जापान के प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा क्यों दे रहे इस्तीफा, जानें सबकुछ

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जापान के प्रधानमंत्री फूमियो किशिदा ने अगले महीने प्रधानमंत्री पद छोड़ने का एलान किया है। किशिदा ने कहा कि वह सत्ताधारी पार्टी लिबरल डेमोक्रेटिक पार्टी (एलडीपी) के अध्यक्ष पद का चुनाव नहीं लड़ेंगे और अगले महीने नए अध्यक्ष का चुनाव होते ही पीएम पद से इस्तीफा दे देंगे। जापानी प्रधानमंत्री फूमियो किशिदा ने कहा कि उन्होंने सत्तारूढ़ लिबरल डेमोक्रेटिक पार्टी के अध्यक्ष के रूप में फिर से चुनाव नहीं लड़ने का फैसला किया है। किशिदा के इस फैसले का मतलब है कि वह अगले महीने एलडीपी के नए नेता के चुनाव तक ही प्रधानमंत्री पद पर रहेंगे।

रेटिंग में आई गिरावट

प्रधानमंत्री ने कहा कि राजनीति जनता के विश्वास के बिना नहीं चल सकती। यह बात उन्होंने घोटाले सामने आने को लेकर कही थी, क्योंकि इससे सरकार की छवि धूमिल हो गई। वहीं, निक्केई पोल ने सरकार की रेटिंग को 20% रहने का अनुमान लगाया है, जो 2021 के अंत में 60% रेटिंग से काफी कम है। किशिदा ने कहा कि लोगों को नई बदली हुई एलडीपी दिखाना जरूरी है। यह दिखाने की दिशा में सबसे स्पष्ट पहला कदम कि पार्टी बदलेगी, मेरे लिए एक कदम पीछे हटना है।

फुमियो किशिदा का राजनीतिक सफर

जापान के प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा का जन्म हिरोशिमा में हुआ था। उनका जन्म परमाणु त्रासदी के 12 साल बाद हुआ था। इस त्रासदी में उन्होंने अपने परिवार के कई सदस्यों को खो दिया था। उनके पिता और दादा जापान की संसद के निचले सदन में प्रतिनिधि रहे हैं। किशिदा ने राजनीति में आने से पहले 5 साल तक जापान के लॉन्ग-टर्म क्रेडिट बैंक यानी शिंसेई बैंक में काम किया था। साल 1993 में वह निचले सदन के लिए चुने गए और 2012 में प्रधानमंत्री शिंजो आबे की कैबिनेट में विदेश मंत्री बने। इसके अलावा भी उन्होंने कई पदों पर काम किया। सितंबर 2021 में किशिदा एलडीपी के अध्यक्ष बने और इसके बाद वह प्रधानमंत्री बने। किशिदा एलडीपी के उदारवादी कोचिकाई गुट के प्रमुख हैं, जिसके वर्तमान में 47 सांसद हैं।

जापान के प्रधानमंत्री का पद

फुमियो किशिदा ने अक्तूबर 2021 को जापान के प्रधानमंत्री का पद संभाला था। किशिदा ने योशीहाइद सुगा की जगह ली थी।

कृषि मंत्री ने किसानों से संवाद हेतु लॉन्च किया ‘किसान की बात’ रेडियो कार्यक्रम

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किसानों से जुड़ने और उनकी समस्याओं को समझने के लिए, कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने हाल ही में ‘किसान से बात’ नाम का एक मासिक रेडियो कार्यक्रम लॉन्च किया है। यह कार्यक्रम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लोकप्रिय रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ से प्रेरित है। इसका उद्देश्य किसानों को मंत्री, कृषि वैज्ञानिकों और मंत्रालय के अधिकारियों से बातचीत करने का मौका देना है।

इस कार्यक्रम में कृषि वैज्ञानिक, विभाग के अधिकारी और खुद मंत्री शामिल होंगे, जो सर्वोत्तम पद्धतियों और वैज्ञानिक प्रगति के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी देंगे। चौहान ने किसानों को वैज्ञानिक लाभ तेजी से हस्तांतरित करने की आवश्यकता पर जोर देते हुए कहा कि किसानों के पास अक्सर जानकारी का अभाव होता है, जिससे कीटनाशकों का दुरुपयोग होता है। हमें इस पर ध्यान देना चाहिए।

किसान की बात

‘किसान की बात’ भारत के कृषि क्षेत्र को पुनर्जीवित करने की एक बड़ी रणनीति का हिस्सा है। चौहान ने कृषि विज्ञान केंद्रों को किसानों की जरूरतों के साथ एकीकृत करने और कृषि कर्मियों के बीच चर्चा को बढ़ावा देने के महत्व पर जोर दिया। कृषि मंत्री ने स्वतंत्रता दिवस पर आयोजित एक कार्यक्रम में कहा कि हमारा लक्ष्य भारत को ‘विश्व की खाद्य टोकरी’ में बदलना है। इस अवसर पर उन्होंने राष्ट्रीय कीट निगरानी प्रणाली (एनपीएसएस) का भी शुभारंभ किया।

कृषि क्षेत्र के विशेषज्ञ भी

कृषि मंत्री शिवराज सिंह के साथ कृषि क्षेत्र के विशेषज्ञ भी होंगे। वे मिट्टी की सेहत, सिंचाई, फसल प्रबंधन और कीट नियंत्रण जैसे विषयों पर अपना ज्ञान बांटेंगे। इस कार्यक्रम में किसान अपनी समस्याएं भी बता सकेंगे। मंत्रालय और विशेषज्ञ उनका समाधान करने की कोशिश करेंगे।

किसानों की समस्याओं को हल करने में मदद

इस तरह की बातचीत से किसानों की समस्याओं को हल करने और उन्हें समय पर सलाह देने में मदद मिलने की उम्मीद है। यह कदम ऐसे समय में उठाया गया है जब किसानों में असंतोष बढ़ रहा है। किसान फसलों के लिए कानूनी तौर पर न्यूनतम समर्थन मूल्य की मांग कर रहे हैं। किसान नेता राकेश टिकैत ने कृषि मंत्री शिवराज सिंह की आलोचना की। उन्होंने कहा कि ऐसा लोकप्रिय कार्यक्रम किसानों की मदद नहीं करेगा। किसानों को बुवाई के तरीके और अपनी मिट्टी की सेहत के बारे में पहले से पता है।

RBL Bank ने 78वें स्वतंत्रता दिवस के उपलक्ष्य में विजय फिक्स्ड डिपॉजिट की घोषणा की

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आजादी की सालगिरह के मौके पर आरबीएल बैंक (RBL Bank) निवेशकों के लिए बेहतर एफडी विकल्प पेश किया है। बैंक ने सुरक्षित निवेश विकल्प का नाम विजय फिक्स्ड डिपॉजिट (Vijay Fixed Deposits) रखा है। बहादुर सैनिकों के साहस और बलिदान को समर्पिक इस स्कीम में निवेशकों को बेहतर रिटर्न मिल रहा है। विजय फिक्स्ड डिपॉजिट स्कीम लिमिडिटेड अवधि के लिए उपलब्ध रहेगी। निवेशकों को ध्यान में रखकर तैयार की गई विजय एफडी स्कीम में 3 करोड़ रुपये से कम की रकम जमा की जा सकती है। ये स्कीम 500 दिन में मैच्योर होगी। फंड की जरूरत पड़ने पर निवेशक मैच्योरिटी से पहले भी निकासी कर सकेंगे।

मुख्य विशेषताएं

ब्याज दरें: विजय फिक्स्ड डिपॉजिट सुपर सीनियर सिटीजन के लिए 8.85% प्रति वर्ष, वरिष्ठ नागरिकों के लिए 8.60% प्रति वर्ष और नियमित ग्राहकों के लिए 8.1% प्रति वर्ष प्रदान करता है।

बुकिंग विकल्प: ग्राहक RBL बैंक MoBank ऐप के माध्यम से या अपनी निकटतम शाखा में जाकर फिक्स्ड डिपॉजिट बुक कर सकते हैं।

सीमित अवधि की पेशकश: यह विशेष जमा योजना सीमित समय के लिए उपलब्ध है और 3 करोड़ रुपये से कम जमा के लिए लागू है।

आरबीएल बैंक एफडी दरों का अवलोकन (29 जुलाई, 2024 से प्रभावी)

अल्पकालिक जमा: जमा अवधि और ग्राहक श्रेणी के आधार पर 3.50% से 6.55% प्रति वर्ष तक।

दीर्घकालिक जमा: 365 दिनों से अधिक अवधि के लिए, ब्याज दरें 7.00% से 8.50% प्रति वर्ष तक भिन्न होती हैं।

हाल की पहल

रुपे क्रेडिट कार्ड पर यूपीआई और एनसीएमसी एकीकरण: 1 अगस्त, 2024 को, आरबीएल बैंक रुपे क्रेडिट कार्ड पर यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (यूपीआई) और नेशनल कॉमन मोबिलिटी कार्ड (एनसीएमसी) सुविधाओं को एकीकृत करने वाला भारत का पहला निजी क्षेत्र का बैंक बन गया। यह उपयोगकर्ताओं को यूपीआई का उपयोग करके सहज यात्रा करने और सुरक्षित, त्वरित भुगतान करने की अनुमति देता है।

 

प्रधानमंत्री ने स्वतंत्रता दिवस भाषण में ‘सेक्यूलर नागरिक संहिता’ का आह्वान किया

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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने वर्तमान नागरिक संहिता को सांप्रदायिक और भेदभावकारी करार देते हुए कहा कि ‘सेक्यूलर नागरिक संहिता’ समय की मांग है। भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई जारी रखने की दृढ़ता पर अडिग रहने की घोषणा करते हुए पीएम ने राजनीति में परिवारवाद का वर्चस्व खत्म करने का आहृवान किया।

प्रधानमंत्री ने अपनी तीसरी पारी में लाल किले की प्राचीर से पहले संबोधन में सामाजिक, राजनीतिक और आर्थिक सुधारों के बड़े एजेंडे को आगे बढ़ाने के इरादे साफ करते हुए देश में सामान्य नागरिक संहिता (यूनिफार्म सिविल कोड) लागू करने की पहल करने का एलान किया।

धर्मनिरपेक्ष नागरिक संहिता की पैरवी

दरअसल 15 अगस्त को पीएम नरेंद्र मोदी ने अपने संबोधन में देश में धर्मनिरपेक्ष नागरिक संहिता की पैरवी करते हुए भारत को ‘विकसित राष्ट्र’ बनाने का संकल्प और ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ का सपना साकार करने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि देश का एक बहुत बड़ा वर्ग मानता है कि जिस नागरिक संहिता को लेकर हम लोग जी रहे हैं, वह सचमुच में साम्प्रदायिक और भेदभाव करने वाली संहिता है। मैं चाहता हूं कि इस पर देश में गंभीर चर्चा हो और हर कोई अपने विचार लेकर आए।

सेक्यूलर सिविल कोड को बताया समय की मांग

पीएम ने कहा कि इसलिए समय की मांग है अब देश में एक सेक्यूलर सिविल कोड हो। उन्होंने कहा, ‘हमने 75 साल सांप्रदायिक सिविल कोड में बिताए अब सेक्यूलर सिविल कोड की तरफ जाना होगा, तभी देश में धर्म के आधार पर जो भेदभाव हो रहें है, उससे हमें मुक्ति मिलेगी।’

गौरतलब है कि राम मंदिर और धारा 370 के साथ सामान्य नागरिक संहिता दशकों से भाजपा के तीन कोर राजनीतिक एजेंडे का हिस्सा रहा है। पहले दो कार्यकाल में दोनों प्रमुख एजेंड़े को पूरा करने के बाद तीसरे कार्यकाल के दौरान पीएम ने यूनिफार्म सिविल कोड पर फोकस बढ़ाने के इरादे जाहिर कर दिए।

 

 

भारत करेगा तीसरे वॉयस ऑफ ग्लोबल साउथ शिखर सम्मेलन की मेजबानी

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भारत 17 अगस्त 2024 को वर्चुअली तीसरे वॉयस ऑफ ग्लोबल साउथ शिखर सम्मेलन की मेजबानी करेगा। विकासशील देशों के लिए भविष्य की चुनौतियों को लेकर इसमें चर्चा की जाएगी। शिखर सम्मेलन में पिछली बैठकों की तरह ही इस बार भी खाद्य, ऊर्जा सुरक्षा संकट और जलवायु परिवर्तन जैसी जटिल चुनौतियों पर चर्चा होने की उम्मीद है। शिखर सम्मेलन के पिछले संस्करणों में ग्लोबल साउथ के 100 से ज्यादा देशों ने भागीदारी की थी।

इससे पहले भारत ने बीते साल 12-13 जनवरी को पहली बार इस समिट का आयोजन किया था, तो दूसरा सम्मेलन भी बीते साल 17 नवंबर को हुआ था. इन दोनों सम्मेलनों की मेजबानी भारत ने ही की थी।

इस सम्मेलन का विषय

विदेश मंत्रालय (एमईए) ने जानकारी देते हुए बताया, “भारत 17 अगस्त को तीसरे वॉयस ऑफ ग्लोबल साउथ शिखर सम्मेलन की मेजबानी करेगा। इस सम्मेलन का विषय ‘एक सतत भविष्य के लिए एक सशक्त वैश्विक दक्षिण’ होगा।

विदेश मंत्रालय ने क्या कहा?

विदेश मंत्रालय ने आगे कहा कि यह अनूठी पहल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास’ दृष्टिकोण के विस्तार के रूप में शुरू हुई है और यह भारत के वसुधैव कुटुंबकम (दुनिया एक परिवार है) के दर्शन पर आधारित है।

शिखर सम्मेलन के तीसरे संस्करण में

शिखर सम्मेलन के तीसरे संस्करण में ग्लोबल साउथ के देशों के साथ एक साझा मंच पर चर्चा की जाएगी। देशों की चुनौयतियों, प्राथमिकतओं और विकास के क्षेत्र में समाधानों को लेकर वचार साझा किए जाएंगे। उद्घाटन सत्र राज्य सरकार के प्रमुखों के स्तर पर होगा और इसकी मेजबानी प्रधानमंत्री मोदी करेंगे।

भारत में पहला संस्करण

भारत ने पिछले साल 12 और 13 जनवरी को पहले वॉयस ऑफ ग्लोबल साउथ शिखर सम्मेलन की मेजबानी की थी। दूसरा संस्करण पिछले साल 17 नवंबर को आयोजित किया गया था। दोनों शिखर सम्मेलन आभासी प्रारूप में आयोजित किए गए।

पीएम मोदी ने दूसरे संस्करण में क्या कहा?

पीएम मोदी ने दूसरे संस्करण कहा कि वॉयस ऑफ ग्लोबल साउथ 21वीं सदी की बदलती हुई दुनिया का सबसे अनूठा मंच है। भौगोलिक रूप से ग्लोबल साउथ हमेशा से रहा है, लेकिन उसे इस प्रकार से आवाज पहली बार मिल रही है। ये हमारे साझा प्रयासों से हो पाया है। हम 100 से ज्यादा अलग-अलग देश हैं, लेकिन हमारे हित समान हैं, हमारी प्राथमिकताएं समान हैं।

केंद्रीय जल शक्ति मंत्रालय ने फ्लड वॉच इंडिया 2.0 ऐप लॉन्च किया

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केंद्रीय जल शक्ति मंत्री सी.आर. पाटिल ने नई दिल्ली में केंद्रीय जल आयोग (सीडब्ल्यूसी) द्वारा विकसित ‘फ्लडवॉच इंडिया’ मोबाइल एप्लिकेशन के संस्करण 2.0 को लॉन्च किया। केंद्रीय जल आयोग (सीडब्ल्यूसी) ने देश में बाढ़ की स्थिति से संबंधित जानकारी और जनता तक वास्तविक समय के आधार पर 7 दिनों तक बाढ़ के पूर्वानुमान को प्रसारित करने के लिए मोबाइल फोन का उपयोग करने के उद्देश्य से 17 अगस्त, 2023 को मोबाइल एप्लिकेशन का पहला संस्करण जारी किया था।

फ्लड वॉच इंडिया ऐप 2.0 स्मार्टफोन के माध्यम से देश भर में उपयोगकर्ताओं को वास्तविक समय के आधार पर बाढ़ की जानकारी प्रदान करेगा। फ्लड वॉच इंडिया ऐप 2.0, 2023 में लॉन्च किए गए फ्लड वॉच इंडिया ऐप का उन्नत संस्करण है और 2023 संस्करण की तुलना में देश में अधिक बाढ़ निगरानी स्टेशनों और जल जलाशयों को कवर करता है। फ्लड वॉच इंडिया 2.0 ऐप केंद्रीय जल आयोग द्वारा विकसित किया गया है, जो केंद्रीय जल शक्ति मंत्रालय के तहत आता है।

वास्तविक समय की निगरानी

ऐप सटीक और समय पर बाढ़ पूर्वानुमान देने के लिए उपग्रह डेटा विश्लेषण, गणितीय मॉडलिंग और वास्तविक समय की निगरानी जैसी अत्याधुनिक तकनीकों का उपयोग करता है। पहले संस्करण में 200 स्तर के पूर्वानुमान स्टेशनों पर बाढ़ के पूर्वानुमानों की जानकारी प्रदान की गई थी।

फ्लड वॉच इंडिया 2.0 ऐप पर उपलब्ध सुविधा

यह उपयोगकर्ता को वास्तविक समय के आधार पर 7 दिनों तक बाढ़ की स्थिति की जानकारी और पूर्वानुमान प्रदान करने में सक्षम है। इस पर 24 घंटे तक राज्य-वार/बेसिन-वार बाढ़ पूर्वानुमान उपलब्ध रहता है। संस्करण 2.0 में 592 बाढ़ निगरानी स्टेशनों पर बाढ़ पूर्वानुमानों की जानकारी प्रदान करता है। 2.0 संस्करण में देश के 150 प्रमुख जलाशयों की भंडारण स्थिति के बारे में अतिरिक्त जानकारी प्रदान करने की क्षमता है।

उपयोगकर्ता पहुँच

ऐप अंग्रेजी और हिंदी भाषा में जानकारी प्रदान करता है। यह उपयोगकर्ता को पठनीय और ऑडियो प्रसारण के माध्यम से जानकारी प्रदान करता है। यह ऐप एंड्रॉइड और iOS डिवाइस के लिए उपलब्ध है।

उद्देश्य और प्रभाव

अपग्रेड किए गए ऐप का उद्देश्य बाढ़ का व्यापक अवलोकन प्रदान करना है, जिससे उपयोगकर्ताओं को अपने आस-पास बाढ़ और जलाशय की स्थिति पर नज़र रखने में मदद मिलती है। निगरानी स्टेशनों की संख्या बढ़ाकर और जलाशय डेटा को शामिल करके, ऐप बाढ़ निगरानी क्षमताओं को बढ़ाता है और बेहतर तैयारी और प्रतिक्रिया प्रयासों का समर्थन करता है।

कैनबरा में आयोजित छठी भारत-ऑस्ट्रेलिया समुद्री सुरक्षा वार्ता

भारत-ऑस्ट्रेलिया व्यापक रणनीतिक साझेदारी को और मजबूत करने के प्रयास में, भारत और ऑस्ट्रेलिया ने दो महत्वपूर्ण द्विपक्षीय बैठकों की मेजबानी की। समुद्री सुरक्षा सुनिश्चित करने में आपसी सहयोग को मजबूत करने के लिए ऑस्ट्रेलिया ने अपनी राजधानी कैनबरा में छठी भारत-ऑस्ट्रेलिया समुद्री सुरक्षा वार्ता की मेजबानी की।

भारत ने नई दिल्ली में आतंकवाद-निरोध पर भारत-ऑस्ट्रेलिया संयुक्त कार्य समूह की 14वीं बैठक की मेजबानी की। आतंकवाद निरोध सहयोग भारत-ऑस्ट्रेलिया व्यापक रणनीतिक साझेदारी का एक महत्वपूर्ण स्तंभ है।

छठी भारत-ऑस्ट्रेलिया समुद्री सुरक्षा वार्ता

  • ऑस्ट्रेलिया की राजधानी कैनबरा शहर ने 13 अगस्त 2024 को आयोजित छठी भारत-ऑस्ट्रेलिया समुद्री सुरक्षा वार्ता की मेजबानी की।
  • भारत और ऑस्ट्रेलिया ने इसके अलावा अलग से समुद्री क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने के तरीकों पर भी विचार-विमर्श किया। दोनों पक्षों ने ऑस्ट्रेलिया की राजधानी कैनबरा में आयोजित छठी भारत-ऑस्ट्रेलिया समुद्री सुरक्षा वार्ता में इस मुद्दे पर चर्चा की।
  • विदेश मंत्रालय में निरस्त्रीकरण एवं अंतर्राष्ट्रीय सुरक्षा मामलों की संयुक्त सचिव मुआनपुई सैयावी ने भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व किया। सारा स्टोरी, प्रथम सहायक सचिव, दक्षिण एशिया और मध्य एशिया प्रभाग, विदेश मामले और व्यापार विभाग, और बर्नार्ड फिलिप, प्रथम सहायक सचिव, अंतर्राष्ट्रीय नीति, रक्षा विभाग, ने ऑस्ट्रेलियाई प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व किया।
  • दोनों देशों ने मानवीय सहायता और आपदा राहत (एचएडीआर), समुद्री संसाधनों के सतत उपयोग, खोज और बचाव अभियान, प्रदूषण प्रतिक्रिया, नीली अर्थव्यवस्था और बंदरगाह राज्य नियंत्रण के क्षेत्र में सहयोग को बढ़ावा देने के तरीकों पर चर्चा की।
  • अगली 7वीं भारत-ऑस्ट्रेलिया समुद्री सुरक्षा वार्ता नई दिल्ली में आयोजित की जाएगी

14वां भारत-ऑस्ट्रेलिया संयुक्त कार्य समूह की बैठक

आतंकवाद-निरोध पर भारत-ऑस्ट्रेलिया संयुक्त कार्य समूह की 14वीं बैठक 12 अगस्त 2024 को नई दिल्ली में आयोजित की गई। भारतीय पक्ष का नेतृत्व भारत के विदेश मंत्रालय में आतंकवाद-निरोध के लिए संयुक्त सचिव के.डी. देवल ने किया जबकि ऑस्ट्रेलियाई प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व ऑस्ट्रेलिया के विदेश मामलों और व्यापार विभाग में आतंकवाद-निरोध के राजदूत रिचर्ड फीकेस ने किया।

दोनों देशों ने आतंकवाद से निपटने में सहयोग को मजबूत करने के तरीकों पर चर्चा की और क्षेत्रीय और वैश्विक आतंकवाद के खतरे पर विचारों का आदान-प्रदान किया। उन्होंने आतंकवाद के सभी रूपों की निंदा की और आतंकवाद से निपटने के लिए अंतर्राष्ट्रीय सहयोग को मजबूत करने की आवश्यकता पर जोर दिया। आतंकवाद-निरोध पर अगले 15वें भारत-ऑस्ट्रेलिया संयुक्त कार्य समूह की मेजबानी कैनबरा में ऑस्ट्रेलिया द्वारा की जाएगी।

पीआर श्रीजेश बने जूनियर पुरुष हॉकी टीम के नए मुख्य कोच

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हॉकी इंडिया (एचआई) ने आधिकारिक तौर पर घोषणा की है कि सेवानिवृत्त गोलकीपर पीआर श्रीजेश भारतीय जूनियर पुरुष हॉकी टीम के नए मुख्य कोच होंगे। यह निर्णय 2024 ओलंपिक में भारत की हालिया कांस्य पदक जीत के बाद लिया गया है।

घोषणा और महत्व

यह घोषणा 8 अगस्त, 2024 को की गई, जब भारत ने स्पेन को 2-1 से हराकर कांस्य पदक हासिल किया। मैच के दौरान श्रीजेश के महत्वपूर्ण बचाव भारत की सफलता के लिए महत्वपूर्ण थे। खिलाड़ी से कोच तक का उनका बदलाव उनके करियर में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है।

हॉकी इंडिया ने सोशल मीडिया पर श्रीजेश की नई भूमिका का जश्न मनाते हुए अपनी खुशी जाहिर की। संस्था ने इंस्टाग्राम पर पोस्ट किया: “दिग्गज ने एक और शानदार कदम उठाया। पी आर श्रीजेश को जूनियर पुरुष हॉकी टीम का नया मुख्य कोच नियुक्त किया गया है। खेलने से लेकर कोचिंग तक, आप सभी युवाओं को प्रेरित करते रहते हैं। आपके कोचिंग कार्यकाल का बेसब्री से इंतजार है!”

श्रीजेश ने पहले ही अपने संन्यास की घोषणा कर दी थी, जिसमें उन्होंने कोचिंग के प्रति अपनी प्रतिबद्धता पर जोर दिया था। उन्होंने विभिन्न कोचों के साथ अपने व्यापक अनुभव और मैदान पर एक संचारक और आयोजक के रूप में अपनी भूमिका पर विचार किया। उन्होंने कोचिंग के लिए गहरा जुनून और इस नई भूमिका में अपने विशाल अनुभव का लाभ उठाने की इच्छा व्यक्त की।

HI के महासचिव भोला नाथ सिंह ने पुष्टि की कि इस निर्णय पर भारतीय खेल प्राधिकरण (SAI) और भारत सरकार के साथ चर्चा की जाएगी। श्रीजेश के कांस्य पदक जीतने के जश्न के बाद आधिकारिक तौर पर अपना नया पद संभालने की उम्मीद है।

पीआर श्रीजेश की पदक उपलब्धियां

2014: भारतीय पुरुष हॉकी टीम के साथ इंचियोन एशियाई खेलों में स्वर्ण पदक जीता।

2016: भारतीय पुरुष हॉकी टीम के साथ रियो ओलंपिक में रजत पदक हासिल किया।

2020: भारतीय पुरुष हॉकी टीम के साथ टोक्यो ओलंपिक में कांस्य पदक जीता।

2024: भारतीय पुरुष हॉकी टीम के साथ पेरिस ओलंपिक में कांस्य पदक जीता।

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यूट्यूब की पूर्व सीईओ सुसान वोज्स्की का कैंसर से निधन

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टेक इंडस्ट्री की अग्रणी हस्ती और यूट्यूब की पूर्व सीईओ सुज़ैन वोज्स्की का 56 साल की उम्र में कैंसर से दो साल की लड़ाई के बाद निधन हो गया है। उनके पति डेनिस ट्रॉपर ने 9 अगस्त को उनकी मौत की खबर की पुष्टि की।

सुसान डायने वोज्स्की कौन थीं?

सुसान डायने वोज्स्की एक अमेरिकी व्यापारिक कार्यकारी थीं, जिन्होंने 2014 से 2023 तक यूट्यूब के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) के रूप में कार्य किया। 2022 में उनकी कुल संपत्ति का अनुमान $765 मिलियन था। वोज्स्की ने 20 से अधिक वर्षों तक प्रौद्योगिकी उद्योग में काम किया। वह 1998 में गूगल के निर्माण में शामिल हुईं, जब उन्होंने कंपनी के संस्थापकों को अपने गैराज को कार्यालय के रूप में किराए पर दिया।

गूगल की पहली मार्केटिंग मैनेजर

वह 1999 में गूगल की पहली मार्केटिंग मैनेजर बनीं और बाद में कंपनी के ऑनलाइन विज्ञापन व्यवसाय और मूल वीडियो सेवा का नेतृत्व किया। यूट्यूब की सफलता को देखने के बाद, उन्होंने गूगल को इसे खरीदने का सुझाव दिया; 2006 में $1.65 बिलियन में यह सौदा स्वीकृत हुआ। उन्हें 2014 में यूट्यूब का सीईओ नियुक्त किया गया, और फरवरी 2023 में इस्तीफा देने तक इस पद पर रहीं।

एक नए अध्याय की शुरुआत की इच्छा

वोज्स्की, जो टेक्नोलॉजी सेक्टर में महिलाओं के लिए एक पथप्रदर्शक थीं, ने 2023 में नौ साल के कार्यकाल के बाद यूट्यूब के सीईओ पद से इस्तीफा दिया। उन्होंने “अपने परिवार, स्वास्थ्य, और उन व्यक्तिगत परियोजनाओं पर ध्यान केंद्रित करने के लिए एक नया अध्याय शुरू करने” की इच्छा को अपने प्रस्थान का कारण बताया। वोज्स्की ने उस समय की घोषणा में कहा था, “यह मेरे जीवन के सबसे अच्छे निर्णयों में से एक होगा।”

यूट्यूब में अपनी भूमिका से पहले, वोज्स्की ने गूगल में वरिष्ठ उपाध्यक्ष के रूप में विज्ञापन उत्पादों के लिए कार्य किया, जहां उन्होंने कंपनी की वृद्धि में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उनके करियर में इंटेल और बैन एंड कंपनी में भी कार्यकाल शामिल था, जिसके बाद वह गूगल के शुरुआती दिनों में कंपनी में शामिल हुईं। उनके प्रस्थान के बाद, फरवरी 2023 में भारतीय-अमेरिकी नील मोहन को यूट्यूब का नया सीईओ नियुक्त किया गया, जिन्होंने गूगल के स्वामित्व वाली कंपनी के साथ वोज्स्की के 25 साल के उल्लेखनीय करियर के बाद उनका स्थान लिया।

Former YouTube CEO Susan Wojcicki Passes Away After Battle With Cancer_4.1

‘भारत के 75 महान क्रांतिकारी’ पुस्तक का विमोचन

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राज्यसभा उपसभापति हरिवंश नारायण सिंह ने 11 अगस्त को राज्यसभा सांसद भीम सिंह की नवीनतम पुस्तक ‘भारत के 75 महान क्रांतिकारी’ के विमोचन समारोह में भाग लिया। सिंह ने इस कार्य की प्रशंसा करते हुए कहा कि यह पुस्तक उन कम ज्ञात स्वतंत्रता सेनानियों को उजागर करती है, जिनके योगदान को अक्सर भुला दिया जाता है। इस पुस्तक का उद्देश्य ऐतिहासिक बलिदानों को पहचान कर विकसित भारत के निर्माण की प्रेरणा देना है।

विमोचन समारोह में उपस्थित लोग

राज्यसभा उपसभापति हरिवंश नारायण सिंह ने 11 अगस्त को राज्यसभा सांसद भीम सिंह की नवीनतम पुस्तक ‘भारत के 75 महान क्रांतिकारी’ के विमोचन समारोह में भाग लिया।

कम ज्ञात नायकों पर प्रकाश

सिंह ने इस रचनात्मक और प्रेरणादायक कार्य की सराहना करते हुए कहा, “राज्यसभा सांसद भीम सिंह ने कम ज्ञात नायकों के योगदान को उजागर किया है।” उन्होंने यह भी बताया कि सांसद ने इस पुस्तक के लिए, अन्य तीन पुस्तकों के साथ, तथ्यों का विस्तृत शोध और संकलन किया है, जो अनसंग क्रांतिकारियों के बलिदानों का उत्सव मनाते हैं।

प्रेरणा का स्रोत

सिंह ने इस बात पर जोर दिया कि यह पुस्तक ‘विकसित भारत’ के निर्माण के लिए प्रेरणा का स्रोत है। ‘कई इतिहासकारों ने बताया है कि भविष्य के लिए ताकत अतीत से ली जाती है। इस पुस्तक में 75 क्रांतिकारियों की कहानियाँ भारत के विकास में योगदान देने की भावना और महत्वाकांक्षा को बढ़ावा देती हैं,’ सिंह ने कहा।

स्वतंत्रता सेनानियों को श्रद्धांजलि

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी महात्मा गांधी द्वारा नेतृत्व किए गए भारत छोड़ो आंदोलन की याद में स्वतंत्रता सेनानियों को श्रद्धांजलि दी। पीएम मोदी ने पोस्ट किया, “बापू के नेतृत्व में भारत छोड़ो आंदोलन में भाग लेने वाले सभी लोगों को श्रद्धांजलि। यह वास्तव में हमारे स्वतंत्रता संग्राम में एक महत्वपूर्ण क्षण था।” भारत छोड़ो आंदोलन ने भारत से ‘व्यवस्थित ब्रिटिश वापसी’ की मांग की। हर साल, इस दिन को अगस्त क्रांति दिवस के रूप में मनाया जाता है।

भारत छोड़ो आंदोलन के बारे में

भारत छोड़ो आंदोलन, जिसे अगस्त क्रांति के नाम से भी जाना जाता है, गांधी जी द्वारा भारत से “अंग्रेजों की व्यवस्थित वापसी” के आह्वान के लिए जाना जाता है। इस अवधि के दौरान उनके भाषणों ने हर उस भारतीय को प्रोत्साहित किया जो स्वतंत्रता चाहता था कि वह अपना मार्गदर्शक खुद बने। इस दिन को हर साल अगस्त क्रांति दिवस के रूप में मनाया जाता है, जो देश की आजादी के लिए किए गए अथक संघर्ष की याद दिलाता है।

Book Launch Spotlight: '75 Great Revolutionaries of India'_4.1

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