दुनिया को कट, कॉपी और पेस्ट की सौगात देने वाले कंप्यूटर साइंटिस्ट लैरी टेस्लर का निधन

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कंप्यूटर में कट, कॉपी और पेस्ट की कमांड देने वाले कंप्यूटर साइंटिस्ट लैरी टेस्लर का निधन। कंप्यूटर की कई कमांड की खोज करने वाले वैज्ञानिक का जन्म न्यू यॉर्क के ब्रोंक्स में 1945 में हुआ था और कंप्यूटर के शुरुआती दौर 1960 के दशक में उन्होंने कंप्यूटर को अधिक सुविधा जनक और आसान बनाने के लक्ष्य साथ काम करना शुरू किया।
टेस्लर ने साल 1973 में, ज़ेरॉक्स के पालो ऑल्टो रिसर्च सेंटर (PARC) को ज्वाइन किया, जहां उन्होंने कट, कॉपी और पेस्ट कमांड की खोज की थी। ये कमांड टेक्स्ट एडिटर और शुरुआती कंप्यूटर ऑपरेटिंग सिस्टम के विकास में काफी अहम थीं।
  • यह मैक और विंडोज पर कॉपी और पेस्ट करने की एक कमांड है
  • Google Chrome ने जल्द ही एक डिवाइस से कॉपी किए टेक्स्ट को दूसरे पर पेस्ट करने की सुविधा दी

हालाँकि PARC में ही कट, कॉपी और पेस्ट की खोज की गई, लेकिन ये अनुसंधान केंद्र ग्राफिकल यूजर इंटरफेस पर अपने शुरुआती काम के लिए भी खासा लोकप्रिय था और यहीं से Apple के सह-संस्थापक स्टीव जॉब्स ने माउस का इस्तेमाल अपने उत्पादों करने का आईडिया लिया । उस समय टेस्लर ज़ेरॉक्स में जॉब्स के कई दौरों का भी हिस्सा थे।

टेस्लर ने दुनिया भर की बड़ी कंपनियों के लिए काम किया जिसमें Apple, Amazon और Yahoo शामिल हैं। उन्होंने Apple में काम से करने से पहले फोटोकॉपी कंपनी ज़ेरॉक्स के पालो ऑल्टो रिसर्च सेंटर (Parc), सिलिकॉन वैली में अपने  कैरियर की शुरुआत की थी। उन्होंने 17 साल तक ऐप्पल में काम किया और वहां के मुख्य वैज्ञानिक बन गए थे। उन्हें यूजर इंटरफेस डिजाइन में विशेषज्ञता प्राप्त थी और वह उन्होंने सहयोगी टिम मॉट के साथ Parc सेंटर में कट और पेस्ट कमांड का इजाद करने के लिए सबसे ज्यादा लोकप्रियता हासिल की थी। टेस्लर की कट, कॉपी, पेस्ट कमांड तब ज्यादा प्रसिद्ध हुई जब इसे साल 1983 में एप्पल के सॉफ्टवेयर में लिसा कंप्यूटर पर शामिल किया गया।

अगरतला में शुरू हुआ पहला भारत-बंगला पर्यटन उत्सव

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त्रिपुरा के अगरतला में पहला भारत-बंगला पर्यटन उत्सवटूरिज्म फेस्टिवल का आरंभ हुआ है। इस उत्सव को मनाएं जाने का उद्देश्य त्रिपुरा में पर्यटन को बढ़ावा देना है और राज्य और पड़ोसी देश बांग्लादेश के नागरिकों को राज्य के पर्यटन स्थलों से अवगत कराना है।
इस समारोह का आयोजन राज्य पर्यटन विभाग द्वारा 1971 में बांग्लादेश की स्वतंत्रता संग्राम में दिए त्रिपुरा के योगदान की स्मृति और त्रिपुरा पर्यटन क्षेत्र में उत्साह लाने के लिए किया गया है। राज्य विशेष रूप से सांस्कृतिक पर्यटन, स्वास्थ्य पर्यटन के माध्यम से दोनों देशों के बीच संबंधों को मजबूत करने की दिशा में कम कर रहा हैं।

उपरोक्त समाचार से सभी परीक्षाओं के लिए महत्वपूर्ण तथ्य-

  • त्रिपुरा के मुख्यमंत्री: बिप्लब कुमार देब
  • त्रिपुरा के राज्यपाल: रमेश बैस

हरियाणा सरकार ने किसानों और मजदूरों के लिए अटल कैंटीन खोलने की कि घोषणा

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हरियाणा सरकार ने पूरे राज्य में अटल किसान – मजदूर कैंटीन खोलने का ऐलान किया। सभी मंडियों और चीनी मिलों पर इन कैंटीनों में किसानों और मजदूरों को 10 रुपये के किफायती मूल्य पर सस्ता एवं अच्छा भोजन उपलब्ध कराया जाएगा हैं। सरकार की इस वर्ष ऐसी कुल 25 कैंटीन खोलने की योजना है।
यह घोषणा राज्यपाल सत्यदेव नारायण आर्य ने राज्य विधानसभा के बजट सत्र में अपने संबोधन के दौरान की।  इसके अलावा हरियाणा सरकार, हरियाणा रोडवेज की साधारण बसों में 41 विभिन्न श्रेणियों के निवासियों को मुफ्त और रियायती यात्रा सुविधा भी प्रदान करेगी। एक नई पहल के तहत, वर्ष 2020-2021 के दौरान 11 लाख बीपीएल परिवारों की महिलाओं एवं लड़कियों को सेनेटरी नैपकिन नि: शुल्क प्रदान किए जाएंगे।

उपरोक्त समाचार से सभी परीक्षाओं के लिए महत्वपूर्ण तथ्य-

  • हरियाणा के राज्यपाल: सत्यदेव नारायण आर्य
  • हरियाणा के मुख्यमंत्री: मनोहर लाल खट्टर

संजय कोठारी होंगे नए केंद्रीय सतर्कता आयुक्त

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प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाली उच्चस्तरीय समिति द्वारा संजय कोठारी को नया केंद्रीय सतर्कता आयुक्त चुना गया है। वह वर्तमान में राष्ट्रपति के सचिव के रूप में कार्यरत हैं। केंद्रीय सतर्कता आयोग एक स्वायत्त संस्था है, जो भ्रष्टाचार पर निगरानी रखता है। 



अन्य नियुक्तियाँ:

  • साथ ही समिति ने पूर्व सूचना और प्रसारण सचिव बिमल जुल्का को केंद्रीय सूचना आयोग का नया मुख्य सूचना आयुक्त भी चुना है, जो वर्तमान में सूचना आयुक्त के रूप में सेवारत हैं।
  • इसके अलावा समिति ने बहुमत से सुरेश पटेल को सतर्कता आयुक्त और अनीता पांडोव को सूचना आयुक्त के रूप में नियुक्त करने का फैसला लिया है।
  • केंद्रीय सूचना आयोग का गठन सूचना का अधिकार अधिनियम के तहत किया गया था, जिसके अधिकार क्षेत्र के अंतर्गत सभी केंद्रीय सार्वजनिक प्राधिकरण आते है।

उपरोक्त समाचार से सभी परीक्षाओं के लिए महत्वपूर्ण तथ्य-

  • केंद्रीय सतर्कता आयोग का गठन: फरवरी 1964
  • केंद्रीय सतर्कता आयोग मुख्यालय: नई दिल्ली

ESPN इंडिया अवार्ड्स की हुई घोषणा: जाने किसने जीता कौन-सा अवार्ड

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वर्ष 2019 के ESPN इंडिया अवार्ड्स की घोषणा कर दी गई। ESPN.in पुरस्कार कैलेंडर वर्ष के दौरान भारतीय खेलों में खिलाड़ी या टीम द्वारा किए सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन को सम्मानित करने के लिए दिए जाते हैं। क्रिकेट के ESPNcricinfo के वार्षिक पुरस्कारों में पहले से ही शामिल होने के कारण इसे इन पुरस्कारों में शामिल नहीं किया जाता है। ईएसपीएन अवार्ड्स विभिन्न खेलों में कुल 10 श्रेणियों में प्रदान किए जाते है।
पीवी सिंधु ने वर्ष 2019 के स्पोर्ट्सपर्सन ऑफ द ईयर (महिला) का खिताब जीतने बाद ईएसपीएन इंडिया के टॉप अवार्ड की हैट्रिक पूरी की है। इसके अलावा, जापान की नोज़ोमी ओकुहारा को हराकर बैडमिंटन में पहले भारतीय द्वारा विश्व चैंपियनशिप का खिताब जीतने वाले पल को मोमेंट ऑफ द ईयर चुना गया।
यहां ईएसपीएन इंडिया अवार्ड्स 2019 के विजेताओं की पूरी सूची दी जा रही है:-

S.
No.
पुरस्कार
विजेता
1
स्पोर्ट्सपर्सन
ऑफ द ईयर (महिला)
पीवी
सिंधु (बैडमिंटन)
2
स्पोर्ट्सपर्सन
ऑफ द ईयर (पुरुष)
सौरभ
चौधरी (पिस्टल शूटर)
3
इमर्जिंग स्पोर्ट्सपर्सन ऑफ द ईयर
दीपक
पुनिया (फ्रीस्टाइल रेसलर)
4
कोच
ऑफ द ईयर
पुलेला
गोपीचंद (बैडमिंटन)
5
टीम
ऑफ द ईयर
मनु
भाकर-सौरभ चौधरी (
10 मीटर एयर पिस्टल)
6
लाइफटाइम
अचीवमेंट अवार्ड
बलबीर
सिंह सीनियर (हॉकी)
7
कमबैक
ऑफ द ईयर
कोनेरू
हम्पी (शतरंज)
8
डिफरेंटली
एबल्ड एथलीट ऑफ द ईयर
मानसी
जोशी (बैडमिंटन)
9
मोमेंट
ऑफ द ईयर
पीवी
सिंधु की विश्व चैंपियनशिप के फाइनल में जीत
10

करेज अवार्ड
दुती
चंद (एथलीट)
इन पुरस्कारों के विजेताओं का चयन खेल जगत की कुछ बड़ी हस्तियों के 16-सदस्यीय पैनल द्वारा दिए वोट के आधार पर किया जाता है, जिसमें एंकर और कमेंटेटर हर्षा भोगले, शूटिंग वर्ल्ड कप में स्वर्ण जीतने वाली पहली भारतीय महिला अंजना वेदपाठक भागवत, ग्रैंड स्लैम सिंगल में ड्रॉ खेलने वाली भारत की पहली महिला टेनिस खिलाड़ी निरुपमा वैद्यनाथन संजीव, अपने-अपने खेलों में विश्व चैंपियनशिप के पदक जीतने वाली अंजू बॉबी जॉर्ज (एथलेटिक्स) और ज्वाला गट्टा (बैडमिंटन), और वरिष्ठ पत्रकार रोहित बृजनाथ में शामिल थे।

आज मनाई जा रही है श्यामा प्रसाद मुखर्जी रूर्बन मिशन की चौथी वर्षगांठ

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आज श्यामा प्रसाद मुखर्जी रूर्बन मिशन (SPMRM) के शुरू होने की चौथी वर्षगांठ मनाई जा रही है।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 21 फरवरी 2016, को ग्रामीण क्षेत्रों में आधारभुत विकास को मजबूत करने के लिए इस मिशन की शुरुआत की थी
इस मिशन का उद्देश्य स्थानीय आर्थिक विकास को प्रोत्साहित करना और ग्रामीण क्षेत्रों में बुनियादी सेवाओं को नियोजित कर उन्‍हें बेहतर रुर्बन क्लस्टर बनाकर समूहों में बदलना है। इससे इन क्षेत्रों का पूरी तरह से विकास होगा और एकीकृत तथा समावेशी ग्रामीण विकास को बढ़ावा मिलेगा।
इस मिशन के अंतर्गत 300 रुर्बन समूहों को समयबद्ध तरीके से विकसित किए जाने की परिकल्पना की गई है। रुर्बन क्लस्टर की सफलता से प्रेरित होकर, नीति आयोग ने अगले तीन वर्षों में 1,000 से अधिक समूहों के लिए एक नया और विस्तारित कार्यक्रम प्रस्तावित किया है।

उपरोक्त समाचार से सभी परीक्षाओं के लिए महत्वपूर्ण तथ्य-

  • केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री: नरेंद्र सिंह तोमर.

दुनिया भर में आज मनाया जाएगा अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस

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अंतरराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस फरवरी 2000 के बाद से हर साल 21 फरवरी को विश्व स्तर पर मनाया जाता है। इस दिवस को मनाए जाने का मुख्य उद्देश्य विश्व भर में भाषा, सांस्कृतिक विविधता और बहुभाषावाद के बारे में जागरूकता बढ़ाना है।
यूनेस्को द्वारा अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस इस साल  “Languages without borders.” (भाषाओँ की कोई सीमा नहीं) के विषय पर मनाया जा रहा है।

अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस मनाने की शुरुआत बांग्लादेश से हुई थी। बांग्लादेश हर साल 21 फरवरी को बांग्लादेशियों द्वारा बंगला भाषा के लिए किए गए संधर्ष की वर्षगाठ मनाता है ।
यूनेस्को से प्राप्त आंकड़ों के अनुसार “विश्व में बोली जाने वाली लगभग 6000 भाषाओं में से 43% भाषा धीरे-धीरे समाप्त होने की कगार पर हैं। वहीँ केवल कुछ सौ भाषाओं को ही शिक्षा और सार्वजनिक कामकाज की भाषा के रूप में जगह दी गई है, जबकि सौ से भी कम भाषाएं डिजिटल दुनिया में इस्तेमाल की जाती हैं। भूमंडलीकरण (Globalisation) विभिन्न भाषाओं के विभिन्न खतरों को बढ़ाने के लिए जिम्मेदार, इसलिए हम सभी को मिलकर अपने क्षेत्र, राष्ट्र और दुनिया की भाषाई विविधता को बचाने के लिए प्रयास करना चाहिए।  

अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस का इतिहास:


ये घटना 1952 से जुड़ी है, जब बांग्लादेश की ढाका विश्वविद्यालय के छात्रों ने अपनी मातृभाषा बंगला (जो बांग्लादेश में बहुसंख्यक लोगों द्वारा बोली जाती थी) को राष्ट्रीय भाषा बनाने के लिए विरोध प्रदर्शन और रैलियां की थीं। भारत और पाकिस्तान के विभाजन के बाद पाकिस्तानी सरकार ने उर्दू को पूर्वी पाकिस्तान (अब बांग्लादेश) और पश्चिम पाकिस्तान की राष्ट्रीय भाषा घोषित कर दिया था। पूर्वी पाकिस्तान (अब बांग्लादेश) के लोगों ने अपनी मातृभाषा के लिए संघर्ष किया और बलिदान दिया। सरकार ने 1956 में बंगला को पूर्वी पाकिस्तान (अब बांग्लादेश) की आधिकारिक भाषा का दर्जा दे दिया था। हालांकि 1971 में बंगलादेश को स्वतंत्र मिली, लेकिन देश में अभी भी 21 फरवरी को राष्ट्रीय अवकाश घोषित किया गया है और अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस मनाया जाता है।
यूनेस्को ने इस संघर्ष में शहीद हुए युवाओं की याद में 1999 में 21 फरवरी को मातृभाषा दिवस के रूप में मनाए जाने की घोषणा की थी।

उपरोक्त समाचार से सभी परीक्षाओं के लिए महत्वपूर्ण तथ्य-

    • UNESCO: United Nations Educational, Scientific and Cultural Organization 
    • यूनेस्को: संयुक्‍त राष्‍ट्र शैक्षिक, वैज्ञानिक और सांस्‍कृतिक संगठन
    • यूनेस्को महानिदेशक: ऑड्रे आज़ोले; मुख्यालय: पेरिस, फ्रांस
    • यूनेस्को की स्थापना: 16 नवंबर 1945

          नई दिल्ली में भारतीय वस्‍त्र एवं शिल्‍प के लिए उभरते अवसरों पर संगोष्ठी का हुआ आयोजन

          about | - Part 2706_17.1
          नई दिल्ली में ‘भारतीय वस्‍त्र एवं शिल्‍प के लिए उभरते अवसर’ पर संगोष्ठी का आयोजन किया गया। इस संगोष्ठी की अध्यक्षता केंद्रीय कपड़ा एवं महिला और बाल विकास मंत्री स्मृति जुबिन ईरानी ने की। इस संगोष्‍ठी में वाणिज्‍य एवं उद्योग और कपड़ा मंत्रालयों के वरिष्‍ठ अधिकारियों, निर्यात संवर्धन परिषद (Export Promotion Council – EPCs) के प्रतिनिधियों, खरीदारी करने वाले कार्यालयों एवं खरीदारी करने वाले एजेंटों ने भाग लिया। प्रतिभागियों ने चीन में फैले ‘कोरोना वायरस” के वर्तमान परिदृश्य के मद्देनजर उपलब्ध व्यापारिक अवसरों पर चर्चा करने के लिए संगोष्ठी में भाग लिया।
          केंद्रीय कपड़ा मंत्री स्मृति जुबिन ईरानी ने बढ़ती घरेलू क्षमताओं के साथ-साथ वर्तमान अवसरों के विविधीकरण की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने भारत को वस्त्र क्षेत्र में अग्रणी बनाने पर भी जोर दिया।
          इस संगोष्ठी का आयोजन भारत सरकार के कपड़ा मंत्रालय के तत्वावधान में एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल फॉर हैंडीक्राफ्ट्स द्वारा किया गया।

          अरुणाचल प्रदेश राज्य स्थापना दिवस: 20 फरवरी

          about | - Part 2706_19.1
          अरुणाचल प्रदेश 20 फरवरी को अपना 34 वां स्थापना दिवस मना रहा है। अरुणाचल प्रदेश को 20 फरवरी, 1987 को पूर्ण राज्य का दर्जा प्राप्त हुआ था। 1972 तक, इसे नॉर्थ-ईस्ट फ्रंटियर एजेंसी (NEFA) के नाम से जाना जाता था, जिसे 20 जनवरी 1972 को केंद्र शासित प्रदेश का दर्जा दिया गया और इसका नाम बदलकर अरुणाचल प्रदेश कर दिया गया।
          केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, अरुणाचल प्रदेश के 34 वें स्‍थापना दिवस समारोह में हिस्सा लेने के लिए राज्य के दौरे पर है। जहां उन्होंने राज्य पुलिस के नए मुख्यालय की आधारशिला रखी। साथ ही अमित शाह ने औद्योगिक निवेश नीति, 2020 की भी शुरूआत और सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) द्वारा निर्मित जोरम कोलोरियांग रोड का उद्घाटन किया।



          उपरोक्त समाचार से सभी परीक्षाओं के लिए महत्वपूर्ण तथ्य-

          • अरुणाचल प्रदेश के राज्यपाल: बी डी मिश्रा
          • अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री: पेमा खांडू

          नीति आयोग ने एक्टिव फ़ार्मास्युटिकल्स इंग्रीडिएंट्स उद्योग पर बैठक का किया आयोजन

          about | - Part 2706_21.1
          राष्ट्रीय भारत परिवर्तन संस्था (National Institution for Transforming India – नीति आयोग) द्वारा एक्टिव फ़ार्मास्युटिकल्स इंग्रीडिएंट्स (API) इंडस्ट्री पर एक बैठक आयोजन किया गया। बैठक नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत की अध्यक्षता में API उद्योग में वृद्धि को प्रोत्साहित करने के लिए आयोजित की गई।



          बैठक की मुख्य बाते:

          बैठक के दौरान, फार्मास्यूटिकल्स विभाग (DoP) द्वारा एपीआई उद्योग के इतिहास एवं वर्तमान स्थिति और इसके सामने आने वाली चुनौतियों पर एक विस्तृत प्रस्तुति पेश की गई। साथ ही इसमें उन उपलब्ध विकल्पों का भी प्रदर्शन किया, जो भारत को की-स्टार्टिंग मटीरियल्स, इंटरमीडिएट और एक्टिव फ़ार्मास्युटिकलसूट्स (एपीआई) का एक महत्वपूर्ण केंद्र बना सकते हैं। इसके अलावा बैठक में देश में बल्क ड्रग पार्कों को बढ़ावा देने के लिए हाल ही में किए गए प्रयासों पर भी चर्चा की गई।

          बैठक के भागीदार:

          नीति आयोग द्वारा आयोजित इस बैठक में फार्मा उद्योग विभाग, स्वास्थ्य अनुसंधान विभाग, रसायन और पेट्रो रसायन विभाग, पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय, रसायन और पेट्रो रसायन विभाग और व्यय विभाग के प्रतिनिधियों ने एपीआई उद्योग में वृद्धि को बढ़ावा देने के लिए शिरकत की।

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