आर्थिक सर्वेक्षण 2023: मुख्य बातें

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वित्त वर्ष 2022-23 का आर्थिक सर्वेक्षण (Economic Survey 2022-23) केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की ओर से संसद में पेश कर दिया गया है। आर्थिक सर्वेक्षण वित्त मंत्रालय द्वारा जारी की गई एक वार्षिक रिपोर्ट है। यह पिछले एक साल में देश के आर्थिक प्रगति और प्रदर्शन का लेखा -जोखा होता है। इसे हर साल बजट से पहले पेश किया जाता है। आर्थिक समीक्षा सरकार की ओर आम बजट से एक दिन पहले पेश करने की परंपरा रही है। इसमें केंद्र सरकार ने यह बताया है कि भारत आगे भी दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था बना रहेगा।

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आर्थिक सर्वेक्षण की मुख्य बातें

 

  • चालू वित्त वर्ष की विकास दर 7 प्रतिशत के मुकाबले देश की अर्थव्यवस्था 2023-24 में 6.5 प्रतिशत की दर से बढ़ेगी। 2021-22 के दौरान ये आंकड़ा 11 प्रतिशत का था। वहीं, अगले वित्त वर्ष में नॉमिनल टर्म में 11 प्रतिशत की दर से बढ़ेगी।
  • विकास दर को निजी खपत, अधिक कैपेक्स, मजबूत कॉर्पोरेट बैलेंस शीट, छोटे व्यवसायों द्वारा लोन की मांग और शहरों में मजदूरों की वापसी से सहारा मिल रहा है। कोरोना की चुनौतियों से देश उबर चुका है।
  • रियल जीडीपी विकास दर 6-6.8 प्रतिशत के आसपास रह सकता है, हालांकि, इकोनॉमिक और राजनीति माहौल पर निर्भर करता है।
  • चालू खाता घाटा (Current account deficit) बढ़ने की संभावना है। इस पीछे की वजह कमोडिटी की कीमत उच्च स्तर पर रहना है। इस कारण डॉलर के मुकाबले रुपये पर भी दबाव बना रह सकता है। आरबीआई के ताजा डाटा के मुताबिक, सितंबर तिमाही में चालू खाता घाटा बढ़कर जीडीपी का 4.4 प्रतिशत रह सकता है, जो कि अप्रैल-जून तिमाही में जीडीपी का मात्र 2.2 प्रतिशत था।
  • भारत के पास चालू खाता घाटा और विदेशी मुद्रा बाजार में हस्तक्षेप करने के लिए भारत के पास पर्याप्त विदेशी मुद्रा भंडार है।
  • छोटे व्यवसायों के लिए लोन की मांग में जनवरी- नवंबर के बीच 30.5 प्रतिशत की बढ़त देखने को मिली है।
  • चालू वित्त वर्ष में सरकार का पूंजीगत व्यय 63.4 प्रतिशत से बढ़ा है।
  • सर्वे में बताया गया है कि महंगाई अधिक रहने के कारण ब्याज दरें उच्च स्तर पर सकती हैं।
  • भारत दुनिया में सबसे तेजी से विकसित हो रही है बड़ी अर्थव्यवस्था बना रहेगा। चालू वित्त वर्ष में जीडीपी का विकास दर 7% रहने का अनुमान है। पिछले वित्त वर्ष में देश की अर्थव्यवस्था 8.7% के दर से विकसित हुई थी।
  • महामारी के बाद भारत ने आर्थिक तौर पर आनुपातिक हिसाब से तेजी से रिकवर किया और आने वाले वर्षों में भी विकास मजबूत घरेलू मांग और कैपिटल इंवेस्टमेंट के दम पर अच्छा रहने का अनुमान है।
  • PPP (क्रय शक्ति समानता) के मामले में भारत विश्व की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है, विनिमय दर के मामले में पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है।
  • महामारी और यूरोप में हो रहे संघर्ष की वजह से अर्थव्यस्था ने जो खोया था उसे लगभग ‘फिर से प्राप्त’ किया है, जो रुक गया था उसका ‘नवीनीकरण’ हुआ है और जो धीमा हुआ था वह, ‘पुनर्जीवित’ हुआ है।

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राजीव सिंह रघुवंशी को भारत का अगला डीजीसीआई बनाने की सिफारिश

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भारतीय फार्माकोपिया आयोग (आईपीसी) के सचिव सह वैज्ञानिक निदेशक राजीव सिंह रघुवंशी को भारत का अगला औषधि महानियंत्रक (डीसीजीआई) बनाने की सिफारिश की गई है। संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) ने सरकार से डॉ. वी जी सोमानी के उत्तराधिकारी के रूप में उनके नाम की सिफारिश की है। बता दें यूपीएससी की सिफारिश को स्वास्थ्य मंत्रालय की मंजूरी मिलनी बाकी है और इसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाली मंत्रिमंडल की नियुक्ति समिति की मंजूरी की आवश्यकता होगी।

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आईपीसी में वरिष्ठ मुख्य वैज्ञानिक अधिकारी डॉ सोमानी, डॉ रघुवंशी और डॉ जय प्रकाश पिछले सप्ताह यूपीएससी द्वारा आयोजित इंटरव्यू के लिए शामिल हुए थे। डॉ सोमानी को 14 अगस्त, 2019 को तीन साल के कार्यकाल के लिए डीसीजीआई नियुक्त किया गया था और उन्होंने 16 अगस्त को कार्यभार संभाला था। उनका कार्यकाल दो बार (16 अगस्त और 16 नवंबर) तीन-तीन महीने के लिए बढ़ाया गया था। डीसीजीआई देश भर में गुणवत्तापूर्ण दवाओं की आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए जिम्मेदार है। इसके पास नई दवाओं को मंजूरी देने और नैदानिक परीक्षणों को विनियमित करने का भी अधिकार है।

 

राजीव सिंह रघुवंशी के बारे में

 

डॉ रघुवंशी 16 फरवरी, 2021 को सचिव-सह-वैज्ञानिक निदेशक के रूप में आईपीसी में शामिल हुए थे। उन्होंने आईआईटी-बीएचयू (पूर्व में आईटी-बीएचयू), वाराणसी से स्नातक और परास्नातक और नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ इम्यूनोलॉजी, नई दिल्ली से पीएचडी पूरी की है। नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ इम्यूनोलॉजी में सात साल तक काम करने के बाद, वह अग्रणी भारतीय बहुराष्ट्रीय दवा कंपनी रैनबैक्सी लेबोरेटरीज लिमिटेड में शामिल हो गए। रैनबैक्सी लेबोरेटरीज में 12 साल काम करने के बाद वह हैदराबाद के डॉ रेड्डीज लैबोरेटरीज लिमिटेड चले गए, जहां उन्होंने 11 साल तक काम किया।

 

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मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ‘लाडली बहना’ योजना की घोषणा की

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मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सीहोर जिले के बुधनी में बड़ा ऐलान करते हुए ‘लाडली बहना’ योजना शुरू करने की घोषणा की है। उन्होंने कहा की लाडली बहनों को प्रतिमाह एक हजार रुपये दिए जाएंगे, साथ ही कहा की बुधनी में 400 करोड़ रुपये की लागत से भव्य मेडिकल कॉलेज बनेगा, जिसका शिलान्यास जल्द ही होगा। बता दें कि मध्य प्रदेश में इस साल के अंत में विधानसभा चुनाव होने हैं।

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मुख्यमंत्री ने कहा कि हम लाडली लक्ष्मी योजना की तर्ज पर सभी वर्गों के निम्न और मध्यम वर्ग की गरीब महिलाओं के लिए लाडली बहना योजना शुरू करेंगे। उन्होंने कहा कि हमारी बहनों को 1,000 रुपये प्रति माह यानी 12,000 रुपये प्रति वर्ष की राशि दी जाएगी।

 

इस योजना से सभी वर्गों की महिलाओं को होगा लाभ

 

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि इस योजना से सभी वर्गों की गरीब महिलाएं लाभान्वित हो सकती हैं, भले ही उन्हें अन्य कल्याणकारी योजनाओं का लाभ मिल रहा हो। उन्होंने कहा, मुझे अपनी बहनों को आर्थिक रूप से सशक्त करना है। वे मजबूत होंगी तो परिवार मजबूत होगा। परिवार मजबूत होगा तो समाज मजबूत होगा। समाज मजबूत होगा तो राज्य मजबूत होगा।

लाड़ली बहना योजना के तहत सभी वर्ग की महिलाओं को सशक्त करने की दिशा में उन्हें हर महीने एक हजार रुपए की राशि दी जाएगी। आगामी बजट में इसे शामिल कर ये योजना बनाई जाएगी। इस दौरान सीएम ने कहा, इस योजना से मध्यम वर्ग की महिलाएं आर्थिक रूप से सशक्त हो सकेंगी।

 

मध्य प्रदेश: महत्वपूर्ण तथ्य

  • मध्य प्रदेश की राजधानी: भोपाल
  • मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री: शिवराज सिंह चौहान
  • मध्य प्रदेश के राज्यपाल: मंगुभाई सी. पटेल

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गौतम अडानी दुनिया के टॉप-10 अरबपतियों की लिस्ट से बाहर

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दुनिया के टॉप-10 अरबपतियों (Top-10 Billionaires) की लिस्ट में बड़ा फेरबदल देखने को मिला है। लंबे समय से इसमें शामिल दोनों भारतीय उद्योगपति गौतम अडानी और मुकेश अंबानी अब लिस्ट से बाहर हो गए हैं। बीते 24 जनवरी 2023 को अडानी ग्रुप को लेकर अमेरिकी रिसर्च फर्म हिंडनबर्ग की जो रिपोर्ट (Hindenburg Report) पब्लिश की गई, उसके बाद से गौतम अडानी के नेतृत्व वाली कंपनियों के शेयरों में जोरदार गिरावट देखने को मिली और इसका असर उनकी नेटवर्थ पर ऐसा पड़ा कि हफ्तेभर में वे अमीरों की सूची से ही बाहर हो गए।

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हिंडनबर्ग की रिपोर्ट आने के बाद से Gautam Adani की नेटवर्थ में अब तक की सबसे बड़ी गिरावट देखने को मिली है। इस रिपोर्ट को पब्लिश हुए अभी हफ्ताभर ही हुआ है और ब्लूमबर्ग बिलेनियर्स इंडेक्स (Bollmberg Billionaires Index) के मुताबिक, गौतम अडानी की कुल संपत्ति कम होकर महज 84.4 अरब डॉलर रह गई है। इतनी नेटवर्थ के साथ अब अडानी दुनिया के 11वें अमीर हैं।

 

Hindenburg ने अपनी रिपोर्ट जारी की

 

US की फॉरेंसिक फाइनेशियल रिसर्च फर्म Hindenburg ने अपनी जो रिपोर्ट जारी की है। उसमें कहा गया है कि अडानी की कंपनियों में शॉर्ट पोजीशन पर है। रिपोर्ट ने अडानी ग्रुप के सभी कंपनियों के लोन (Adani Group Debt) पर भी सवाल खड़े किए हैं। रिपोर्ट में दावा किया है कि अडानी ग्रुप की 7 प्रमुख लिस्टेड कंपनियां 85 फीसदी से अधिक ओवरवैल्यूज हैं।

 

Bloomberg Billionaires Index के ताजा आंकड़ों के मुताबिक, रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन मुकेश अंबानी अब दुनिया के अमीरों की लिस्ट में 12वें पायदान पर पहुंच गए हैं। उनकी कुल नेटवर्थ 82.2 अरब डॉलर है। दोनों भारतीय उद्योगपतियों की नेटवर्थ में अंतर मामूली रह गया है। गौतम अडानी और मुकेश अंबानी की संपत्ति में अब 2.2 अरब डॉलर का फासला है। बता दें बीते साल 2022 में Gautam Adani दुनिया के तमाम अमीरों की तुलना में सबसे ज्यादा कमाई वाले व्यक्ति बनकर उभरे थे।

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संसद का केंद्रीय बजट सत्र 2023-24 आज से शुरू

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संसद का बजट सत्र आज से शुरू होगा. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू बजट सत्र की शुरुआत करने के लिए आज संसद के दोनों सदनों की संयुक्त बैठक को संबोधित करेंगी। मंगलवार को संसद में आर्थिक सर्वेक्षण के साथ ही केंद्रीय बजट पेश किया जाएगा. बजट सत्र दो चरणों में होगा। पहला सत्र 31 जनवरी से 13 फरवरी तक चलेगा, जबकि दूसरा चरण 13 मार्च से 6 अप्रैल तक चलेगा। 66 दिन लंबे बजट सत्र में कुल 27 बैठकें होंगी।

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केंद्रीय बजट सत्र 2023-24: मुख्य विशेषताएं

  • आर्थिक सर्वेक्षण भी दोनों सदनों के समक्ष रखा जाएगा। केंद्रीय बजट 2023-24 कल पेश किया जाएगा।
  • इस साल बजट सत्र 6 अप्रैल तक चलेगा। यह 27 बैठकों में 66 दिनों तक चलेगा। वर्कशॉप का पहला भाग 13 फरवरी तक चलेगा।
  • प्रत्येक विभाग के लिए जिम्मेदार संसदीय स्थायी समितियों को 14 फरवरी से 12 मार्च तक अनुदान के अनुरोधों की समीक्षा करने और उनके संबंधित मंत्रालयों और विभागों से संबंधित निष्कर्ष प्रस्तुत करने का समय दिया जाएगा।

 

बजट सत्र 2023-24 का दूसरा दौर कब होगा?

  • बजट सत्र का दूसरा दौर 13 मार्च से शुरू होकर 6 अप्रैल तक चलेगा.
  • संसदीय बजट सत्र (30 जनवरी) से पहले सोमवार को संसद भवन परिसर में सर्वदलीय बैठक हुई।
  • लोकसभा और राज्यसभा के सुचारू संचालन को सुनिश्चित करने के लिए सरकार ने सभी राजनीतिक दलों से सहयोग का अनुरोध किया।

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भारत के जी-20 शेरपा अमिताभ कांत ने भारत के पहले मॉडल जी-20 शिखर सम्मेलन का उद्घाटन किया

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भारत के G-20 शेरपा अमिताभ कांत ने 30 जनवरी को रामभाऊ म्हालगी प्रबोधिनी के इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ डेमोक्रेटिक लीडरशिप द्वारा आयोजित भारत के पहले मॉडल G-20 शिखर सम्मेलन का उद्घाटन किया। दो दिवसीय मॉडल जी-20 शिखर सम्मेलन का आयोजन मुंबई के पास रामभाऊ म्हालगी प्रबोधिनी के उत्तान परिसर में भारत की अध्यक्षता का जश्न मनाने और जी-20 के विचार को युवाओं तक ले जाने के लिए किया गया है।

 

मुख्य बिंदु

 

  • डॉ विनय सहस्रबुद्धे, भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद (आईसीसीआर) के अध्यक्षऔर रामभाऊ म्हालगी प्रबोधिनी के उपाध्यक्ष ने उद्घाटन समारोह की अध्यक्षता की।
  • इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ डेमोक्रेटिक लीडरशिप (IIDL) छात्रों को अंतरराष्ट्रीय संबंधों की ओर उन्मुख करने के लिए हर साल मॉडल इंटरनेशनल लीडर्स मीट (MILM) आयोजित करता है।
  • इस दो दिवसीय सम्मेलन के दौरान, छात्र जी-20 सदस्य देशों की भूमिका में आ जाएंगे और चार समितियों या ट्रैकों, अर्थात् लीडर ट्रैक, शेरपा ट्रैक, सिविल-20 और बिजनेस-20 में विभिन्न राजनीतिक और सामाजिक मुद्दों पर चर्चा करेंगे।
  • वैश्विक शांति से लेकर विश्व आर्थिक व्यवस्था के लोकतंत्रीकरण तक की चर्चा एजेंडे में शामिल होगी।
  • कार्यक्रम में देश भर से कुल 150 युवा भाग लेंगे और जी-20 देशों का प्रतिनिधित्व करने वाले प्रतिनिधियों की भूमिका निभाएंगे।
  • सर्वश्रेष्ठ दो प्रतिनिधियों को 15,000 और 10,000 रुपये के नकद पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा।

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आर्थिक सर्वेक्षण 2022-23, भारत की GDP ग्रोथ 6.5 फीसदी रहने का अनुमान

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वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने संसद में इकोनॉमी सर्वे पेश किया। आर्थिक सर्वेक्षण के अनुसार, भारत की अर्थव्यवस्था में 2023-2024 में 6.5 प्रतिशत की वृद्धि होगी, जबकि चालू वित्त वर्ष में 7 प्रतिशत और 2021-2022 में 8.7 प्रतिशत की वृद्धि होगी। आर्थिक सर्वेक्षण 2022-23 मुख्य रूप से पिछले वर्ष की तुलना में अर्थव्यवस्था के प्रदर्शन का सरकार का आकलन है। भारत दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था बनी रहेगी।

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आर्थिक सर्वेक्षण 2022-23: प्रमुख बिंदु

 

  • वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की तरफ से संसद में पेश किए गए इकनॉमिक सर्वे में कहा गया है कि फाइनेंशियल ईयर 2023-24 में भारत की जीडीपी नॉमिनल टर्म में 11% की बेसलाइन वैल्यू से ग्रोथ करेगी। वहीं, रियल टर्म्स में इंडियन इकनॉमी 6.5 पर्सेंट के हिसाब से ग्रोथ करेगी। सर्वे में यह भी कहा गया है कि वित्त वर्ष 2022 में देश की अर्थव्यवस्था ने 8.7 पर्सेंट से हिसाब से ग्रोथ की है।
  • इकनॉमिक सर्वे 2023-24 में कहा गया है कि मौजूदा साल में भारतीय अर्थव्यवस्था के 7 फीसदी के हिसाब से ग्रोथ करने का अनुमान है। भारतीय अर्थव्यवस्था, दुनिया की प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में सबसे तेजी से ग्रोथ करने वाली इकनॉमी होगी।
  • इकनॉमिक सर्वे 2023-24 में कहा गया है कि कोविड-19 महामारी के बाद से भारत की अर्थव्यवस्था ने जोरदार वापसी की है। लेकिन, रूस और यूक्रेन के संघर्ष ने महंगाई का दबाव बढ़ाया है, जिससे भारत समेत दुनिया भर के सेंट्रल बैंकों को मोनेटरी पॉलिसी में सख्ती करनी पड़ी है।

 

आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट 2022-23 की मुख्य विशेषताएं:

 

  • वैश्विक आर्थिक, राजनीतिक विकास के आधार पर अगले वित्तीय वर्ष में वास्तविक सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि 6-6.8 फीसद की सीमा में होगी।
  • महामारी से भारत की रिकवरी अपेक्षाकृत तेज थी, अगले वित्त वर्ष में विकास को ठोस घरेलू मांग का समर्थन मिला, पूंजी निवेश में तेजी आई।
  • इस वित्त वर्ष में 6.8 फीसद मुद्रास्फीति का आरबीआई अनुमान ऊपरी लक्ष्य सीमा के बाहर, निजी खपत को रोकने के लिए पर्याप्त नहीं है,
  • उधार लेने की लागत ‘लंबे समय तक अधिक’ रह सकती है, उलझी हुई मुद्रास्फीति कसने वाले चक्र को लंबा कर सकती है।
  • अमेरिकी केंद्रीय बैंक द्वारा ब्याज दरों में और वृद्धि की संभावना के बीच रुपये में गिरावट की चुनौती बनी रहेगी।
  • वैश्विक जिंस कीमतें ऊंची स्तर पर बनी रहने से चालू खाते का घाटा बढ़ सकता है, कुल मिलाकर बाहरी स्थिति मैनेज रहेगी।
  • भारत के पास सीएडी को वित्तपोषित करने और रुपये की अस्थिरता को प्रबंधित करने के लिए विदेशी मुद्रा बाजार में हस्तक्षेप करने के लिए पर्याप्त विदेशी मुद्रा भंडार है
  • उन्नत अर्थव्यवस्थाओं में मुद्रास्फीति के बने रहने और केंद्रीय बैंकों द्वारा दरों में और वृद्धि के संकेत के रूप में वैश्विक आर्थिक दृष्टिकोण के लिए नकारात्मक जोखिम
  • ज्यादातर अर्थव्यवस्थाओं की तुलना में भारत ने असाधारण चुनौतियों का बेहतर ढंग से सामना किया।
  • निर्यात में वृद्धि चालू वित्त वर्ष की दूसरी छमाही में कम हुई है; 2021-22 में विकास दर में उछाल और चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही में उत्पादन प्रक्रियाओं को ‘क्रूज मोड’ में स्थानांतरित करने के लिए प्रेरित किया गया।
  • धीमी विश्व वृद्धि, सिकुड़ते वैश्विक व्यापार के कारण चालू वर्ष की दूसरी छमाही में निर्यात प्रोत्साहन में कमी आई।
  • पीएम किसान, पीएम गरीब कल्याण योजना जैसी योजनाओं ने गरीबी को कम करने में महत्वपूर्ण योगदान दिया।
  • Credit disbursal, पूंजी निवेश चक्र, सार्वजनिक डिजिटल प्लेटफॉर्म का विस्तार और आर्थिक विकास को गति देने के लिए पीएलआई, राष्ट्रीय रसद नीति और पीएम गति शक्ति जैसी योजनाएं।
  • सौम्य मुद्रास्फीति, मध्यम ऋण लागत के कारण वित्त वर्ष 24 में बैंक ऋण वृद्धि तेज होने की संभावना है।
  • जनवरी-नवंबर, 2022 में छोटे व्यवसायों के लिए ऋण वृद्धि उल्लेखनीय रूप से 30.5 प्रतिशत से अधिक रही।
  • दबी हुई मांग, मालसूची में गिरावट के जारी होने के बाद आवास की कीमतों में मजबूती।
  • चालू वित्त वर्ष के अप्रैल-नवंबर में केंद्र सरकार का कैपेक्स 63.4 फीसद बढ़ा।
  • भारत के आर्थिक लचीलेपन ने विकास की गति को खोए बिना रूस-यूक्रेन संघर्ष के कारण बाहरी असंतुलन को कम करने की चुनौती का सामना करने में मदद की है।
  • शेयर बाजार ने कैलेंडर वर्ष 2022 में एफपीआई निकासी से बेफिक्र होकर सकारात्मक रिटर्न दिया।
  • भारत ने अधिकांश अर्थव्यवस्थाओं की तुलना में असाधारण चुनौतियों का बेहतर ढंग से सामना किया।
  • FY21 में गिरावट के बाद, छोटे व्यवसायों द्वारा भुगतान किया गया GST बढ़ रहा है और अब लक्षित सरकारी हस्तक्षेप की प्रभावशीलता को दर्शाते हुए पूर्व-महामारी के स्तर को पार कर गया है।
  • निजी खपत, पूंजी निर्माण के नेतृत्व में चालू वित्त वर्ष में आर्थिक विकास ने रोजगार पैदा करने में मदद की है; शहरी – रोजगार दर में गिरावट आई, जबकि कर्मचारी भविष्य निधि रजिस्ट्रेशन में वृद्धि हुई।

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डच खिलाड़ी अनीश गिरी ने टाटा स्टील मास्टर्स 2023 जीता

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डच खिलाड़ी अनीश गिरी ने रिचर्ड रैपॉर्ट पर अपनी जीत के साथ 2023 टाटा स्टील चेस टूर्नामेंट जीता, पांच बार उपविजेता के रूप में इवेंट को समाप्त करने के बाद सुपर-टूर्नामेंट में यह उनकी पहली जीत है। इस टूर्नामेंट की जीत जॉर्डन वैन फॉरेस्ट की टूर्नामेंट के लीडर जीएम नोदिरबेक अब्दुस्सत्तोरोव की हार से संभव हुई, जिन्होंने 18 साल की उम्र में अधिकांश इवेंट को लीड किया और दुनिया के नंबर एक खिलाड़ी जीएम मैग्नस कार्लसन को हराया।

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इस टूर्नामेंट में 2015 के बाद से पहली बार लगातार दो गेम हारने के बावजूद, कार्लसन ने जीएम अर्जुन एरिगैसी को हराया और 8/13 अंकों के साथ अब्दुस्सत्तोरोव के साथ दूसरे स्थान पर रहे। जीएम वेस्ली सो जीएम प्रज्ञानानंद आर से ड्रॉ खेलने के बाद 7.5 अंकों के साथ चौथे स्थान पर रहे।

 

टाटा स्टील शतरंज टूर्नामेंट 2023 विज्क आन ज़ी में आयोजित वार्षिक शतरंज टूर्नामेंट का 85वां संस्करण है। यह 13 जनवरी से 29 जनवरी 2023 तक आयोजित किया गया था। मास्टर्स सेक्शन में 14 खिलाड़ियों के क्षेत्र में FIDE वर्ल्ड रैंकिंग के नंबर एक और दो, मैग्नस कार्लसन और डिंग लिरेन के साथ-साथ पांच किशोर ग्रैंडमास्टर शामिल थे।

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भारत के राष्ट्रपति ने आरपीएफ/आरपीएसएफ कर्मियों को जीवन रक्षा पदक पुरस्कारों से सम्मानित किया

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भारत की माननीय राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने नई दिल्ली में आरपीएफ/आरपीएसएफ कर्मियों को जीवन रक्षा पदक पुरस्कारों से सम्मानित किया है। राष्ट्रपति ने रेलवे पुलिस बल (RPF) और रेलवे सुरक्षा विशेष बल (RPSF) कर्मियों जयपाल सिंह, सुरेंद्र कुमार और कांस्टेबल बुद्ध सैनी को जीवन रक्षा पदक से सम्मानित किया। हेड कांस्टेबल जयपाल सिंह और कांस्टेबल सुरेंद्र कुमार उत्तरी रेलवे में तैनात है। वहीं, कंस्टेबल बुद्ध सैनी रेलवे सुरक्षा विशेष बल (RPSF) की 7वीं बटालियन में तैनात हैं।

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जीवन रक्षा पदक पुरस्कार क्यों दिए गए?

 

12 मई 2022 को निजामुद्दीन रेलवे स्टेशन के क्षेत्राधिकार में बीटीपीएन वैगन में तकनीकी कारणों से आग लग गई। उस वक्त साइट पर करीब एक हजार लोग काम कर रहे थे। आग को विकराल रूप लेते देख दहशत का माहौल बन गया। जान बचाने के लिए मजदूर हताश होकर इधर-उधर भागने लगे। हेड कांस्टेबल जयपाल सिंह, कांस्टेबल सुरेंद्र कुमार और कांस्टेबल बुद्ध सैनी ड्यूटी पर तैनात थे।

उन्होंने अदम्य साहस का परिचय देते हुए अपनी जान की परवाह न करते हुए अत्यधिक ज्वलनशील पदार्थ (नेफ्था) से भरे बीटीपीएन वैगन में आग को विकराल रूप लेते हुए देख आग बुझाने वाले यंत्र की मदद ली और आग बुझाया। अगर आग को तुरंत नहीं बुझाया गया होता, तो यह अत्यधिक ज्वलनशील पदार्थ (नेफ्था) से भरे कुल 18 बीटीपीएन वैगनों में फैल जाती, जिससे एक बड़ी दुर्घटना होती, हजारों लोगों की जान को खतरा होता और अरबों रुपये की रेलवे संपत्ति को नुकसान होता। जयपाल सिंह, सुरेंद्र कुमार और बुधराम सैनी ने अपनी जान जोखिम में डालकर लगभग 1000 लोगों की जान और अरबों की रेलवे संपत्ति को बचाया।

 

जीवन रक्षा पदक पुरस्कार के बारे में

 

जीवन रक्षा पदक श्रृंखला पुरस्कार किसी व्यक्ति को किसी व्यक्ति के जीवन को बचाने में सराहनीय कार्य के लिए दिए जाते हैं। यह पुरस्कार तीन श्रेणियों में दिया जाता है, अर्थात् सर्वोत्तम जीवन रक्षा पदक, उत्तम जीवन रक्षा पदक और जीवन रक्षा पदक। कोई भी व्यक्ति इन पुरस्कारों के लिए पात्र हैं। यह पुरस्कार मरणोपरांत भी प्रदान किया जा सकता है।

 

राष्ट्रपति ने जीवन रक्षा पदक श्रंखला पुरस्कार-2022 के लिए 43 नामों को मंजूरी दी है। इसमें सात सर्वोत्तम जीवन रक्षा पदक, आठ उत्तम जीवन रक्षा पदक और 28 जीवन रक्षा पदक शामिल हैं। चार लोगों को यह पुरस्कार मरणोपरांत प्रदान किया गया है।

 

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ICHR ने मुस्लिम डायनेस्टी को प्रदर्शनी में नहीं किया शामिल

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शिक्षा मंत्रालय के अंतर्गत आने वाले भारतीय ऐतिहासिक अनुसंधान परिषद (ICHR) ने मध्यकालीन भारतीय डायनेस्टी पर एक प्रदर्शनी का आयोजन किया। इस प्रदर्शनी में 50 विभिन्न राजवंशों पर प्रकाश डाला गया। हालांकि, प्रदर्शनी में किसी भी मुस्लिम राजवंश (Dynasty) को शामिल नहीं किया गया था।

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बता दें कि प्रदर्शनी में देश के सभी कोनों से 50 राजवंशों को शामिल किया गया है, जिनमें अहोम, चोल, राठौड़, यादव और काकतीय शामिल हैं। यह उनके संस्थापकों, राजधानी शहरों, समयरेखा और वास्तुकला, कला, संस्कृति और प्रशासन जैसे क्षेत्रों में भारत में योगदान पर केंद्रित है। ICHR ने कहा है कि भारत के अनछुए अतीत से लोगों को अवगत कराने के उद्देश्य से जल्द ही देश भर के शिक्षण संस्थानों में प्रदर्शनी का आयोजन किया जाएगा।

 

मुख्य बिंदु

 

  • आईसीएचआर ने ललित कला अकादमी में ‘मध्यकालीन भारत की महिमा: अज्ञात का प्रकटीकरण – भारतीय राजवंश, 8वीं-18वीं शताब्दी’ शीर्षक से प्रदर्शनी का आयोजन किया।
  • प्रदर्शनी का उद्घाटन राज्य शिक्षा मंत्री डॉ. राजकुमार रंजन सिंह ने किया।
  • बहमनी और आदिल शाही जैसे मुस्लिम राजवंश प्रदर्शनी का हिस्सा नहीं थे।
  • इस प्रश् पर कि मुस्लिम राजवंश प्रदर्शनी का हिस्सा क्यों नहीं हैं, आईसीएचआर के सदस्य सचिव प्रोफेसर उमेश अशोक कदम ने कहा कि वह मुस्लिम राजवंशों को भारतीय राजवंशों के रूप में नहीं मानते हैं।
  • कदम के अनुसार, मुस्लिम मध्य पूर्व से आए थे और उनका भारतीय संस्कृति से सीधा जुड़ाव नहीं था।
  • यद्यपि इस्लामी राजवंश निस्संदेह भारतीय इतिहास का एक हिस्सा थे, कदम ने तर्क दिया कि अतीत पर मुगल या सल्तनत राजवंशों का प्रभुत्व नहीं होना चाहिए।
  • कदम ने कहा, ‘इस्लाम और ईसाई धर्म मध्यकाल में भारत में आए और उन्होंने सभ्यता को उखाड़ फेंका और ज्ञान प्रणाली को नष्ट कर दिया।’
  • आईसीएचआर के अनुसार, भारत के अतीत के बारे में लोगों को शिक्षित करने के इरादे से प्रदर्शनी जल्द ही पूरे देश में दिखाई जाएगी।
  • प्रदर्शनी में अहोम, चोल, राठौर, यादव, काकतीय और अन्य राजवंशों को चित्रित किया गया है, जिसमें उनके संस्थापकों, राजधानी शहरों, तिथियों और भारत की वास्तुकला, कला, संस्कृति पर प्रकाश डाला गया है।

 

आईसीएचआर के बारे में

 

  • यह केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय का एक स्वायत्त निकाय है।
  • यह 1972 में सोसायटी पंजीकरण अधिनियम, 1860 के तहत स्थापित किया गया था।
  • इसका उद्देश्य इतिहासकारों को एक साथ लाना और उनके बीच विचारों के आदान-प्रदान के लिए एक मंच प्रदान करना है।
  • इसके अन्य उदेश्यों में इतिहास में अनुसंधान को बढ़ावा देना, गति देना और समन्वय करना है।
  • यह एक द्विवार्षिक जर्नल – द इंडियन हिस्टोरिकल रिव्यू, और एक अन्य पत्रिका इतिहास हिंदी में प्रकाशित करता है।

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