हाल ही में पूर्वोत्तर भारत के विकास को बढ़ावा देने के लिये डिज़ाइन की गई पूर्वोत्तर क्षेत्र हेतु प्रधानमंत्री विकास पहल (Prime Minister’s Development Initiative for North Eastern Region) में क्षेत्र की आवश्यकताओं और आकांक्षाओं के अनुरूप महत्त्वपूर्ण संशोधन किये गए हैं। ये नए दिशा-निर्देश 12 अक्तूबर, 2022 से प्रभावी सभी पीएम-डिवाइन परियोजनाओं को नियंत्रित करते हैं।
इसके अतिरिक्त पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्रालय (Ministry of Development of the North Eastern Region) 15वें वित्त आयोग की शेष अवधि (2022-2026) के दौरान कैबिनेट द्वारा अनुमोदित पूर्वोत्तर विशेष अवसंरचना विकास योजना (North East Special Infrastructure Development Scheme) को लागू करने के लिये नए योजना दिशा-निर्देश जारी करता है।
‘पीएम-डिवाइन’ के तहत अरुणाचल प्रदेश, असम, मणिपुर, मेघालय, मिजोरम, नागालैंड, सिक्किम और त्रिपुरा सहित सभी आठ उत्तर पूर्वी भारतीय राज्यों को कवर किया जाएगा। यह योजना भारत सरकार और राज्य सरकार की मौजूदा पहलों का पूरक होगी तथा अन्यत्र कवर न की गई परियोजनाओं का समर्थन करके दोहराव से बचेंगी। एमडीओएनईआर एनईसी या केंद्रीय मंत्रालयों/एजेंसियों के माध्यम से कार्यान्वयन के साथ राज्य सरकारों, एनईसी और संबंधित केंद्रीय मंत्रालयों के परामर्श से परियोजना चयन, अनुमोदन और निगरानी की देखरेख करेगा। दिशानिर्देश प्रक्रिया की रूपरेखा तैयार करते हैं जिसमें परियोजना की पहचान, चयन, डीपीआर तैयार करना, मंजूरी, फंड जारी करना, निगरानी और पूरा करना शामिल है। जब तक अन्यथा निर्दिष्ट न हो, योजना के ‘सक्षम प्राधिकारी’ मंत्री, एमडीओएनईआर हैं।
“पीएम-डेवाइन” के उद्देश्य अपने नागरिकों के लिए बेहतर जीवन स्तर सुनिश्चित करने के लिए पूर्वोत्तर क्षेत्र में सतत विकास में तेजी लाने के उत्तर पूर्वी क्षेत्र विकास मंत्रालय के दृष्टिकोण के अनुरूप हैं। इन लक्ष्यों में बुनियादी ढांचे और सामाजिक परियोजनाओं के माध्यम से तीव्र और व्यापक विकास, युवाओं और महिलाओं की आजीविका को बढ़ावा देना और विभिन्न क्षेत्रों में विकासात्मक अंतराल को संबोधित करना शामिल है।
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