हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी और केंद्रीय ऊर्जा मंत्री मनोहर लाल खट्टर की उपस्थिति में एनटीपीसी विद्युत व्यापार निगम लिमिटेड के साथ एक करार हुआ है। गुरुग्राम और फरीदाबाद नगर निगम के साथ हुए इस समझौते में कचरे से ग्रीन चारकोल बनाने वाले संयंत्र की स्थापना की जाएगी।
केंद्र सरकार के सहयोग से राज्य में कचरे से चारकोल बनाने वाले प्लांट स्थापित किए जाएंगे, जिन्हें ग्रीन कोल प्लांट भी कहा जाता है। गुरुग्राम के बंधवाड़ी में करीब 20 एकड़ में लगने वाले संयंत्र पर 500 करोड़ रुपये खर्च होंगे। ये प्लांट भारत में सबसे बड़ा होगा, जहां प्रतिदिन 1500 टन कचरे से चारकोल बनाया जाएगा।
500 करोड़ रुपये की लागत
गुरुग्राम और फरीदाबाद नगर निगम और एनटीपीसी विद्युत व्यापार निगम लिमिटेड के बीच एक समझौता हुआ है। इसके जरिए कूड़े से हरित चारकोल बनाने के प्लांट लगाए जाएंगे। ये प्लांट गुरुग्राम और फरीदाबाद में लगाए जाएंगे। 1500-1500 टन क्षमता के ग्रीन चारकोल प्लांट लगाए जाएंगे। इन प्लांट पर करीब 500-500 करोड़ रुपये की लागत आएगी।
20-20 एकड़ जमीन उपलब्ध
मुख्यमंत्री ने कहा की ये संयंत्र गुरुग्राम के बंदवाड़ी और फरीदाबाद के मोठुका में लगाया जाएगा। इसके लिए दोनों नगर निगमों द्वारा 20-20 एकड़ जमीन उपलब्ध कराई जा रही है। इसका निर्माण कार्य लगभग 30 महीने में पूरा हो जाएगा। इससे फरीदाबाद और गुरुग्राम में कचरे का पहाड़ नहीं दिखेगा। लोगों को स्वच्छ हवा नसीब हो पाएगी। यह पीएम मोदी की दूरदर्शिता का ही नतीजा है।
ग्रीन चारकोल का इस्तेमाल
बता दें, कचरे की छंटाई करके उसे इन संयंत्रों में भेजा जाएगा, ताकि ग्रीन चारकोल बनाया जा सके। ग्रीन चारकोल का इस्तेमाल खनिज कोयले के साथ ईंधन के रूप में किया जाएगा। इससे खनिज कोयले की खपत कम होगी। यह ग्रीन हाऊस गैस को भी कम करेगा। इसका बिजली उत्पादन के लिए इस्तेमाल किया जाएगा।