मुंबई की सड़क का नाम अभिनेता विक्रम गोखले की याद में रखा जाएगा

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फिल्म ‘हम दिल दे चुके सनम’ में अभिनेता सलमान खान के किरदार समीर के गुरु बनने वाले अभिनेता विक्रम गोखले की पहली पुण्यतिथि पर महाराष्ट्र सरकार ने उनके नाम पर शहर के प्रमुख रास्ते का नाम रखने का फैसला किया है। इस रास्ते के नामकरण समारोह में राज्य के उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस मुख्य अतिथि के तौर पर उपस्थित रहेंगे।

पिछले साल विक्रम गोखले का 77 की उम्र में 26 नवम्बर 2022 को पुणे के एक अस्पताल में निधन हो गया। विक्रम गोखले के पहली पुण्यतिथि पर उनके नाम पर शहर के एक रास्ते का नाम नटश्रेष्ठ विक्रम गोखले मार्ग रखा जा रहा है। यह मार्ग अंधेरी पश्चिम के कोकिलाबेन धीरूभाई अंबानी अस्पताल के गेट नंबर चार के बगल से सिंटा टावर की तरफ जाता है।

 

गोखले साल 2017 से 2022 तक सिन्टा के प्रेसिडेंट

पिछले महीने विजयदशमी के अवसर पर फिल्म इंडस्ट्री के कलाकारों की संस्था सिने एंड टीवी आर्टिस्ट एसोसिएशन (सिन्टा) के टावर का उद्घाटन उद्घाटन बीते जमाने की अभिनेत्री आशा पारेख ने किया था। विक्रम गोखले साल 2017 से 2022 तक सिन्टा के प्रेसिडेंट रहे। इस दौरान उन्होंने सिंटा के कलाकारों के हित लिए कई अहम फैसले भी लिए।

 

सिन्टा से विक्रम गोखले का बहुत ही गहरा नाता

दिवंगत अभिनेता विक्रम गोखले ने सिन्टा को एक एकड़ जमीन भी दान में दी थी। उन्होंने मराठी फिल्म इंडस्ट्री के लिए भी एक एकड़ जमीन दान में दी। सिन्टा से विक्रम गोखले का बहुत ही गहरा नाता रहा है इसलिए सिन्टा के पदाधिकारियों ने ही मिलकर सिन्टा टॉवर की तरफ आने वाले मार्ग का नाम नटश्रेष्ठ विक्रम गोखले मार्ग रखने की महाराष्ट्र सरकार से पेशकश की।

 

97 फिल्मों और थिएटर प्ले में काम किया

विक्रम गोखले ने 97 फिल्मों और थिएटर प्ले में काम किया। उन्होंने 70 मराठी फिल्मों में भी काम किया था। वे आखिरी बार 2022 में आई फिल्म निकम्मा में दिखाई दिए थे। इसके अलावा वेब सीरीज अम्बेडकर- द लीजेंड में भी नजर आए।

 

संगीत नाटक अकादमी अवॉर्ड से नवाजा गया था

2011 में विक्रम गोखले को थिएटर में काम करने के लिए संगीत नाटक अकादमी अवॉर्ड से सम्मानित किया गया था। 2013 में उन्हें मराठी फिल्म अनुमति के लिए नेशनल फिल्म अवॉर्ड से भी नवाजा गया था।

 

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ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक द्वारा 12 प्रमुख परियोजनाओं में बड़े पैमाने पर निवेश का शुभारंभ

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ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने 12 प्रमुख परियोजनाओं को मंजूरी दी है, जिसमें कुल 84,918.75 करोड़ रुपये का निवेश होगा।

ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने 84,918.75 करोड़ रुपये के महत्वपूर्ण निवेश का संकेत देते हुए 12 महत्वपूर्ण परियोजनाओं को हरी झंडी दे दी है। ये पहल पर्याप्त रोजगार उत्पन्न करेगी, जिससे विभिन्न क्षेत्रों में 42,281 व्यक्तियों को लाभ होगा।

भौगोलिक वितरण और क्षेत्रीय प्रभाव

स्वीकृत परियोजनाएं ओडिशा के कई जिलों में फैली हुई हैं, जैसे कटक, ढेंकनाल, गंजम, जाजपुर, झारसुगुड़ा, केंद्रपाड़ा, मलकानगिरी, रायगड़ा, संबलपुर और सुंदरगढ़। वे परिधान और कपड़ा, हरित हाइड्रोजन और हरित अमोनिया, इस्पात, बिजली, नवीकरणीय ऊर्जा और रसायन और पेट्रोकेमिकल डाउनस्ट्रीम उद्योगों सहित विविध क्षेत्रों को कवर करते हैं।

कपड़ा क्षेत्र: वेलस्पन लिविंग लिमिटेड

वेलस्पन लिविंग लिमिटेड को 3,050 करोड़ रुपये के निवेश के साथ कटक जिले के चौद्वार में एक एकीकृत कपड़ा और रसद सुविधा स्थापित करने की मंजूरी मिल गई है। इस परियोजना में 20,210 लोगों के लिए रोजगार उत्पन्न करने की क्षमता है।

पाइप निर्माण: वेलस्पन कॉर्प लिमिटेड

वेलस्पन कॉर्प लिमिटेड का संबलपुर जिले में पाइप निर्माण और कोटिंग संयंत्र में 3,137 करोड़ रुपये का निवेश 3,830 व्यक्तियों के लिए रोजगार उत्पन्न करेगा।

ग्रीन हाइड्रोजन और अमोनिया: वेलस्पन न्यू एनर्जी लिमिटेड और सेम्बकॉर्प ग्रीन हाइड्रोजन इंडिया प्राइवेट लिमिटेड

वेलस्पन न्यू एनर्जी लिमिटेड को केंद्रपाड़ा जिले में 0.70 एमएमटीपीए हरित अमोनिया विनिर्माण इकाई स्थापित करने की अनुमति दी गई है, जिसमें 13,860 करोड़ रुपये का निवेश होगा और 1,000 व्यक्तियों के लिए नौकरियां उत्पन्न होंगी। सेम्बकॉर्प ग्रीन हाइड्रोजन इंडिया प्राइवेट लिमिटेड 13,000 करोड़ रुपये के निवेश के साथ गंजम जिले के गोपालपुर में 0.72 एमएमटीपीए हरित अमोनिया विनिर्माण इकाई स्थापित करेगी, जिससे 1,250 व्यक्तियों को रोजगार मिलेगा।

हरित ईंधन: रिन्यू ई-फ्यूल्स प्राइवेट लिमिटेड (आरईएफपीएल)

मलकानगिरी जिले में ग्रीन हाइड्रोजन (100 केटीपीए) और ग्रीन मेथनॉल (500 केटीपीए) विनिर्माण इकाई में 10,005 करोड़ रुपये के निवेश और रायगड़ा जिले में 9,000 करोड़ रुपये के निवेश के लिए आरईएफपीएल की मंजूरी से सामूहिक रूप से 2,800 लोगों को रोजगार मिलेगा।

इस्पात क्षेत्र: टाटा स्टील और उड़ीसा मेटलर्जिकल इंडस्ट्री प्राइवेट लिमिटेड

ढेंकनाल में 6.50 एमटीपीए की उत्पादन क्षमता के साथ एचआर और सीआर कॉइलप्लांट स्थापित करने की टाटा स्टील की परियोजना, जिसकी कीमत 10,351.11 करोड़ रुपये है, से 3,725 लोगों को रोजगार मिलने की संभावना है। उड़ीसा मेटलर्जिकल इंडस्ट्री प्राइवेट लिमिटेड के 5,200 करोड़ रुपये के निवेश से 2 एमटीपीए इंटीग्रेटेड स्टील प्लांट, 240 मेगावाट कैप्टिव पावर प्लांट और 1 एमटीपीए सीमेंट ग्राइंडिंग यूनिट की स्थापना होगी, जिससे झारसुगुड़ा जिले में 6,000 लोगों को रोजगार मिलेगा।

स्टील डाउनस्ट्रीम: बीएमडब्ल्यू इंडस्ट्रीज लिमिटेड

बीएमडब्ल्यू इंडस्ट्रीज लिमिटेड ने कलिंगनगर, जाजपुर जिले में एक उत्पादन संयंत्र की स्थापना में 1,094.82 करोड़ रुपये के निवेश के लिए एचएलसीए की मंजूरी हासिल की, जिससे 1,950 लोगों को नौकरियां मिली।

बिजली और नवीकरणीय ऊर्जा: एनटीपीसी लिमिटेड और इंड बाराथ एनर्जी उत्कल लिमिटेड

एनटीपीसी लिमिटेड को सुंदरगढ़ में 9,208.36 करोड़ रुपये के निवेश के साथ 800 मेगावाट का सुपर थर्मल पावर प्लांट स्थापित करने की मंजूरी मिलने से 1,366 व्यक्तियों को रोजगार मिलने का अनुमान है। इसके अतिरिक्त, झारसुगुड़ा में 1X800 मेगावाट अल्ट्रा सुपर क्रिटिकल कोल फायर्ड थर्मल पावर प्रोजेक्ट के लिए इंड बाराथ एनर्जी उत्कल लिमिटेड का 6,012.46 करोड़ रुपये का निवेश 450 लोगों को रोजगार प्रदान करेगा।

रसायन और पेट्रोकेमिकल डाउनस्ट्रीम: एजिस वोपाक

1,000 करोड़ रुपये के निवेश के साथ गंजम जिले के गोपालपुर में 80,000 टीपीए क्षमता की उत्पादन इकाई के तरल अमोनिया के लिए ग्रीनफील्ड टैंक भंडारण सुविधा स्थापित करने की एजिस वोपाक की परियोजना में 100 व्यक्तियों को रोजगार देने की क्षमता है।

परीक्षा से सम्बंधित प्रश्न

Q1: 12 प्रमुख परियोजनाओं के लिए ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक द्वारा अनुमोदित कुल निवेश कितना है?
A1: 12 प्रमुख परियोजनाओं के लिए ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक द्वारा अनुमोदित कुल निवेश 84,918.75 करोड़ रुपये है।

Q2: ओडिशा के विभिन्न जिलों में 12 स्वीकृत परियोजनाएं किन क्षेत्रों में स्थित हैं?
A2: स्वीकृत परियोजनाएं परिधान और कपड़ा, हरित हाइड्रोजन, हरित अमोनिया, इस्पात, बिजली, नवीकरणीय ऊर्जा और रसायन और पेट्रोकेमिकल डाउनस्ट्रीम उद्योगों जैसे क्षेत्रों में फैली हुई हैं। वे कटक, ढेंकनाल, गंजम, जाजपुर, झारसुगुड़ा, केंद्रपाड़ा, मलकानगिरी, रायगड़ा, संबलपुर और सुंदरगढ़ सहित जिलों में स्थित हैं।

Q3: किस कंपनी को एकीकृत कपड़ा और लॉजिस्टिक्स सुविधा स्थापित करने की मंजूरी मिली, और यह कहाँ स्थित होगी?
A3: वेलस्पन लिविंग लिमिटेड को कटक जिले के चौद्वार में एक एकीकृत कपड़ा और रसद सुविधा स्थापित करने की मंजूरी मिली।

Q4: परिधान और कपड़ा क्षेत्र में वेलस्पन लिविंग लिमिटेड की परियोजना की निवेश राशि और रोजगार क्षमता क्या है?
A4: परिधान और कपड़ा क्षेत्र में वेलस्पन लिविंग लिमिटेड की परियोजना में 3,050 करोड़ रुपये का निवेश शामिल है और इसमें 20,210 लोगों के लिए रोजगार पैदा करने की क्षमता है।

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उत्तर प्रदेश ने 25 नवंबर को “नो नॉन-वेज डे” घोषित किया

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उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने नॉनवेज खाने वालों को अपने एक आदेश से तगड़ा झटका दे दिया है। सीएम योगी आदित्यनाथ ने 25 नवंबर यानी शनिवार को मांस रहित दिवस (नो नॉन-वेज डे) घोषित कर दिया है। योगी सरकार ने यह फैसला साधु टीएल वासवानी की जयंती को देखते हुए लिया है। इस तरह सरकार के इस फैसले के बाद 25 नवंबर यानी कल यूपी में मांस की दुकानें और बूचड़खाने बंद रहेंगी।

वहीं योगी सरकार के फैसले को लेकर विशेष सचिव धर्मेंद्र प्रताप सिंह ने इस संबंध में आदेश भी जारी कर दिया गया है। विशेष सचिव ने सभी मंडलायुक्त, जिलाधिकारी और नगर आयुक्त को पत्र लिखकर महावीर जयंती, बुद्ध जयंती, गांधी जयंती, शिवरात्रि महापर्व और साधु टीएल वासवानी के जन्मदिन पर प्रदेश भर में सभी मांस की दुकानें और बूचड़खाने बंद रखने के आदेश दिए है। इसके साथ ही इस आदेश का कड़ाई से पालन करने के लिए भी कहा गया है।

 

इस दिवस का उद्देश्य

पत्र में कहा गया कि प्रदेश के महापुरूषों एवं अहिंसा के सिद्धांत का प्रतिपादन करने वाले विभिन्न युग पुरूषों के जन्म दिवसों व कुछ प्रमुख धार्मिक पर्वो को ‘अभय’ अथवा ‘अहिंसा’ दिवस के रूप में मनाये जाने के उद्देश्य से महावीर जयंती, बुद्ध जयंती, गांधी जयंती, साधु टी०एल०वासवानी एवं शिवरात्रि के महापर्व पर प्रदेश की समस्त स्थानीय निकायों में स्थित पशुवधशालाओं एवं गोश्त की दुकानों को बन्द रखे जाने के निर्देश समय-समय पर निर्गत किए गए हैं।

 

मांस रहित दिवस घोषित

इस तरह योगी सरकार ने महावीर जयंती, बुद्ध जयंती, गांधी जयंती, शिवरात्रि महापर्व की तरह साधु टीएल वासवानी के जन्मदिन यानी 25 नवंबर को भी मांस रहित दिवस घोषित कर दिया है। अब इस आदेश के बाद शनिवार को प्रदेश भर में कही भी मांस नहीं मिलेगा। ना ही इससे जुड़ी दुकानें और बूचड़खाने ही खुलेंगे।

 

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गुजरात टाइटन्स ने किया नए कप्तान का ऐलान, हार्दिक की जगह शुभमन गिल को मिली कमान

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गुजरात टाइटन्स (GT) ने अपने नए कप्तान का ऐलान कर दिया है। टीम इंडिया के स्टार ओपनर शुभमन गिल अब आईपीएल के आगामी सीजन में गुजरात टाइटन्स की कप्तानी करेंगे। हार्दिक पंड्या के मुंबई इंडियंस (MI) में चले जाने के बाद गुजरात टाइटन्स ने ये बड़ा निर्णय लिया है।

शुभमन गिल आईपीएल 2023 में सबसे ज्यादा रन बनाने वाले बल्लेबाज थे और उन्होंने ऑरेन्ज कैप जीता था। गिल ने 17 मैचों में 59.33 की औसत से 890 रन बनाए थे। केन विलियमसन भी गुजरात टाइटन्स के कप्तान बनने के रेस में थे, लेकिन फ्रेंचाइजी ने भविष्य को ध्यान में रखते हुए इस युवा भारतीय खिलाड़ी को तवज्जो दी है।

24 साल के शुभमन गिल ने साल 2018 में कोलकाता नाइट राइडर्स (KKR) के लिए अपना आईपीएल डेब्यू किया था। गिल ने अपने आईपीएल करियर में अब तक 91 मैच खेले हैं, जिसमें उन्होंने 37.70 की औसत के साथ 2790 रन बनाए है। इस दौरान उन्होंने 3 शतक और 18 अर्धशतक लगाए. उनका उच्चतम आईपीएल स्कोर 129 रन है। शुबमन गिल ने अपने आईपीएल करियर में 273 चौके और 80 छक्के लगाए हैं। आईपीएल 2023 की नीलामी से पहले गिल को गुजरात टाइटन्स ने 8 करोड़ रुपये में साइन किया था।

 

IPL 2023 में शुभमन गिल का प्रदर्शन

मैच: 17

रन: 890

रन औसत: 59.33

स्ट्राइक रेट: 157.80

शतक: 3

फिफ्टी: 4

चौके: 85

छक्के: 33

 

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कानपुर में CSJMU को NAAC द्वारा A++ ग्रेडिंग

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उत्तर प्रदेश के कानपुर में छत्रपति शाहूजी महाराज विश्वविद्यालय (CSMUJ) ने NAAC से उच्चतम ग्रेडिंग, A++ हासिल करके एक महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की है।

उत्तर प्रदेश के कानपुर में छत्रपति शाहूजी महाराज विश्वविद्यालय (CSMUJ) ने राष्ट्रीय मूल्यांकन और प्रत्यायन परिषद (NAAC) से उच्चतम ग्रेडिंग, A++ हासिल करके एक महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की है। यह उपलब्धि CSMUJ को समान प्रतिष्ठित स्थिति वाले उत्तर प्रदेश के चुनिंदा राज्य विश्वविद्यालयों में शामिल करती है। 2006 और 2015 में ‘B’ ग्रेड से शीर्ष स्तरीय ‘A++’ रेटिंग तक विश्वविद्यालय की उल्लेखनीय यात्रा अकादमिक उत्कृष्टता और समग्र संस्थागत विकास के प्रति इसके समर्पण को दर्शाती है।

एक महत्वपूर्ण उपलब्धि

CSJMU का A++ रेटिंग तक पहुंचना विश्वविद्यालय की निरंतर सुधार की प्रतिबद्धता का प्रमाण है। NAAC टीम ने शैक्षणिक, खेल, अनुसंधान और समग्र उपलब्धियों सहित उच्च शिक्षा के विभिन्न पहलुओं पर ध्यान केंद्रित करते हुए 3 से 5 नवंबर, 2023 तक परिसर का मूल्यांकन किया। चांसलर आनंदीबेन पटेल और कुलपति प्रोफेसर विनय कुमार पाठक के मार्गदर्शन में विश्वविद्यालय के नेतृत्व ने विभागीय प्रदर्शन, छात्रावास रखरखाव, प्रशासनिक दक्षता, शैक्षिक सुविधाओं और बुनियादी ढांचे में व्यापक प्रगति सुनिश्चित करने के लिए पहल और समितियों का नेतृत्व किया।

उत्कृष्टता के लिए प्रतिबद्धता

617 कॉलेजों की संबद्धता के साथ 1966 में स्थापित CSJMU ने अपने शैक्षिक प्रयासों में आधुनिकीकरण और तकनीकी एकीकरण को अपनाया है। विश्वविद्यालय अच्छी तरह से सुसज्जित प्रयोगशालाओं, आधुनिक पुस्तकालयों और एक डिजिटल प्रशासन प्रणाली का दावा करता है। छात्र कल्याण के प्रति इसकी प्रतिबद्धता परामर्श कार्यक्रमों, करियर परामर्श और सामुदायिक आउटरीच पहलों के माध्यम से स्पष्ट है। “फेसलेस सेवाओं” का कार्यान्वयन दक्षता और पहुंच बढ़ाने के उद्देश्य से एक नई कार्यशैली को दर्शाता है।

राज्यपाल की भागीदारी

चांसलर आनंदीबेन पटेल ने विश्वविद्यालय की उपलब्धि में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। NAAC टीम के निरीक्षण से पहले उन्होंने राजभवन में विश्वविद्यालय की प्रगति की बिंदुवार बारीकी से जांच की और सुधार के लिए बहुमूल्य सुझाव दिये. राज्यपाल ने विश्वविद्यालय को बेहतर NAAC ग्रेडिंग प्राप्त करने के लिए अनुकूल कार्यशैली विकसित करने की आवश्यकता पर बल दिया। उच्चतम स्तर पर यह भागीदारी अकादमिक उत्कृष्टता के प्रति विश्वविद्यालय के नेतृत्व के समर्पण को दर्शाती है।

मान्यता और भविष्य के प्रयास

राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने A++ ग्रेड प्राप्त करने के लिए CSJMU की सराहना करते हुए कहा कि यह विश्वविद्यालय को देश के अग्रणी संस्थानों में से एक बनाता है। यह उपलब्धि न केवल CSJMU पर सकारात्मक प्रभाव डालती है बल्कि राज्य में उच्च शिक्षा संस्थानों की व्यापक सफलता में भी योगदान देती है। राज्यपाल ने आशा व्यक्त की कि ऐसी उपलब्धियाँ शिक्षा के लिए छात्रों के प्रवासन को हतोत्साहित करेंगी और विदेश में अध्ययन करने में असमर्थ लोगों के लिए उच्च श्रेणी की शिक्षा सुलभ बनायेंगी।

परीक्षा से सम्बंधित महत्वपूर्ण प्रश्न

प्रश्न 1. कानपुर के किस विश्वविद्यालय ने उच्चतम NAAC ग्रेडिंग, A++ प्राप्त की?
उत्तर. उत्तर प्रदेश के कानपुर में छत्रपति शाहूजी महाराज विश्वविद्यालय (CSMUJ) ने उच्चतम ग्रेडिंग, A++ हासिल करके एक महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की है।

प्रश्न 2. NAAC टीम ने A++ रेटिंग के लिए CSJMU के परिसर का मूल्यांकन कब किया?
उत्तर. मूल्यांकन 3 से 5 नवंबर, 2023 तक हुआ।

प्रश्न 3. CSJMU से कितने कॉलेज संबद्ध हैं?
उत्तर. CSJMU का 617 कॉलेजों से जुड़ाव है।

प्रश्न 4. CSJMU की स्थापना कब हुई?
उत्तर. CSJMU की स्थापना 1966 में कानपुर में हुई थी।

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मध्य प्रदेश: भारत का सबसे बड़ा टाइगर रिजर्व दमोह में स्थापित किया जाएगा

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मध्य प्रदेश सरकार ने वीरांगना दुर्गावती टाईगर रिजर्व के निर्माण का आदेश जारी कर दिया है। यह टाइगर रिज़र्व दमोह, सागर और नरसिंहपुर जिले की सीमा में 400 किलोमीटर से ज्यादा एरिया में फैला होगा। रानी दुर्गावती टाईगर रिजर्व का बफर क्षेत्र 925 वर्ग किलोमीटर का होगा। बताया जाता है कि केन- बेतवा लिंक परियोजना के कारण पन्ना नेशनल पार्क का काफी हिस्सा प्रभावित हो रहा है। इसीलिए पर्यावरण संरक्षण से जुड़े प्राधिकरण ने नये टाईगर रिजर्व को बनाये जाने की शर्त रखी थी। इस कारण से वीरांगना दुर्गावती टाईगर रिजर्व गठन के आदेश जारी किए गए हैं।

वीरांगना दुर्गावती टाईगर रिजर्व जिला सागर, दमोह तथा नरसिंहपुर में आएगा। इसमें नौरादेही वन्यजीव अभ्यारण्य एवं दमोह वनमंडल शामिल रहेगा। इसका कोर क्षेत्र क्रमांक एक 390.036 वर्ग किलोमीटर तथा कोर क्षेत्र क्रमांक दो 23.97 वर्ग किलोमीटर होगा। कोर एरिया क्रमांक एक में नौरादेही वन्यजीव अभ्यारण्य आएगा, समें विस्थापित ग्रामों का क्षेत्र 2 हजार 130 हेक्टेयर होगा।

 

एमपी में हैं सबसे ज्यादा 6 टाइगर रिजर्व

अभी मध्य प्रदेश में सर्वाधिक 6 (सतपुड़ा, पन्ना, पेंच, कान्हा, बांधवगढ़ और संजय दुबरी) टाइगर रिजर्व हैं। यहां पांच नेशनल पार्क और 10 सेंचुरी भी हैं। देश के हृदय प्रदेश मध्यप्रदेश में पहली बार बाघों की संख्या 785 पहुंच गई है। मध्य प्रदेश को टाइगर स्टेट भी कहा जाता है. नौरादेही वन्यजीव अभ्यारण्य अभी पन्ना टाइगर रिजर्व और सतपुड़ा टाइगर रिजर्व के लिए एक गलियारे के रूप में कार्य करता है जबकि अप्रत्यक्ष रूप से रानी दुर्गावती वन्यजीव अभ्यारण्य के माध्यम से बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व को जोड़ता है।

 

टाइगर के लिए भोजन की समस्या नहीं

नौरादेही अभ्यारण्य के विशाल क्षेत्रफल के करीब दो तिहाई हिस्से में घास के मैदान हैं, जो टाइगर रिजर्व के लिए काफी महत्वपूर्ण है। घास के मैदान टाइगर रिजर्व के लिए इसलिए जरूरी होते हैं क्योंकि टाइगर मैदान में स्वच्छंद रूप से विचरण करते हैं और घास के मैदान होने के कारण शाकाहारी जानवर काफी संख्या में आकर्षित होते हैं। इससे टाइगर के लिए भोजन की समस्या नहीं होती है। पिछले कई सालों में नौरादेही अभ्यारण्य में घास के मैदानों के बेहतर प्रबंधन के प्रयास चल रहे हैं। इस मामले में नौरादेही अभ्यारण्य में प्रबंधन को काफी सफलता भी मिली है। टाइगर रिजर्व की स्थापना के लिए घास के मैदान का प्रबंधन बहुत जरूरी है।

 

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गुरु नानक जयंती 2023: जानिए गुरु पर्व का महत्व

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गुरु नानक जयंती, जिसे गुरुपर्व के नाम से भी जाना जाता है, सिख समुदाय में बहुत महत्व रखती है क्योंकि यह सिख धर्म के प्रतिष्ठित संस्थापक गुरु नानक देव की जयंती का प्रतीक है। यह पवित्र त्योहार उत्साहपूर्ण भक्ति, आध्यात्मिक समारोहों और सिख धर्म की पवित्र पुस्तक गुरु ग्रंथ साहिब के भजनों के पाठ के साथ मनाया जाता है। गुरु नानक जयंती एक ऐसा उत्सव है जो सीमाओं से परे जाकर सिखों को उनके पहले गुरु के प्रति साझा भक्ति में एकजुट करता है। यह मानवता के लिए प्रेम, समानता और निस्वार्थ सेवा की वकालत करने वाली गुरु नानक देव की शाश्वत शिक्षाओं की याद दिलाता है। जैसे-जैसे दुनिया भर के सिख जश्न मनाने के लिए एक साथ आते हैं, गुरु नानक जयंती की भावना धार्मिकता के मार्ग को प्रेरित और रोशन करती रहती है।

 

तिथि और महत्व:

गुरु नानक जयंती सिख समुदाय के लोगों का एक महत्वपूर्ण त्योहार है। यह पर्व गुरु नानक देव जी के जन्म दिवस के अवसर पर मनाया जाता है। कहा जाता है कि कार्तिक माह में शुक्ल पक्ष कि पूर्णिमा तिथि पर गुरु नानक देव जी का जन्म हुआ था। इस साल कार्तिक पूर्णिमा 27 नवंबर को है, इसलिए 27 नवंबर को ही सिख धर्म के पहले गुरु, गुरु नानक देव जी जयंती मनाई जाएगी। गुरु नानक देव की जयंती को गुरु पर्व और प्रकाश पर्व के रूप में मनाया जाता है। इस दिन सिख लोग गुरुद्वारे जाकर गुरुग्रंथ साहिब का पाठ करते हैं। गुरु पर्व पर सभी गुरुद्वारों में भजन, कीर्तन होता है और प्रभात फेरियां भी निकाली जाती हैं।

 

गुरु नानक देव का जीवन और शिक्षाएँ

गुरु नानक देव का जन्म 1469 में पाकिस्तान के लाहौर के पास राय भोई दी तलवंडी गाँव में हुआ था, जिसे अब ननकाना साहिब के नाम से जाना जाता है। उन्होंने अपना जीवन ईश्वर को समर्पित कर दिया और समानता और सहिष्णुता की वकालत की। गुरु नानक देव की शिक्षाएँ मानवता की निस्वार्थ सेवा, एकता और एकता का संदेश फैलाने पर जोर देती हैं। गुरु अर्जन देव द्वारा आदि ग्रंथ में संकलित उनके भजन आज भी सिखों को प्रेरित और मार्गदर्शन करते हैं।

 

तीर्थयात्रा और भक्ति

गुरु नानक देव की आध्यात्मिक यात्रा भारत से परे एशिया के विभिन्न हिस्सों तक फैली हुई थी। ईश्वर के प्रति उनकी भक्ति उनके लड़कपन में ही शुरू हो गई थी और उनका जीवन समानता और सहिष्णुता को बढ़ावा देने का एक प्रमाण था। गुरु ग्रंथ साहिब, सिख धर्म का प्राथमिक धर्मग्रंथ, ब्रह्मांड के निर्माता की एकता में विश्वास को रेखांकित करता है।

 

तैयारी और अनुष्ठान

गुरु नानक जयंती की अगुवाई में, भक्त प्रभात फेरी में शामिल होते हैं, सुबह-सुबह जुलूस निकालते हैं जहां भजन गाए जाते हैं, और भक्त इलाकों में यात्रा करते हैं। गुरु नानक देव की जन्मतिथि से एक दिन पहले नगर कीर्तन में सिख त्रिकोण ध्वज, निशान साहिब लेकर पंज प्यारे के नेतृत्व में एक परेड होती है। गुरुपर्व के दिन, पूरे दिन गुरुद्वारों में प्रार्थनाएं गूंजती रहती हैं, जिसका समापन लंगर में होता है, एक सामुदायिक भोजन जिसे शुभ माना जाता है। पारंपरिक कड़ा प्रसाद लंगर के हिस्से के रूप में परोसा जाता है, जो निस्वार्थ सेवा का प्रतीक है।

 

अखण्ड पथ एवं भक्ति

गुरु नानक जयंती पर, अनुयायी अखंड पथ का पालन करते हैं, जो गुरु ग्रंथ साहिब का निरंतर पाठ होता है। इस दौरान आध्यात्मिक गूंज स्पष्ट होती है, भक्त पवित्र छंदों में डूबे होते हैं और गुरु नानक देव की शिक्षाओं पर विचार करते हैं।

 

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केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने वाराणसी में सीएनजी स्टेशन का उद्घाटन किया

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केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने वाराणसी के रविदास घाट पर रविवार को गेल के फ्लोटिंग सीएनजी और मोबाइल रि-फ्यूलिंग यूनिट (एमआरयू) स्‍टेशन का शुभारंभ किया। करीब 18 करोड़ की लागत से विकसित इस सीएनजी स्‍टेशन को गंगा में एक से दूसरे स्‍थान पर स्‍थानांतरित किया जा सकेगा।

इससे गंगा में संचालित होने वाली नौकाओं को सीएनजी के लिए दूर जाने की समस्‍या से छुटकारा मिलेगा। रविदास घाट के नए स्‍टेशन में सीएनजी नमो घाट से कैस्‍केड से भर कर पहुंचाई जाएगी। इसकी क्षमता चार हजार किलोग्राम प्रतिदिन है, जिससे 300 से 400 नौकाओं के लिए सीएनजी की डिमांड पूरी हो सकेगी।

 

अक्षय ऊर्जा समाधान की दिशा में एक महत्‍वपूर्ण कदम

रविदास घाट पर आयोजित समारोह में केंद्रीय मंत्री ने कहा कि पर्यावरणीय चुनौतियों और स्‍वच्‍छ अक्षय स्रोतों में बदलाव की आवश्‍यकता से जूझ रहे विश्‍व में वाराणसी का सचल सीएनजी स्‍टेशन अक्षय ऊर्जा समाधान की दिशा में एक महत्‍वपूर्ण कदम है। उद्‌घाटन के मौके पर गेल के अध्‍यक्ष एवं प्रबंध निदेशक संदीप गुप्‍ता, निदेशक (मानव संसाधन) आयुष गुप्‍ता व निदेशक (विपणन) संजय कुमार मौजूद रहे।

 

आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग

वाराणसी केंद्र गेल का पहला ‘ऑल गर्ल्‍स’ केंद्र है जहां उत्तर प्रदेश और मध्‍य प्रदेश की आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग की 60 छात्राओं को इंजिनियरिंग और मेडिकल प्रवेश परीक्षाओं के लिए कोचिंग उपलब्‍ध कराई जा रही है।

 

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भारत ने किया बायोगैस सम्मिश्रण योजना का अनावरण

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स्थिरता और प्राकृतिक गैस आयात पर निर्भरता कम करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम में, भारत सरकार ने बायोगैस मिश्रण को चरणबद्ध तरीके से शुरू करने की घोषणा की है।

ऊर्जा स्थिरता की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम में, भारत सरकार ने प्राकृतिक गैस के साथ संपीड़ित बायोगैस के मिश्रण की चरणबद्ध शुरुआत की घोषणा की है। इस पहल का उद्देश्य घरेलू मांग को बढ़ावा देना, प्राकृतिक गैस आयात पर निर्भरता कम करना और 2070 तक शुद्ध शून्य उत्सर्जन प्राप्त करने की भारत की प्रतिबद्धता में योगदान करना है।

चरण 1: बायोगैस सम्मिश्रण का परिचय (अप्रैल 2025):

अप्रैल 2025 से, सरकार 1% की दर से प्राकृतिक गैस के साथ संपीड़ित बायोगैस के अनिवार्य मिश्रण की शुरुआत करेगी। यह प्रारंभिक चरण ऑटोमोबाइल और घरों में उपयोग पर ध्यान केंद्रित करेगा, जो ऊर्जा मिश्रण में विविधता लाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

चरण 2: सम्मिश्रण को बढ़ाना (2028):

चरणबद्ध दृष्टिकोण के हिस्से के रूप में, अनिवार्य सम्मिश्रण प्रतिशत को 2028 तक लगभग 5% तक बढ़ाने की योजना है। यह रणनीतिक वृद्धि बायोगैस को मुख्यधारा के ऊर्जा खपत परिदृश्य में प्रगतिशील रूप से एकीकृत करने, कार्बन फुट्प्रिन्ट को और कम करने की सरकार की प्रतिबद्धता को रेखांकित करती है।

गैस आयात पर निर्भरता कम करना:

भारत, तेल और गैस का एक प्रमुख वैश्विक आयातक, वर्तमान में अपनी कुल गैस खपत का लगभग आधा भाग बाहरी आपूर्तिकर्ताओं से प्राप्त करता है। बायोगैस सम्मिश्रण पहल को लागू करके, सरकार का लक्ष्य आयात लागत को कम करना और ऊर्जा आत्मनिर्भरता को बढ़ाना है।

टिकाऊ विमानन ईंधन लक्ष्य (एसएएफ):

बायोगैस सम्मिश्रण के अलावा, सरकार विमान टरबाइन ईंधन में टिकाऊ विमानन ईंधन (एसएएफ) को शामिल करने पर जोर दे रही है। लक्ष्य 2027 तक विमानन ईंधन में 1% एसएएफ हासिल करना है, जिसे 2028 में दोगुना करके 2% करना है। शुरुआत में अंतरराष्ट्रीय उड़ानों पर ध्यान केंद्रित करते हुए, यह उपाय विमानन क्षेत्र में उत्सर्जन को संबोधित करना चाहता है।

शुद्ध शून्य उत्सर्जन की ओर:

ये प्रगतिशील कदम 2070 तक शुद्ध शून्य उत्सर्जन प्राप्त करने के भारत के व्यापक दृष्टिकोण के अनुरूप हैं। बायोगैस और टिकाऊ विमानन ईंधन के उपयोग को बढ़ावा देकर, सरकार का लक्ष्य प्रमुख क्षेत्रों के पर्यावरणीय प्रभाव को कम करना है, जो जलवायु परिवर्तन से निपटने के वैश्विक प्रयास में योगदान देता है।

परीक्षा से सम्बंधित महत्वपूर्ण प्रश्न

प्रश्न: ऊर्जा स्थिरता के संबंध में भारत सरकार द्वारा की गई प्रमुख घोषणा क्या है?
उत्तर: भारत सरकार ने प्राकृतिक गैस के साथ बायोगैस मिश्रण की चरणबद्ध शुरुआत की घोषणा की है और प्राकृतिक गैस आयात पर निर्भरता कम करने और 2070 तक शुद्ध शून्य उत्सर्जन प्राप्त करने की दिशा में काम करने के लिए टिकाऊ विमानन ईंधन (एसएएफ) के लिए महत्वाकांक्षी लक्ष्य निर्धारित किए हैं।

प्रश्न: प्राकृतिक गैस के साथ संपीड़ित बायोगैस का अनिवार्य मिश्रण कब शुरू होगा, और प्रारंभिक लक्ष्य क्या हैं?
उत्तर: प्राकृतिक गैस के साथ संपीड़ित बायोगैस का अनिवार्य मिश्रण अप्रैल 2025 में शुरू होने वाला है। प्रारंभिक चरण में, अप्रैल 2025 से शुरू होकर, ऑटोमोबाइल और घरों में उपयोग के लिए 1% मिश्रण अनिवार्य होगा।

प्रश्न: भारत प्राकृतिक गैस आयात पर अपनी वर्तमान निर्भरता को कैसे संबोधित करने की योजना बना रहा है?
उत्तर: भारत का लक्ष्य बायोगैस सम्मिश्रण की चरणबद्ध शुरूआत के माध्यम से घरेलू मांग को बढ़ाकर प्राकृतिक गैस आयात पर अपनी निर्भरता को कम करना है। यह पहल ऊर्जा आत्मनिर्भरता बढ़ाने और प्राकृतिक गैस के आयात से जुड़ी लागत को कम करने के लिए बनाई गई है।

प्रश्न: भारत सरकार द्वारा निर्धारित स्थायी विमानन ईंधन (एसएएफ) लक्ष्य क्या हैं?
उत्तर: सरकार ने टिकाऊ विमानन ईंधन (एसएएफ) के लिए महत्वाकांक्षी लक्ष्य निर्धारित किए हैं। 2027 तक, विमान टरबाइन ईंधन में 1% एसएएफ रखने का लक्ष्य है, जो शुरुआत में अंतरराष्ट्रीय उड़ानों पर लागू होगा। 2028 तक यह प्रतिशत दोगुना होकर 2% होने की संभावना है।

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अनुराग सिंह ठाकुर ने खेलो इंडिया पैरा गेम्स 2023 के प्रतीक चिन्ह (लोगो) और शुभंकर उज्ज्वला को लॉन्च किया

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केंद्रीय युवा मामले और खेल मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर ने पहली बार खेलो इंडिया पैरा गेम्स 2023 के लोगो और शुभंकर का अनावरण किया।

नई दिल्ली में आयोजित एक महत्वपूर्ण कार्यक्रम में, केंद्रीय युवा मामले और खेल मंत्री श्री अनुराग सिंह ठाकुर ने पहले खेलो इंडिया पैरा गेम्स 2023 के लोगो और शुभंकर का अनावरण किया। इस ऐतिहासिक अवसर पर प्रतिष्ठित एथलीटों की उपस्थिति थी और पैरा एथलीट, भारतीय खेलों में समावेशिता और मान्यता की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

उज्ज्वला – गौरव और दृढ़ संकल्प का प्रतीक:

समारोह के दौरान आधिकारिक शुभंकर, ‘उज्ज्वला’ गौरैया का अनावरण किया गया। दिल्ली के गौरव का प्रतिनिधित्व करते हुए, यह छोटी गौरैया दृढ़ संकल्प और सहानुभूति का प्रतीक है। उज्ज्वला खेलो इंडिया-पैरा गेम्स 2023 की भावना का प्रतीक है, जो एक शक्तिशाली संदेश भेजती है कि ताकत विभिन्न रूपों में प्रकट होती है, और अटूट मानवीय भावना का प्रदर्शन करती है।

एथलेटिक प्रतीक की प्रस्तुति:

लॉन्च कार्यक्रम में पूर्व भारतीय महिला हॉकी टीम की कप्तान रानी रामपाल, ओलंपियन कांस्य पदक विजेता योगेश्वर दत्त, पेशेवर पहलवान सरिता मोर और मुक्केबाज अखिल कुमार सहित प्रसिद्ध एथलीटों ने भाग लिया। प्रमोद भगत, भाविना पटेल, अवनि लेखरा और सुमित अंतिल जैसे स्टार पैरा एथलीटों की उपस्थिति ने इस अवसर को एक विशेष स्पर्श दिया, जिससे भारतीय खेलों में एकता और विविधता का प्रदर्शन हुआ।

खेलो इंडिया के लिए बजट में बढ़ोतरी

श्री अनुराग सिंह ठाकुर ने खेलो इंडिया के लिए पर्याप्त बजट वृद्धि की घोषणा की, जो खेलों को बढ़ावा देने के लिए सरकार की प्रतिबद्धता का प्रमाण है। जो बजट पिछले चार वर्षों में 3,000 करोड़ रुपये था, उसे अगले पांच वर्षों में बढ़ाकर 3300 करोड़ रुपये से अधिक कर दिया गया है। यह वित्तीय प्रोत्साहन खेल प्रतिभाओं के पोषण और देश में एक मजबूत खेल पारिस्थितिकी तंत्र बनाने के प्रति सरकार के समर्पण को दर्शाता है।

खेलो इंडिया लिगेसी

2018 में अपनी स्थापना के बाद से, खेलो इंडिया ने यूथ गेम्स, यूनिवर्सिटी गेम्स और विंटर गेम्स सहित 11 खेलों की सफलतापूर्वक मेजबानी की है। श्री ठाकुर ने देश भर में प्रतिभाओं की पहचान करने और उनका पोषण करने में इन खेलों की महत्वपूर्ण भूमिका पर जोर दिया। खेलो इंडिया पैरा गेम्स की शुरुआत के साथ, इस पहल का उद्देश्य प्रतिभाशाली पैरा एथलीटों की पहचान और समर्थन करके, बहु-विषयक आयोजनों में भारत की सफलता में योगदान देकर इसके प्रभाव को और बढ़ाना है।

खेलो इंडिया पैरा गेम्स की प्रतीक्षा

उद्घाटन खेलो इंडिया पैरा गेम्स में 32 राज्यों, केंद्र शासित प्रदेशों और सेवा खेल नियंत्रण बोर्ड के 1400 से अधिक एथलीटों की भागीदारी की उम्मीद है। एथलीट 7 विषयों में प्रतिस्पर्धा करेंगे, जिनमें पैरा एथलेटिक्स, पैरा शूटिंग, पैरा तीरंदाजी, पैरा फुटबॉल, पैरा बैडमिंटन, पैरा टेबल टेनिस और पैरा वेटलिफ्टिंग शामिल हैं। तीन नामित SAI स्टेडियम – IG स्टेडियम, तुगलकाबाद में शूटिंग रेंज, और JLN स्टेडियम – असाधारण प्रतिभा और दृढ़ संकल्प के प्रदर्शन का वादा करते हुए, कार्यक्रमों की मेजबानी करेंगे।

निष्कर्ष:

खेलो इंडिया पैरा गेम्स 2023 के लोगो और शुभंकर का लॉन्च भारतीय खेलों में एक महत्वपूर्ण क्षण है, जो समावेशिता, विविधता और एथलीटों की दृढ़ भावना पर जोर देता है। बढ़े हुए बजट और सफल खेलों की विरासत के साथ, खेलो इंडिया देश भर में खेल प्रतिभाओं की पहचान करने और उनका पोषण करने के लिए उत्प्रेरक बना हुआ है। उद्घाटन खेलो इंडिया पैरा गेम्स का काउन्टडाउन शुरू होने वाला है। यह आयोजन न केवल एथलेटिक कौशल का जश्न मनाएगा बल्कि भारत में खेल समावेशिता की कहानी को पुनः परिभाषित करेगा।

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