देश में डिजिटल स्वास्थ्य शिक्षा को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जे पी नड्डा की उपस्थिति में राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण (एनएचए) और महाराष्ट्र स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय (एमयूएचएस) के बीच एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर 13 अगस्त को हस्ताक्षर किए गए।
इसके तहत एमयूएचएस एनएचए को अपना डिजिटल हेल्थ फाउंडेशन कोर्स (डीएचएफसी) देगा और आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन (एबीडीएम) की शुरुआत के लिए एनएचए द्वारा सुझाए गए अतिरिक्त डिजिटल स्वास्थ्य कार्यक्रमों का सह-विकास करेगा। एनएचए एक अंतर-संचालन योग्य डिजिटल स्वास्थ्य इको-सिस्टम के विकास के लिए देश में डिजिटल स्वास्थ्य परिदृश्य पर सरकारी नीति का संचालन करता रहेगा। समझौता ज्ञापन में भविष्य में ऐसे और पाठ्यक्रम विकसित करने का भी प्रस्ताव है।
इस साझेदारी का लाभ
एनएचए और एमयूएचएस के बीच साझेदारी डिजिटल स्वास्थ्य शिक्षा को चिकित्सा पाठ्यक्रम में एकीकृत करने और संबद्ध एवं प्रभावी स्वास्थ्य सेवा इको-सिस्टम की नींव रखने की दृष्टि से महत्वपूर्ण है। यह साझेदारी न केवल मेडिकल छात्रों और पेशेवरों के कौशल को बढ़ाएगी बल्कि आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन के व्यापक कार्यान्वयन को भी आगे बढ़ाएगी, जिससे लाखों भारतीयों को गुणवत्तापूर्ण देखभाल तक बेहतर पहुंच मिलेगी।
यह समझौता ज्ञापन न सिर्फ इस दिशा में मार्ग प्रशस्त करेगा, बल्कि देश में डिजिटल शिक्षण परिदृश्य में भी योगदान देगा। एनएचए इसे लागू करने का काम करेगा जो हमारे देश में स्वास्थ्य सेवा इको-सिस्टम को मजबूत करने में मदद करेगा।
इस साझेदारी की आवश्यकता क्यों थी?
डिजिटल स्वास्थ्य एक उभरता हुआ क्षेत्र है और स्वास्थ्य इको-सिस्टम में सभी हितधारकों के लिए इसके बारे में जागरूकता पैदा करने की आवश्यकता है। महाराष्ट्र यूनिवर्सिटी ऑफ़ हेल्थ साइंसेज के साथ हमारी साझेदारी पूरे भारत में डिजिटल स्वास्थ्य समाधानों को अपनाने में तेजी लाने में एक परिवर्तनकारी भूमिका निभाएगी। इससे यह सुनिश्चित होगा कि भविष्य के स्वास्थ्य देखभाल पेशेवर बेहतर रोगी परिणामों और कुशल स्वास्थ्य सेवा देने के लिए इन तकनीकों का अच्छी तरह से लाभ उठा सकेंगे।
डिजिटल हेल्थ फाउंडेशन कोर्स (DHFC) के बारे में
डिजिटल हेल्थ फाउंडेशन कोर्स (डीएचएफसी) स्वास्थ्य पेशेवरों को डिजिटल परिवर्तन और आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन अपनाने के लिए तैयार करने में एक महत्वपूर्ण कदम है। कोइता फाउंडेशन के सहयोग से एमयूएचएस द्वारा बनाया गया डीएचएफसी डॉक्टरों और स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं को डिजिटल स्वास्थ्य की बुनियादी बातों की व्यापक समझ प्रदान करता है। डीएचएफसी पाठ्यक्रम को प्रमुख डॉक्टरों और विषय विशेषज्ञों द्वारा तैयार किया गया है। डीएचएफसी को सार्वजनिक स्वास्थ्य इको-सिस्टम में हितधारकों के अनुकूल तैयार किया गया है।
डीएचएफसी को मेडिकल छात्रों, सेवारत डॉक्टरों और स्वास्थ्य सेवा पेशेवरों को मिशन कर्मयोगी के आई-गॉट प्लेटफॉर्म सहित विभिन्न प्लेटफार्मों के माध्यम से उपलब्ध कराया जाएगा, जो डिजिटल स्वास्थ्य प्रमाणन और निरंतर चिकित्सा शिक्षा क्रेडिट के अवसर प्रदान करेगा। यह उन्हें अपने संबंधित क्षेत्रों में आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन को प्रभावी ढंग से लागू करने में मदद करेगा।
डिजिटल स्वास्थ्य पृष्ठभूमि
डिजिटल स्वास्थ्य भारत के स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र को आगे बढ़ाने के लिए एक महत्वपूर्ण उत्प्रेरक बन रहा है। 27 सितंबर 2021 को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा शुरू किए गए आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन का उद्देश्य सार्वजनिक और निजी क्षेत्रों के बीच सक्रिय सहयोग के माध्यम से एक मजबूत डिजिटल स्वास्थ्य इको-सिस्टम स्थापित करना है। आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन का उद्देश्य विभिन्न स्वास्थ्य सेवा संस्थाओं-अस्पतालों, क्लीनिकों, प्रयोगशालाओं, फ़ार्मेसियों, स्वास्थ्य बीमा कंपनियों और अन्य को एकीकृत करना है ताकि रोगी देखभाल, पहुंच और सामर्थ्य में सुधार हो सके। डिजिटल स्वास्थ्य और आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन की पूरी क्षमता का एहसास करने के लिए डॉक्टरों, नर्सों, फ्रंटलाइन वर्कर्स, पैरामेडिक्स और मेडिकल छात्रों सहित स्वास्थ्य पेशेवरों के बीच व्यापक प्रशिक्षण और जागरूकता की आवश्यकता है।