रक्षा मंत्री ने DTIS को दी मंजूरी

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एक रक्षा परीक्षण अवसंरचना योजना अर्थात Defence Testing Infrastructure Scheme (DTIS) को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह द्वारा मंजूरी दी गयी है। इस 400 करोड़ रुपये के परिव्यय वाली योजना को निजी क्षेत्र की रक्षा और एयरोस्पेस कंपनियों को सस्ती सुविधाओं का परीक्षण करने के साथ-साथ उनके द्वारा डिजाइन किए गए हथियार को मान्य करने की पेशकश करने के लिए मंजूरी दी गई है। DTIS योजना को विशेष रूप से सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (MSME) और स्टार्ट-अप के बीच स्वदेशी रक्षा क्षमता को बढ़ावा देने के लिए अनुमोदित किया गया है। इस योजना के तहत, निजी क्षेत्र को सरकारी खर्च पर आग्नेयास्त्रों, गोला-बारूद, इलेक्ट्रॉनिक्स और रडार के लिए परिष्कृत और महंगी परीक्षण सुविधाओं जैसी सुविधाओं तक पहुंच प्राप्त होगी।


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डिफेंस टेस्टिंग इंफ्रास्ट्रक्चर स्कीम का उद्देश्य सरकारी सहायता के साथ निजी क्षेत्र के तहत डिफेंस इंडस्ट्रियल कॉरिडोर (DICs), में एक सामान्य सुविधा के रूप में ग्रीनफील्ड डिफेंस टेस्टिंग इन्फ्रास्ट्रक्चर स्थापित करना है। यह योजना 5 वर्षों के लिए चलेगी और निजी उद्योग के साथ साझेदारी में छह से आठ परीक्षण सुविधाओं की स्थापना की परिकल्पना करती है। 

सभी प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए महत्वपूर्ण टेकअवे:

  • केंद्रीय रक्षा मंत्री: राजनाथ सिंह।

NDMA ने तैयार किया डैशबोर्ड “राष्ट्रीय प्रवासी सूचना प्रणाली (NMIS)

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राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (NDMA) द्वारा एक ऑनलाइन डैशबोर्ड “राष्ट्रीय प्रवासी सूचना प्रणाली (NMIS)” तैयार किया गया है। NDMA  द्वारा इस डैशबोर्ड को तैयार करने का उद्देश्य –  प्रवासियों के आंदोलन के बारे में जानकारी हासिल करने और राज्यों में फंसे हुए व्यक्तियों के सुचारू आवागमन को सुगम बनाना है।

डैशबोर्ड National Migrant Information System द्वारा प्रवासी श्रमिकों पर एक केंद्रीय भंडार का प्रबन्धन किया जाएगा। यह प्रवासी श्रमिकों के सुगम आवागमन को उनके मूल स्थानों तक पहुंचाने के लिए त्वरित अंतर-राज्य संचार / समन्वय (inter-State communication/co-ordinationमें भी सहयोग करेगा। इसमें कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग जैसे अतिरिक्त फायदे भी शामिल हैं, जो समग्र COVID-19 प्रतिक्रिया कार्य में लाभदायक हो सकते हैं। डैशबोर्ड में एकीकृत डेटा की मदद से, राज्य यह आकलन कर कर पाएंगे कि कितने लोग अपने गंतव्य राज्यों में कहां पहुंच रहे हैं।

अंतर्राष्ट्रीय संग्रहालय दिवस: 18 मई

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International Museum Day: हर साल 18 मई को दुनिया भर में अंतर्राष्ट्रीय संग्रहालय दिवस के रूप में मनाया जाता है। यह दिन हर साल समाज में “संग्रहालय सांस्कृतिक आदान-प्रदान, संस्कृतियों के संवर्धन और लोगों के बीच आपसी समझ, सहयोग और शांति के विकास का एक महत्वपूर्ण साधन हैं ” के महत्वपूर्ण तथ्य के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए मनाया जाता है। अंतर्राष्ट्रीय संग्रहालय दिवस 2020 को “Museums for Equality: Diversity and Inclusion” विषय के साथ मनाया जाएगा।
पहले पहली बार अंतर्राष्ट्रीय संग्रहालय दिवस 40 साल पहले मनाया गया था। यह दिन हर्षोउल्लास के साथ दुनिया भर में मनाया जाता है और इस दिन दुनिया भर के अधिक से अधिक संग्रहालय इसमें भाग लेते है।

उपरोक्त समाचारों से आने-वाली परीक्षाओं के लिए
महत्वपूर्ण तथ्य-

  • अंतर्राष्ट्रीय संग्रहालय परिषद के अध्यक्ष: सुए अकौसी.

NRAI ने तकनीकी प्लेटफॉर्म तैयार के लिए DotPe के साथ मिलाया हाथ

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नेशनल रेस्टोरेंट्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (NRAI) ने अपना खुद का तकनीकी प्लेटफॉर्म तैयार करने के लिए फिनटेक स्टार्ट-अप DotPe के साथ समझौता किया है। यह प्लेटफॉर्म NRAI को डिजिटल ऑर्डरिंग, बिल सेटलमेंट्स और कॉन्टैक्टलेस डाइनिंग के लिए ऑनलाइन पेमेंट करने में सक्षम बनाएगा। इस समझौते के अंतर्गत DotPe, NRAI तकनीकी समाधान उपलब्ध कराएगा।
NRAI, भारत में खाद्य और पेय उद्योग का शीर्ष निकाय है। यह साझेदारी मौजूदा फूड-दिगाज एग्रीगेटर्स, Zomato और Swiggy पर सीधे लागू होगी। एनआरएआई पांच लाख से अधिक रेस्तरां व्यवसायों का प्रतिनिधित्व करता है। इसके अलावा यह सोशल मीडिया प्लेटफार्मों जैसे कि व्हाट्सएप, फेसबुक और इंस्टाग्राम के साथ तालमेल बिठाकर ऑर्डर करने की सुविधा और रेस्तरां के भागीदारों के लिए सुविधाएं और विजिबिल्टी प्रदान करने के लिए कार्य कर रहा है जो संभवतः इसके सदस्य हो सकते हैं।

उपरोक्त समाचारों से आने-वाली परीक्षाओं के लिए
महत्वपूर्ण तथ्य-

  • NRAI के अध्यक्ष: रियाज़ अमलानी.
  • एनआरएआई स्थापित: 1982.
  • NRAI मुख्यालय: दिल्ली.
  • DotPe की स्थापना  erstwhile PayU के सह-संस्थापक और प्रबंध निदेशक: शैलाज़ नाज ने की थी।
  • DotPe मुख्यालय: गुड़गांव, हरियाणा.

एचडीएफसी के जुबैर इकबाल होंगे J&K बैंक के नए एमडी

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जम्मू और कश्मीर सरकार द्वारा एचडीएफसी बैंक के सीनियर वाईस प्रेसिडेंट जुबैर इकबाल को जम्मू और कश्मीर बैंक का नया प्रबंध निदेशक नियुक्त किया गया है। इकबाल की नियुक्ति तीन साल की अवधि के लिए की गई है ।
इसके अलावा  J&K बैंक के वर्तमान अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक (Chairman and Managing Director) आर. के. छिब्बर अगले तीन वर्षों तक बैंक के अध्यक्ष के रूप में कार्य करते रहेंगे। यह नियुक्ति भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) द्वारा बेहतर परिचालन के लिए अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक के पदों को अलग-अलग करने के लिए जारी किए गए दिशा-निर्देश के तहत की गई हैं।

उपरोक्त समाचारों से आने-वाली परीक्षाओं के लिए
महत्वपूर्ण तथ्य-

  • जम्मू और कश्मीर बैंक का मुख्यालय: श्रीनगर.
  • जम्मू और कश्मीर बैंक लिमिटेड को 1 अक्टूबर 1938 में शामिल किया गया था और जिसने 4 जुलाई 1939 से कश्मीर (भारत) में अपना कारोबार शुरू किया था.
 

ईरान के ओपेक गवर्नर होसैन कज़म्पोर अर्देबिली का निधन

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पेट्रोलियम निर्यातक देशों के संगठन (Petroleum Exporting Countries-OPEC) में ईरान के प्रतिनिधि, होसैन कज़म्पोर अर्देबिली का निधन। उन्होंने लगभग 20 वर्षों तक ईरान के ओपेक प्रतिनिधि के रूप में कार्य किया। 1995 से 2008 तक इस पद पर रहने के बाद साल 2013 से ओपेक में ईरान के प्रतिनिधि थे।

विश्व उच्च रक्तचाप दिवस: 17 मई

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World Hypertension Day 2020: हर साल 17 मई को विश्व स्तर पर विश्व उच्च रक्तचाप दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस दिवस को मनाने का मुख्य उद्देश्य बढ़ते हुए उच्च रक्तचाप (बीपी) के बारे में जागरूकता को बढ़ावा देना और सभी देशों के नागरिकों को इस धीरे धीरे मारने वाला कारक को रोकने और नियंत्रित करने के लिए प्रोत्साहित करना है। इस दिन को पहली बार मई 2005 में मनाया गया था। विश्व उच्च रक्तचाप दिवस (WHD) विश्व उच्च रक्तचाप लीग (WHL) की एक पहल है, जो इंटरनेशनल सोसाइटी ऑफ हाइपरटेंशन का एक संबद्ध अनुभाग है।
विश्व उच्च रक्तचाप दिवस 2020 का विषय: Measure Your Blood Pressure, Control It, Live Longe. यह विषय विश्व की  आबादी में उच्च रक्तचाप (बीपी) जागरूकता बढ़ाने पर केंद्रित है।
WHL ने वैश्विक COVID-19 महामारी के कारण 17 अक्टूबर 2020 तक विश्व उच्च रक्तचाप दिवस (WHD) 2020 के उत्सव स्थगित करने की घोषणा की है।

उपरोक्त समाचारों से आने-वाली परीक्षाओं के लिए
महत्वपूर्ण तथ्य-
  • इंटरनेशनल सोसायटी ऑफ हाइपरटेंशन के अध्यक्ष: अल्टा शुट्टे.
  • इंटरनेशनल सोसायटी ऑफ हाइपरटेंशन स्थापित: 1966.

विश्व दूरसंचार एवं सामाजिक सूचना दिवस: 17 मई

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हर साल 17 मई को विश्व स्तर पर World Telecommunication and Information Society Day यानि विश्व दूरसंचार एवं सामाजिक सूचना दिवस मनाया जाता है। विश्व दूरसंचार एवं सामाजिक सूचना दिवस को मनाने का मुख्य उद्देश्य उन संभावनाओं को तलाशने के बारे में जागरूकता बढ़ाने में मदद करना है जो इंटरनेट और अन्य सूचना और संचार प्रौद्योगिकियों (आईसीटी) के इस्तेमाल से समाज और अर्थव्यवस्थाओं को आगे ले जा सकते हैं।
वर्ष 2020 के विश्व दूरसंचार एवं सामाजिक सूचना दिवस की थीम: “Connect 2030: ICTs for the Sustainable Development Goals (SDGs)” है।

विश्व दूरसंचार एवं सामाजिक सूचना दिवस का इतिहास:

विश्व दूरसंचार दिवस (WTD) 1969 से 17 मई को प्रतिवर्ष मनाया जा रहा है। इसी दिन 17 मई 1865 को अंतर्राष्ट्रीय दूरसंचार संघ (International Telecommunication Union) की स्थापना की वर्षगांठ है, जब पेरिस में पहले अंतर्राष्ट्रीय टेलीग्राफ कन्वेंशन पर हस्ताक्षर किए गए थे। 1973 में, कार्यक्रम को औपचारिक रूप से स्पेन के मलागा-टॉरमोलिनोस में आईटीयू प्लेनिपोटेंटरी सम्मेलन में शुरू किया गया था।
साल 2005 में यूनाइटेड नेशन (UN) की जनरल असेंबली ने 17 मई को विश्व दूरसंचार और सामाजिक सूचना दिवस के तौर पर मनाने का निर्णय लिया। इसका उद्देश्य शिखर सम्मेलन द्वारा उठाए गए  प्रौद्योगिकियों के महत्व और संबंधित सामाजिक और आर्थिक मुद्दों की विस्तृत श्रृंखला पर ध्यान केंद्रित करना था। संयुक्त राष्ट्र महासभा ने मार्च 2006 में हर साल 17 मई को विश्व सूचना समाज दिवस (WISD) के रूप में मनाए जाने के प्रस्ताव को स्वीकार किया था। बाद में 2006 में, तुर्की के अंताल्या में हुए आईटीयू प्लेनिपोटेंटरी सम्मेलन ने दोनों दिनों को विश्व दूरसंचार और सामाजिक सूचना दिवस के रूप में मनाए जाने का निर्णय लिया है।

उपरोक्त समाचारों से आने-वाली परीक्षाओं के लिए
महत्वपूर्ण तथ्य-
  • आईटीयू मुख्यालय: जिनेवा, स्विट्जरलैंड.
  • आईटीयू हेड: हौलिन झाओ.
  • आईटीयू स्थापित: 17 मई 1865.

लॉकडाउन 4.0: 31 मई तक बढ़ा लॉकडाउन, अब राज्य तय करेंगे रेड, ग्रीन और ऑरेंज जोन

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गृह मंत्रालय द्वारा कल शाम एक आधिकारिक नोटिस जारी किया गया है जिसमें COVID-19 के कारण लगाए देशव्यापी लॉकडाउन को 14 दिनों तक आगे बढ़ाने का ऐलान किया गया है, अर्थार्त अब लॉकडाउन को 31 मई 2020 तक के लिए बढ़ा दिया गया है। इसके अलावा गृह मंत्रालय ने इस नए रूप-रंग और नियमों वाले लॉकडाउन के लिए नए दिशानिर्देशों भी जारी किए है। 
गृह मंत्रालय द्वारा किए गए दिशानिर्देशों में कहा गया है कि 31 मई तक चलने वाले लॉकडाउन 4.0 में कन्टेनमेंट, बफर, रेड, ग्रीन और ऑरेंज जोन अब राज्य सरकार द्वारा निर्धारित किए जाएंगे, जबकि अंतरराज्यीय यात्रा, सभी घरेलू और अंतरराष्ट्रीय उड़ाने, मेट्रो रेल परिचालन पर लगी पाबन्दी अभी जारी रहेगी। स्कूल और कॉलेज सहित होटल, मॉल, जिम और रेस्तरां 31 मई तक नहीं खोले जाएंगे। इसके अलावा सामाजिक, राजनीतिक और धार्मिक समारोहों पर लगे प्रतिबंध भी जारी रहेंगे। 
अधिक जानकारी के लिए नीचे दिए गए लिंक पर जाए :

MHA Orders Extension of Lockdown till 31 May- Download Guidelines

उपरोक्त समाचारों से आने-वाली परीक्षाओं के लिए
महत्वपूर्ण तथ्य-
  • केंद्रीय गृह राज्य मंत्री: अमित शाह.

वित्त मंत्री ने “आत्मनिर्भर भारत अभियान” के तहत चौथे चरण में उठाए जाने वाले कदमों का किया ऐलान

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केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने COVID-19 महामारी के बीच प्रधानमंत्री द्वारा घोषित “आत्मनिर्भर भारत अभियान” के तहत आर्थिक राहत पैकेज की कड़ी में कुछ और राहत उपायों को जोड़ते हुए आज चौथे चरण के कदमों की विस्तार से जानकारी साझा की है। भारत को आत्मनिर्भर बनाने के मुख्य उद्देश्य से की गई यह घोषणा 20 लाख करोड़ रुपये के आर्थिक पैकेज का ही हिस्सा है, जिसका प्रधानमंत्री मोदी द्वारा 12 मई को ऐलान किया गया था।

अपने संबोधन में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने “आत्मनिर्भर भारत अभियान” के तहत जारी आर्थिक राहत पैकेज के इस चौथे चरण को 8 क्षेत्रों में संरचनात्मक सुधारों के लिए समर्पित बताया है: कोयला, खनिज, रक्षा उत्पादन, नागरिक उड्डयन (हवाई अंतरिक्ष प्रबंधन, हवाई अड्डों, रखरखाव मरम्मत और समग्र) केंद्र शासित प्रदेशों में बिजली वितरण,अंतरिक्ष एवं परमाणु ऊर्जा.
“आत्मनिर्भर भारत अभियान” के लिए आर्थिक राहत पैकेज के चौथे चरण के तहत किए जाने वाले 8 उपायों से जुड़ी मुख्य विशेषताएं:-

1. कोयला क्षेत्र:

भारत सरकार ने इस क्षेत्र में प्रतिस्पर्धा, पारदर्शिता और निजी क्षेत्र की भागीदारी शुरू करने के लिए कोयला क्षेत्र में वाणिज्यिक खनन को लाने का निर्णय किया है।
  • निश्चित रुपये/टन की व्यवस्था के बजाय राजस्व साझेदारी व्यवस्था लागू होगी. इसमें कोई भी पक्ष कोयला ब्लॉक के लिए बोली लगा सकता है और खुले बाजार में बिक्री कर सकता है.
  • प्रवेश नियमों को लचीला बनाया जाएगा। तत्काल लगभग 50 ब्लॉकों की पेशकश की जाएगी. पात्रता की कोई शर्त नहीं होगी, एक सीमा के साथ अग्रिम भुगतान किया जाएगा.
  • पूरी तरह अन्वेषित, कोयला ब्लॉकों की नीलामी के पिछले प्रावधान की तुलना में आंशिक रूप से अन्वेषित ब्लॉकों के लिए अन्वेषण-सह-उत्पादन व्यवस्था लागू होगी.
  • इससे निजी क्षेत्र को अन्वेषण में भाग लेने का अवसर मिलेगा.
  • निर्धारित समय से पहले उत्पादन के लिए राजस्व हिस्सेदारी में छूट के माध्यम से प्रोत्साहन दिया जाएगा.
  • राजस्व हिस्सेदारी में छूट के माध्यम से कोयला गैसीकरण / द्रवीकरण को प्रोत्साहन दिया जाएगा। इसके परिणामस्‍वरूप पर्यावरणीय प्रभाव काफी कम हो जाएगा और इससे भारत को गैस आधारित अर्थव्यवस्था का रुख करने में सहायता मिलेगी.
  • भारत सरकार बुनियादी ढांचे के विकास के लिए लगभग 50,000 करोड़ रुपये खर्च करेगी। इसमें खदानों से रेलवे साइडिंग तक कोयले के मशीनीकृत हस्तांतरण  (कन्वेयर बेल्ट) में 18,000 करोड़ रुपये मूल्‍य का निवेश शामिल होगा.
  • कोयला बेड मीथेन (सीबीएम) निष्कर्षण के अधिकारों की कोल इंडिया लिमिटेड (सीआईएल)की कोयला खानों से नीलामी की जाएगी.
  • खनन योजना सरलीकरण जैसे कारोबार करने में सुगमता जैसे उपाय किए जाएंगे। इससे वार्षिक उत्पादन में स्वत: 40 प्रतिशत वृद्धि होगी.
  • सीआईएल के उपभोक्ताओं को वाणिज्यिक शर्तों में रियायतें दी गई (5,000 करोड़ रुपये की राहत दी जाएगी).
  • गैर-बिजली उपभोक्ताओं के लिए नीलामी में आरक्षित मूल्य में कमी, ऋण की शर्तों में ढील, और उठान की अवधि को बढ़ाया जाएगा.ठाने की अवधि को बढ़ाया जाएगा।

2. खनिज क्षेत्र:

विकास, रोजगार सजृन को बढ़ावा देने और विशेष रूप से अत्याधुनिक अन्वेषण प्रौद्योगिकी लाने के लिए निम्‍नलिखित के माध्यम से संरचनात्मक सुधार किए जाएंगे:-
  • खनिज क्षेत्र में निर्बाध मिश्रित खोज-खनन-उत्पादन व्यवस्था शुरु की जाएगी.
  • स्वतंत्र एवं पारदर्शी नीलामी प्रक्रिया के माध्‍यम से 500 खनन खंडों की पेशकश की जाएगी.
  • एल्यूमिनीयम उद्योग की प्रतिस्पर्धिता बढ़ाने के लिये बॉक्साइट और कोयला खनिज खंडों की संयुक्त नीलामी की जायेगी, ताकि एल्यूमिनीयम उद्योग को बिजली की लागत में कमी लाने में सहायता की जा सके.
  • खनन पट्टों के हस्तांतरण तथा इस्तेमाल से अधिक बचे खनिजों की बिक्री की मंजूरी देने के लिये कैप्टिव और नॉन-कैप्टिव खदानों बीच के अंतरको समाप्त किया जाएगा, इससे खनन और उत्पादन में बेहतर दक्षता सुनिश्चित होगी.
  • खान मंत्रालय विभिन्न खनिजों के लिए एक खनिज सूचकांक विकसित करने की प्रक्रिया में है। 
  • खनन पट्टे प्रदान करते समय देय स्टाम्प शुल्‍क को तर्कसंगत बनाया जाएगा.
3. रक्षा उत्पादन:
  • रक्षा उत्पादन में आत्मनिर्भरता के लिए ‘मेक इन इंडिया’ को बढ़ावा दिया जाएगा. इसके लिए वर्ष वार समयसीमा के साथ आयात पर प्रतिबंध लगाने के लिए हथियारों / प्लेटफार्मों की एक सूची को अधिसूचित किया जाएगा.
  • आयातित पुर्जों का स्वदेशीकरण किया जाएगा और घरेलू पूंजी खरीद के लिए अलग से बजट प्रावधान किया जाएगा। इससे हमारे बड़े रक्षा आयात बिल को कम करने में मदद मिलेगी.
  • आयुध निर्माणी बोर्ड के कॉरपोरेटीकरण के माध्यम से आयुध आपूर्ति में स्वायत्तता, जवाबदेही और दक्षता में सुधार लाया जाएगा.
  • स्वचालित मार्ग के जरिए रक्षा विनिर्माण में एफडीआई की सीमा 49 प्रतिशत से बढ़ाकर 74 प्रतिशत की जाएगी.
  • अनुबंध प्रबंधन का सहयोग करने के लिए एक परियोजना प्रबंधन इकाई (पीएमयू) की स्थापना की जाएगी, हथियारों / प्लेटफार्मों की सामान्य स्टाफ गुणात्मक आवश्यकताओं (जीएसक्यूआर) की यथार्थवादी स्थापना होगी और ट्रायल एवं टेस्टिंग प्रक्रियाओं का जीर्णोद्धार किया जाएगा।

4. नागरिक उड्डयन क्षेत्र:


i) एयरस्पेस प्रबंधन

  • भारतीय हवाई क्षेत्र के उपयोग पर प्रतिबंधों को कम किया जाएगा ताकि नागरिक उड़ानें अधिक कुशल हों।
  • सरकार विमानन क्षेत्र के लिए प्रति वर्ष कुल 1,000 करोड़ रुपये का लाभ लेकर आएगी.
  • इससे हवाई क्षेत्र का इष्टतम उपयोग होगा, ईंधन के उपयोग व समय में कमी आएगी और इसका सकारात्मक पर्यावरणीय प्रभाव भी होगा.
ii) पीपीपी के माध्यम से विश्व स्तरीय हवाई अड्डे
  • भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण ने पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप (पीपीपी) आधार पर परिचालन और रखरखाव के वास्ते दूसरे चरण की बोली लगाने के लिए 6 और हवाई अड्डों की पहचान की गई है। 
  • AAI को 2300 करोड़ रुपये का डाउन पेमेंट भी मिलेगा.
  • चरण 1 और 2 में निजी कंपनियों द्वारा 12 हवाई अड्डों में लगभग 13,000 करोड़ रुपये का अतिरिक्त निवेश लाने की उम्मीद है, तीसरे चरण की बोली के लिए 6 और हवाई अड्डों को उपलब्ध रखा जाएगा.

iii) विमान के रखरखाव, मरम्मत और जीर्णोद्धार (एमआरओ) के लिए भारत एक वैश्विक केंद्र बनेगा

  • भारत को रखरखाव, मरम्मत और ओवरहाल हब बनाने के लिए सरकार द्वारा MRO पारिस्थितिकी तंत्र के लिए कर व्यवस्था को युक्तिसंगत बनाया गया है.
  • अगले तीन वर्षों में विमान पुर्जों की मरम्मत और एयरफ्रेम रखरखाव पर खर्च 800 करोड़ रुपये से बढ़कर 2000 करोड़ रुपये किया जाएगा.
  • आने वाले वर्ष में दुनिया के प्रमुख इंजन निर्माताओं द्वारा भारत में इंजन मरम्मत की इकाइयां स्थापित करने की उम्मीद है.
  • बड़े दायरे की अर्थव्यवस्थाओं को बनाने के लिए रक्षा क्षेत्र और सिविल एमआरओ के बीच मेल स्थापित किया जाएगा.
  • इससे विमानों के रखरखाव की लागत में कमी आएगी.
5. केंद्र शासित प्रदेशों में वितरण का निजीकरण
केंद्रशासित प्रदेशों में विद्युत वितरण कंपनियों का निजीकरण टैरिफ नीति सुधारों की क्रमानुसार किया जाएगा, जिसकी घोषणा शीघ्र ही की जाएगी। यह टैरिफ नीति तीन स्तंभों के तहत जारी की जाएगी:-
i) उपभोक्‍ता अधिकार
  • डिस्कॉम की विफलताओं के कारण उपभोक्ताओं पर बोझ नहीं
  • डिस्कॉम के लिए संबद्ध सेवा और जुर्माना के मानक निर्धारित
  • डिस्कॉम को पर्याप्त बिजली सुनिश्चित करना पड़ेगा; लोड शेडिंग के लिए दंडित किया जाएगा
ii)  उद्योग को बढ़ावा
  • क्रॉस सब्सिडी में सुधारवादी कटौती
  • स्पष्ट अभिगमन के लिए समयबद्ध अनुदान
  • उत्पादन और संचरण परियोजना डेवलपरों को प्रतिस्पर्धी रूप से चुना जाएगा

iii)  क्षेत्र की स्थिरता

  • कोई नियामक संपत्ति नही
  • समय पर जेनकोस के लिए भुगतान
  • सब्सिडी और स्मार्ट प्रीपेड मीटर के लिए डीबीटी
उपरोक्त टैरिफ नीति सुधारों के अनुरूप, केंद्र शासित प्रदेशों में बिजली विभागों/ उपादेयताओं का निजीकरण किया जाएगा। इससे उपभोक्ताओं को बेहतर सेवाएं मिलेगी और वितरण के परिचालन में और वित्तीय दक्षता  में सुधार आएगा।

6. सामाजिक अवसंरचना परियोजनाए

  • सरकार ने सामाजिक अवसंरचना परियोजनाओं के निर्माण के लिए 8100 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है जो कि  व्यवहार्यता अंतर वित्‍तपोषण योजना के रूप में जाएगा.
  • सरकार व्यवहार्यता अंतर वित्‍तपोषण यानी वाइब्लिटी गैप फंडिंग (वीजीएफ) की मात्रा में 30% तक वृद्धि करेगी, वीजीएफ के रूप में केंद्र और राज्य/ वैधानिक संस्थाओं द्वारा प्रत्येक परियोजना की कुल लागत के लिए। अन्य क्षेत्रों के लिए, भारत सरकार और राज्यों/ वैधानिक संस्थाओं में से प्रत्येक के लिए वीजीएफ का मौजूदा समर्थन 20% जारी रहेगा.
  • ये परियोजनाएँ केंद्रीय मंत्रालयों/ राज्य सरकारों/ वैधानिक संस्थाओं द्वारा परियोजनाओं को प्रस्तावित.

7. अंतरिक्ष क्षेत्र:

  • सरकार ने उपग्रहों, प्रक्षेपणों और अंतरिक्ष आधारित सेवाओं में निजी कंपनियों को समान अवसर प्रदान किया जाएगा. निजी कंपनियों को आशा के अनुकूल नीति और नियामक वातावरण उपलब्ध कराया जाएगा.
  • भारत सरकार ने निजी क्षेत्र को अपनी क्षमता में सुधार लाने के लिए इसरो सुविधाएं और अन्य प्रासंगिक परिसंपत्तियों का उपयोग करने की अनुमति प्रदान की करने की घोषणा की है.
  • सरकार निजी क्षेत्र के लिए भविष्य की परियोजनाओं जैसे ग्रहों का खोज करने, अंतरिक्ष यात्रा करने के लिए विकल्प को खुला रखेगी.
  • तकनीक-उद्यमियों को रिमोट सेंसिंग डेटा उपलब्ध कराने के लिए लिबरल जियो-स्पेटियल डेटा पॉलिसी बनाई जाएगी.

8. परमाणु ऊर्जा:

  • केंद्र सरकार द्वारा कैंसर और अन्य बीमारियों के लिए सस्ता उपचार प्रदान करने और मानवता के कल्याण को बढ़ावा देने के लिए, चिकित्सा आइसोटोप के उत्पादन के लिए पीपीपी मोड में अनुसंधान रिएक्टर की स्थापना की जाएगी.
  • इसके अलावा सरकार द्वारा खाद्य संरक्षण में विकिरण प्रौद्योगिकी का उपयोग करने के लिए पीपीपी मोड की सुविधाएं -कृषि सुधारों को पूरा करने के लिए और किसानों को सहायता प्रदान करने के लिए भी इसकी स्थापना की जाएगी.
  • भारत के सुदृढ़ स्टार्ट-अप पारिस्थितिकी तंत्र को परमाणु क्षेत्र से जोड़ा जाएगा.
  • इन उद्देश्यों की प्राप्ति के लिए अनुसंधान सुविधाएं और तकनीक-उद्यमियों के बीच तालमेल को विकसित करने के लिए प्रौद्योगिकी विकास-सह-ऊष्मायन केंद्रों की स्थापना की जाएगी.

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