इजरायल में अमेरिका तैनात करेगा घातक लड़ाकू विमान, जाने वजह

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इजरायल में हमास के आतंकियों की तरफ से शुरू हुई जंग अब विनाशकारी होती नजर आ रही है। इजरायल ने अपने नागरिकों को तुरंत मिस्र छोड़ने का आदेश दिया है। इजरायली सेना चुन-चुन कर हमास आतंकियों को मार रही है। अब अमेरिका इजरायल के लिए युद्धपोत और लड़ाकू विमानों की तैनाती करेगा। अमेरिकी सेना समर्थन दिखाने के लिए अमेरिकी नौसेना के जहाजों और अमेरिकी सैन्य विमानों को इजराइल के करीब ले जाने की योजना बना रही है।

इजरायल ने हमास आतंकियों के कई ठिकानों को तबाह कर दिया। इन सबके बीच अमेरिका ने हमास के खिलाफ जंग में इजरायल को समर्थन और सैन्य मदद देने का ऐलान किया है। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने अमेरिकी जहाजों और युद्धक विमानों को इजरायल के पास तैनात करने का आदेश दिया है। इजरायल में अमेरिका अपने लड़ाकू विमानों की तैनाती करेगा। इसमें F-16 और F-35 जैसे विध्वंसक विमान शामिल हैं। इजरायल के तट पर युद्धपोत भी भेजे जाएंगे। इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू से बातचीत के बाद अमेरिका ने ऐलान किया है कि नौसेना का 12वां बेड़ा भेजेगा।

 

एयरस्ट्राइक लगातार जारी

इजराइल हमास से फाइनल रिवेंज लेने की राह पर बढ़ रहा है। हमास के लड़ाकों को ढेर करने के लिए इजराइल पूरी तरह एक्शन मोड में है। इजराइल लगातार गाजा पट्टी की तरफ दुश्मन को मार गिराने के लिए एयरस्ट्राइक कर रहा है। अपनी ताकत से हमास को वाकिफ कराने के लिए बड़े-बड़े हमले कर रहा है। इजराइल की वायु सेना गाजा में कई मंजिलों की इमारतों को मलबे में तब्दील कर रही है।

 

बड़ी संख्या में टैंकों की तैनाती

दक्षिण इजराइल में बड़ी संख्या में टैंकों की तैनाती की गई है। दर्जनों बख्तरबंद गाड़ियों को गाजा की सीमा से लगते इलाकों की तरफ भेजा रहा है। चुन-चुनकर हमास के लड़ाकों को मारा जा रहा है। हमास के आतंकियों को ढेर करने के लिए इजराइली AH-64 अपाचे लड़ाकू विमानों का भी इस्तेमाल किया जा रहा है। गाजा पट्टी के पास बॉर्डर इलाकों में रह रहे इजराइली नागरिकों को वहां से हटने के लिए कहा गया है।

 

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Escalation in Nagorno-Karabakh Conflict: Azerbaijan Launches Military Operation_120.1

भारत के बाहर दुनिया के दूसरे सबसे बड़े हिंदू मंदिर का अमेरिका में हुआ उद्घाटन

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हिंदू धर्म के भक्तों और कला और संस्कृति के प्रेमियों के लिए एक ऐतिहासिक क्षण में, न्यू जर्सी के रॉबिन्सविले टाउनशिप में स्वामीनारायण अक्षरधाम मंदिर का उद्घाटन 8 अक्टूबर 2023 को इसके आध्यात्मिक प्रमुख महंत स्वामी महाराज के मार्गदर्शन में किया गया। भारत के बाहर निर्मित यह दुनिया के सबसे बड़े हिंदू मंदिरों में एक है। न्यूयॉर्क के टाइम्स स्क्वायर से लगभग 90 किमी दक्षिण में या वाशिंगटन डीसी से लगभग 289 किमी दूर उत्तर में, न्यू जर्सी के छोटे रॉबिन्सविले टाउनशिप में बीएपीएस स्वामीनारायण अक्षरधाम मंद‍िर को 12,500 से अधिक की वॉलंटियर्स द्वारा बनाया गया है। भारत के बाहर निर्मित यह स्मारकीय मंदिर, कंबोडिया में राजसी अंगकोर वाट के बाद दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा हिंदू मंदिर बनने की ओर अग्रसर है। अपने जटिल डिजाइन, आध्यात्मिक महत्व और स्थिरता के प्रति प्रतिबद्धता के साथ, स्वामीनारायण अक्षरधाम मानव समर्पण, परंपरा और कलात्मकता के प्रमाण के रूप में खड़ा है। इस ग्रैंड टेंपल का निर्माण 2015 में शुरू हुआ।

 

प्राचीन ज्ञान का एक प्रमाण

मंदिर का डिज़ाइन प्राचीन ज्ञान का सच्चा प्रमाण है, जिसमें हिंदू धर्मग्रंथों और संस्कृति से लिए गए तत्व शामिल हैं। इसकी विस्मयकारी विशेषताओं में 10,000 मूर्तियाँ और मूर्तियाँ, भारतीय संगीत वाद्ययंत्रों और नृत्य रूपों की जटिल नक्काशी और बहुत कुछ हैं। यह वास्तुशिल्प उत्कृष्ट कृति उस समृद्ध विरासत का प्रतिबिंब है जो इसका प्रतिनिधित्व करती है।

 

भव्यता की एक झलक

प्रभावशाली 255 फीट x 345 फीट x 191 फीट माप वाला, न्यू जर्सी अक्षरधाम मंदिर संभवतः विश्व स्तर पर दूसरा सबसे बड़ा मंदिर है, जो केवल कंबोडिया के अंगकोर वाट से आगे है। मंदिर परिसर में एक मुख्य मंदिर, 12 उप-मंदिर, नौ शिखर (शिखर जैसी संरचनाएं) और नौ पिरामिड शिखर हैं, जिसमें पारंपरिक पत्थर वास्तुकला का अब तक का सबसे बड़ा अण्डाकार गुंबद है।

 

क्या है खासियत

यह मंदिर भारत के बाहर आधुनिक समय में बना दूसरा सबसे बड़ा हिंदू मंदिर है। इस मंदिर को बनाने में चार तरह के पत्थरों का इस्तेमाल किया गया है। इसमें लाइम स्टोन, पिंक सैंडस्टोन, मार्बल, ग्रेनाइट का इस्तेमाल हुआ है। लाइमस्टोन को बुल्गारिया और तुर्की, मार्बल को ग्रीस और इटली, ग्रेनाइट को भारत और चीन से लाया गया। सैंडस्टोन भी भारत से लाया गया। मंदिर परिसर में एक ब्रह्मकुड भी है, जिसमें भारत की पवित्र नदियों और अमेरिका की नदियों का पानी है।

 

भारत में तराशे गए पत्थर

इस मंदिर का डिजाइन भारत में ही किया गया था। यूरोप के कई हिस्सों से पत्थर निकाले गए और फिर भारत भेजा गया, जहां इसे तराशा गया। फिर इसे अमेरिका भेज दिया गया। जैसे-जैसे मंदिर पूरा होने की ओर बढ़ रहा है, वैसे-वैसे इसे अंतिम रूप दिया जा रहा है।

 

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I2U2 Group of India, Israel, UAE & US announces joint space venture_100.1

भारतीय विदेश सेवा (IFS) दिवस 2023: इतिहास और महत्व

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प्रत्येक वर्ष 9 अक्तूबर को भारतीय विदेश सेवा (IFS) दिवस मनाया जाता है। भारतीय विदेश सेवा दिवस उस दिन के उपलक्ष्य में मनाया जाता है जिस दिन भारतीय मंत्रिमंडल ने विदेश सेवा की स्थापना की थी। यह भारत के हितों को बढ़ावा देने और वैश्विक सहयोग को बढ़ावा देने में राजनयिकों और विदेश सेवा के अधिकारियों द्वारा किए गए अमूल्य योगदान की याद दिलाता है। यह दिन न केवल अतीत का सम्मान करता है बल्कि एक ऐसे भविष्य की भी आशा करता है जहां कूटनीति भारत के अंतरराष्ट्रीय संबंधों को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती रहेगी।

भारत सरकार ने 9 अक्तूबर, 1946 को विदेशों में भारत के राजनयिक, वाणिज्यि दूत संबधी और वाणिज्यिक प्रतिनिधित्व के लिये भारतीय विदेश सेवा की स्थापना की। स्वतंत्रता प्राप्ति के साथ विदेश और राजनीतिक विभाग का लगभग पूर्ण रूप से संक्रमण हो गया, फलस्वरूप विदेश मंत्रालय के रूप में एक नया मंत्रालय बनाया गया। भारतीय विदेश सेवा की स्थापना ब्रिटिश शासन के समय हुई, जब विदेश विभाग “विदेशी यूरोपीय शक्तियों” के साथ व्यापार करने के लिये बनाया गया था।

 

IFS के तहत कार्यालय

राजदूत, उच्चायुक्त, महावाणिज्य दूत, संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि और विदेश सचिव कुछ ऐसे कार्यालय हैं जो भारतीय विदेश सेवा के सदस्यों के पास होते हैं।

 

भारतीय विदेश सेवा दिवस: इतिहास

साल 1947 में, ब्रिटिश भारत सरकार के विदेश और राजनीतिक विभाग का लगभग निर्बाध रूप से परिवर्तन हुआ, जो उस समय विदेश मंत्रालय और राष्ट्रमंडल संबंध बन गया, और 1948 में, संयुक्त सिविल सेवा परीक्षा प्रणाली के तहत पहले बैच की भर्ती हुई। संघ लोक सेवा आयोग सेवा में शामिल हो गया। प्रवेश की यह प्रणाली आज भी भारतीय विदेश सेवा में प्रवेश का मुख्य साधन बनी हुई है। IFS ने पिछले कुछ वर्षों में लोकसभा अध्यक्ष, भारत के राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति, मंत्रियों, सांसदों, प्रसिद्ध लेखकों, विद्वानों एवं इतिहासकारों के साथ-साथ अंतर्राष्ट्रीय लोक सेवकों का निर्माण किया है।

 

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Indian Air Force Day 2023: Date, History, Significance and Celebration_110.1

विश्व डाक दिवस 2023: इतिहास और महत्व

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विश्व डाक दिवस (World Post Day) प्रत्येक वर्ष 9 अक्टूबर को मनाया जाता है। हर साल 150 से ज्यादा देश अलग-अलग तरीको से विश्व डाक दिवस मनाते हैं। कुछ देशों में विश्व डाक दिवस को अवकाश के रूप में मनाया जाता है।

भारत में डाक सेवा से कई लोगों को रोजगार के अवसर मिले साथ ही इस सेवा ने सामाजिक और आर्थिक विकास में भी अपना योगदान दिया। भारत में राष्ट्रीय डाक सप्ताह हर साल 9 अक्टूबर से 15 अक्टूबर तक मनाया जाता है। इस दिन कई तरह के कार्यक्रमों का आयोनज किया जाता है।

 

क्यों मनाया जाता है ये दिवस

इस दिन को मनाने का मुख्य मकसद लोगों को डाक सेवा के महत्व को लेकर जागरूक करना है। लोगों को ये बताना जरूरी है कि किस तरह से डाक विभाग ने देश-दुनिया में हर विकास पर अहम योगदान दिया है।

 

क्या है इस साल की थीम

इस साल की थीम Together for Trust: Collaborating for a safe and connected future है। इस थीम का मतलब है कि एक सुरक्षित भविष्य के लिए एक दूसरे का सहयोग करना।

 

भारत का पहला पोस्ट ऑफिस

भारत में आधुनिक डाक विभाग की शुरुआत 18 वीं सदी से पहले हुई। भारत में पहला पोस्ट ऑफिस कोलकाता में 1774 में खोला गया था। पोस्ट दुनिया का सबसे बड़ा लॉजिस्टिक नेटवर्क है। 1774 में ही कोलकता GPO की स्थापना हुई। इसके साथ ही उसी सार रेल डाक सेवा की शुरुआत की गई। 1774 में ही भारत से ब्रिटेन और चीन के लिए समुद्री डाक सेवा की शुरुआत हुई।

 

विश्व डाक दिवस महत्व

विश्व डाक दिवस के माध्यम से लोगों को रोजगार के अवसर प्राप्त होते हैं। इस दिवस को मुख्य तौर पर लोगों में डाक सेवाओं की भूमिका के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए इस दिवस को मनाया जाता है। इसके उद्देश्य की बात करें तो इसका मुख्य उद्देश्य देशों के विकास सेवा के आर्थिक और सामाजिक महत्व को आगे बढ़ाना है।

 

विश्व डाक दिवस का इतिहास

वर्ष 1840 के समय में इंग्लैंड में एक प्रणाली की शुरुआत की गई थी। इस प्रणाली के तहत जो भी डाक पत्र होते थें उन पर भुगतान पहले यानी प्रीपेड करना होता था। इस प्रणाली की शुरुआत सर रॉलैंड हिल द्वारा की गई थी। इस प्रणाली में पत्रों के लिए प्रीपेड भुगातने के साथ घरेलु सेवा के लिए एक श्रेणी निश्चित की गई थी, जिसमें समान भार वाले सभी पत्रों के लिए एक समान दर वसूल किया जाता था। इतना ही नहीं सर रॉलैंड हिल ने ही दुनिया की पहली डाक टिकट भी पेश की थी।

 

सभी प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए महत्वपूर्ण बातें:

  • यूनिवर्सल पोस्टल यूनियन मुख्यालय: बर्न, स्विट्जरलैंड;
  • यूनिवर्सल पोस्टल यूनियन की स्थापना: 9 अक्टूबर 1874;
  • यूनिवर्सल पोस्टल यूनियन के संस्थापक: हेनरिक वॉन स्टीफ़न;
  • यूनिवर्सल पोस्टल यूनियन प्रमुख: महानिदेशक; मासाहिको मेटोकी;
  • यूनिवर्सल पोस्टल यूनियन मूल संगठन: संयुक्त राष्ट्र आर्थिक और सामाजिक परिषद।

 

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Indian Air Force Day 2023: Date, History, Significance and Celebration_110.1

भारत को लगातार तीसरे बार चुना गया AIBD का अध्यक्ष

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भारत को लगातार तीसरे कार्यकाल के लिए एशिया-पैसिफिक इंस्टीट्यूट फॉर ब्रॉडकास्टिंग डेवलपमेंट (AIBD) जनरल कॉन्फ्रेंस (GC) के अध्यक्ष के रूप में फिर से चुना गया है। सूचना और प्रसारण मंत्रालय के सचिव अपूर्व चंद्रा द्वारा घोषित यह उल्लेखनीय उपलब्धि एआईबीडी के इतिहास में एक ऐतिहासिक क्षण है। यह निर्णय एशिया प्रशांत और वैश्विक क्षेत्र में प्रसारण संगठनों द्वारा भारत को दिए गए अपार आत्मविश्वास को दर्शाता है।

UNESCO के तत्वावधान में 1977 में स्थापित, AIBD 44 देशों में फैले 92 सदस्य संगठनों के साथ एक प्रतिष्ठित संस्थान के रूप में खड़ा है। इसके सदस्यों में विभिन्न देशों के 26 सरकारी प्रतिनिधि हैं, जिनमें 48 प्रसारण प्राधिकरण और प्रसारक शामिल हैं, साथ ही एशिया, प्रशांत, यूरोप, अफ्रीका, अरब राज्यों और उत्तरी अमेरिका के 28 देशों और क्षेत्रों के 44 सहयोगी शामिल हैं।

AIBD में भारत की भागीदारी इसकी गहरी जड़ें हैं, इसके संस्थापक सदस्यों में से एक होने के नाते। प्रसार भारती, भारत का सार्वजनिक सेवा प्रसारक, एआईबीडी के भीतर सूचना और प्रसारण मंत्रालय, भारत सरकार का प्रतिनिधित्व करता है। यह स्थायी साझेदारी क्षेत्रीय और वैश्विक दोनों पैमानों पर प्रसारण परिदृश्य के विकास और वृद्धि के लिए भारत की प्रतिबद्धता को रेखांकित करती है।

प्रसार भारती के मुख्य कार्यकारी अधिकारी गौरव द्विवेदी की अध्यक्षता में आयोजित 21वें आम सम्मेलन और संबद्ध बैठक 2023 के दौरान भारत के प्रसारण इतिहास में यह निर्णायक क्षण सामने आया। पोर्ट लुई, मॉरीशस में 2 से 4 अक्टूबर तक आयोजित इस सम्मेलन ने भारत के उत्कृष्ट नेतृत्व को पहचानने के लिए मंच के रूप में कार्य किया। यह आयोजन रणनीतिक नीति निर्माण और संसाधन विकास के माध्यम से एशिया-प्रशांत क्षेत्र में एक जीवंत और एकजुट इलेक्ट्रॉनिक मीडिया वातावरण को बढ़ावा देने पर केंद्रित था।

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Asian Games 2023: टीम इंडिया ने क्रिकेट में जीता गोल्ड

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चीन के हांगझाऊ में चल रहे 19वें एशियन गेम्स में भारतीय पुरुष क्रिकेट टीम ने इतिहास रचते हुए गोल्ड मेडल जीतने में कामयाबी हासिल की है। फाइनल मैच में भारत की भिड़त अफगानिस्तान की टीम से थी। अफगान टीम की पारी के दौरान बारिश आने के बाद खेल को तय समय के अंदर दुबारा शुरू नहीं कराया जा सका। इसके बाद भारत को बेहतर रैंकिंग होने की वजह से गोल्ड देने का फैसला मैच अधिकारियों द्वारा लिया गया। वहीं अफगानिस्तान की टीम को सिल्वर मेडल के साथ संतोष करना पड़ा।

भारत के कप्तान ऋतुराज गायकवाड़ ने टॉस जीतते हुए पहले गेंदबाजी का फैसला किया है। पहले बल्‍लेबाजी करने उतरी अफगानिस्‍तान की शुरुआत बेहद खराब रही। शाहीदुल्‍लाह कमाल की 49 रन की नाबाद पारी के चलते अफगानिस्‍तान ने 18.2 ओवर में 112 रन बनाए, लेकिन लगातार बारिश के चलते मैच रद्द करना पड़ा। हालांकि एशियन गेम्‍स के नियम के तहत भारत को विजेता और अफगानिस्‍तान को उपविजेता घोषित कर दिया गया।

जब बारिश शुरू हुई तो उस समय बल्लेबाजी के लिए उतरी अफगानिस्तान का स्कोर 18.2 ओवर में 5 विकेट पर 112 रन था। लेकिन, लगातार बारिश के कारण झेजियांग यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्नोलॉजी क्रिकेट फील्ड (Zhejiang University of Technology Cricket Field) में खेल रुका और मैच फिर शुरू नहीं हुआ।

 

इस नियम के तहत जीता भारत

एशियन गेम्स 2023 के नियमानुसार, बारिश के चलते मैच रद्द होने की स्थिति में हाई रैंकिंग वाली टीम को विजयी घोषित किया जाता है। रैंकिंग में टीम इंडिया अफगानिस्तान से कहीं आगे है, इसलिए बारिश के कारण मैच रद्द होने पर भारत गोल्‍ड मेडल मिला है तो अफगानिस्तान की टीम को सिल्वर मेडल से संतोष करना पड़ा है।

 

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Ojas Deotale is Nagpur's First Asian Games Gold Medalist_110.1

 

 

 

राजस्थान में बनेंगे तीन नए जिले: अशोक गहलोत

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राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने हाल ही में राज्य में तीन नए जिलों की स्थापना की योजना का खुलासा किया: मालपुरा, सुजानगढ़ और कुचमन सिटी। यह घटनाक्रम आगामी विधानसभा चुनाव से पहले आया है, जिससे राजस्थान में जिलों की कुल संख्या 53 हो गई है। राज्य सरकार ने इससे पहले उसी साल अगस्त में 17 नए जिले बनाए थे। यह कदम जनता की मांगों को संबोधित करने और एक उच्च स्तरीय समिति की सिफारिशों के साथ संरेखित करने के सरकार के प्रयासों का हिस्सा है।

नए जिलों की डिटेल्स :

  1. मालपुरा: इस जिले को मौजूदा टोंक जिले से अलग किया जाएगा।
  2. सुजानगढ़ : चूरू जिले से सुजानगढ़ बनाया जाएगा।
  3. कुचामन सिटी: नागौर से कुचामन एक नए जिले के रूप में उभरेगा।

इन नए जिलों की घोषणा दिसंबर में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए आदर्श आचार संहिता लागू होने से ठीक पहले की गई है। यह समय महत्वपूर्ण है क्योंकि यह जनता की मांगों और जरूरतों के प्रति सरकार की प्रतिक्रिया को दर्शाता है।

पूर्व सिविल सेवक राम लुभाया के नेतृत्व वाली उच्च स्तरीय समिति ने इन जिलों के निर्माण की सिफारिश करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। समिति का कार्यकाल छह महीने के लिए बढ़ा दिया गया था ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि लोग जिला गठन के बारे में अपने सुझाव और राय प्रदान कर सकें। इस कदम का उद्देश्य विशिष्ट क्षेत्रों को शामिल करने या नए जिलों की मांग के बारे में राज्य के विभिन्न हिस्सों से चिंताओं और विरोधों को दूर करना था।

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एयर इंडिया ने दिल्ली हवाई अड्डे पर स्पेयर पार्ट्स हेतु भंडारण सुविधा की स्थापित

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उड़ान संचालन के दौरान कई तकनीकी समस्याओं का सामना करने के बाद, एयर इंडिया ने 1,000,000 से अधिक इंजीनियरिंग स्पेयर के भंडारण की सुविधा के लिए दिल्ली में एक गोदाम सुविधा शुरू की है। एयरलाइन अधिकारियों के अनुसार, दिल्ली हवाई अड्डे के एयर कार्गो लॉजिस्टिक्स डिवीजन के कार्गो कॉम्प्लेक्स में टर्मिनल 3 के नजदीक स्थित, 54,000 वर्ग फुट (लगभग) में फैला केंद्रीकृत गोदाम, दिल्ली से संचालित होने वाली एयरलाइन की उड़ानों के त्वरित बदलाव में सुधार करेगा। .

कैंपबेल विल्सन, सीईओ और एमडी, एयर इंडिया ने कहा कि वेयरहाउस एयर इंडिया के लिए एक प्रमुख मील का पत्थर है और गुणवत्ता, व्यावसायिकता और निवेश को सुदृढ़ करता है, जिसे बनाने के लिए हम अब प्रतिबद्ध हैं। यह विश्व स्तरीय सुविधा न केवल एयर इंडिया के बेड़े और परिचालन दक्षता को बढ़ावा देगी, बल्कि भारत के विमानन पारिस्थितिकी तंत्र को भी मजबूत करेगी।

विल्सन ने कहा कि गोदाम हमें अपने विमान के पुर्जों तक अधिक निकटता से पहुंच प्रदान करेगा और उन पर बेहतर नियंत्रण प्रदान करेगा, जिससे हम किसी भी इंजीनियरिंग आवश्यकता को तुरंत पूरा कर सकेंगे – जिससे उड़ानों की समयपालन में सुधार होगा।

यह गोदाम दिल्ली और मुंबई में फैले 16 सबस्केल और बिखरे हुए स्थानों को एक समेकित अत्याधुनिक में एकीकृत करके एक केंद्रीकृत स्थान से एयर इंडिया, एयर इंडिया एक्सप्रेस और एआईएक्स कनेक्ट बेड़े के रखरखाव और सेवा के लिए इंजीनियरिंग संसाधन आवश्यकताओं को पूरा करेगा। यह सुविधा पूरे भारत में परिचालन के लिए एक हब और फीडर नेटवर्क के रूप में कार्य करेगी।

 

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भारतीय वायु सेना दिवस 2023: इतिहास और महत्व

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भारतीय वायु सेना दिवस प्रतिवर्ष बड़े ही धूम-धाम के साथ 8 अक्टूबर को सेलिब्रेट किया जाता है। इस वर्ष भारत अपना 91वां इंडियन एयरफोर्स डे मना रहा है। इस दिन को भारतीय वायु सेना के कार्यों और देश के लिए वायु सेना के योगदान को सराहा जाता है। इसके साथ ही भारतीय वायु सेना का स्थापना दिवस भी सेलिब्रेट किया जाता है। इस दिन भारतीय सेना की ओर से भी देश भर के वायु स्टेशनों से लड़ाकू विमानों द्वारा करतब दिखाए जाते हैं और भारतीय वायु सेना का शक्ति प्रदर्शन किया जाता है।

इस खास दिन को सेलिब्रेट करने का मुख्य उद्देश्य भारत की वायु सेना को श्रद्धांजलि देना और उनके योगदान को स्वीकार करना है। यह दिन राष्ट्र के लिए सशस्त्र बलों द्वारा किए गए बलिदानों की याद दिलाता है और युवाओं को इसका हिस्सा बनने के लिए भी प्रोत्साहित करता है। भारतीय सेना ने कई ऐतिहासिक एयर बैटल लड़े हैं जिन्‍होंने युद्ध के मैदान पर भारत की एक मजबूत प्रतिष्ठा बनाने में मदद की है और अपने राष्ट्र की रक्षा के लिए अभूतपूर्व कौशल का प्रदर्शन किया है।

 

भारतीय वायु सेना दिवस 2023: थीम

किसी भी दिन को मनाने के लिए उसकी थीम पहले ही तय कर दी जाती है और फिर उस दिन को उसी थीम को ध्यान में रखकर सेलिब्रेट किया जाता है। भारत के 91वें वायु सेना दिवस की थीम “IAF – Airpower Beyond Boundaries” यानी कि भारतीय वायु सेना- सीमाओं से परे वायु सेना निर्धारित की गयी है।

 

भारतीय वायुसेना का आदर्श वाक्य

भारतीय वायुसेना का आदर्श वाक्य है- ‘नभ: स्पृशं दीप्तम’। यह गीता के 11वें अध्याय से लिया गया है। यह महाभारत के युद्ध के दौरान कुरूक्षेत्र में भगवान श्री कृष्ण द्वारा अर्जुन को दिए गए उपदेश का एक अंश है।

 

भारतीय वायु सेना  दिवस: इतिहास

इंडियन एयरफोर्स की स्थापना 8 अक्टूबर 1932 को की गयी थी जिसके बाद से ही प्रतिवर्ष इस दिन को 8 अक्टूबर को मनाया जाता है। भारतीय वायु सेना का संस्थापक एयर मार्शल सुब्रोतो मुखर्जी को माना जाता है। आजादी के बाद 1 अप्रैल 1954 सुब्रोतो मुखर्जी को भारतीय वायु सेना का पहला वायु सेना प्रमुख नियुक्त किया गया। भारतीय वायु सेना का मुख्यालय देश की दिल्ली में स्थापित है।

 

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सितंबर में अमेरिकी जॉब ग्रोथ में मजबूत उछाल : जानें पूरी खबर

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अमेरिकी नौकरी बाजार ने सितंबर में पर्याप्त वृद्धि का अनुभव किया, जिससे इस साल के अंत में फेडरल रिजर्व द्वारा संभावित ब्याज दर में वृद्धि के मामले को बल मिला। जबकि मजदूरी वृद्धि में नरमी के संकेत दिखाई दे रहे हैं, श्रम विभाग की नवीनतम रोजगार रिपोर्ट से पता चलता है कि श्रम बाजार मजबूत बना हुआ है।

रोजगार के रुझानों के एक प्रमुख संकेतक गैर-कृषि पेरोल ने सितंबर में 336,000 नौकरियों की उल्लेखनीय वृद्धि देखी। इससे भी अधिक उत्साहजनक, अगस्त के आंकड़ों को ऊपर की ओर संशोधित किया गया था, जो पहले रिपोर्ट किए गए 187,000 के विपरीत 227,000 नौकरियों की वृद्धि का संकेत देता है। ये आंकड़े गर्मियों की छुट्टी के बाद शिक्षा कर्मियों की वापसी से संबंधित मौसमी समायोजन के कारण शुरुआती सितंबर पेरोल डेटा के कम दिखाई देने की ऐतिहासिक प्रवृत्ति को चुनौती देते हैं।

सितंबर में अप्रत्याशित रूप से मजबूत नौकरी वृद्धि ने फेडरल रिजर्व द्वारा निकट भविष्य में ब्याज दरों को बढ़ाने के लिए कार्रवाई करने की संभावनाओं को बढ़ा दिया है। जबकि केंद्रीय बैंक का प्राथमिक जनादेश मुद्रास्फीति को नियंत्रित करना और मूल्य स्थिरता सुनिश्चित करना है, एक मजबूत श्रम बाजार भी अपने नीतिगत निर्णयों को प्रभावित कर सकता है।

रोजगार रिपोर्ट का एक उल्लेखनीय पहलू मजदूरी वृद्धि में कमी है। हालांकि रोजगार सृजन में वृद्धि हुई है, लेकिन वेतन वृद्धि में तेजी के संकेत मिले हैं, जो मुद्रास्फीति के दबाव के बारे में कुछ चिंताओं को कम कर सकते हैं। फेडरल रिजर्व अक्सर अपनी मौद्रिक नीति का निर्धारण करते समय रोजगार और मुद्रास्फीति दोनों पर विचार करता है।

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