क्या हैं DPDP Rule 2025? सब कुछ यहां जानें

इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने डिजिटल पर्सनल डेटा प्रोटेक्शन (DPDP) नियम 2025 को आधिकारिक रूप से लागू कर दिया है। इसके साथ ही, अब DPDP 2023 एक्ट पूरी तरह से लागू हो गया है। ये नए नियम यूजर्स को कंपनियों द्वारा इक्ट्ठा और संसाधित किए जा रहे उनके व्यक्तिगत डेटा की पूरी जानकारी देगें। साथ ही, इन नियमों से यूजर्स को यह भी पता चलेगा कि कंपनियां उनके डेटा का उपयोग कैसे करेंगी। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि 11 अगस्त, 2023 को संसद में DPDP एक्ट पास हुआ था।

यह महत्वपूर्ण कदम व्यक्तिगत गोपनीयता की सुरक्षा सुनिश्चित करते हुए डिजिटल निजी डेटा के जिम्मेदार उपयोग को बढ़ावा देने वाला एक व्यापक, नागरिक-केंद्रित कानूनी ढांचा प्रदान करता है। इन नियमों का निर्माण एक समावेशी राष्ट्रीय परामर्श प्रक्रिया के बाद किया गया, जिसमें स्टार्टअप्स, उद्योग संगठनों, नागरिक समाज, सरकारी विभागों और आम नागरिकों सहित विभिन्न हितधारकों से कुल 6,915 सुझाव प्राप्त हुए।

जिम्मेदार डिजिटल डेटा शासन के नए युग की शुरुआत करते हुए, DPDP अधिनियम और नियम एक ऐसा संतुलित डिजिटल पारिस्थितिकी तंत्र बनाने का लक्ष्य रखते हैं, जिसमें गोपनीयता, नवाचार और डिजिटल विकास साथ-साथ बढ़ सकें। यह ढांचा SARAL सिद्धांत—सरल, सुलभ, तार्किक और क्रियाशील—पर आधारित है। अधिनियम सभी डिजिटल निजी डेटा पर लागू होता है और नागरिकों को स्पष्ट अधिकार तथा संगठनों को निश्चित ज़िम्मेदारियाँ प्रदान करता है, जिससे लोग अपने डेटा को आसानी से समझ, एक्सेस और नियंत्रित कर सकें।

DPDP नियम, 2025 की प्रमुख विशेषताएँ:

  1. चरणबद्ध कार्यान्वयन:
    नियमों के पालन हेतु 18 महीने की व्यावहारिक अवधि दी गई है, ताकि संगठन अपनी प्रणालियों को नए मानकों के अनुरूप ढाल सकें और ‘प्राइवेसी-बाय-डिज़ाइन’ को अपनाते हुए अनुपालन सुनिश्चित कर सकें।

  2. अनिवार्य सहमति नोटिस:
    किसी भी निजी डेटा की प्रोसेसिंग से पहले सभी डेटा फिड्यूशियरी को स्पष्ट, सरल और उद्देश्य-विशिष्ट सहमति नोटिस जारी करने होंगे। सहमति प्रबंधक (Consent Managers) भारत-आधारित और पूर्णतः इंटरऑपरेबल प्लेटफॉर्म प्रदान करेंगे।

  3. डेटा उल्लंघन प्रोटोकॉल:
    डेटा ब्रीच की स्थिति में संगठनों को प्रभावित व्यक्तियों को सरल भाषा में तुरंत सूचित करना होगा—उल्लंघन का प्रकार, प्रभाव, उठाए गए कदम और उपलब्ध सहायता की जानकारी सहित।

  4. नागरिक सशक्तिकरण एवं डिजिटल अधिकार:
    नियम नागरिकों के निम्नलिखित डिजिटल अधिकारों को लागू करते हैं:

    • सहमति देने या अस्वीकार करने का अधिकार

    • उपयोग के उद्देश्य को जानने का अधिकार

    • डेटा तक पहुंच, संशोधन, अपडेट या मिटाने का अधिकार

    • किसी नामांकित व्यक्ति को अधिकृत करने का अधिकार

    • 90 दिनों के भीतर जवाब पाने का अधिकार

    • डेटा उल्लंघन के दौरान सुरक्षा का अधिकार
      बच्चों और दिव्यांग व्यक्तियों के लिए विशेष प्रावधान भी जोड़े गए हैं, जिनमें सत्यापित अभिभावक की सहमति अनिवार्य है।

  5. स्पष्ट शिकायत निवारण तंत्र:
    संगठनों को डेटा संबंधी शिकायतों हेतु संपर्क विवरण प्रकाशित करना होगा। महत्वपूर्ण डेटा फिड्यूशियरी को स्वतंत्र ऑडिट, जोखिम मूल्यांकन और परिस्थिति अनुसार डेटा स्थानीयकरण जैसी अतिरिक्त जिम्मेदारियाँ निभानी होंगी।

  6. पूर्णतः डिजिटल डेटा प्रोटेक्शन बोर्ड:
    डेटा प्रोटेक्शन बोर्ड ऑफ इंडिया चार सदस्यों वाला डिजिटल-प्रथम प्राधिकरण होगा। नागरिक ऑनलाइन शिकायत दर्ज कर सकेंगे, मामले की प्रगति ट्रैक कर सकेंगे और निर्णयों के विरुद्ध TDSAT में अपील कर सकेंगे।

DPDP अधिनियम के अंतर्गत दंड:

  • सुरक्षा उपाय लागू न करने पर: ₹250 करोड़ तक

  • बच्चों से संबंधित उल्लंघनों या डेटा ब्रीच की सूचना न देने पर: ₹200 करोड़ तक

  • अन्य उल्लंघनों पर: ₹50 करोड़ तक

ये दंड जवाबदेही सुनिश्चित करने और बेहतर डेटा प्रथाओं को प्रोत्साहित करने के लिए बनाए गए हैं।

RTI अधिनियम के साथ सामंजस्य:
DPDP अधिनियम ने RTI अधिनियम की धारा 8(1)(j) में संशोधन कर इसे सुप्रीम कोर्ट द्वारा मान्यता प्राप्त गोपनीयता के मौलिक अधिकार के अनुरूप बनाया है। अब:

  • व्यक्तिगत डेटा का प्रकटीकरण केवल तभी होगा जब सार्वजनिक हित उससे होने वाले नुकसान से अधिक हो।

  • धारा 8(2) जस की तस बनी रहेगी, जिससे शासन में पारदर्शिता सुनिश्चित होगी।

  • गोपनीयता और जन-हितकारी सूचना तक पहुंच के बीच संतुलन स्पष्ट और न्यायालय-अनुरूप रहेगा।

DPDP नियम, 2025 — मुख्य तथ्य:

  • अधिसूचित: 14 नवंबर 2025

  • अधिनियम लागू: 11 अगस्त 2023

  • प्राप्त सुझाव: 6,915

  • अनुपालन अवधि: 18 महीने

  • नियामक प्राधिकरण: डेटा प्रोटेक्शन बोर्ड ऑफ इंडिया

  • प्रमुख अवधारणाएँ: डेटा प्रिंसिपल, डेटा फिड्यूशियरी, कंसेंट मैनेजर, डेटा प्रोसेसर

  • अपीलीय प्राधिकारी: TDSAT

  • अधिकतम दंड: ₹250 करोड़

सोलहवें वित्त आयोग ने 2026-31 के लिए राष्ट्रपति को रिपोर्ट सौंपी

16वें वित्त आयोग की रिपोर्ट तैयार हो गई है। आयोग के चेयरमैन अरविंद पनगढ़िया ने 17 नवंबर 2025 को यह रिपोर्ट राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को सौंप दी। इसके बाद आयोग के सदस्य प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी मिले। आयोग की यह रिपोर्ट आने वाले वर्षों में केंद्र और राज्यों के बीच टैक्स शेयरिंग यानी करों के बंटवारे का पूरा फार्मूला तय करेगी।

यह रिपोर्ट 1 अप्रैल 2026 से 31 मार्च 2031 तक की पाँच वर्षीय अवधि के लिए भारत की वित्तीय योजना का आधार बनेगी। यह केंद्र और राज्यों के बीच कर-वितरण, अनुदान, आपदा प्रबंधन वित्त और समग्र राजकोषीय ढांचे को निर्धारित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।

वित्त आयोग क्या है?

अनुच्छेद 280 के तहत गठित वित्त आयोग एक संवैधानिक निकाय है, जिसका कार्य है:

  • केंद्र और राज्यों के बीच करों के शुद्ध आय-वितरण की सिफारिश

  • राज्यों के बीच इस आय का विभाजन

  • अनुदानों के लिए सिद्धांत तय करना

  • आपदा प्रबंधन के लिए वित्तीय व्यवस्था का सुझाव देना

  • राष्ट्रपति द्वारा संदर्भित किसी भी अतिरिक्त विषय पर परामर्श देना

सोलहवीं वित्त आयोग का गठन वर्ष 2023 में किया गया था और अब इसने 2026–31 की अवधि के लिए अपनी सिफारिशें पूरी कर ली हैं।

सोलहवां वित्त आयोग: मुख्य सदस्य

  • अध्यक्ष: डॉ. अरविंद पनगढ़िया

  • सदस्य:

    • स्मिता एनी जॉर्ज मैथ्यू

    • डॉ. मनोज पांडा

    • श्री टी. रबी शंकर

    • डॉ. सौम्यकांति घोष

  • सचिव: श्री ऋत्विक पांडे

रिपोर्ट राष्ट्रपति को सौंपने के बाद प्रधानमंत्री और वित्त मंत्री को भी इसकी प्रतियाँ प्रस्तुत की गईं।

सोलहवां वित्त आयोग रिपोर्ट का दायरा

रिपोर्ट में वित्तीय संघवाद से जुड़े कई बिंदु शामिल हैं:

  • वर्टिकल डिवॉल्यूशन: केंद्र और राज्यों में कर-विभाजन का हिस्सा

  • हॉरिज़ॉन्टल डिवॉल्यूशन: राज्यों के बीच वितरण (जनसंख्या, आय-अंतर, क्षेत्रफल आदि के आधार पर)

  • प्रदर्शन आधारित अनुदान: शिक्षा, स्वास्थ्य, स्वच्छता, हरित पहलों आदि के लिए

  • राजस्व घाटा अनुदान

  • आपदा जोखिम वित्तपोषण की समीक्षा

  • स्थानीय निकायों के लिए वित्तीय सिफारिशें

रिपोर्ट तैयार करने की प्रक्रिया

रिपोर्ट व्यापक सलाह-मशविरे और अध्ययन पर आधारित है:

  • केंद्र और सभी राज्यों से परामर्श

  • ग्रामीण व शहरी स्थानीय निकायों से बातचीत

  • पूर्व वित्त आयोगों के सदस्यों से विचार-विमर्श

  • प्रमुख शैक्षणिक व अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं से इनपुट

  • विशेषज्ञों और सलाहकार परिषद के साथ कई दौर की चर्चाएँ

रिपोर्ट की संरचना

रिपोर्ट दो खंडों में प्रस्तुत की गई है:

  • वॉल्यूम I: मुख्य सिफारिशें व नीतिगत ढांचा

  • वॉल्यूम II: परिशिष्ट, डेटा तालिकाएँ और विश्लेषण

संविधान के अनुच्छेद 281 के अनुसार, रिपोर्ट संसद में पेश किए जाने के बाद सार्वजनिक की जाएगी।

मुख्य स्थैतिक तथ्य

  • संवैधानिक आधार: अनुच्छेद 280

  • अध्यक्ष: डॉ. अरविंद पनगढ़िया

  • सदस्य: स्मिता एनी जॉर्ज मैथ्यू, डॉ. मनोज पांडा, टी. रबी शंकर, डॉ. सौम्यकांति घोष

  • सचिव: ऋत्विक पांडे

  • अवार्ड अवधि: 2026–27 से 2030–31

  • रिपोर्ट: 17 नवंबर 2025

  • संसद में पेश: अनुच्छेद 281 के तहत

  • मुख्य फोकस: कर-वितरण, अनुदान, आपदा प्रबंधन, स्थानीय निकाय वित्त

  • रिपोर्ट के खंड: दो

राष्ट्रीय गोपाल रत्न पुरस्कार 2025 की घोषणा

मत्स्य, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय (MoFAHD) ने आधिकारिक रूप से राष्ट्रीय गोपाल रत्न पुरस्कार (NGRA) 2025 की घोषणा कर दी है। यह पुरस्कार भारत के पशुधन और डेयरी क्षेत्र का एक सर्वोच्च नागरिक सम्मान माना जाता है। पुरस्कार राष्ट्रीय दुग्ध दिवस (26 नवंबर 2025) के अवसर पर प्रदान किए जाएंगे, जो भारत के ‘मिल्कमैन’ डॉ. वर्गीज़ कुरियन की जयंती पर मनाया जाता है।

इस वर्ष प्राप्त 2,081 आवेदनों में से तीन श्रेणियों—सर्वश्रेष्ठ डेयरी किसान, सर्वश्रेष्ठ डेयरी सहकारी संघ/FPO/मिल्क प्रोड्यूसर कंपनी, और सर्वश्रेष्ठ कृत्रिम गर्भाधान तकनीशियन (AIT)—में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वालों का चयन किया गया है।

पुरस्कारों का उद्देश्य: भारत की डेयरी उत्कृष्टता को बढ़ावा देना

राष्ट्रिय गोपाल रत्न पुरस्कार की शुरुआत 2021 में राष्ट्रीय गोकुल मिशन (RGM) के तहत की गई थी। इसका उद्देश्य है—

  • डेयरी किसानों और सहकारी संस्थाओं के प्रयासों को पहचानना और सम्मानित करना

  • देशी गाय-भैंस नस्लों के वैज्ञानिक प्रबंधन को प्रोत्साहित करना

  • दुग्ध उत्पादन और प्रजनन तकनीकों में नवाचार व स्थिरता बढ़ाना

  • भारत की ‘विश्व के सबसे बड़े दुग्ध उत्पादक देश’ के रूप में स्थिति को मजबूत करना

  • AITs की भूमिका को उजागर करना, जो उन्नत प्रजनन सेवाओं के जरिए आनुवंशिक गुणवत्ता सुधारते हैं

राष्ट्रीय दुग्ध दिवस 2025 पर सम्मान समारोह

यह समारोह केंद्रीय मंत्री श्री राजीव रंजन सिंह (ललन सिंह) तथा राज्य मंत्री प्रो. एस. पी. सिंह बघेल और श्री जॉर्ज कुरियन की उपस्थिति में आयोजित होगा। विजेताओं को मिलेगा—

  • मेरिट प्रमाणपत्र

  • मोमेंटो

  • नकद पुरस्कार (पहली दो श्रेणियों में)

नकद पुरस्कार राशि:

  • प्रथम पुरस्कार: ₹5,00,000

  • द्वितीय पुरस्कार: ₹3,00,000

  • तृतीय पुरस्कार: ₹2,00,000

  • पूर्वोत्तर/हिमालयी राज्यों के विशेष पुरस्कार: ₹2,00,000

ध्यान दें: AIT श्रेणी में केवल प्रमाणपत्र और मोमेंटो प्रदान किया जाएगा, कोई नकद पुरस्कार नहीं

NGRA 2025 विजेता: श्रेणीवार सूची

1. देशी नस्लों को पालने वाले सर्वश्रेष्ठ डेयरी किसान

(Non-NER क्षेत्र)

  • 1st: श्री अरविंद यशवंत पाटिल (कोल्हापुर, महाराष्ट्र)

  • 2nd: डॉ. कंकनाला कृष्ण रेड्डी (हैदराबाद, तेलंगाना)

  • 3rd (संयुक्त): श्री हर्षित झूरिया (सीकर, राजस्थान)

  • 3rd (संयुक्त): कुमारी श्रद्धा सत्यवान धवन (अहमदनगर, महाराष्ट्र)

(NER/हिमालयी क्षेत्र)

  • श्रीमती विजय लता (हमीरपुर, हिमाचल प्रदेश)

  • श्री प्रदीप पांगड़िया (चंपावत, उत्तराखंड)

2. सर्वश्रेष्ठ डेयरी सहकारी/FPO/मिल्क प्रोड्यूसर कंपनी

(Non-NER क्षेत्र)

  • 1st: मीनन गड़ी क्षीरोल्पादक सहकारणा संघम लिमिटेड (वायनाड, केरल)

  • 2nd (संयुक्त): कुन्नमकट्टुपथी क्षीरोल्पादक सहकारणा संघम (पालक्काड़, केरल)

  • 2nd (संयुक्त): घिनोई दुग्ध उत्पादक सहकारी समिति (जयपुर, राजस्थान)

  • 3rd: TYSPL 37 सेंदुरई मिल्क प्रोड्यूसर्स कोऑपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड (अरियालुर, तमिलनाडु)

(NER/हिमालयी क्षेत्र)

  • कुल्हा दूध उत्पादक सहकारी समिति (ऊधम सिंह नगर, उत्तराखंड)

3. सर्वश्रेष्ठ कृत्रिम गर्भाधान तकनीशियन (AIT)

(Non-NER क्षेत्र)

  • 1st: श्री दिलीप कुमार प्रधान (अनुगुल, ओडिशा)

  • 2nd: श्री विकास कुमार (हनुमानगढ़, राजस्थान)

  • 3rd: श्रीमती अनुराधा चकली (नांदयाल, आंध्र प्रदेश)

(NER/हिमालयी क्षेत्र)

  • श्री दिलुवर हसन (बारपेटा, असम)

मुख्य स्थैतिक तथ्य: गोपाल रत्न पुरस्कार 2025

  • घोषणा द्वारा: पशुपालन एवं डेयरी विभाग, MoFAHD

  • अवसर: राष्ट्रीय दुग्ध दिवस – 26 नवंबर 2025

  • शुरुआत वर्ष: 2021 (राष्ट्रीय गोकुल मिशन)

  • कुल आवेदन: 2,081

  • श्रेणियाँ: सर्वश्रेष्ठ डेयरी किसान, सर्वश्रेष्ठ DCS/FPO/MPC, सर्वश्रेष्ठ AIT

  • शीर्ष नकद पुरस्कार: ₹5 लाख

  • AIT श्रेणी: केवल प्रमाणपत्र और मोमेंटो

  • उद्देश्य: देशी नस्ल संरक्षण, डेयरी नवाचार, बेहतर प्रजनन दक्षता

भारत 2025 एशियाई तीरंदाजी चैंपियनशिप में शीर्ष पर

ढाका में आयोजित 24वीं एशियन आर्चरी चैंपियनशिप में भारत ने शानदार प्रदर्शन करते हुए रिकॉर्ड 10 पदक (6 स्वर्ण, 3 रजत, 1 कांस्य) जीते और शीर्ष स्थान हासिल किया। यह एशियाई तीरंदाजी के शक्ति-संतुलन में एक बड़ा बदलाव है, जिसमें अंकिता भावगत और धीरज बोम्मादेवारा ने रिकर्व व्यक्तिगत स्पर्धाओं में स्वर्ण जीतकर दक्षिण कोरिया की लंबे समय से चली आ रही बढ़त को तोड़ा।

स्वर्णिम प्रदर्शन: अंकिता और धीरज की चमक

अंकिता भावगत – महिला रिकर्व स्वर्ण

अंकिता ने फाइनल में दक्षिण कोरिया की ओलंपिक रजत पदक विजेता नाम सुह्येओन को 7-3 से चौंकाते हुए हराया।
सेमीफाइनल में उन्होंने पूर्व विश्व नंबर एक दीपिका कुमारी को शूट-ऑफ में मात दी—जो उनकी मानसिक मजबूती और कौशल का बड़ा प्रमाण है।

धीरज बोम्मादेवारा – पुरुष रिकर्व स्वर्ण

धीरज ने अपने हमवतन राहुल को 6-2 से हराकर पुरुष वर्ग में स्वर्ण जीता, जिससे भारत ने 1–2 फिनिश हासिल की। यह भारत की बढ़ती प्रतिभा और घरेलू प्रशिक्षण प्रणाली की सफलता को दर्शाता है।

टीम इवेंट्स ने और बढ़ाई भारत की चमक

भारत की कुल पदक संख्या टीम स्पर्धाओं में दमदार प्रदर्शन की वजह से और बढ़ गई।

रिकर्व श्रेणी में

  • महिला रिकर्व टीम, जिसमें अंकिता भी शामिल थीं, ने फाइनल में रोमांचक मुकाबले में कोरिया को हराकर स्वर्ण जीता।

  • संगीता ने महिला रिकर्व में कांस्य जीता, जहाँ उन्होंने दीपिका कुमारी को शूट-ऑफ में हराया।

कंपाउंड श्रेणी में

  • महिला कंपाउंड टीम (दीपशिखा, ज्योति शूरखा वेणम, पृथिका प्रदीप) ने कोरिया को 236–234 से हराकर स्वर्ण जीता।

  • कंपाउंड मिक्स्ड टीम (अभिषेक वर्मा और दीपशिखा) ने बांग्लादेश को हराकर स्वर्ण हासिल किया।

  • पुरुष कंपाउंड टीम ने कजाख़स्तान के खिलाफ कड़े मुकाबले में रजत पर संतोष किया।

इन उपलब्धियों ने दिखाया कि भारत रिकर्व और कंपाउंड—दोनों ही क्षेत्रों में सामरिक रूप से मजबूत और संतुलित है।

कोरिया का दबदबा टूटा: एशियाई तीरंदाजी का नया दौर

पिछले दो दशकों से एशिया में रिकर्व इवेंट पर दक्षिण कोरिया का दबदबा था। लेकिन इस वर्ष भारत ने विशेष रूप से पुरुष टीम रिकर्व में कोरिया की 12 साल पुरानी विजयी श्रृंखला तोड़ दी। यह एशियाई तीरंदाजी में भारत के उभरते सुपरपावर बनने का संकेत है।

यह सफलता बेहतर प्रशिक्षण, आधुनिक सुविधाओं, और बढ़ते प्रतिस्पर्धी अवसरों—जैसे आर्चरी प्रीमियर लीग—का परिणाम है।

पदक तालिका: भारत का दबदबा

  • स्वर्ण: 6

  • रजत: 3

  • कांस्य: 1

  • कुल पदक: 10 (भारत का अब तक का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन)

प्रभाव: गर्व, प्रगति और अपार संभावनाएँ

2025 एशियन आर्चरी चैंपियनशिप में भारत की चमकदार सफलता सिर्फ खेल उपलब्धि नहीं, बल्कि देश की उभरती खेल आकांक्षा और एकता का प्रतीक है।
यह बताती है कि सही निवेश, प्रशिक्षण और अवसर मिलने पर भारतीय खिलाड़ी वैश्विक स्तर पर शानदार प्रदर्शन कर सकते हैं।

अंकिता भावगत, धीरज बोम्मादेवारा और अन्य खिलाड़ियों के प्रदर्शन ने युवा पीढ़ी में नया आत्मविश्वास जगाया है।

मुख्य स्थैतिक तथ्य

  • इवेंट: 24वीं एशियन आर्चरी चैंपियनशिप

  • स्थान: ढाका, बांग्लादेश

  • भारत के पदक: 10 (6 स्वर्ण, 3 रजत, 1 कांस्य)

  • व्यक्तिगत स्वर्ण:

    • अंकिता भावगत — महिला रिकर्व

    • धीरज बोम्मादेवारा — पुरुष रिकर्व

  • टीम स्वर्ण:

    • महिला रिकर्व टीम

    • महिला कंपाउंड टीम

    • कंपाउंड मिक्स्ड टीम

  • रजत: पुरुष कंपाउंड टीम

  • कांस्य: संगीता (महिला रिकर्व)

  • कोरिया की रिकर्व में 12 साल की बादशाहत समाप्त

वालेंसिया मोटोजीपी 2025 में मार्को बेजेकी ने दर्ज की जीत

अप्रीलिया रेसिंग के मार्को बेजेकी ने वालेंसिया MotoGP 2025 (मोटोजीपी 2025) रेस में जीत हासिल कर सीजन का शानदार अंत किया। 27 वर्षीय बेजेकी पहले ही शनिवार की स्प्रिंट रेस में चैम्पियनशिप का तीसरा स्थान पक्का कर चुके थे। पोल पोजिशन से शुरुआत करते हुए उन्होंने ट्रैकहाउस टीम के राउल फर्नांडीज को पीछे रखते हुए पहला स्थान सुरक्षित किया। यह लगातार दूसरी जीपी जीत थी, जो पहली बार अप्रैलिया (Aprilia) ने हासिल की है। इसी के साथ अप्रीलिया ने अपने मोटोजीपी इतिहास में पहली बार ओवरऑल टॉप-3 फिनिश दर्ज किया।

शुरू से अंत तक दबदबा

बेजेकी ने अपनी रफ्तार क्वालिफाइंग से ही दिखा दी थी, जहाँ उन्होंने पोल पोज़िशन हासिल की। कड़े मुकाबले के बावजूद उन्होंने स्पेन के राउल फर्नांडीज़ (Trackhouse) और इटली के फैबियो दी जियानन्टोनियो (Ducati) को पछाड़ते हुए रेस जीती।

27 वर्षीय बेजेकी की यह सीज़न की तीसरी जीत थी, लेकिन लगातार दो जीत का रिकॉर्ड इसलिए खास है क्योंकि इससे पहले कोई भी Aprilia राइडर ऐसा नहीं कर पाया था।

Aprilia Racing के लिए बड़ा सफलता वर्ष

इस सीज़न ने Aprilia को MotoGP में एक नए स्तर पर पहुँचा दिया। बेजेकी के लगातार मजबूत प्रदर्शन—जिनमें वैलेंसिया स्प्रिंट में पाँचवाँ स्थान भी शामिल है—ने टीम की तकनीकी प्रगति और रेसिंग परिपक्वता दिखा दी।

चैंपियनशिप में कुल तीसरा स्थान हासिल करना Aprilia के इतिहास का पहला ऐसा मौका है, जिससे यह संदेश जाता है कि 2026 में Aprilia खिताब की मजबूत दावेदार रहेगी।

मार्क मार्केज़ की अनुपस्थिति, एलेक्स मार्केज़ का चमकना

सात बार के वर्ल्ड चैंपियन मार्क मार्केज़, जिन्होंने जापान में 2025 का खिताब जीत लिया था, कॉलरबोन की चोट के कारण सीज़न के अंत में अनुपस्थित रहे।

इस बीच उनके भाई एलेक्स मार्केज़ ने शानदार सीज़न खेला—चैंपियनशिप में दूसरा स्थान, वैलेंसिया स्प्रिंट रेस जीत, और मेन रेस में छठा स्थान।
मार्केज़ भाइयों का दबदबा जारी है, लेकिन 2025 ने दिखा दिया कि ग्रिड अब पहले से कहीं ज्यादा प्रतिस्पर्धी है।

नए दावेदारों का उदय

मौसम की शुरुआत में बड़े नाम हावी रहे, लेकिन सीज़न के आगे बढ़ते ही फैबियो दी जियानन्टोनियो और राउल फर्नांडीज़ जैसे नए सितारों का उभरना शुरू हो गया। वैलेंसिया पोडियम पर उनकी मौजूदगी यह दर्शाती है कि MotoGP में पीढ़ी का परिवर्तन चल रहा है—और 2026 का सीज़न बेहद अनिश्चित और रोमांचक होने वाला है।

मुख्य स्थैतिक तथ्य 

  • रेस: वैलेंसिया ग्रां प्री (MotoGP 2025 समापन)

  • विजेता: मार्को बेजेकी (Aprilia)

  • पोल पोज़िशन: मार्को बेजेकी

  • दूसरा स्थान: राउल फर्नांडीज़ (Trackhouse)

  • तीसरा स्थान: फैबियो दी जियानन्टोनियो (Ducati)

  • स्प्रिंट रेस विजेता: एलेक्स मार्केज़

  • 2025 चैंपियन: मार्क मार्केज़ (जापान)

भारत-ब्रिटेन संयुक्त सैन्य अभ्यास ‘अजेय वॉरियर-25’ शुरू हुआ

भारत–यूके संयुक्त सैन्य प्रशिक्षण अभ्यास ‘अजेय वॉरियर-25’ 17 नवंबर 2025 को राजस्थान के महाजन फील्ड फायरिंग रेंज स्थित फॉरेन ट्रेनिंग नोड में औपचारिक रूप से शुरू हुआ। यह वर्ष 2011 से द्विवार्षिक रूप से आयोजित होने वाले इस प्रतिष्ठित द्विपक्षीय रक्षा अभ्यास का आठवाँ संस्करण है, जो भारतीय सेना और ब्रिटिश सेना के लंबे समय से चले आ रहे संबंधों को और मजबूत करता है। 17 से 30 नवंबर 2025 तक आयोजित इस अभ्यास में दोनों देशों से कुल 240 सैन्यकर्मी भाग ले रहे हैं। भारतीय दल का नेतृत्व अपनी पेशेवर प्रतिबद्धता, अनुशासन और परिचालन अनुभव के लिए प्रसिद्ध सिख रेजिमेंट कर रही है।

काउंटर-टेरर ऑपरेशन्स में संयुक्त क्षमताओं को सशक्त करना

‘अजेय वॉरियर-25’ संयुक्त राष्ट्र (UN) के जनादेश के तहत आयोजित हो रहा है, जिसका मुख्य उद्देश्य अर्ध-शहरी क्षेत्र (semi-urban terrain) में आतंकवाद-रोधी अभियानों पर फोकस करना है। यह विषय वर्तमान वैश्विक सुरक्षा चुनौतियों और आतंकवाद के विरुद्ध अंतरराष्ट्रीय सहयोग की आवश्यकता को दर्शाता है।

अगले 14 दिनों में दोनों देशों के सैनिक भाग लेंगे:

  • ब्रिगेड स्तर पर संयुक्त मिशन योजना

  • अर्ध-शहरी युद्ध के लिए एकीकृत सामरिक ड्रिल

  • खतरों के बदलते स्वरूप पर आधारित सिमुलेशन प्रशिक्षण

  • कंपनी-स्तर के फील्ड अभ्यास, वास्तविक काउंटर-टेरर परिदृश्यों की नकल

यह गहन प्रशिक्षण परिचालन तालमेल (operational synergy) बढ़ाने के साथ-साथ दोनों सेनाओं को एक-दूसरे की सर्वोत्तम प्रथाओं और रणनीतियों को सीखने का अवसर देगा।

2011 से एक प्रमुख रक्षा सहयोग

‘अजेय वॉरियर’ श्रृंखला भारत-यूके रक्षा सहयोग का एक प्रमुख स्तंभ बन चुकी है। 2025 का संस्करण दोनों देशों की इन प्रतिबद्धताओं को पुनः रेखांकित करता है:

  • पेशेवर सैन्य सहयोग

  • संयुक्त राष्ट्र ढांचे के तहत शांति स्थापना

  • क्षेत्रीय और वैश्विक सुरक्षा

  • आधुनिक सुरक्षा खतरों का संयुक्त समाधान

यह अभ्यास दोनों सेनाओं के बीच विश्वास, समझ और समन्वय तंत्र को मजबूत करने का महत्वपूर्ण मंच है।

भारत और यूके के लिए अजेय वॉरियर-25 का महत्व

आज विश्व जटिल और बहु-आयामी सुरक्षा चुनौतियों का सामना कर रहा है—सीमा-पार आतंकवाद से लेकर शहरी विद्रोह तक। ऐसे अभ्यास आवश्यक हैं:

  • संयुक्त परिचालन क्षमताओं को मजबूत करने में

  • बहुराष्ट्रीय (multinational) मिशनों में परस्पर संचालन-क्षमता बढ़ाने में

  • UN शांति मिशनों की तैयारी में

  • हथियार संचालन, निगरानी और सामरिक युद्धक तकनीकों में नवाचार साझा करने में

भारत के लिए यह अभ्यास उसकी वैश्विक शांति स्थापना भूमिका और इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में स्थिरता बनाए रखने की प्रतिबद्धता को मजबूत करता है। यूके के लिए यह एशिया के प्रमुख रक्षा साझेदार के साथ सहयोग को सुदृढ़ करता है।

मुख्य स्थैतिक तथ्य

  • अभ्यास का नाम: अजेय वॉरियर-25

  • संस्करण: 8वाँ

  • तारीखें: 17–30 नवंबर 2025

  • स्थान: फॉरेन ट्रेनिंग नोड, महाजन फील्ड फायरिंग रेंज, राजस्थान

  • प्रतिभागी संख्या: 240 (दोनों देशों से समान संख्या)

  • भारतीय दल: सिख रेजिमेंट

  • फोकस: अर्ध-शहरी क्षेत्र में आतंकवाद-रोधी अभियान

  • जनादेश: संयुक्त राष्ट्र (UN) ढांचे के तहत

  • प्रारंभ वर्ष: 2011 (द्विवार्षिक)

वित्त वर्ष 2026 की दूसरी तिमाही में भारत की जीडीपी वृद्धि दर 7% रहने की संभावना

भारत की अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर Q2 FY26 में घटकर 7% रहने का अनुमान है, जो Q1 के 7.8% से कम है। ICRA Ratings के अनुसार, इस मंदी के पीछे प्रमुख कारण सेवाओं और कृषि क्षेत्र का कमजोर प्रदर्शन है। इसके अलावा सरकारी खर्च में कमी और सेवा निर्यात में सुस्ती ने भी वृद्धि को प्रभावित किया, हालांकि औद्योगिक क्षेत्र इस अवधि में तुलनात्मक रूप से मजबूत बना रहा।

क्षेत्रवार प्रदर्शन: सेवाएँ और कृषि धीमी, उद्योग अग्रणी

ICRA की मुख्य अर्थशास्त्री अदिति नायर के अनुसार, Q1 के 7.6% की तुलना में Q2 में सकल मूल्य वर्धन (GVA) वृद्धि घटकर 7.1% रहने की संभावना है।

सेवा क्षेत्र

  • सेवाओं का GVA Q1 के आठ तिमाहियों के उच्च स्तर 9.3% से घटकर Q2 में 7.4% रहने का अनुमान है।

  • गिरावट के मुख्य कारण:

    • सरकारी खर्च में कमी

    • सेवा निर्यात में सुस्ती — जो Q1 के $97.4 अरब (10.1%) से घटकर Q2 में $101.6 अरब (8.7%) पर आ गए।

कृषि क्षेत्र

  • कृषि GVA Q1 के 3.7% से घटकर Q2 में 3.5% रहने की संभावना है, जो Q2 FY25 के 4.1% से काफी कम है।

  • कारण:

    • ख़रीफ़ बुआई बढ़ी थी, लेकिन बाढ़ और असमय वर्षा (अगस्त–अक्टूबर) ने फ़सल उत्पादन और कटाई को प्रभावित किया।

औद्योगिक क्षेत्र

  • उद्योग GVA Q1 के 6.3% से बढ़कर Q2 में 7.8% के पाँच-तिमाही उच्च स्तर पर पहुँचने का अनुमान।

  • प्रमुख कारण:

    • इन्वेंटरी स्टॉकिंग

    • त्योहारी माँग की शुरुआत

    • GST दर कटौती

    • अमेरिका को शुल्क-पूर्व निर्यात में तेजी

सरकारी खर्च और राजस्व रुझान

ICRA ने चेतावनी दी कि सरकारी खर्च में कमी से GDP वृद्धि पर दबाव जारी रह सकता है।

  • केंद्र का सकल पूंजीगत व्यय Q1 के 52% से घटकर Q2 में 30.7% रहा।

    • हालांकि मासिक खर्च ₹91,700 करोड़ से बढ़कर ₹1.01 लाख करोड़ हुआ।

  • केंद्र का गैर-ब्याज राजस्व व्यय Q1 के 6.9% वृद्धि की तुलना में Q2 में 11.2% घटा

  • 22 राज्यों के आधार पर राज्य सरकारों का पूंजीगत व्यय Q1 के 23% वृद्धि से Q2 में 4.6% घटा

नेट इनडायरेक्ट टैक्स और GDP-GVA गैप

  • नेट अप्रत्यक्ष कर Q1 के 11.3% वृद्धि के मुकाबले Q2 में 5.2% घटा

  • कारण:

    • सब्सिडी में कमी

    • राजस्व में नरमी

  • परिणामस्वरूप GDP-GVA अंतर Q1 के +18 bps से बदलकर Q2 में –10 bps हो गया।

H2 FY26 आउटलुक: वृद्धि 7% से नीचे जा सकती है

नायर के अनुसार—
यदि सरकारी पूंजीगत व्यय नहीं बढ़ा और टैरिफ संबंधी अनिश्चितताएँ कम नहीं हुईं, तो H2 में GDP वृद्धि 7% से नीचे जा सकती है।

  • GST दर कटौती से नॉन-ड्यूरेबल्स की मांग बढ़ सकती है।

  • लेकिन ड्यूरेबल्स में प्रीमियमाइजेशन बढ़ने से कुल वॉल्यूम में बड़ा उछाल मुश्किल हो सकता है।

मुख्य स्थैतिक तथ्य: Q2 FY26 आर्थिक दृष्टिकोण

संकेतक मान
ICRA GDP अनुमान (Q2 FY26) 7% (Q1: 7.8%)
सेवा क्षेत्र GVA 7.4% (Q1: 9.3%)
कृषि GVA 3.5% (Q1: 3.7%)
उद्योग GVA 7.8% (Q1: 6.3%)
सेवा निर्यात $101.6 अरब (8.7%) बनाम $97.4 अरब (10.1%)

जानें Ladki Bahin Yojana की e-KYC की आखिरी तारीख कब तक, नहीं किया तो नहीं मिलेगा 1500 रुपये का फायदा

महाराष्ट्र में लाडकी बहिन योजना के लाभार्थियों की e-KYC की प्रक्रिया जारी है। 18 नवंबर यानी आज इस काम को पूरा करने की आखिरी तारीख है। हालांकि अभी भी बड़ी संख्या में महिलाएं इस काम को पूरा नहीं कर पाई हैं। महाराष्ट्र सरकार ने ई-केवाईसी को पूरा करने के लिए दो महीने का समय दिया था, जो आज मंगलवार 18 नवंबर को खत्म होने जा रहा है। अभी तक सरकार की ओर से इस तारीख को बढ़ाने के लिए कोई अपडेट नहीं दिया गया है।

बता दें, जो लाभार्थी महिलाएं इस तारीख तक अपनी ई-केवाईसी पूरी नहीं करेंगी, उन्हें मिलने वाला 1500 रुपये का मासिक लाभ रुक जाएगा। राज्य में करीब 1 करोड़ महिलाएं इस योजना से जुड़ी हैं और पैसा सीधे उनके बैंक खाते में आता है।

लाडकी बहिन योजना: 2024 में शुरू

लाडकी बहिन योजना जून 2024 में शुरू हुई थी। सरकार ने सितंबर 2025 के आदेश में साफ कहा है कि Aadhaar Act 2016 की धारा 7 के तहत आधार वेरिफिकेशन जरूरी है, ताकि योजना का पैसा सही महिला तक पहुंचे। UIDAI ने महिला एवं बाल विकास विभाग को Sub-AUA/Sub-KUA का दर्जा दिया है, जिससे विभाग खुद आधार वेरिफिकेशन कर सकता है। इसी कारण योजना की वेबसाइट पर ऑनलाइन e-KYC की सुविधा जोड़ी गई है।

कैसे करें ई-केवाईसी?

लाभार्थी महिलाएं घर बैठे कुछ मिनट में ई-केवाईसी पूरी कर सकती हैं।

  • योजना की वेबसाइट खोलें: ladakibahin.maharashtra.gov.in
  • होमपेज पर e-KYC विकल्प पर Click करें
  • अपना आधार नंबर और कैप्चा भरें, फिर Send OTP दबाएँ
  • OTP आने पर उसे दर्ज कर दें
  • इसके बाद पति या पिता का Aadhaar नंबर डालें, कैप्चा भरें, सहमति दें और Send OTP Click करें
  • उनके मोबाइल पर आया OTP दर्ज करें
  • फिर चुनें– जाति कैटेगरी, दो घोषणाएं Yes/No, परिवार में कोई सरकारी कर्मचारी/पेंशनर नहीं है, परिवार में सिर्फ 1 विवाहित और 1 अविवाहित महिला ही लाभ ले रही हैं
  • Submit करने पर संदेश आएगा– Success Your e-KYC verification has been successfully completed

लाडकी बहिन योजना क्या है?

इस योजना की शुरुआत महाराष्ट्र सरकार ने 1 जुलाई 2024 को की थी। योजना के तहत राज्य की पात्र महिलाओं को हर महीने ₹1500 की आर्थिक सहायता दी जाती है। सरकार ने महिलाओं की आर्थिक स्वतंत्रता को बढ़ावा देने के लिए इस योजना में बड़ा बजट निर्धारित किया है। लेकिन हाल की समीक्षा के बाद सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि जो महिलाएं नियमों का पालन नहीं करेंगी, उन्हें लाभ सूची से बाहर किया जा सकता है।

ISRO अंतरिक्षयान उत्पादन को तिगुना करेगा और 2028 में चंद्रयान-4 का प्रक्षेपण करेगा

भारत का अंतरिक्ष कार्यक्रम तेज़ी से विस्तार के दौर से गुजर रहा है। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने आने वाले दशक के लिए अत्यंत महत्वाकांक्षी योजनाएँ प्रस्तुत की हैं। चंद्रमा अभियानों, मानव अंतरिक्ष उड़ान, और अपने स्वयं के अंतरिक्ष स्टेशन के निर्माण पर ध्यान केंद्रित करते हुए, ISRO भारत की वैश्विक स्थिति को मजबूत करने के लिए काम कर रहा है। यह न केवल वैज्ञानिक और रणनीतिक शक्ति बढ़ाता है बल्कि विशाल आर्थिक और तकनीकी अवसर भी खोलता है।

ISRO का रोडमैप: मिशन और उत्पादन में विस्तार

ISRO ने अगले तीन वर्षों में उपग्रह और यान उत्पादन को तीन गुना बढ़ाने की योजना बनाई है ताकि लॉन्च और वैज्ञानिक मिशनों की बढ़ती मांग को पूरा किया जा सके। वर्तमान वित्त वर्ष में ISRO 7 और लॉन्च करने की तैयारी में है, जिनमें शामिल हैं:

  • वाणिज्यिक संचार उपग्रह

  • PSLV और GSLV मिशन

  • पहला पूर्णतः उद्योग-निर्मित PSLV

यह विस्तार भारत की बढ़ती वैश्विक अंतरिक्ष बाजार उपस्थिति और निजी क्षेत्र की भागीदारी को मजबूत करता है।

चंद्रयान-4 (2028)

चंद्रयान-4 भारत का पहला लूनर सैंपल-रिटर्न मिशन होगा — देश का अब तक का सबसे उन्नत चंद्र अभियान।

मुख्य विशेषताएँ

  • चंद्र मिट्टी और चट्टानों के नमूने वापस लाने के लिए डिज़ाइन

  • अमेरिका, रूस और चीन के बाद भारत चौथा देश बनेगा

  • मानव अंतरिक्ष खोज कार्यक्रम के लिए महत्वपूर्ण कदम

मानव अंतरिक्ष उड़ान: गगनयान एवं चंद्र लक्ष्य

ISRO गगनयान मिशन पर तेजी से काम कर रहा है — भारत का पहला मानवयुक्त अंतरिक्ष मिशन, जिसकी उड़ान 2027 में प्रस्तावित है।

  • पहले 3 मानव-रहित उड़ानें होंगी

  • प्रशिक्षण और मॉड्यूल विकास जारी

  • भारत अंतरिक्ष में मानव भेजने वाले चुनिंदा देशों की श्रेणी में शामिल होगा

सरकार ने ISRO को 2040 तक भारतीय अंतरिक्षयात्रियों को चंद्रमा पर भेजने और सुरक्षित वापस लाने का लक्ष्य भी दिया है।

भारतीय अंतरिक्ष स्टेशन (2035 तक)

ISRO की एक और बड़ी परियोजना है भारत का अपना अंतरिक्ष स्टेशन

  • पहला मॉड्यूल: 2028 में लॉन्च

  • पूरा स्टेशन: 2035 तक

  • भारत दुनिया का तीसरा देश बनेगा जो अपना स्वतंत्र अंतरिक्ष स्टेशन संचालित करेगा

  • यह दीर्घकालिक मिशनों और उन्नत अनुसंधान को सक्षम करेगा

भारत की अंतरिक्ष अर्थव्यवस्था का विस्तार

भारत का वर्तमान वैश्विक अंतरिक्ष अर्थव्यवस्था में हिस्सा 2% (USD 8.2 बिलियन) है।

भविष्य के लक्ष्य

  • 2030 तक 8% हिस्सेदारी

  • 2033 तक USD 44 बिलियन का अनुमानित आकार

  • 450+ उद्योग और 330 से अधिक स्टार्टअप अंतरिक्ष पारिस्थितिकी तंत्र में सक्रिय

2020 के अंतरिक्ष सुधारों ने निजी क्षेत्र के लिए रॉकेट निर्माण, उपग्रह विकास और लॉन्च सेवाओं को खोलकर तेज़ी से विकास को प्रोत्साहित किया है।

रणनीतिक सहयोग और प्रमुख मिशन

  • LUPEX मिशन: भारत–जापान का संयुक्त मिशन, चंद्र दक्षिणी ध्रुव पर जल-बर्फ की खोज

  • वैश्विक अंतरिक्ष एजेंसियों और उद्योग भागीदारों के साथ विस्तारित सहयोग

ये मिशन भारत को एक विश्वसनीय अंतरिक्ष साझेदार और तकनीकी नेता के रूप में स्थापित करते हैं।

महत्वपूर्ण स्थिर तथ्य 

  • चंद्रयान-4: 2028

  • गगनयान मानव मिशन: 2027

  • भारतीय अंतरिक्ष स्टेशन: पहला मॉड्यूल 2028; पूरा स्टेशन 2035

  • स्पेसक्राफ्ट उत्पादन: अगले 3 वर्षों में तीन गुना

  • भारत की अंतरिक्ष अर्थव्यवस्था हिस्सेदारी: 2030 तक 8%

  • निजी भागीदारी: 450+ उद्योग, 330 स्टार्टअप

  • वैश्विक अंतरिक्ष अर्थव्यवस्था: 2025 में USD 630 बिलियन; 2035 तक USD 1.8 ट्रिलियन अनुमानित

शेख हसीना की Biography: जानें उनके जीवन, शिक्षा, राजनीतिक सफर के बारे में

शेख़ हसीना दक्षिण एशिया की प्रमुख राजनीतिक हस्तियों में से एक हैं। उन्होंने लंबे समय तक बांग्लादेश की प्रधानमंत्री के रूप में कार्य किया और देश के विकास को दिशा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उनका जीवन राजनीतिक संघर्षों, मज़बूत नेतृत्व और जनसेवा के प्रति समर्पण से भरा रहा है। वे बांग्लादेश के संस्थापक नेता और अपने पिता, शेख़ मुजीबुर रहमान, से गहरे रूप से जुड़ी हुई हैं।

शेख़ हसीना का प्रारंभिक जीवन और पृष्ठभूमि

शेख़ हसीना का जन्म 28 सितंबर 1947 को तुंगीपाड़ा, पूर्वी बंगाल में हुआ था। वे एक सम्मानित राजनीतिक परिवार से थीं। उनके पिता शेख़ मुजीबुर रहमान को बांग्लादेश में राष्ट्रपिता के रूप में जाना जाता है। उनकी माता शेख़ फ़ज़िलतुननेस्सा मुजीब ने कठिन राजनीतिक वर्षों में परिवार को संभाला।

बचपन से ही हसीना ने राजनीतिक तनाव का वातावरण देखा, क्योंकि उनके पिता बांग्लादेश के अधिकारों के लिए संघर्ष कर रहे थे। उनके परिवार में उनके दादा के माध्यम से इराकी-अरब वंश भी है।

शिक्षा और छात्र जीवन

शेख़ हसीना ने ईडेन महिला कॉलेज में पढ़ाई की और बाद में ढाका विश्वविद्यालय से अपनी शिक्षा पूरी की। वे छात्र राजनीति में सक्रिय रहीं और प्रारंभिक नेतृत्व अनुभव प्राप्त किया। 1960–70 के अशांत काल में, उन्हें राजनीतिक हिंसा के कारण कई बार स्थान बदलना पड़ा।

त्रासदी और निर्वासन

1975 में, जब हसीना अपने पति के साथ पश्चिम जर्मनी में थीं, तभी बांग्लादेश में एक सैन्य तख्तापलट हुआ। इस हमले में उनके पिता, माता और अधिकांश परिवारजन मारे गए। हसीना और उनकी बहन विदेश में होने के कारण बच गईं।

हमले के बाद, हसीना को नई दिल्ली, भारत में राजनीतिक शरण मिली। वे वहीं रहीं, जब तक कि 1981 में अवामी लीग की नेता नियुक्त होने के बाद उन्हें बांग्लादेश लौटने की अनुमति नहीं मिल गई।

शेख़ हसीना का व्यक्तिगत जीवन

शेख़ हसीना ने 1968 में एम. ए. वाज़ेद मियां से विवाह किया, जो एक प्रतिष्ठित परमाणु वैज्ञानिक थे। उनका निधन 2009 में हुआ। दंपति के दो बच्चे हैं—

  • सजीब वाज़ेद – तकनीकी विशेषज्ञ और राजनीतिक सलाहकार

  • साइमा वाज़ेद – ऑटिज़्म और मानसिक स्वास्थ्य कार्यों से जुड़ी मनोवैज्ञानिक

शेख़ हसीना की राजनीतिक यात्रा

पहला कार्यकाल (1996–2001)

हसीना पहली बार 1996 में प्रधानमंत्री बनीं। वे बांग्लादेश की पहली नेता थीं जिन्होंने पूरा पाँच साल का कार्यकाल पूरा किया। इस दौरान उन्होंने भारत के साथ गंगा जल बंटवारा संधि पर हस्ताक्षर किए।

दूसरा कार्यकाल (2009–2014)

2008 के चुनाव जीतकर वे फिर सत्ता में आईं। इस दौरान उन्होंने अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण (ICT) की स्थापना की, जिसने 1971 के मुक्ति युद्ध के अपराधों की जांच की।

तीसरा कार्यकाल (2014–2019)

2014 में फिर जीत दर्ज की, हालांकि चुनाव में हिंसा और विवादों की रिपोर्टें भी आईं।

चौथा कार्यकाल (2019–2024)

2019 में भारी जीत के बाद वे फिर सत्ता में आईं। लेकिन देश में राजनीतिक तनाव बढ़ता गया।
5 अगस्त 2024 को तीव्र छात्र विरोध प्रदर्शनों और अशांति के कारण उन्होंने प्रधानमंत्री पद से इस्तीफ़ा दे दिया।

शेख़ हसीना को मिले प्रमुख पुरस्कार

  • 1998: मदर टेरेसा अवॉर्ड

  • 1998: एम. के. गांधी अवॉर्ड (नॉर्वे)

  • 1999: डॉक्टर ऑफ लॉ (मानद), ढाका विश्वविद्यालय

  • 2000: पर्ल एस. बक अवॉर्ड

  • 2009: इंदिरा गांधी पुरस्कार

  • 2014: यूनेस्को पीस ट्री अवॉर्ड

  • 2015: लाइफटाइम अचीवमेंट अवॉर्ड

विरासत और प्रभाव 

शेख़ हसीना दुनिया की सबसे लंबे समय तक सेवा देने वाली महिला नेताओं में से एक हैं। उन्होंने बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था को मज़बूत किया, शिक्षा और महिलाओं के सशक्तिकरण को बढ़ावा दिया। पद छोड़ने के बाद भी वे देश के राजनीतिक इतिहास की एक अत्यंत महत्वपूर्ण शख्सियत बनी हुई हैं।

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