बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शनिवार, 22 जून 2025 को वृद्धजन, विधवाओं और दिव्यांग लाभार्थियों को दी जाने वाली सामाजिक सुरक्षा पेंशन राशि को ₹400 से बढ़ाकर ₹1,100 प्रति माह करने की घोषणा की। यह बढ़ोतरी अक्टूबर–नवंबर 2025 में होने वाले बिहार विधानसभा चुनावों से पहले की गई है और इसे मतदाताओं का समर्थन सुनिश्चित करने की रणनीति के रूप में देखा जा रहा है। यह 2005 में नीतीश कुमार के मुख्यमंत्री बनने के बाद पहली बार इतनी बड़ी पेंशन वृद्धि है।
यह निर्णय चुनाव से कुछ महीने पहले लिया गया है, जिससे यह स्पष्ट संकेत मिलता है कि एनडीए सरकार एक लोकलुभावन रणनीति अपना रही है ताकि विपक्षी दलों के वादों का मुकाबला किया जा सके और सत्ता विरोधी लहर को कम किया जा सके। यह घोषणा मुख्यमंत्री द्वारा सोशल मीडिया पर की गई, जो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की बिहार रैली के ठीक एक दिन बाद आई, जिससे यह कयास और भी मजबूत हो गए कि यह संयोजित चुनावी रणनीति का हिस्सा है। इससे 1 करोड़ से अधिक लोग लाभान्वित होंगे।
| बिंदु | विवरण |
|---|---|
| पहले की राशि | ₹400 प्रति माह |
| नई राशि | ₹1,100 प्रति माह |
| लाभार्थी वर्ग | वृद्धजन, विधवाएं, दिव्यांगजन |
| लाभार्थियों की कुल संख्या | 1,09,69,255 |
| प्रभावी तिथि | जुलाई 2025 से |
| भुगतान तरीका | डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (DBT) द्वारा हर महीने की 10 तारीख तक बैंक खातों में |
पंचायती प्रतिनिधियों का भत्ता बढ़ाया गया
ज़िला परिषद अध्यक्ष: ₹30,000 (पहले ₹20,000)
उपाध्यक्ष: ₹20,000 (पहले ₹10,000)
मुखिया: ₹7,500 (पहले ₹5,000)
मुखियाओं की वित्तीय स्वीकृति सीमा
मनरेगा (MGNREGS) के तहत ग्रामीण योजनाओं को स्वीकृति देने की सीमा ₹5 लाख से बढ़ाकर ₹10 लाख की गई।
सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजनाएं बिहार में वरिष्ठ नागरिकों, विधवाओं और दिव्यांगों जैसे असहाय वर्गों को राहत देने के लिए चलाई जाती हैं।
DBT प्रणाली से पारदर्शिता और समय पर भुगतान सुनिश्चित होता है।
यह योजना केंद्र की प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना और राष्ट्रीय सामाजिक सहायता कार्यक्रम (NSAP) जैसी योजनाओं की पूरक है।
यह कदम न केवल चुनावी दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह कल्याणकारी प्रशासन की दिशा में एक बड़ी पहल भी मानी जा रही है, जो राज्य के असुरक्षित वर्गों को आर्थिक सुरक्षा प्रदान करेगा।
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