देश में 15 जनवरी तक 54.50 करोड़ जनधन खाते खुले

प्रधानमंत्री जन धन योजना (PMJDY) ने 15 जनवरी 2025 तक, एक महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की है, जिसमें 54.58 करोड़ से अधिक बैंक खाते खोले जा चुके हैं। इस उपलब्धि को और अधिक उल्लेखनीय बनाता है कि इन खातों में से 55.7% खाताधारक महिलाएं हैं। यह योजना विशेष रूप से हाशिए पर मौजूद समुदायों और महिलाओं के वित्तीय समावेशन को बढ़ावा देने में अहम भूमिका निभा रही है। अगस्त 2014 में शुरू हुई इस योजना ने केवल बैंकिंग सेवाओं तक पहुंच देने से आगे बढ़कर सरकारी योजनाओं, सामाजिक सुरक्षा कार्यक्रमों और डिजिटल लेनदेन की नींव रखी है।

जन धन योजना का विस्तार कैसे हुआ?

PMJDY का उद्देश्य हर असंबद्ध परिवार को एक बेसिक बचत खाता, डेबिट कार्ड और बैंकिंग सेवाएं उपलब्ध कराना था। समय के साथ, यह योजना विकसित हुई और प्रत्येक असंबद्ध वयस्क को भी इस पहल में शामिल किया गया। आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, इस योजना के तहत 30.37 करोड़ महिलाओं ने अपने खाते खोले हैं, जिससे उनकी आर्थिक भागीदारी मजबूत हुई है।

इसके अलावा, यह योजना बीमा, पेंशन और प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (DBT) जैसी वित्तीय सेवाओं को जोड़ने में सहायक रही है। इस पहल ने कैशलेस लेनदेन को बढ़ावा देने और बचत की आदत विकसित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।

सामाजिक सुरक्षा योजनाओं पर PMJDY का प्रभाव

PMJDY खातों ने लाखों लोगों के लिए सरकारी सामाजिक सुरक्षा योजनाओं तक पहुंचने का मार्ग प्रशस्त किया है। नवीनतम आंकड़ों के अनुसार:

  • प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना (PMJJBY): 22.52 करोड़ सदस्य, जिनमें 10 करोड़ से अधिक महिलाएं शामिल हैं।
  • प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना (PMSBY): 49.12 करोड़ सदस्य, जिनमें 22.84 करोड़ महिलाएं शामिल हैं।
  • अटल पेंशन योजना (APY): 31 दिसंबर 2024 तक 7.25 करोड़ सदस्य, जिनमें 3.44 करोड़ महिलाएं हैं।

ये आंकड़े दिखाते हैं कि महिलाएं वित्तीय सुरक्षा योजनाओं में सक्रिय रूप से भाग ले रही हैं और अपने परिवारों के लिए आर्थिक स्थिरता सुनिश्चित कर रही हैं।

जनधन योजना का एलान

वित्त मंत्रालय की ओर से दी गई जानकारी के अनुसार 14 अगस्त 2024 तक प्रति खाता औसत जमा राशि 4,352 रुपये थी। 15 अगस्त के बाद प्रति खाता जमा राशि में 4 गुना वृद्धि हुई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 15 अगस्त 2014 को अपने स्वतंत्रता दिवस के संबोधन में पीएमजेडीवाई की घोषणा की। प्रधानमंत्री ने इस अवसर को गरीबों को दुष्चक्र से मुक्ति दिलाने का उत्सव बताया था। पीएमजेडीवाई वित्तीय समावेशन के लिए राष्ट्रीय मिशन है , जिसका उद्देश्य किफायती तरीके से बैंकिंग, बचत और जमा खाते, धन प्रेषण, ऋण, बीमा और पेंशन जैसी वित्तीय सेवाओं तक पहुंच सुनिश्चित करना है।

विषय विवरण
क्यों चर्चा में है? 15 जनवरी 2025 तक 54.58 करोड़ जन धन खाते खोले गए, जिनमें 55.7% खाते महिलाओं के नाम पर हैं। सरकार ने वित्तीय वर्ष 2024-25 में 3 करोड़ और खाते खोलने का लक्ष्य रखा है। खातों में कुल जमा राशि ₹2.3 ट्रिलियन, और 80% खाते सक्रिय हैं।
कुल जन धन खाते 54.58 करोड़
महिला खाताधारक 30.37 करोड़ (55.7%)
प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना (PMJJBY) में नामांकन 22.52 करोड़ (10+ करोड़ महिलाएं)
प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना (PMSBY) में नामांकन 49.12 करोड़ (22.84 करोड़ महिलाएं)
अटल पेंशन योजना (APY) में नामांकन 7.25 करोड़ (3.44 करोड़ महिलाएं) (31 दिसंबर 2024 तक)
निष्क्रिय जन धन खाते 11.30 करोड़ (20 नवंबर 2024 तक)
निष्क्रिय खातों में शेष राशि ₹14,750 करोड़
सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों (PSBs) में निष्क्रिय खातों में गिरावट 39.62% (2017) → 20.91% (नवंबर 2024)
जन धन खातों में कुल जमा राशि ₹2.3 ट्रिलियन (14 अगस्त 2024 तक)
प्रति खाता औसत शेष राशि ₹4,352 (16 अगस्त 2024 तक) (2015 में ₹1,065 से वृद्धि)
PMJDY लॉन्च वर्ष अगस्त 2014
PMJDY का उद्देश्य प्रत्येक असंबद्ध परिवार और वयस्क को बैंकिंग सेवाएं प्रदान करना
भविष्य का लक्ष्य (2024-25) 3 करोड़ और खाते खोले जाएंगे
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vikash

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