हॉकी में दो बार के ओलंपिक स्वर्ण पदक विजेता केशव दत्त (Keshav Datt) का निधन हो गया. वह 1948 के ओलंपिक में भारत की ऐतिहासिक उपलब्धि का हिस्सा थे, जहां उन्होंने लंदन के वेम्बली स्टेडियम में घरेलू टीम ब्रिटेन को 4-0 से हराकर स्वतंत्रता के बाद पहला स्वर्ण पदक जीता था.
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1948 के ओलंपिक से पहले, दत्त ने 1947 में हॉकी के जादूगर मेजर ध्यानचंद (Major Dhyan Chand) के नेतृत्व में पूर्वी अफ्रीका का दौरा किया था. भारतीय टीम के एक अभिन्न अंग, दत्त ने 1951-1953 और फिर 1957-1958 में मोहन बागान हॉकी टीम की कप्तानी भी की.
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