण हैं –

  • सरल ऑनलाइन फाइलिंग प्रक्रिया।

  • डिजिटल जागरूकता।

  • वित्तीय लेन-देन का डिजिटलीकरण और बेहतर रिकॉर्ड इंटीग्रेशन।

टीडीएस और अग्रिम कर प्रमुख स्तंभ

प्रारंभिक अनुपालन की मजबूती

  • टीडीएस संग्रह FY14 के ₹2.5 लाख करोड़ से बढ़कर FY24 में ₹6.5 लाख करोड़ हो गया।

  • अग्रिम कर भुगतान ₹2.9 लाख करोड़ से लगभग चार गुना बढ़कर ₹12.8 लाख करोड़ हो गया।

आज ये दोनों मिलकर प्रत्यक्ष कर राजस्व का 50% से अधिक हिस्सा देते हैं।

जीएसटी की भूमिका

2017 में लागू हुआ जीएसटी प्रत्यक्ष कर अनुपालन को मजबूत करने में अहम रहा है।

  • चालान मिलान (invoice matching) से डिजिटल ऑडिट ट्रेल बनी।

  • जीएसटी और आयकर घोषणाओं का क्रॉस-वेरिफिकेशन संभव हुआ।

  • सक्रिय जीएसटी करदाताओं की संख्या 2019 में 1.24 करोड़ से बढ़कर 2024 में 1.47 करोड़ हो गई।

वेतन वृद्धि और व्यक्तिगत कर योगदान

  • घोषित वेतन FY14 के ₹9.8 लाख करोड़ से बढ़कर FY23 में ₹35.2 लाख करोड़ हो गया (CAGR 15%)।

  • इसी अवधि में व्यक्तिगत आयकर संग्रह ₹2.4 लाख करोड़ से बढ़कर ₹8.3 लाख करोड़ हो गया।

यह दर्शाता है कि लोगों की भुगतान क्षमता और कर अनुपालन दोनों में सुधार हुआ है।

जीडीपी अनुपात और वैश्विक तुलना

भारत का प्रत्यक्ष कर-से-जीडीपी अनुपात FY01 में 3.2% से बढ़कर FY24 में 6.6% हो गया है। हालांकि चुनौतियां बनी हुई हैं –

  • केवल 6.9% भारतीय आबादी आयकर चुकाती है।

  • जबकि विकसित देशों में लगभग 50% नागरिक आयकर का योगदान करते हैं।

यह अंतर कर आधार को और विस्तृत करने, जागरूकता बढ़ाने और अनुपालन को और सख्त बनाने की आवश्यकता दर्शाता है।

[wp-faq-schema title="FAQs" accordion=1]
vikash

Recent Posts

World Soil Day 2025: जानें मृदा दिवस क्यों मनाया जाता है?

हर साल विश्व मृदा दिवस 5 दिसंबर को मनाया जाता है। मृदा को आम बोलचाल…

2 hours ago

अंतर्राष्ट्रीय स्वयंसेवक दिवस 2025: इतिहास और महत्व

अंतर्राष्ट्रीय स्वयंसेवक दिवस हर साल 5 दिसंबर को मनाया जाता है। इस वर्ष की थीम…

2 hours ago

संयुक्त राष्ट्र प्रणाली: मुख्य निकाय, कोष, कार्यक्रम और विशेष एजेंसियां

यूनाइटेड नेशंस (UN) एक बड़े इंस्टीट्यूशनल सिस्टम के ज़रिए काम करता है जिसे UN सिस्टम…

3 hours ago

मिज़ोरम के पूर्व राज्यपाल स्वराज कौशल का 73 वर्ष की उम्र में निधन

मिजोरम के पूर्व राज्यपाल और वरिष्ठ अधिवक्ता स्वराज कौशल का 4 दिसंबर 2025 को 73…

6 hours ago

Aadhaar प्रमाणीकरण लेनदेन नवंबर में 8.5 प्रतिशत बढ़कर 231 करोड़ हुए

भारत में आधार का उपयोग लगातार तेजी से बढ़ रहा है। नवंबर 2025 में, आधार…

6 hours ago