प्रख्यात लेखिका सारा थॉमस का उम्र संबंधी बीमारियों के कारण उनके आवास पर निधन हो गया। वह 89 वर्ष की थीं। उन्होंने 17 उपन्यास और 100 से अधिक लघु कथाएँ लिखीं। उनके पहले उपन्यास, “जीविथम एना नाथी” ने उनके लेखन करियर की शुरुआत की। उनकी उल्लेखनीय कृतियों में से एक, “मुरिपादुकल” को निर्देशक पीए बक्कर द्वारा “मणिमुझक्कम” नामक फिल्म में रूपांतरित किया गया था।
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थॉमस को दो बार केरल साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। उन्हें पहली बार उनके उपन्यास ‘नर्मदी पुडवा’ के लिए 1979 में केरल साहित्य अकादमी पुरस्कार से नवाजा गया था। दूसरी बार, 2010 में उन्हें मलयालम साहित्य में योगदान के लिए अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। थॉमस की चार किताबों पर मलयालम में फीचर फिल्में भी बनी हैं। उनके दूसरे उपन्यास ‘मुरीपदुकल’ पर ‘मणिमुझक्कम’ नाम की फिल्म बनाई गई थी, जिसने कई राष्ट्रीय और राज्य पुरस्कार जीते थे।