जर्मनी के नूर्नबर्ग में निर्माण स्थल पर मिले 1500 से ज्यादा कंकाल

जर्मनी के नूर्नबर्ग में निर्माण श्रमिकों ने 17वीं शताब्दी के मानव कंकालों के एक विशाल कब्रिस्तान का आश्चर्यजनक रूप से पता लगाया।

दुनिया भर में उत्खनन स्थलों से इतिहास को समझने के लिए महत्वपूर्ण कलाकृतियाँ और जीवाश्म मिलते हैं। जर्मनी के नूर्नबर्ग में, एक घर बनाते समय निर्माण मजदूरों को एक आश्चर्यजनक चीज़ मिली, जो बड़ी संख्या में मानव कंकाल, जो यूरोप के सबसे बड़े कब्रिस्तान की उपस्थिति का संकेत दे रहे थे।

मानव कंकाल की खोज:

  • चौंकाने वाली खोज: नूर्नबर्ग के सिटी सेंटर में कई मानव कंकाल देखकर मजदूर दंग रह गए।
  • महत्व: यह खोज एक महत्वपूर्ण पुरातात्विक अवसर प्रस्तुत करती है, जो संभावित रूप से ऐतिहासिक घटनाओं और जनसांख्यिकी पर प्रकाश डालती है।

पैमाना और महत्व:

  • व्यापक निष्कर्ष: अब तक लगभग एक हजार कंकालों का पता लगाया जा चुका है, अनुमान है कि कुल संख्या 1500 से अधिक हो सकती है।
  • शहरी स्थान: घनी आबादी वाले क्षेत्र के बीच कब्रिस्तान का स्थान इसके रहस्य और ऐतिहासिक महत्व को बढ़ाता है।

ऐतिहासिक संदर्भ:

  • शताब्दी पुरानी डेटिंग: प्रारंभिक विश्लेषण से पता चलता है कि ये कंकाल 17वीं शताब्दी के हो सकते हैं, संभवतः बुबोनिक प्लेग जैसी ऐतिहासिक घटनाओं से संबंधित हैं।
  • प्लेग महामारी: माना जाता है कि नूर्नबर्ग बुबोनिक प्लेग से काफी प्रभावित हुआ है, जिससे यह खोज आबादी पर महामारी के प्रभाव को समझने के लिए विशेष रूप से प्रासंगिक हो गई है।

जांच और संरक्षण के प्रयास:

  • चल रही जांच: पुरातत्वविद् साइट के इतिहास और महत्व के बारे में अधिक जानकारी प्राप्त करने के लिए गहन जांच कर रहे हैं।
  • संरक्षण के उपाय: खोजे गए सभी मानव कंकाल, जिनमें वे कंकाल भी शामिल हैं जिनका अभी तक पता नहीं चला है, को भविष्य के अध्ययन के लिए सावधानीपूर्वक संरक्षित किया जाएगा।

वातावरणीय कारक:

  • संभावित संदूषण: कुछ कंकालों में हरे रंग के मलिनकिरण के लक्षण दिखाई देते हैं, जो संभवतः पास की तांबे की मिल के कचरे के कारण होता है, जो साइट के संरक्षण को प्रभावित करने वाले पर्यावरणीय कारकों को उजागर करता है।
  • बहुआयामी विश्लेषण: विशेषज्ञ साइट की समग्र समझ हासिल करने के लिए ऐतिहासिक और पर्यावरणीय दोनों कारकों पर विचार करते हुए व्यापक विश्लेषण कर रहे हैं।

 

 

 

FAQs

वर्ल्ड बैंक ने किसे जेईएफ (वैश्विक पर्यावरण सुविधा) का नया डायरेक्टर नियुक्त किया है?

गीता बत्रा को। भारत में जन्मी इकोनॉमिस्ट गीता बत्रा को विश्व बैंक के जेईएफ (वैश्विक पर्यावरण सुविधा) के इंडिपेंडेंट इवैल्यूएशन ऑफिस में डायरेक्टर के पद पर नियुक्त किया है।

prachi

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