प्रतिष्ठित पत्रकार एवं सांस्कृतिक चिंतक श्री राम बहादुर राय को 18 जून 2025 को भारत का तीसरा सर्वोच्च नागरिक सम्मान पद्म भूषण औपचारिक रूप से प्रदान किया गया। यह विशेष समारोह दिल्ली स्थित इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र (IGNCA) कार्यालय में आयोजित किया गया, क्योंकि श्री राय मुख्य समारोह (राष्ट्रपति भवन में) में उपस्थित नहीं हो सके थे। कार्यक्रम में देशभर से अनेक प्रख्यात बुद्धिजीवियों, पत्रकारों एवं सांस्कृतिक हस्तियों ने भाग लिया और श्री राय के जीवनपर्यंत योगदान को श्रद्धांजलि दी।
क्यों चर्चा में है?
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श्री राम बहादुर राय, वरिष्ठ पत्रकार और IGNCA न्यास के अध्यक्ष, को साहित्य और शिक्षा (पत्रकारिता) के क्षेत्र में उत्कृष्ट सेवा के लिए पद्म भूषण से सम्मानित किया गया है।
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गृह मंत्रालय ने यह सम्मान अलग से आयोजित एक समारोह में प्रदान किया, ताकि श्री राय के चार दशक से अधिक लंबे मीडिया, राजनीति और सांस्कृतिक संवाद में योगदान को विधिवत सम्मानित किया जा सके।
सम्मान समारोह के प्रमुख बिंदु
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तिथि: 18 जून 2025
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स्थान: IGNCA कार्यालय, दिल्ली
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सम्मान प्रदानकर्ता: श्री सतपाल चौहान, महानिदेशक, गृह मंत्रालय
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सम्मान: पद्म भूषण (राष्ट्रपति द्वारा हस्ताक्षरित प्रशस्ति पत्र व पदक)
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विशेष कारण: श्री राय की अनुपस्थिति के कारण यह वैकल्पिक आयोजन किया गया
उपस्थित प्रमुख अतिथि
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श्री नजीब जंग – दिल्ली के पूर्व उपराज्यपाल
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प्रो. रमेश चंद्र गौड़ – डीन, IGNCA
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श्री हेमंत शर्मा – वरिष्ठ पत्रकार
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श्री संतोष भारती – पूर्व संपादक, चौथी दुनिया
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श्री मनमोहन सिंह चावला – न्यासी, एसजीटी विश्वविद्यालय
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अन्य वरिष्ठ पत्रकार, शिक्षाविद्, और सामाजिक विचारक
प्रमुख वक्तव्यों की झलक
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नजीब जंग: “श्री राय प्रेरणा का निरंतर स्रोत हैं।”
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संतोष भारती: “उन पर एक जीवनी लिखी जानी चाहिए ताकि युवा पीढ़ी उनसे प्रेरित हो सके।”
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हेमंत शर्मा: “श्री राय को सम्मानित कर स्वयं पद्म पुरस्कार गौरवान्वित हुआ है।”
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प्रो. गौड़: “वो केवल प्रशासक नहीं, बल्कि पथप्रदर्शक और गुरु हैं।”
श्री राम बहादुर राय: एक परिचय
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वर्तमान पद:
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अध्यक्ष – IGNCA ट्रस्ट
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कुलाधिपति – SGT विश्वविद्यालय, गुरुग्राम
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शिक्षा:
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एम.ए. (अर्थशास्त्र) – बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय
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अनुभव:
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40 वर्षों से अधिक का पत्रकारिता अनुभव
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आपातकाल के दौरान MISA के अंतर्गत जेल
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15 वर्षों तक छात्र आंदोलनों में सक्रिय
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पूर्व संस्थाएं:
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हिंदुस्थान समाचार (ग्रुप एडिटर)
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जनसत्ता, नवभारत टाइम्स, प्रथम प्रवक्ता, यथावत
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प्रकाशन व साहित्यिक योगदान
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राजनीतिक जीवनी:
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“मंज़िल से ज़्यादा सफ़र” (वी.पी. सिंह)
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“शाश्वत विद्रोही राजनीतिज्ञ” (आचार्य कृपलानी)
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राजनीतिक चिंतन:
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“राहबरी के सवाल”
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पत्रकारिता विश्लेषण:
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“काली ख़बरों की कहानी”
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निबंध संग्रह:
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पं. दीनदयाल उपाध्याय समग्र में लेख
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प्रमुख सम्मान
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पद्म श्री – 2015
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गणेश शंकर विद्यार्थी सम्मान – 2013
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हिंदी रत्न सम्मान, माधवराव सप्रे पुरस्कार, इत्यादि (1990–2020 तक कई)
सम्मान का महत्व
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स्वतंत्र और सशक्त पत्रकारिता को सरकारी मान्यता प्रदान करता है
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लोकतंत्र और राष्ट्रीय चेतना के संवाहक के रूप में पत्रकारिता की भूमिका को उजागर करता है
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युवाओं के लिए प्रेरणा, कि पत्रकारिता सत्य, नैतिकता और राष्ट्रहित के लिए हो
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सांस्कृतिक राष्ट्रवाद, मीडिया नैतिकता, और बौद्धिक सक्रियता में उनका योगदान अमूल्य है