ओडिशा सरकार 19–20 दिसंबर को रीजनल AI इम्पैक्ट कॉन्फ्रेंस की मेजबानी करेगी। यह आयोजन शासन और सार्वजनिक सेवा वितरण में कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) के उपयोग के क्षेत्र में ओडिशा को एक प्रमुख योगदानकर्ता के रूप में स्थापित करने की दिशा में अहम कदम है। 17 दिसंबर को इलेक्ट्रॉनिक्स एवं आईटी विभाग द्वारा आयोजित कर्टन-रेज़र कार्यक्रम में राज्य की AI विज़न, नीति रोडमैप और वास्तविक उपयोग वाले AI अनुप्रयोगों की बढ़ती श्रृंखला को रेखांकित किया गया।
ओडिशा की AI विज़न और नीति दिशा
- इलेक्ट्रॉनिक्स एवं आईटी मंत्री मुकेश महालिंग ने कहा कि ओडिशा तकनीक-आधारित विकास के लिए भविष्य-तैयार दृष्टिकोण अपना रहा है।
- ओडिशा AI नीति 2025, साथ ही फिनटेक, ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटर्स (GCCs) और एडवांस्ड इलेक्ट्रॉनिक्स से जुड़ी सहायक नीतियाँ, जिम्मेदार और निवेशक-अनुकूल AI अपनाने का वातावरण बना रही हैं।
- राज्य का लक्ष्य मजबूत शासन, उन्नत डिजिटल क्षमताओं और दीर्घकालिक नीति स्थिरता के साथ सम्पूर्ण AI नवाचार इकोसिस्टम विकसित करना है।
राष्ट्रीय AI रोडमैप का हिस्सा
- यह सम्मेलन इंडिया AI इम्पैक्ट समिट (फरवरी 2026) की तैयारी के व्यापक रोडमैप का हिस्सा है।
- देश के आठ राज्यों—मध्य प्रदेश, केरल, गुजरात, राजस्थान, मेघालय, उत्तर प्रदेश, तेलंगाना और ओडिशा—में रीजनल AI इम्पैक्ट समिट्स आयोजित किए जाएंगे।
- मंत्री ने उल्लेख किया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ओडिशा को देश का एक प्रमुख AI हब बनाने की परिकल्पना की है।
सम्मेलन की थीम
- रीजनल AI इम्पैक्ट कॉन्फ्रेंस का मार्गदर्शक सिद्धांत “तीन पी – प्लैनेट, पीपल और प्रोग्रेस” है।
- इसका फोकस स्थिरता, समावेशी विकास और शासन में क्षेत्र-विशेष AI अनुप्रयोगों पर रहेगा।
मुख्य बिंदु
- ओडिशा 19–20 दिसंबर को रीजनल AI इम्पैक्ट कॉन्फ्रेंस की मेजबानी करेगा।
- आयोजन इंडिया AI इम्पैक्ट समिट 2026 से जुड़ा हुआ है।
- मुख्य थीम: प्लैनेट, पीपल, प्रोग्रेस।
- स्वास्थ्य, शिक्षा, आपदा प्रबंधन और सामाजिक क्षेत्रों में AI के उपयोग की योजना।
- ओडिया भाषा को AI के माध्यम से बढ़ावा देने हेतु भाषा धाम की शुरुआत।


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