पाकिस्तान में कुष्ठ रोग का मुकाबला करने के लिए अपना जीवन समर्पित करने वाली एक जर्मन नन, रुथ पफा का 87 वर्ष की उम्र में निधन हो गया.पफा जिन्हें पाकिस्तान की मदर टेरेसा के रूप में स्थानीय रूप से जाना जाता था, 1960 में कराची में दक्षिणी बंदरगाह शहर में आयी थी और लगभग आधी सदी तक देश के सबसे बीमार और गरीब लोगों में से एक की देखभाल में लगी थी.
वह कराची में मैरी एडिलेड लेप्रोसी केंद्र की संस्थापक थी.उन्हें देश के दो उच्चतम नागरिक पुरस्कारों, हिलाल-ए-इम्तियाज़ और हिलाल-ए-पाकिस्तान के साथ सम्मानित किया गया था.
स्रोत- दि टेलीग्राफ