प्रसिद्ध कर्नाटक शास्त्रीय वायलिन वादक ‘कलाइमामणि (Kalaimaamani)’ सिक्किल (Sikkil) श्री आर भास्करन (Shri R Bhaskaran) का निधन हो गया। उन्होंने 11 साल की उम्र में तिरुवरूर (Thiruvarur ) श्री सुब्बा अय्यर (Shri Subba Iyer) से वायलिन सीखना शुरू किया और बाद में मयूरम (Mayuram ) श्री गोविंदराजन पिल्लई (Shri Govindarajan Pillai) से प्रशिक्षण लिया। वह आकाशवाणी के ‘ए’ ग्रेड कलाकार थे और उन्होंने 1976 से 1994 तक चेन्नई रेडियो स्टेशन में लगभग 2 दशकों तक सेवा की थी।
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भास्करन ने 2 दशकों से अधिक समय तक तिरुवयारु त्याग ब्रह्म महोत्सव (Thiruvaiyaru Thyaga Brahma Festival) की कार्यकारी समिति के सदस्य के रूप में कार्य किया है। अपने करीब 5 दशकों के संगीत करियर के दौरान, भास्करन को कई लौरेल, पुरस्कार और सम्मान से सम्मानित किया गया है।
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