संजय सिंह UWW-एशिया ब्यूरो सदस्य चुने गए

भारतीय कुश्ती के लिए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि के रूप में, भारतीय कुश्ती महासंघ (WFI) के अध्यक्ष संजय सिंह को यूनाइटेड वर्ल्ड रेसलिंग (UWW)-एशिया के ब्यूरो सदस्य के रूप में चुना गया है। यह चुनाव 24 मार्च 2025 को अम्मान, जॉर्डन में आयोजित UWW-एशिया जनरल असेंबली के दौरान हुआ। संजय सिंह ने कुल 38 में से 22 वोट हासिल किए, जो एशियाई कुश्ती समुदाय से उनके प्रति मजबूत समर्थन को दर्शाता है। उनका यह चुनाव भारतीय कुश्ती के लिए एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित होगा, जिससे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत की उपस्थिति मजबूत होगी और एशिया में इस खेल के विकास को और गति मिलेगी।

चुनाव और समर्थन:

  • संजय सिंह को यूनाइटेड वर्ल्ड रेसलिंग (UWW)-एशिया के ब्यूरो सदस्य के रूप में चुना गया।
  • यह चुनाव 24 मार्च 2025 को अम्मान, जॉर्डन में आयोजित UWW-एशिया जनरल असेंबली में हुआ।
  • उन्होंने 38 में से 22 वोट प्राप्त किए, जिससे उन्हें एशियाई कुश्ती समुदाय का मजबूत समर्थन मिला।

इस उपलब्धि का महत्व:

  • इस चुनाव से अंतरराष्ट्रीय कुश्ती प्रशासन में भारत की भागीदारी और उपस्थिति को मजबूती मिलेगी।
  • यह भारतीय कुश्ती की वैश्विक स्तर पर बढ़ती मान्यता और विकास को दर्शाता है।
  • इस पद के माध्यम से संजय सिंह को एशिया में कुश्ती के प्रचार-प्रसार और विकास के लिए UWW-एशिया के साथ काम करने का अवसर मिलेगा।

बयान:

  • संजय सिंह ने इसे “भारतीय कुश्ती की बढ़ती मान्यता और विकास का प्रमाण” बताया।
  • WFI ने इसे “वैश्विक मंच पर भारतीय कुश्ती के लिए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि” करार दिया।
समरी/स्थिर जानकारी विवरण
क्यों चर्चा में? संजय सिंह UWW-एशिया ब्यूरो सदस्य चुने गए
इवेंट UWW-एशिया जनरल असेंबली
स्थान अम्मान, जॉर्डन
पद UWW-एशिया ब्यूरो सदस्य
चुने गए व्यक्ति संजय सिंह (WFI अध्यक्ष)
प्राप्त वोट 38 में से 22
महत्व भारत की अंतरराष्ट्रीय कुश्ती में उपस्थिति को मजबूत करता है और एशिया में इस खेल को बढ़ावा देता है

रिलायंस ने नौयान ट्रेडिंग का अधिग्रहण किया

मुकेश अंबानी के नेतृत्व वाली रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (RIL) ने अपनी पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी, रिलायंस स्ट्रैटेजिक बिजनेस वेंचर्स लिमिटेड (RSBVL) के माध्यम से नौयान ट्रेडिंग्स प्राइवेट लिमिटेड (NTPL) का 100% अधिग्रहण किया है। यह सौदा वेलस्पन ट्रेडिंग्स लिमिटेड, जो वेलस्पन कॉर्प लिमिटेड (WCL) की सहायक कंपनी है, के साथ मात्र ₹1 लाख में पूरा हुआ। इस अधिग्रहण के साथ, NTPL अब RIL की पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी बन गई है।

इसके अलावा, NTPL ने WCL के साथ एक शेयर खरीद समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं, जिसके तहत वह नौयान शिपयार्ड प्राइवेट लिमिटेड (NSPL) में 74% हिस्सेदारी ₹382.73 करोड़ में अधिग्रहित करेगा। यह अधिग्रहण 21 मार्च 2025 तक पूरा होने की उम्मीद है। यह कदम रिलायंस की शिपयार्ड संचालन को विस्तारित करने और नौसेना, रक्षा और ऊर्जा क्षेत्रों में अपनी उपस्थिति मजबूत करने की व्यापक रणनीति का हिस्सा है।

NSPL और दाहेज शिपयार्ड विस्तार:
NSPL दाहेज, गुजरात में स्थित है और रिलायंस के दाहेज विनिर्माण संयंत्र के पास 138 एकड़ पट्टे की भूमि पर कार्यरत है। इस भूमि का उपयोग नमक भंडारण, ब्राइन प्रीप्रेशन, इंजीनियरिंग फैब्रिकेशन और हाइड्रोजन इलेक्ट्रोलाइजर्स के निर्माण के लिए किया जाएगा।

रिलायंस की शिपयार्ड विस्तार रणनीति:
जनवरी 2025 में, रिलायंस नेवल एंड इंजीनियरिंग लिमिटेड को स्वान डिफेंस एंड हेवी इंडस्ट्रीज लिमिटेड के रूप में पुनः ब्रांड किया गया, जिसे स्वान एनर्जी लिमिटेड ने अधिग्रहित किया था। यह अधिग्रहण भारत को नौसेना, रक्षा और तेल एवं गैस क्षेत्रों में भारी निर्माण क्षमताओं में विश्व की शीर्ष पांच देशों की सूची में शामिल करने की रिलायंस की योजना का हिस्सा है।

सुनील कुमार ने एशियाई कुश्ती चैंपियनशिप 2025 में कांस्य पदक जीता

भारतीय पहलवान सुनील कुमार ने अम्मान, जॉर्डन में आयोजित एशियाई कुश्ती चैंपियनशिप 2025 में 87 किग्रा ग्रीको-रोमन वर्ग में कांस्य पदक जीता। सेमीफाइनल में ईरान के यासिन याज्दी से हारने के बाद, सुनील ने कांस्य पदक मुकाबले में चीन के जियाक्सिन हुआंग को हराकर शानदार वापसी की। 2019 में रजत पदक जीत चुके सुनील अपने सर्वश्रेष्ठ फॉर्म को दोबारा हासिल करने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने क्वार्टरफाइनल में ताजिकिस्तान के सुखरोब अब्दुलखाएव के खिलाफ 10-1 की प्रभावशाली जीत दर्ज की, जिसमें उन्होंने अपने सभी अंक दूसरे पीरियड में हासिल किए। हालांकि, सेमीफाइनल में ईरान के याज्दी ने उन्हें 3-1 से हराकर फाइनल में पहुंचने से रोक दिया।

मुख्य विशेषताएँ

सुनील कुमार का प्रदर्शन
भारतीय पहलवान सुनील कुमार ने एशियाई कुश्ती चैंपियनशिप 2025 में 87 किग्रा ग्रीको-रोमन वर्ग में कांस्य पदक जीता। कांस्य पदक मुकाबले में उन्होंने चीन के जियाक्सिन हुआंग को हराया। उन्होंने क्वार्टरफाइनल में ताजिकिस्तान के सुखरोब अब्दुलखाएव के खिलाफ 10-1 से शानदार जीत दर्ज की, लेकिन सेमीफाइनल में ईरान के यासिन याज्दी से 1-3 से हार गए।

अन्य भारतीय पहलवानों का प्रदर्शन

  • सागर ठाकरान (77 किग्रा): क्वालीफिकेशन बाउट जीती, लेकिन क्वार्टरफाइनल में जॉर्डन के अमरो सादेह से 0-10 से हार गए। उनका आगे बढ़ना सादेह के सेमीफाइनल प्रदर्शन पर निर्भर था।

  • उमेश (63 किग्रा): क्वालीफिकेशन दौर में बाहर हो गए।

  • नितिन (55 किग्रा) और प्रेम (130 किग्रा): शुरुआती दौर में ही हारकर प्रतियोगिता से बाहर हो गए।

सारांश/स्थिर विवरण
क्यों चर्चा में? सुनील कुमार ने एशियाई कुश्ती चैंपियनशिप 2025 में कांस्य पदक जीता
सुनील कुमार (87 किग्रा) कांस्य पदक जीता (चीन के जियाक्सिन हुआंग को हराया)
क्वार्टरफाइनल ताजिकिस्तान के सुखरोब अब्दुलखाएव को 10-1 से हराया
सेमीफाइनल ईरान के यासिन याज्दी से 1-3 से हार गए
सागर ठाकरान (77 किग्रा) क्वालीफिकेशन बाउट जीती, लेकिन क्वार्टरफाइनल में जॉर्डन के अमरो सादेह से 0-10 से हार गए
उमेश (63 किग्रा) क्वालीफिकेशन दौर में बाहर हो गए
नितिन (55 किग्रा) शुरुआती दौर में बाहर हो गए
प्रेम (130 किग्रा) शुरुआती दौर में बाहर हो गए

एक्टर-डायरेक्टर मनोज भारतीराजा का निधन

तमिल अभिनेता और निर्देशक मनोज भारथीराजा, जो दिग्गज फिल्मकार भारथीराजा के पुत्र थे, का 25 मार्च 2025 को चेन्नई के चेटपेट स्थित आवास पर हृदय गति रुकने के कारण निधन हो गया। 48 वर्ष की आयु में उनके आकस्मिक निधन ने तमिल फिल्म उद्योग और उनके प्रशंसकों को गहरे शोक में डाल दिया है। रिपोर्ट्स के अनुसार, उन्होंने हाल ही में बायपास सर्जरी करवाई थी, जिसके बाद उन्हें घातक हृदयाघात हुआ। मनोज अपने पीछे पत्नी अश्वथी (नंदना) और दो बेटियां अर्शिता और मथीवतनी को छोड़ गए हैं।

उनकी मृत्यु पर कई प्रतिष्ठित हस्तियों ने शोक व्यक्त किया है। तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन ने उनके निधन पर गहरा दुख जताया और तमिल सिनेमा में उनके योगदान की सराहना की। संगीतकार इलैयाराजा ने इसे भारथीराजा और उनके परिवार के लिए एक अपूरणीय क्षति बताया, जबकि अभिनेता-राजनेता सरथकुमार ने उन्हें प्रतिभाशाली अभिनेता और करीबी पारिवारिक मित्र बताते हुए उनके साथ फिल्म समुथिरम में बिताए पलों को याद किया।

मनोज भारथीराजा के जीवन और करियर की मुख्य बातें

व्यक्तिगत जानकारी

  • वे प्रसिद्ध फिल्म निर्देशक भारथीराजा के पुत्र थे और एक फिल्मी परिवार में जन्मे थे।

  • निधन के समय वे 48 वर्ष के थे।

  • परिवार में उनकी पत्नी अश्वथी (नंदना) और बेटियां अर्शिता और मथीवतनी हैं।

मृत्यु का कारण

  • चेन्नई के चेटपेट स्थित अपने घर में हृदय गति रुकने से निधन।

  • हाल ही में उन्होंने बायपास सर्जरी करवाई थी।

अभिनय करियर

  • 1999 में अपने पिता द्वारा निर्देशित तमिल फिल्म ‘ताजमहल’ से अभिनय की शुरुआत की।

  • ‘समुथिरम’, ‘अल्ली अर्जुना’, ‘वरुषमेल्लम वसंथम’ जैसी फिल्मों में यादगार भूमिकाएँ निभाईं।

  • अपने पिता की छवि से हटकर अपनी अलग पहचान बनाई।

निर्देशन करियर

  • अपने करियर के बाद के वर्षों में निर्देशन के क्षेत्र में कदम रखा।

श्रद्धांजलि और संवेदनाएँ

  • मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन: तमिल सिनेमा में उनके योगदान की सराहना की।

  • संगीतकार इलैयाराजा: इसे भारथीराजा परिवार के लिए एक अपूरणीय क्षति बताया।

  • सरथकुमार: उन्हें प्रतिभाशाली अभिनेता और प्रिय मित्र बताया।

सारांश/स्थिर विवरण
क्यों चर्चा में? मनोज भारथीराजा का निधन: तमिल अभिनेता-निर्देशक को श्रद्धांजलि
अभिनय की शुरुआत ताजमहल (1999)
प्रसिद्ध फिल्में समुथिरम, अल्ली अर्जुना, वरुषमेल्लम वसंथम
अन्य करियर पहलू फिल्म निर्देशन में भी हाथ आजमाया
शोक संवेदनाएँ तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन, इलैयाराजा, सरथकुमार और अन्य हस्तियों ने श्रद्धांजलि अर्पित की

एसएंडपी ने वित्त वर्ष 26 के लिए भारत के विकास पूर्वानुमान को घटाकर 6.5% किया

एसएंडपी ग्लोबल ने वित्तीय वर्ष 2025-26 (FY26) के लिए भारत की जीडीपी वृद्धि दर का अनुमान 20 आधार अंक (bps) घटाकर 6.5% कर दिया है, जो पहले 6.7% था। यह पूर्वानुमान सामान्य मानसून और स्थिर जिंस कीमतों, विशेष रूप से कच्चे तेल की कीमतों पर आधारित है। एजेंसी ने यह भी बताया कि वैश्विक व्यापार अनिश्चितताओं और टैरिफ से जुड़ी चिंताओं के बावजूद अमेरिका को भारत का सेवाओं-आधारित निर्यात स्थिर बना हुआ है। इसके अलावा, खाद्य मुद्रास्फीति में गिरावट, FY26 बजट से कर लाभ, और कम उधारी लागत घरेलू खपत को समर्थन देंगे।

प्रमुख बिंदु

वृद्धि पूर्वानुमान संशोधन

  • एसएंडपी ग्लोबल ने FY26 के लिए भारत की जीडीपी वृद्धि दर 6.7% से घटाकर 6.5% कर दी।

  • यह वृद्धि दर पिछले वित्तीय वर्ष के समान है।

आर्थिक धारणाएँ

  • सामान्य मानसून की उम्मीद की जा रही है।

  • जिंसों की कीमतें, विशेष रूप से कच्चे तेल की कीमतें, नरम रहने की संभावना है।

विकास का समर्थन करने वाले कारक

  • खाद्य मुद्रास्फीति में गिरावट से घरों पर आर्थिक दबाव कम होगा।

  • FY26 बजट में कर लाभ से विवेकाधीन खर्च (discretionary spending) को बढ़ावा मिलेगा।

  • कम उधारी लागत से निवेश और खपत को प्रोत्साहन मिलेगा।

आरबीआई की मौद्रिक नीति दृष्टिकोण

  • आरबीआई मौजूदा चक्र में ब्याज दरों में 75-100 आधार अंकों की कटौती कर सकता है।

  • मुद्रास्फीति में नरमी से मुख्य मुद्रास्फीति (headline inflation) को आरबीआई के 4% लक्ष्य के करीब लाने में मदद मिलेगी।

अमेरिकी टैरिफ का व्यापार पर प्रभाव

  • अमेरिका को भारत का सेवा क्षेत्र आधारित निर्यात टैरिफ परिवर्तनों के बावजूद स्थिर बना रहेगा।

  • टैरिफ का अधिक प्रभाव चीन, मलेशिया, सिंगापुर और दक्षिण कोरिया जैसी वस्तु-निर्भर अर्थव्यवस्थाओं पर पड़ेगा।

पूर्व कैबिनेट सचिव राजीव गौबा नीति आयोग के पूर्णकालिक सदस्य नियुक्त

पूर्व कैबिनेट सचिव राजीव गौबा को नीति आयोग का पूर्णकालिक सदस्य नियुक्त किया गया है, जिसकी आधिकारिक अधिसूचना मंगलवार को जारी की गई। झारखंड कैडर के 1982 बैच के आईएएस अधिकारी गौबा का प्रशासनिक करियर कई दशकों तक फैला रहा है। उन्होंने 2019 से अगस्त 2024 तक भारत के शीर्ष नौकरशाह के रूप में कार्य किया। उनकी नियुक्ति तत्काल प्रभाव से लागू हो गई है और अगले आदेश तक जारी रहेगी।

राजीव गौबा कौन हैं?

करियर और पृष्ठभूमि

राजीव गौबा एक अनुभवी नौकरशाह हैं, जिन्होंने शासन, नीतिगत निर्णय और प्रशासन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। उन्होंने केंद्र और राज्य सरकारों में कई उच्च पदों पर कार्य किया है।

शैक्षिक और पेशेवर पृष्ठभूमि

  • बैच: 1982

  • कैडर: झारखंड (JH)

  • पूर्व पद:

    • कैबिनेट सचिव, भारत (2019–2024)

    • केंद्रीय गृह सचिव

    • शहरी विकास मंत्रालय के सचिव

    • मुख्य सचिव, झारखंड

प्रमुख प्रशासनिक भूमिकाएँ

कैबिनेट सचिव के रूप में, गौबा ने कई राष्ट्रीय नीतियों को लागू करने और प्रमुख सरकारी योजनाओं के क्रियान्वयन की निगरानी में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

नीति आयोग क्या है?

भूमिका और जिम्मेदारियाँ

नीति आयोग (नेशनल इंस्टीट्यूशन फॉर ट्रांसफॉर्मिंग इंडिया) भारत सरकार का प्रमुख नीति-निर्माण संस्थान है, जो निम्नलिखित कार्य करता है:

  • दीर्घकालिक आर्थिक विकास की रणनीतियाँ तैयार करना।

  • सहकारी संघवाद को बढ़ावा देना और राज्यों को राष्ट्रीय निर्णय-निर्माण में शामिल करना।

  • प्रधानमंत्री को महत्वपूर्ण नीतिगत मामलों पर सलाह देना।

  • नवाचार, डिजिटल परिवर्तन और सतत विकास को बढ़ावा देना।

नीति आयोग की संरचना

नीति आयोग के मुख्य घटक इस प्रकार हैं:

  • अध्यक्ष: भारत के प्रधानमंत्री

  • उपाध्यक्ष: प्रधानमंत्री द्वारा नियुक्त

  • पूर्णकालिक सदस्य: (जैसे राजीव गौबा)

  • अंशकालिक सदस्य और पदेन सदस्य: (केंद्रीय मंत्री और मुख्यमंत्री)

  • मुख्य कार्यकारी अधिकारी (CEO)

राजीव गौबा की नियुक्ति का महत्व

उनकी नियुक्ति क्यों महत्वपूर्ण है?

  • शासन में विशेषज्ञता: उनकी प्रशासनिक दक्षता नीति आयोग की नीतिगत क्षमता को मजबूत करेगी।

  • आर्थिक और शहरी विकास का ज्ञान: शहरी विकास और शासन में उनकी भूमिका स्मार्ट सिटी परियोजनाओं और बुनियादी ढांचे को दिशा देने में सहायक होगी।

  • संकट प्रबंधन का अनुभव: गृह सचिव और कैबिनेट सचिव के रूप में उन्होंने COVID-19 जैसे संकटों का प्रभावी प्रबंधन किया, जिससे नीति आयोग की आपदा प्रबंधन रणनीतियाँ सशक्त होंगी।

  • केंद्र-राज्य संबंधों को मजबूती: केंद्र और राज्य सरकारों में उनकी पूर्व भूमिकाएँ नीति निर्माण और क्रियान्वयन के बीच की खाई को पाटने में मदद करेंगी।

श्रेणी विवरण
क्यों चर्चा में? राजीव गौबा को नीति आयोग का पूर्णकालिक सदस्य नियुक्त किया गया।
राजीव गौबा कौन हैं? पूर्व कैबिनेट सचिव, 1982 बैच के आईएएस अधिकारी (झारखंड कैडर)। उन्होंने केंद्रीय गृह सचिव, शहरी विकास सचिव और झारखंड के मुख्य सचिव के रूप में सेवा दी।
नीति आयोग क्या है? भारत का नीति-निर्माण संस्थान, जो दीर्घकालिक आर्थिक और रणनीतिक योजना पर कार्य करता है।
नियुक्ति का महत्व शासन, शहरी विकास और संकट प्रबंधन में गौबा के अनुभव से नीति आयोग की नीतिगत क्षमता मजबूत होगी।
आधिकारिक अधिसूचना तिथि 16 जुलाई, 2024
वर्तमान स्थिति तत्काल प्रभाव से नियुक्त, अगले आदेश तक जारी रहेगा।

क्यों मनाया जाता है अजन्मे बच्चे का अंतरराष्ट्रीय दिवस

अंतरराष्ट्रीय अजन्मे शिशु दिवस प्रत्येक वर्ष 25 मार्च को विश्वभर में मनाया जाता है। यह दिन प्रत्येक बच्चे को एक अनमोल उपहार के रूप में मान्यता देने और आशा व नए आरंभ का प्रतीक बनने पर बल देता है। इस दिवस का उद्देश्य अजन्मे बच्चों के अधिकारों और सुरक्षा के प्रति जागरूकता बढ़ाना है।

अंतरराष्ट्रीय अजन्मे शिशु दिवस का इतिहास और महत्व

अंतरराष्ट्रीय अजन्मे शिशु दिवस की स्थापना पोप जॉन पॉल द्वितीय ने की थी, जिन्होंने जीवन के आरंभिक चरणों से ही उसकी रक्षा की वकालत की। उन्होंने इस दिन को “जीवन के पक्ष में एक अनुकूल विकल्प” के रूप में देखा और 25 मार्च को इसकी आधिकारिक तिथि घोषित की।

यह तिथि इसलिए चुनी गई क्योंकि यह क्रिसमस से ठीक नौ महीने पहले पड़ती है, जो यीशु मसीह के जन्म का प्रतीक है। यह दिन ‘फीस्ट ऑफ़ द एन्नशिएशन’ (घोषणा का पर्व) से भी मेल खाता है, जो उस क्षण की याद दिलाता है जब यीशु माता मरियम के गर्भ में आए थे। इस दिन का उद्देश्य अजन्मे जीवन के महत्व को रेखांकित करना और समाज से उनके अधिकारों को स्वीकारने का आह्वान करना है।

अजन्मे शिशु के कानूनी अधिकार: एक जटिल मुद्दा

अजन्मे बच्चे के अधिकारों को लेकर कानूनी बहस बनी रहती है। मुख्य प्रश्न यह है कि क्या भ्रूण को एक संपूर्ण मानव के समान कानूनी अधिकार प्राप्त हैं? इस विषय पर स्पष्टता लाने के लिए हिमाचल हाईकोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता नीरज शशवत से ईटीवी भारत ने कानूनी परामर्श लिया।

अजन्मे शिशु के कानूनी संरक्षण

वरिष्ठ अधिवक्ता नीरज शशवत के अनुसार, अजन्मे बच्चे को जन्म लेने वाले शिशु के समान संवैधानिक अधिकार प्राप्त नहीं होते हैं, लेकिन कानून में उसके जीवन की सुरक्षा के लिए कुछ प्रावधान अवश्य हैं।

  1. गर्भपात कानून – गर्भपात को सख्त कानूनी नियमों के तहत नियंत्रित किया जाता है, और अवैध गर्भपात एक अपराध माना जाता है।

  2. जीवन की मान्यता – तीसरे या चौथे सप्ताह में जब भ्रूण का हृदय धड़कना शुरू करता है, तो इसे जीवित माना जाता है।

  3. भारतीय संविधान का अनुच्छेद 21 – यह जीवन के अधिकार को परिभाषित करता है, लेकिन यह अधिकार केवल जन्म के बाद ही लागू होता है।

  4. माता के अधिकार प्राथमिक – कानूनी अधिकार पहले मां को दिए जाते हैं, और जन्म के बाद ही बच्चे को पूर्ण अधिकार मिलते हैं।

अजन्मे शिशु के संपत्ति अधिकार

भारतीय कानून के तहत, अजन्मे बच्चे को संपत्ति का उत्तराधिकार प्राप्त होता है। कुछ विशेष प्रावधान उसके अधिकारों की रक्षा सुनिश्चित करते हैं:

  1. हिंदू उत्तराधिकार अधिनियम (धारा 20) – अजन्मे बच्चे को पारिवारिक संपत्ति पर अधिकार प्रदान करता है।

  2. संपत्ति हस्तांतरण अधिनियम (धारा 13) – किसी व्यक्ति को अजन्मे बच्चे के नाम पर संपत्ति हस्तांतरित करने की अनुमति देता है, बशर्ते कि एक ट्रस्टी को जन्म के बाद तक संपत्ति का प्रबंधन सौंपा जाए।

  3. जन्म के बाद अधिकार – जैसे ही बच्चा जन्म लेता है, उसे कानूनी रूप से दी गई संपत्ति का पूरा उत्तराधिकार प्राप्त हो जाता है।

  4. गर्भपात और संपत्ति वितरण – यदि महिला को गर्भपात हो जाता है, तो अगला जन्मा बच्चा संपत्ति का उत्तराधिकारी बनता है। यदि कोई बच्चा नहीं होता, तो संपत्ति मां के नाम पर रहती है।

गर्भवती महिलाओं के लिए मृत्युदंड से कानूनी सुरक्षा

अजन्मे जीवन की रक्षा के लिए भारतीय कानून गर्भवती महिलाओं को मृत्युदंड से बचाता है:

  1. सजा का निलंबन या परिवर्तन – यदि गर्भवती महिला को मृत्युदंड दिया जाता है, तो उसकी सजा या तो स्थगित कर दी जाती है या आजीवन कारावास में बदल दी जाती है।

  2. भारतीय दंड संहिता (धारा 312-316) – किसी भी व्यक्ति को उत्तरदायी ठहराती है यदि वह किसी अजन्मे बच्चे को जीवित जन्म लेने से रोकता है या गर्भपात का कारण बनता है।

  3. सीमांकन अधिनियम (धारा 6) – अजन्मे बच्चे को “अवयस्क” की श्रेणी में रखता है और उसके कानूनी अधिकारों की रक्षा करता है।

लिंग परीक्षण पर प्रतिबंध

  1. पूर्व-गर्भाधान और पूर्व-प्रसव नैदानिक तकनीक (PCPNDT) अधिनियम – लिंग परीक्षण को प्रतिबंधित करता है ताकि कन्या भ्रूण हत्या को रोका जा सके और लिंग समानता सुनिश्चित की जा सके।

  2. कठोर कानूनी दंड – इस कानून का उल्लंघन करने पर सख्त दंडात्मक कार्रवाई की जाती है।

अंतरराष्ट्रीय अजन्मे शिशु दिवस इस बात की याद दिलाता है कि जीवन की रक्षा जन्म से पहले भी की जानी चाहिए। यह दिन समाज को अजन्मे बच्चों के अधिकारों की रक्षा करने और उनके महत्व को स्वीकारने की दिशा में प्रेरित करता है।

पहलू विवरण
क्यों चर्चा में? अंतरराष्ट्रीय अजन्मे शिशु दिवस 25 मार्च को मनाया जाता है ताकि अजन्मे बच्चों के अधिकारों और सुरक्षा के प्रति जागरूकता बढ़ाई जा सके।
स्थापना पोप जॉन पॉल द्वितीय द्वारा अजन्मे बच्चों के सम्मान और जीवन समर्थक मूल्यों को प्रोत्साहित करने के लिए स्थापित।
ऐतिहासिक महत्व 25 मार्च इसलिए चुना गया क्योंकि यह क्रिसमस (यीशु मसीह के जन्म) से नौ महीने पहले पड़ता है।
कानूनी अधिकार अजन्मे बच्चों को समान संवैधानिक अधिकार नहीं मिलते, लेकिन उनके जीवन और उत्तराधिकार की रक्षा के लिए कानून मौजूद हैं।
संपत्ति अधिकार हिंदू उत्तराधिकार अधिनियम और संपत्ति हस्तांतरण अधिनियम अजन्मे बच्चों को संपत्ति विरासत में देने की अनुमति देते हैं।
मृत्युदंड से सुरक्षा गर्भवती महिलाओं को फांसी नहीं दी जा सकती; उनकी सजा या तो निलंबित कर दी जाती है या आजीवन कारावास में बदल दी जाती है।
लिंग निर्धारण पर प्रतिबंध भारत में लिंग परीक्षण अवैध है ताकि लिंग-आधारित भेदभाव और कन्या भ्रूण हत्या को रोका जा सके।

भारत और सिंगापुर ने ग्रीन और डिजिटल शिपिंग कॉरिडोर (जीडीएससी) पर आशय पत्र पर हस्ताक्षर किए

भारत और सिंगापुर ने 25 मार्च 2025 को सिंगापुर मैरीटाइम वीक (SMW) के दौरान हरित और डिजिटल शिपिंग कॉरिडोर (GDSC) सहयोग पर एक आशय पत्र (LoI) पर हस्ताक्षर किए। इस समझौते का उद्देश्य समुद्री क्षेत्र में डिजिटलीकरण और कार्बन उत्सर्जन में कमी को बढ़ावा देना है। दोनों देश ग्रीनहाउस गैस (GHG) उत्सर्जन को कम करने और डिजिटल समाधानों को एकीकृत करने के लिए मिलकर काम करेंगे। इसके अलावा, भारत और नीदरलैंड्स ने ब्रह्मपुत्र और बाराक जैसी कम गहराई वाली नदियों में कार्गो परिवहन के लिए डच विशेषज्ञता का लाभ उठाने पर चर्चा की। केंद्रीय मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने इस पहल को समुद्री क्षेत्र में स्थिरता, दक्षता और तकनीकी प्रगति को बढ़ावा देने वाला बताया।

प्रमुख बिंदु

सिंगापुर-भारत हरित और डिजिटल शिपिंग कॉरिडोर (GDSC)

  • भारत और सिंगापुर ने हरित और डिजिटल शिपिंग परियोजनाओं में सहयोग के लिए LoI पर हस्ताक्षर किए।

  • इस पहल का लक्ष्य GHG उत्सर्जन को कम करना और डिजिटल समुद्री समाधान अपनाना है।

  • दोनों देश संबंधित हितधारकों की पहचान करेंगे और इसे आगे MoU के रूप में औपचारिक रूप देंगे।

भारत-नीदरलैंड्स समुद्री चर्चा

  • भारत और नीदरलैंड्स ने ब्रह्मपुत्र और बाराक जैसी कम गहराई वाली नदियों में कार्गो परिवहन को बेहतर बनाने के लिए डच विशेषज्ञता पर चर्चा की।

केंद्रीय मंत्री सर्बानंद सोनोवाल का संबोधन

  • GDSC नवाचार को बढ़ावा देगा और कम-उत्सर्जन तकनीकों को अपनाने में तेजी लाएगा।

  • भारत की आईटी और ग्रीन फ्यूल उत्पादन में ताकत, सिंगापुर की समुद्री विशेषज्ञता के साथ मिलकर, स्थिरता और दक्षता को मजबूत करेगी।

सिंगापुर क्रूज सेंटर का दौरा

  • सोनोवाल ने सिंगापुर के क्रूज बुनियादी ढांचे का अध्ययन किया ताकि गोवा, मुंबई और चेन्नई में इसी तरह के टर्मिनल विकसित किए जा सकें।

उद्योग जगत के नेताओं से बैठकें

  • सिंगापुर चैंबर ऑफ मैरीटाइम आर्बिट्रेशन (SCMA) और नीदरलैंड्स के शीर्ष उद्योगपतियों के साथ बैठकें आयोजित की गईं।

सारांश/स्थिर जानकारी विवरण
क्यों चर्चा में? भारत और सिंगापुर ने हरित और डिजिटल शिपिंग कॉरिडोर (GDSC) पर आशय पत्र (LoI) पर हस्ताक्षर किए
समझौता हस्ताक्षरित भारत और सिंगापुर ने GDSC पर सहयोग हेतु समझौता किया
उद्देश्य समुद्री डिजिटलीकरण और डीकार्बनाइजेशन को बढ़ावा देना
आगामी कदम हितधारकों की पहचान, MoU को औपचारिक रूप देना, डिजिटल और हरित परियोजनाओं को लागू करना
भारत-नीदरलैंड्स चर्चा ब्रह्मपुत्र और बाराक नदियों में कार्गो परिवहन के लिए डच विशेषज्ञता का उपयोग करने पर चर्चा
मंत्री का दौरा सोनोवाल ने सिंगापुर क्रूज सेंटर का दौरा किया, क्रूज पर्यटन अवसंरचना पर जानकारी प्राप्त की
समुद्री उद्योग बैठकें SCMA और डच समुद्री क्षेत्र के नेताओं के साथ चर्चा की

दूध उत्पादन में बना भारत नंबर वन

भारत दुनिया में सबसे बड़ा दुग्ध उत्पादक देश बनकर उभरा है, जिसकी वर्तमान दुग्ध उत्पादन क्षमता 239 मिलियन मीट्रिक टन (MMT) है। केंद्रीय पशुपालन और डेयरी मंत्री राजीव रंजन सिंह ने लोकसभा में घोषणा की कि भारत अगले पांच वर्षों में 300 MMT दुग्ध उत्पादन का लक्ष्य प्राप्त करने की दिशा में कार्य कर रहा है। राष्ट्रीय गोकुल मिशन (RGM), जिसे 2014 में शुरू किया गया था, इस वृद्धि का एक प्रमुख कारक रहा है।

भारत का विश्व दुग्ध उत्पादन में स्थान

भारत के डेयरी क्षेत्र में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है, जिससे यह वैश्विक दुग्ध उत्पादन का 24% से अधिक योगदान देता है। देश में प्रति व्यक्ति दूध की खपत 471 ग्राम प्रति दिन है, जो वैश्विक औसत से कहीं अधिक है।

भारत के डेयरी क्षेत्र के मुख्य तथ्य

  • वर्तमान दुग्ध उत्पादन: 239 MMT

  • वैश्विक हिस्सेदारी: 24% से अधिक

  • लक्ष्य (2030 तक): 300 MMT

  • 2014 से उत्पादन वृद्धि: 63.5%

  • जीडीपी में योगदान: 4.5%

  • रोजगार सृजन: 10 करोड़ लोग, जिनमें 75% महिलाएं शामिल हैं

राष्ट्रीय गोकुल मिशन (RGM) का प्रभाव

2014 में शुरू हुआ राष्ट्रीय गोकुल मिशन (RGM) भारत के दुग्ध उत्पादन को बढ़ाने और गुणवत्ता सुधार के लिए विभिन्न योजनाओं को लागू कर रहा है।

मुख्य उद्देश्य:

  • स्वदेशी नस्लों का संरक्षण: गिर, साहीवाल, रेड सिंधी, राठी जैसी भारतीय नस्लों का विकास और संरक्षण।
  • आनुवंशिक सुधार: उच्च गुणवत्ता वाले बैलों के उपयोग से नस्ल सुधार।
  • कृत्रिम गर्भाधान (AI): प्रजनन नेटवर्क को मजबूत करना और किसानों तक इसकी पहुंच बढ़ाना।
  • डेयरी अवसंरचना विकास: आधुनिक दूध प्रसंस्करण इकाइयों और कोल्ड स्टोरेज सुविधाओं को बढ़ावा देना।
  • किसान कल्याण कार्यक्रम: सरकारी सहायता से डेयरी व्यवसाय को अधिक लाभकारी बनाना।

भारत के डेयरी क्षेत्र की चुनौतियाँ

हालांकि भारत दुग्ध उत्पादन में अग्रणी है, फिर भी कुछ चुनौतियाँ बनी हुई हैं, जिन्हें दीर्घकालिक विकास के लिए हल करना आवश्यक है।

  • प्रति पशु कम उत्पादकता: भारत में प्रति गाय दूध उत्पादन वैश्विक मानकों से कम है।
  • पशु रोगों का प्रकोप: खुरपका-मुंहपका (FMD) जैसी बीमारियाँ दुग्ध उत्पादन को प्रभावित करती हैं।
  • जलवायु परिवर्तन का प्रभाव: बढ़ते तापमान से पशु स्वास्थ्य और दूध उत्पादन पर असर पड़ता है।
  • कोल्ड स्टोरेज की कमी: उचित भंडारण सुविधाओं के अभाव में दूध की बर्बादी।
  • कीमतों में अस्थिरता: दूध के दामों में उतार-चढ़ाव किसानों की आय को प्रभावित करता है।

दुग्ध उत्पादन में वृद्धि के लिए भविष्य की योजना (डेयरी विजन 2030)

भारत सरकार ने 300 MMT दुग्ध उत्पादन के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए कई रणनीतियाँ अपनाने की योजना बनाई है:

  • कृत्रिम गर्भाधान (AI) को बढ़ावा देना ताकि नस्ल सुधार हो सके।
  • डेयरी सहकारी समितियों और निजी क्षेत्र की भागीदारी बढ़ाना।
  • टीकाकरण कार्यक्रमों के माध्यम से पशु रोगों पर नियंत्रण।
  • पर्यावरण अनुकूल डेयरी फार्मिंग अपनाना ताकि जलवायु परिवर्तन के प्रभाव को कम किया जा सके।
  • भारत को वैश्विक डेयरी निर्यात केंद्र बनाना।

ये सभी पहल भारत को एक वैश्विक डेयरी आपूर्तिकर्ता के रूप में स्थापित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगी और किसानों की आय में वृद्धि करेंगी।

पहलू विवरण
क्यों चर्चा में? भारत दुनिया का शीर्ष दुग्ध उत्पादक देश बना, 2030 तक 300 MMT उत्पादन का लक्ष्य
वर्तमान उत्पादन 239 MMT
2014 से वृद्धि 63.5% की वृद्धि
डेयरी क्षेत्र में रोजगार 10 करोड़ लोग, जिनमें 75% महिलाएँ शामिल
प्रति व्यक्ति खपत 471 ग्राम प्रति दिन
राष्ट्रीय गोकुल मिशन (RGM) 2014 में शुरू, दुग्ध उत्पादन और पशु नस्ल सुधार के लिए
चुनौतियाँ कम उत्पादकता, पशु रोग, जलवायु प्रभाव, अपर्याप्त भंडारण
भविष्य के लक्ष्य कृत्रिम गर्भाधान (AI) बढ़ाना, रोग नियंत्रण, जलवायु अनुकूलता, निर्यात वृद्धि

पी.एस. रमन की पुस्तक ‘लियो: द अनटोल्ड स्टोरी ऑफ चेन्नई सुपर किंग्स’ के विमोचन समारोह में धोनी

क्रिकेटर एमएस धोनी और चेन्नई सुपर किंग्स (CSK) टीम के सदस्य ‘Leo: The Untold Story of Chennai Super Kings’ पुस्तक के विमोचन समारोह में अचानक पहुंचे, जिससे कार्यक्रम में रोमांच बढ़ गया। यह पुस्तक तमिलनाडु क्रिकेट एसोसिएशन (TNCA) के पूर्व उपाध्यक्ष पी.एस. रमन द्वारा लिखी गई है। इस कार्यक्रम में क्रिकेट और मनोरंजन जगत की कई जानी-मानी हस्तियां शामिल हुईं।

एमएस धोनी और CSK टीम की सरप्राइज एंट्री

कार्यक्रम का सबसे बड़ा आकर्षण एमएस धोनी और CSK टीम के सदस्यों की अप्रत्याशित उपस्थिति रही, जिससे प्रशंसकों में उत्साह की लहर दौड़ गई। गितांजलि सेल्वराघवन ने इसे एक “मीठा सरप्राइज़” बताते हुए प्रशंसकों और मेहमानों के लिए एक यादगार क्षण करार दिया।

गितांजलि सेल्वराघवन का आभार प्रदर्शन

गितांजलि ने अपने आभार पोस्ट में इन प्रमुख योगदानकर्ताओं का धन्यवाद किया:

  • कासी विश्वनाथन (CSK के CEO) – उनके अपार समर्थन के लिए।

  • संगीतकार अनिरुद्ध रविचंदर, क्रिकेटर रविचंद्रन अश्विन और कृष्णमाचारी श्रीकांत – जिन्होंने इस आयोजन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

  • सीडी गोपीनाथ और सुहैल चांधोक – जिन्होंने कार्यक्रम को बेहतरीन ढंग से होस्ट किया।

  • CSK Fans Official – जिन्होंने इस कार्यक्रम का वीडियो सोशल मीडिया पर साझा किया।

इसके अलावा, उन्होंने इस बात को भी रेखांकित किया कि यह पुस्तक अमेज़न की नंबर 1 बेस्टसेलिंग क्रिकेट बुक बन गई और इसे क्रिकेट प्रेमियों तथा CSK प्रशंसकों से शानदार प्रतिक्रिया मिली है।

पुस्तक: ‘Leo: The Untold Story of Chennai Super Kings’

CSK की विरासत पर विस्तृत जानकारी
यह पुस्तक चेन्नई सुपर किंग्स (CSK) की आईपीएल यात्रा का विस्तृत वर्णन करती है, जिसमें टीम की जीत, संघर्ष और सफलता के पीछे की प्रमुख हस्तियों को उजागर किया गया है।

लोकप्रियता और उपलब्धता

  • यह पुस्तक अमेज़न पर खरीदारी के लिए उपलब्ध है

  • बहुत कम समय में क्रिकेट बुक्स की बेस्टसेलर लिस्ट में शामिल हो गई।

  • CSK प्रशंसकों और क्रिकेट प्रेमियों ने इसे गर्मजोशी से अपनाया।

गितांजलि सेल्वराघवन का फ़िल्मी करियर

तमिल सिनेमा की प्रसिद्ध निर्देशक
गितांजलि सेल्वराघवन, पी.एस. रमन की बेटी, एक प्रसिद्ध तमिल फिल्म निर्देशक हैं। वह 2016 में रिलीज़ हुई फिल्म ‘मालई नेरथु मयक्कम’ के निर्देशन के लिए जानी जाती हैं, जिसमें बालकृष्ण कोला और वामिका गब्बी ने मुख्य भूमिकाएँ निभाई थीं। इस फिल्म को बीपटोन स्टूडियोज के तहत निर्मित किया गया था, जिसकी सिनेमैटोग्राफी श्रीधर, संगीत अमृत, और संपादन रुकेश ने किया था।

श्रेणी विवरण
क्यों चर्चा में? क्रिकेटर एमएस धोनी और CSK टीम के सदस्य पी.एस. रमन की पुस्तक विमोचन कार्यक्रम में अचानक पहुंचे।
पुस्तक का शीर्षक ‘Leo: The Untold Story of Chennai Super Kings’
लेखक पी.एस. रमन (पूर्व TNCA उपाध्यक्ष)
कार्यक्रम की तिथि रविवार
घोषणा की तिथि बुधवार (गितांजलि सेल्वराघवन के इंस्टाग्राम पोस्ट के माध्यम से)
प्रमुख अतिथि एमएस धोनी और CSK टीम
कासी विश्वनाथन (CSK CEO)
संगीतकार अनिरुद्ध रविचंदर
क्रिकेटर रविचंद्रन अश्विन और कृष्णमाचारी श्रीकांत
सीडी गोपीनाथ और सुहैल चांधोक
मुख्य आकर्षण अमेज़न (क्रिकेट बुक्स श्रेणी) में #1 बेस्टसेलर
CSK प्रशंसकों ने भव्य तरीके से लॉन्च का जश्न मनाया
गितांजलि ने आयोजकों और उपस्थित लोगों का आभार व्यक्त किया
कहाँ खरीदें? अमेज़न पर उपलब्ध
गितांजलि की फ़िल्म मालई नेरथु मयक्कम‘ (2016), जिसमें बालकृष्ण कोला और वामिका गब्बी मुख्य भूमिका में थे।

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