चेन्नई सुपर किंग्स ने सिडनी में सुपर किंग्स अकादमी स्थापित की

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इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) की सबसे सफल फ्रैंचाइजी में से एक चेन्नई सुपर किंग्स (सीएसके) ने सिडनी, ऑस्ट्रेलिया में अपनी तीसरी अंतरराष्ट्रीय सुपर किंग्स अकादमी की स्थापना के साथ अपनी वैश्विक उपस्थिति के महत्वपूर्ण विस्तार की घोषणा की है। यह कदम न केवल सीएसके की अंतरराष्ट्रीय पहचान को बढ़ाता है बल्कि ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट के साथ फ्रैंचाइजी के लंबे समय से चले आ रहे संबंधों को भी मजबूत करता है।

रणनीतिक स्थान और विश्व स्तरीय सुविधाएं

प्राइम सेटिंग

नई सुपर किंग्स अकादमी क्रिकेट सेंट्रल, 161, सिल्वरवाटर रोड, सिडनी ओलंपिक पार्क में स्थित होगी। सिडनी के खेल परिसर के बीचों-बीच स्थित यह स्थान युवा क्रिकेट प्रतिभाओं को निखारने के लिए एक आदर्श वातावरण प्रदान करता है।

अत्याधुनिक प्रशिक्षण केंद्र

अकादमी में साल भर प्रशिक्षण के लिए डिज़ाइन की गई अत्याधुनिक सुविधाएँ हैं:

  • सभी मौसमों में अभ्यास के लिए इनडोर प्रशिक्षण क्षेत्र
  • वास्तविक मैच जैसी परिस्थितियों के लिए आउटडोर सुविधाएँ
  • कौशल विकास को बढ़ाने के लिए उन्नत उपकरण

व्यापक कोचिंग कार्यक्रम

समावेशी दृष्टिकोण

अकादमी सितंबर में लड़कों और लड़कियों दोनों के लिए अपने कोचिंग कार्यक्रम शुरू करने के लिए तैयार है। यह समावेशी दृष्टिकोण सभी लिंगों के क्रिकेट को बढ़ावा देने और क्रिकेटरों की एक नई पीढ़ी को बढ़ावा देने के CSK के दृष्टिकोण के अनुरूप है।

विशेषज्ञ मार्गदर्शन

कोचिंग स्टाफ के बारे में विशिष्ट विवरण अभी घोषित नहीं किए गए हैं, लेकिन CSK की प्रतिष्ठा से पता चलता है कि अकादमी में अनुभवी कोचों द्वारा उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा दी जाएगी।

वैश्विक नेटवर्क और विनिमय अवसर

अंतर्राष्ट्रीय उपस्थिति

सिडनी अकादमी CSK के अंतर्राष्ट्रीय प्रशिक्षण केंद्रों के बढ़ते नेटवर्क में शामिल हो गई है:

  • डलास, यूएसए
  • रीडिंग, यूके
  • भारत भर में विभिन्न स्थान

सांस्कृतिक और कौशल आदान-प्रदान

इकेलॉन स्पोर्ट्स मैनेजमेंट के निदेशक और सिडनी अकादमी के फ्रैंचाइज़ पार्टनर आनंद करुप्पिया ने विभिन्न सुपर किंग्स अकादमियों के बीच आदान-प्रदान कार्यक्रमों की संभावना पर जोर दिया। यह अंतर्राष्ट्रीय नेटवर्क युवा क्रिकेटरों को निम्नलिखित अद्वितीय अवसर प्रदान करता है:

  • विभिन्न क्रिकेट संस्कृतियों का अनुभव करें
  • विविध खेल शैलियों को जानें
  • खेल पर वैश्विक दृष्टिकोण विकसित करें

भारत-ऑस्ट्रेलिया क्रिकेट संबंधों को मजबूत करना

ऐतिहासिक संबंध

सीएसके ने लंबे समय से ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट के साथ एक विशेष संबंध बनाए रखा है, अक्सर अपनी आईपीएल टीम में ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ियों को शामिल करता है और ऑस्ट्रेलियाई कोचिंग विशेषज्ञता से लाभान्वित होता है।

भविष्य के निहितार्थ

सिडनी अकादमी की स्थापना से निम्नलिखित की उम्मीद है:

  • भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच क्रिकेट संबंधों को और मजबूत करना
  • दोनों क्रिकेट खेलने वाले देशों के बीच प्रतिभाओं के आदान-प्रदान के लिए रास्ते बनाना
  • ऑस्ट्रेलियाई बाज़ार में CSK ब्रांड की दृश्यता बढ़ाना

फीफा रैंकिंग: भारत 124वें स्थान पर बरकरार

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भारतीय फुटबॉल टीम हाल ही में जारी फीफा पुरुष रैंकिंग में 124वें स्थान पर बरकरार है। अर्जेंटीना ने अपना शीर्ष स्थान मजबूत कर लिया है। फीफा ने जुलाई महीने के लिए नई रैंकिंग जारी की है। इस रैंकिंग में भारतीय फुटबॉल टीम को भारी नुकसान होता नजर आया है। भारतीय फुटबॉल टीम फीफा मेंस रैंकिंग में 124वें स्थान पर है। भारतीय मेंस फुटबॉल टीम जून में जारी की गई फीफा रैंकिंग में 121वें स्थान पर थी, लेकिन अब वे तीन पायदान खिसक गए हैं।

दरअसल फीफा वर्ल्ड कप 2026 के क्वालीफायर में टीम इंडिया को अफगानिस्तान और कतर से हार का सामना करना पड़ा था। पिछले साल दिसंबर से भारत का रैंकिंग में खिसकना जारी है। भारतीय टीम पिछले साल शीर्ष 100 में पहुंची थी जिसमें उसकी सर्वश्रेष्ठ रैंकिंग 99 रही थी, लेकिन इसके बाद से उसका खिसकना जारी है।

एशिया में भारत 22वें स्थान पर बरकरार

एशिया में भारत 22वें स्थान पर बरकरार है जिसमें वह लेबनान, फलस्तीन और वियतनाम से पीछे है। अर्जेंटीना ने सफलतापूर्वक कोपा अमेरिका खिताब बरकरार रखने के बाद रैंकिंग में शीर्ष स्थान पर पकड़ मजबूत कर ली है। फ्रांस यूरो 2024 के सेमीफाइनल में पहुंचने के बाद दूसरे स्थान पर है।

फीफा रैंकिंग में टॉप 10 टीमों का हाल

यूरो कप चैंपियन स्पेन पांच पायदान के फायदे से तीसरे स्थान पर पहुंच गया है। वहीं इंग्लैंड एक पायदान ऊपर चौथे स्थान पर पहुंच गई है और उसने ब्राजील को पछाड़ दिया जो एक पायदान खिसककर पांचवें स्थान पर पहुंची। बेल्जियम रैंकिंग में छठे, नीदरलैंड सातवें, पुर्तगाल आठवें और कोलंबिया नौंवे स्थान पर काबिज हैं।

जर्मनी के हैम्बर्ग पहुंचा भारतीय युद्धपोत INS तबर

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भारत का युद्धपोत आईएनएस तबर (INS Tabar) तीन दिवसीय यात्रा पर जर्मनी के हैम्बर्ग (Hamburg) पहुंचा है। यह यात्रा दोनों देशों के बीच रक्षा सहयोग बढ़ाने के व्यापक प्रयासों के तहत की गई है।

भारतीय नौसेना ने कहा कि भारत और जर्मनी के बीच साझा मूल्यों, लोकतांत्रिक सिद्धांतों और वैश्विक शांति एवं सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्धता की नींव पर बने रिश्ते हैं। यह जहाज कई तरह के हथियारों और सेंसर से लैस है और भारतीय नौसेना के सबसे शुरुआती स्टील्थ फ्रिगेट में से एक है।

समुद्री साझेदारी अभ्यास

आईएनएस तबर भारतीय नौसेना के पश्चिमी बेड़े का हिस्सा है जो पश्चिमी नौसेना कमान के तहत मुंबई में स्थित है। भारतीय नौसेना ने कहा कि जहाज के हैम्बर्ग से रवाना होने पर दोनों नौसेनाएं समुद्री साझेदारी अभ्यास भी करेंगी। जहाज की कमान कैप्टन एमआर हरीश के हाथ में है।

नौसेना का पी-8आई विमान

भारतीय नौसेना का पी 8आई विमान बहुपक्षीय अभ्यास, रिम ऑफ द पैसिफिक (रिमपैक) 2024 में अमेरिका के ज्वाइंट बेस पर्ल हार्बर में सैन्य अभ्यास में भाग ले रहा है। ज्वाइंट बेस पर्ल हार्बर-हिकम हवाई के ओहू द्वीप पर एक अमेरिकी सैन्य अड्डा है। बहुपक्षीय अभ्यास के दौरान अमेरिकी सेना और अन्य भाग लेने वाली नौसेनाओं के साथ एंटी सबमरीन मिशन को अंजाम देने के बाद भारतीय नौसेना पी 8आई को ज्वाइंट बेस पर्ल हार्बर, हिकम एयरफील्ड हवाई में उतरते हुए देखा गया।

ठाणे से बोरीवली: भारत की सबसे लंबी और सबसे बड़ी शहरी सुरंग

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13 जुलाई, 2024 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत की सबसे लंबी और सबसे बड़ी शहरी सुरंग परियोजना, ठाणे बोरीवली ट्विन टनल का उद्घाटन किया, जिसे मुंबई महानगर क्षेत्र विकास प्राधिकरण (एमएमआरडीए) द्वारा विकसित किया गया है। 16,600 करोड़ रुपये की यह परियोजना ठाणे और बोरीवली के बीच यात्रा के समय को एक घंटे से घटाकर सिर्फ़ 12 मिनट कर देगी, जिससे यात्रा की दूरी 12 किलोमीटर कम हो जाएगी। यह पहल मुंबई में कनेक्टिविटी बढ़ाने के उद्देश्य से 29,000 करोड़ रुपये की व्यापक बुनियादी ढांचा परियोजनाओं का हिस्सा है।

ठाणे बोरीवली ट्विन टनल की मुख्य विशेषताएं

  • सुरंग की लंबाई: 11.8 किमी
  • मार्ग: ठाणे से बोरीवली में राष्ट्रीय राजमार्ग 8 तक
  • अनुमानित लागत: 16,600 करोड़ रुपये
  • ऑपरेशनल लेन: 2 ऑपरेशनल लेन, 1 इमरजेंसी लेन
  • यात्रा समय में कमी: 1 घंटे से ज़्यादा की बचत (यात्रा 12 मिनट में पूरी हुई)
  • कार्बन उत्सर्जन में कमी: 1,50,000 मीट्रिक टन प्रति वर्ष
  • पूरा होने का लक्ष्य: मई 2028

पर्यावरण और तकनीकी पहलू

सुरंग, जिसमें हर 300 मीटर पर क्रॉस पैसेज के साथ 10.25 किलोमीटर का बोर सेक्शन शामिल है, भारत की सबसे बड़ी सुरंग-बोरिंग मशीन का उपयोग करेगी। MMRDA ने आश्वासन दिया है कि इसके निर्माण से संजय गांधी राष्ट्रीय उद्यान को कोई नुकसान नहीं होगा और इससे ध्वनि और वायु प्रदूषण को कम करने में मदद मिलेगी।

रणनीतिक निहितार्थ और लाभ

  • यातायात में कमी: घोड़बंदर रोड और पश्चिमी एक्सप्रेस हाईवे पर यातायात में आसानी।
  • बढ़ी हुई कनेक्टिविटी: सीधे और कुशल मार्ग के साथ पूर्व-पश्चिम उपनगरीय कनेक्टिविटी में सुधार।
  • पर्यावरणीय प्रभाव: वार्षिक कार्बन उत्सर्जन में 1,50,000 मीट्रिक टन की कमी आने की उम्मीद है।

मुंबई महानगर क्षेत्र विकास प्राधिकरण (MMRDA) के बारे में

1975 में स्थापित, MMRDA मुंबई महानगर क्षेत्र में विकास की योजना बनाने और उसकी देखरेख करने के लिए जिम्मेदार है। इसने मुंबई शहरी अवसंरचना परियोजना और मुंबई ट्रांस-हार्बर लिंक सहित अन्य महत्वपूर्ण अवसंरचना परियोजनाओं के अलावा बांद्रा-कुर्ला कॉम्प्लेक्स और मुंबई मेट्रो के विकास की पहल की।

चांदीपुरा वायरस क्या है, जानें सबकुछ

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गुजरात में चांदीपुरा वायरस लगातार खतरनाक होता जा रहा है। वहीं, गुजरात में चांदीपुरा वायरस से एक चार साल की बच्ची की मौत हुई है। इसकी पुष्टि राष्ट्रीय विषाणु विज्ञान संस्थान (एनआईवी) ने की है। एक स्वास्थ्य अधिकारी ने कहा कि राज्‍य का स्‍वास्‍थ्‍य विभाग चांदीपुरा वायरस को लेकर पूरी तरह अलर्ट है।

गुजरात के स्वास्थ्य मंत्री ऋषिकेश पटेल का कहना है कि राज्य में चांदीपुरा वायरस के 14 संदिग्ध मामले दर्ज किए गए हैं। इनमें से आठ मरीजों की मौत हुई है। सभी के नमूनों की पुष्टि के लिए पुणे स्थित एनआईवी भेजे गए हैं।

संक्रमण के बढ़ते मामलों को देखते हुए राज्य सरकार लोगों की स्क्रीनिंग कर रही है। गुजरात के स्वास्थ्य मंत्री ऋषिकेश पटेल ने बताया कि वायरस के कारण जिन संदिग्ध लोगों की मौत हुई है, उनके सैंपल को नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी में भेजा गया है। वहीं, अब तक 44 हजार लोगों की स्क्रीनिंग की जा चुकी है।

क्या है चांदीपुरा वायरस और ये कैसे फैलता है?

CHPV वायरस Rhabdoviridae फैमिली का वायरस है। Rhabdoviridae फैमिली में वो वायरस भी आते हैं, जिनसे रेबीज होता है। CHPV वायरस मक्खियों और मच्छरों की कुछ प्रजातियों (जैसे, डेंगू वाले एडीज एजिप्टी मच्छर) से फैलता है। वायरस इन मक्खी-मच्छरों की लार ग्रंथि में रहता है और इन मक्खी-मच्छरों के काटने से इंसान इस वायरस से संक्रमित हो सकता है और उसे इंसेफेलाइटिस यानी दिमाग के एक्टिव टिश्यूज में इन्फ्लेमेशन हो सकता है।

चांदीपुरा वायरस संक्रमण के लक्षण क्या हैं?

वायरस के संक्रमण से बुखार, सिरदर्द, शरीर में दर्द और ऐंठन, दस्त जैसे लक्षण देखने को मिलते हैं। इसके अलावा सांस की समस्या, खून निकला या खून की कमी जैसे लक्षण भी सामने आते हैं। स्टडीज के मुताबिक, इंसेफेलाइटिस के बाद संक्रमण तेजी से बढ़ता है और अस्पताल में भर्ती होने के 24-48 घंटों के बीच मरीज की मौत तक हो सकती है। ये संक्रमण आम तौर पर 15 साल से कम उम्र के बच्चों में ही फैलता है। इस वायरस के इलाज के लिए अभी कोई वैक्सीन नहीं है।

चांदीपुरा वायरस कहां से आया?

रिपोर्ट के अनुसार साल 1965 में महाराष्ट्र के भंडारा जिले के चांदीपुरा गांव में इस तरह के संक्रमण का पहला मामला सामने आया था। इसलिए इसे चांदीपुरा वायरस नाम दिया गया। इस पहले मामले की जांच के बाद पता चला था कि यह वायरस रेत में घूम रही एक मक्खी के कारण फैला था। वायरस के कारण दिमाग में सूजन और तेज बुखार के लक्षण दिखाई देते हैं।

रिपोर्ट्स बताती हैं कि इस वायरस का सबसे बुरा प्रभाव 2003-04 में देखने को मिला था। तब संक्रमण के कारण महाराष्ट्र, उत्तरी गुजरात और आंध्र प्रदेश में 300 से ज्यादा बच्चों की मौत हुई थी। रिपोर्ट के मुताबिक, 2004 में जब ये वायरस फैला था तब आंध्र प्रदेश में संक्रमण के कारण 78 फीसदी मृत्यु दर रिकॉर्ड किया गया था।

अब कैलिफोर्निया में नहीं रहेंगे स्पेसएक्स और X के मुख्यालय

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एलन मस्क ने 16 जुलाई को कहा कि वह अपने दो व्यवसायों, सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स और रॉकेट निर्माता स्पेसएक्स का मुख्यालय टेक्सास में स्थानांतरित करेंगे, जिससे कैलिफोर्निया के साथ विवाद और बढ़ गया है।

इन शहरों में होगा एक्स और स्पेसएक्स का मुख्यालय

एलन मस्क ने स्पेसएक्स के मुख्यालय और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स को कैलिफोर्निया से टेक्सास स्थानांतरित करने का एलान किया। उन्होंने बताया कि स्पेसएक्स का मुख्यालय फिलहाल कैलिफोर्निया के हॉथोर्न में बना हुआ है। इसे अब टेक्सास के स्टारबेस में स्थापित किया जाएगा। वहीं एक्स का मुख्यालय अब सैन फ्रांसिस्को में नहीं रहेगा। उसे यहां से हटाकर ऑस्टिन ले जाया जाएगा। मस्क के अनुसार, इस फैसले के पीछे का कारण कैलिफोर्निया में हाल ही में पारित किया गया कानून था, जिस पर सोमवार को गवर्नर गेविन न्यूजॉम ने हस्ताक्षर किया था।

नया कानून क्या है?

इस कानून के मुताबिक, स्कूल के नियमों के तहत अब शिक्षक और स्टाफ बच्चे की लैंगिक पहचान और लैंगिक पसंद को लेकर माता-पिता समेत किसी को भी बिना बच्चे की मर्जी के नहीं बता सकते। कानून के समर्थकों का कहना है कि यह उन एलजीबीटीक्यू छात्रों की सुरक्षा में मदद करेगा जो ऐसे घरों में रहते हैं, जहां उनका सम्मान नहीं होता है। मगर विरोधियों का कहना है कि यह स्कूलों की माता-पिता के साथ अधिक पारदर्शी होने की क्षमता में बाधा पैदा करेगा।

बच्चों की सुरक्षा

मस्क ने कहा कि इस कानून और इससे पहले आए कई अन्य कानूनों के कारण स्पेसएक्स अब अपना मुख्यालय हॉथोर्न से स्टारबेस में स्थानांतरित करेगा। उन्होंने आगे कहा कि मैंने करीब एक साल पहले गवर्नर न्यूजॉम को यह स्पष्ट कर दिया था कि इस तरह के कानून परिवारों और कंपनियों को अपने बच्चों की सुरक्षा के लिए कैलिफोर्निया छोड़ने के लिए मजबूर करेंगे।

यह पहली बार नहीं

गौरतलब है, यह पहली बार नहीं है, जब एलन मस्क ने अपनी किसी कंपनी को कैलिफोर्निया से बाहर ले जाने का फैसला किया है। साल 2021 में टेस्ला ने अपने कॉर्पोरेट मुख्यालय को कैलिफोर्निया के पालो ऑल्टो से हटाकर टेक्सास के ऑस्टिन में स्थानांतरित कर दिया था। इसके अलावा, मस्क ने अपना घर कैलिफोर्निया से हटाकर टेक्सास में बना लिया था।

आईएनएस दिल्ली को पूर्वी बेड़े के सर्वश्रेष्ठ जहाज का पुरस्कार मिला

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विशाखापत्तनम में आयोजित वार्षिक ‘फ्लीट अवार्ड्स फंक्शन-2024’ में आईएनएस दिल्ली को पूर्वी बेड़े का सर्वश्रेष्ठ जहाज चुना गया है। 14 जुलाई, 2024 को विशाखापत्तनम में फ्लीट अवार्ड्स समारोह में पूर्वी बेड़े की सामरिक सफलताओं का सम्मान किया गया, जिसमें आईएनएस दिल्ली को सर्वश्रेष्ठ जहाज का नाम दिया गया।

आईएनएस कवरत्ती को कार्वेट, ओपीवी और एलएसटी की श्रेणी में सर्वश्रेष्ठ जहाज के रूप में मान्यता दी गई, साथ ही आईएनएस शिवालिक, आईएनएस सुमेधा और आईएनएस सुमित्रा को भी उनके उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए सराहा गया।

रियर एडमिरल राजेश धनखड़ द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम में पूर्वी नौसेना कमान के फ्लैग ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ, वाइस एडमिरल राजेश पेंढारकर मुख्य अतिथि थे।

परिचालन उपलब्धियाँ

पूरे वर्ष के दौरान, पूर्वी बेड़े ने हिंद महासागर क्षेत्र में विभिन्न अभ्यासों और मिशनों के माध्यम से अपनी परिचालन तत्परता का प्रदर्शन किया, जिसमें नौसैनिक अभ्यास, उभयचर अभियान और मानवीय प्रयास शामिल हैं।

सांस्कृतिक उत्सव और मनोबल में वृद्धि

औपचारिक कार्यवाही के अतिरिक्त, इस कार्यक्रम में सौहार्द को बढ़ावा देने तथा भारतीय नौसेना की समृद्ध विरासत और प्रतिबद्धता का जश्न मनाने के लिए एक सांस्कृतिक कार्यक्रम का भी आयोजन किया गया, जिससे पूर्वी बेड़े की रणनीतिक तत्परता और एकजुटता को बल मिला।

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महाराष्ट्र सरकार ने युवाओं की रोजगार क्षमता बढ़ाने के लिए योजना शुरू की

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युवाओं में बेरोजगारी से निपटने के लिए महाराष्ट्र सरकार ने मुख्यमंत्री युवा कार्य प्रशिक्षण योजना शुरू की है। इसका उद्देश्य मूल्यवान इंटर्नशिप के अवसर प्रदान करना, युवाओं को आवश्यक कौशल से लैस करना और प्रतिस्पर्धी नौकरी बाजार में उनकी रोजगार क्षमता को बढ़ाना है।

₹5,500 करोड़ का प्रावधान

सरकार ने इस योजना के लिए ₹5,500 करोड़ का प्रावधान किया है। महाराष्ट्र में रहने वाले 18 से 35 वर्ष की आयु के उम्मीदवार इस योजना के तहत आवेदन करने के पात्र हैं। न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता 12वीं पास से लेकर स्नातकोत्तर तक है, जिससे यह सुनिश्चित होता है कि युवाओं का एक व्यापक वर्ग व्यावहारिक प्रशिक्षण के अवसरों का लाभ उठा सके। कौशल, रोजगार, उद्यमिता और नवाचार विभाग के साथ पंजीकृत महाराष्ट्र में संचालित उद्योगों और प्रतिष्ठानों को भी भाग लेने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है।

योजना की मुख्य विशेषताएं

योजना की मुख्य विशेषताओं में छह महीने की इंटर्नशिप अवधि और प्रशिक्षुओं को उनकी शैक्षणिक योग्यता के आधार पर सहायता देने के लिए डिज़ाइन की गई वजीफा संरचना शामिल है। प्रशिक्षुओं को प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण (DBT) के माध्यम से मासिक वजीफा मिलेगा। 12वीं पास के लिए ₹6,000 का वजीफा आवंटित किया गया है, और आईटीआई/डिप्लोमा के लिए – ₹8,000 और डिग्री/पोस्ट ग्रेजुएशन के लिए – ₹10,000 की पेशकश की जाएगी।

भाग लेने के लिए कौन पात्र हैं?

सरकारी प्रतिष्ठान और निजी क्षेत्र के उद्योग दोनों ही भाग लेने के पात्र हैं, बशर्ते वे ईपीएफ, ईएसआईसी, जीएसटी, डीपीआईटी और उद्योग आधार के साथ पंजीकरण सहित विशिष्ट मानदंडों को पूरा करते हों और कम से कम तीन वर्षों से परिचालन में हों।

महिलाओं के लिए लाडली बहन योजना की शुरुआत

पंढरपुर में बोलते हुए मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा, “हमने राज्य में महिलाओं के लिए लाडली बहन योजना शुरू की है। हमसे पूछा गया कि हम भाइयों के लिए क्या कर रहे हैं। हमने युवाओं के लिए यह योजना लाई है और सरकार अप्रेंटिसशिप का खर्च उठाने जा रही है।”

एलआईसी ने कॉर्पोरेट एजेंसी व्यवस्था के तहत आईडीएफसी फर्स्ट बैंक के साथ समझौता किया

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बैंकएश्योरेंस के योगदान को बढ़ाने और 2047 तक सभी को जीवन बीमा कवरेज प्रदान करने के अपने प्रयास को जारी रखते हुए, भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) ने कॉर्पोरेट एजेंसी व्यवस्था के तहत देश के सबसे अच्छे तकनीकी रूप से उन्नत और आशाजनक बैंकों में से एक, आईडीएफसी फर्स्ट बैंक लिमिटेड के साथ समझौता किया है।

गठजोड़ के लिए समझौता

गठजोड़ के लिए समझौते पर 16 जुलाई, 2024 को हस्ताक्षर किए गए। इस गठजोड़ से आईडीएफसी फर्स्ट बैंक के 1 करोड़ से अधिक ग्राहकों को सुविधा होगी जो अब बैंक के माध्यम से एलआईसी पॉलिसी खरीद सकेंगे। डिजिटल ऑन-बोर्डिंग की यात्रा पहले ही शुरू हो चुकी है और विकास के चरण में है और एक बार पूरा हो जाने पर, ग्राहक बैंक की वेबसाइट पर जाकर ऑनलाइन एलआईसी पॉलिसी खरीद सकेंगे।

एलआईसी की योजनाएं

एलआईसी की 3600 से अधिक शाखाओं और सैटेलाइट कार्यालयों तथा आईडीएफसी फर्स्ट बैंक की 1000 से अधिक शाखाओं के विशाल नेटवर्क की संयुक्त ताकत से देश भर में जीवन बीमा की पहुंच आसान हो जाएगी और यह 2047 तक सभी को जीवन बीमा सुरक्षा प्रदान करने के लक्ष्य को प्राप्त करने में एक लंबा रास्ता तय करेगा। देश की प्रमुख बीमा कंपनी होने के नाते, एलआईसी के पास समाज के सभी वर्गों के लिए योजनाएं हैं, जिनमें वार्षिकी, यूएलआईपी, बचत और टर्म इंश्योरेंस जैसे विभिन्न उत्पाद शामिल हैं।

डिजिटल जानकार ग्राहकों को मिलेगा लाभ

इस अवसर पर एलआईसी के एमडी आर दोराईस्वामी ने बताया कि इन दोनों संगठनों के एक साथ आने से आईडीएफसी फर्स्ट बैंक के डिजिटल जानकार ग्राहकों को आकर्षक उत्पादों की विस्तृत श्रृंखला उपलब्ध होगी।

एडीबी ने भारत में रूफटॉप सौर प्रणाली के लिए 240.5 मिलियन डॉलर के ऋण को मंजूरी दी

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एशियाई विकास बैंक (ADB) ने भारत में रूफटॉप सोलर सिस्टम को वित्तपोषित करने के लिए 240.5 मिलियन अमेरिकी डॉलर के ऋण को मंजूरी दी है, जो अक्षय ऊर्जा के माध्यम से ऊर्जा पहुंच का विस्तार करने के सरकार के प्रयासों में सहायता करता है। एडीबी ने 17 जुलाई को घोषणा की कि यह वित्तपोषण मल्टीट्रेंच फाइनेंसिंग फैसिलिटी (एमएफएफ) सोलर रूफटॉप इन्वेस्टमेंट प्रोग्राम के 2 और 3 चरणों का समर्थन करेगा, जिसे शुरू में एडीबी ने 2016 में मंजूरी दी थी। 2023 में, कार्यक्रम को विशेष रूप से आवासीय सोलर रूफटॉप सिस्टम की तैनाती पर ध्यान केंद्रित करने के लिए पुनर्गठित किया गया था।

भारत का लक्ष्य क्या है?

भारत का लक्ष्य कार्बन उत्सर्जन को कम करने की अपनी वैश्विक प्रतिबद्धताओं के अनुरूप 2030 तक गैर-जीवाश्म ईंधन ऊर्जा स्रोतों से लगभग 50 प्रतिशत संचयी विद्युत शक्ति स्थापित क्षमता प्राप्त करना है। एडीबी का वित्तपोषण इन लक्ष्यों का समर्थन करता है और प्रधानमंत्री के सूर्य घर कार्यक्रम में योगदान देगा, जो लोगों को देश भर में छतों पर सौर प्रणाली स्थापित करने के लिए प्रोत्साहित करता है।

डेवलपर्स और अंतिम उपयोगकर्ताओं को ऋण

स्वीकृत वित्तपोषण भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) और राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) को आवंटित किया जाएगा। ये संस्थान पूरे भारत में डेवलपर्स और अंतिम उपयोगकर्ताओं को रूफटॉप सोलर सिस्टम की स्थापना के लिए ऋण प्रदान करेंगे। विशेष रूप से, एडीबी एसबीआई को अपने स्वच्छ प्रौद्योगिकी कोष (सीटीएफ) से 90.5 मिलियन अमरीकी डालर प्रदान करेगा, जबकि नाबार्ड को 150 मिलियन अमरीकी डॉलर प्राप्त होंगे, जिसमें एडीबी के साधारण पूंजी संसाधनों से 80 मिलियन अमरीकी डालर और सीटीएफ से 70 मिलियन अमरीकी डालर शामिल हैं।

क्या लाभ हैं?

एडीबी ने कहा कि छत पर सौर ऊर्जा प्रणाली की स्थापना समग्र बिजली वितरण प्रणाली को महत्वपूर्ण लाभ प्रदान करती है।

  • यह बिजली की खपत के स्थान के करीब बिजली पैदा करके तकनीकी और परिचालन बोझ को कम कर सकता है, जिससे लंबी दूरी की बिजली आपूर्ति की आवश्यकता और संबंधित सिस्टम हानि कम हो जाती है।
  • उपभोग के बिंदु से यह निकटता बिजली वितरण की दक्षता को बढ़ाती है और ऊर्जा स्वतंत्रता की एक डिग्री प्रदान करती है, जिससे बिजली आपूर्ति में व्यवधान कम होता है।

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