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उत्तर कोरिया ने सुपर लार्ज क्रूज मिसाइल का परीक्षण किया

उत्तर कोरिया ने सुपर लार्ज क्रूज मिसाइल का परीक्षण किया |_3.1

उत्तर कोरिया ने फिर हथियारों का परीक्षण किया है। उसने पश्चिमी तटवर्ती क्षेत्र से एक सुपर-लार्ज क्रूज मिसाइल वारहेड और एक नई एंटी-एयरक्राफ्ट मिसाइल का परीक्षण किया। संयुक्त राष्ट्र द्वारा किसी भी रेंज की बैलिस्टिक मिसाइल का परीक्षण प्रतिबंधित किए जाने के बावजूद उत्तर कोरिया अपनी सैन्य क्षमता बढ़ाने में जुटा है।

उत्तर कोरिया ने कोरिया के पश्चिमी सागर में एक विमान भेदी प्योलज्जी-1-2 मिसाइल और एक सुपर रणनीतिक क्रूज मिसाइल ह्वासल-1 रा-3 के वारहेड के परीक्षण की घोषणा की। यह मिसाइल परीक्षण 19 अप्रैल 2024 को उत्तर कोरिया द्वारा किया गया था। उत्तर कोरिया द्वारा नई विमान भेदी मिसाइलों और क्रूज़ मिसाइल वॉरहेड के परीक्षण ने दक्षिण कोरिया और संयुक्त राज्य अमेरिका के साथ तनाव को और बढ़ा दिया है। सुपर-रणनीतिक क्रूज मिसाइल ह्वासल-1 रा-3 परमाणु हथियार ले जाने में सक्षम है।

उत्तर कोरियाई मिसाइल प्रशासन

  • उत्तर कोरिया के अनुसार, उत्तर कोरियाई मिसाइल प्रशासन ने ह्वासल-1 रा-3 रणनीतिक क्रूज मिसाइल के लिए डिज़ाइन किए गए वारहेड के लिए एक शक्ति परीक्षण और प्योलज्जी-1-2 विमान भेदी मिसाइल का परीक्षण  किया है ।
  • उत्तर कोरिया ने फरवरी 2024 में भी ऐसा ही परीक्षण किया था, लेकिन उस समय उसने मिसाइलों के नाम का खुलासा नहीं किया था।  अप्रैल 2024 में, उत्तर कोरिया ने हाल ही में मध्यम से लंबी दूरी की ठोस ईंधन  वाली  हाइपरसोनिक मिसाइल का भी परीक्षण किया था। उत्तर कोरियाई के द्वारा किए जा रहे कई हथियारों का परीक्षण से कर क्षेत्र में तनाव बढ़ा गया है।

इलाके में तनाव

  • उत्तर कोरिया ऐसे मिसाइल बनाने की कोशिश कर रहा है ताकि वो संयुक्त राज्य अमेरिका और प्रशांत क्षेत्र में स्थित उसके सैन्य ठिकानों को निशाना बना सके। उत्तरी कोरिया के इन मिसाइलों के परीक्षण को अमरीका अपनी और इसके सहयोगी देशों – दक्षिण कोरिया ,जापान के लिए खतरा मानता है।
  • उत्तर कोरिया  के  हथियारों के परीक्षण के जवाब में संयुक्त राज्य अमेरिका और क्षेत्र में उसके करीबी सहयोगियों, दक्षिण कोरिया और जापान ने अपने संयुक्त सैन्य प्रशिक्षण का विस्तार करके अपने सैन्य सहयोग को बढ़ाया है। प्रशांत क्षेत्र में अमेरिका के कई  सैन्य अड्डे हैं ।
  • उत्तर कोरियाई नेता किम जोंग उन दक्षिण कोरिया और जापान के साथ अमेरिका के सहयोग को अपने शासन के लिए खतरे के रूप में देखते हैं।

 

चीन और रूस के साथ घनिष्ठ संबंध 

  • साल 2009 के परमाणु परीक्षण के बाद उत्तर कोरिया पर भारी अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंध लगा दिया गया है। चीन और रूस उत्तर कोरिया के प्रमुख समर्थक देश हैं। चीन ,उत्तर कोरिया का मुख्य आर्थिक साझेदार और आर्थिक जीवनरेखा का मुख्य स्रोत है।
  • रूस उत्तर कोरिया का एक प्रमुख सैन्य साझेदार है और पश्चिमी देशों ने उत्तर कोरिया पर यूक्रेन के खिलाफ युद्ध में रूस को तोपखाने के गोले और अन्य उपकरण उपलब्ध कराने का आरोप भी लगाया है।

कोरियाई प्रायद्वीप में संघर्ष

  • कोरियाई प्रायद्वीप को साल 1910 में जापान ने अपने कब्जे में ले लिया था। दूसरे विश्व युद्ध में जापान की हार और 1945 में उसके आत्मसमर्पण के बाद, जापानी कब्जे वाले कोरियाई प्रायद्वीप को दो क्षेत्रों में विभाजित कर दिया गया था। दक्षिणी भाग पर संयुक्त राज्य अमेरिका का कब्ज़ा था, जबकि उत्तरी भाग पर सोवियत संघ का कब्ज़ा था। साल 1948 में, देश को दो भागों में विभाजित किया गया: अमेरिकी क्षेत्र कोरिया गणराज्य या दक्षिण कोरिया बन गया, और सोवियत-कब्जे वाला क्षेत्र लोकतांत्रिक गणराज्य कोरिया या उत्तर कोरिया बन गया।
  • 1950 में जब साम्यवादी उत्तर कोरिया ने दक्षिण कोरिया पर हमला किया तो दोनों कोरिया के बीच गृहयुद्ध छिड़ गया, जो तीन साल (1950-53) तक चला। दक्षिण कोरिया को अमेरिका और उसके सहयोगियों का समर्थन प्राप्त था, जबकि साम्यवादी उत्तर कोरिया को चीन का समर्थन प्राप्त था। चीन ने उत्तर कोरिया की कम्युनिस्ट सरकार के साथ लड़ने के लिए अपने सैनिक भी भेजे थे। तब से, चीन और उत्तर कोरियाई कम्युनिस्ट सरकार के बीच घनिष्ठ संबंध रहे हैं।
  • साल 1953 में, संयुक्त राष्ट्र ने दोनों कोरिया के बीच युद्धविराम की मध्यस्थता की, और 38वें उत्तर समानांतर को दोनों कोरिया के बीच सीमा के रूप में चिह्नित किया गया। दोनों कोरियाई देशों  के बीच  अभी तक कोई शांति समझौता नहीं हुआ है।

 

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