प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 28 मई को संसद का नवनिर्मित भवन राष्ट्र को समर्पित करेंगे। गुजरात की डिजाइन कंपनी एचसीपी ने इसे तैयार किया है। नया संसद भवन पुराने संसद भवन से कई मामलों में अलग है।
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बैठने की क्षमता में वृद्धि: नई संसद भवन लोकसभा में 888 संसद सदस्यों (सांसदों) को समायोजित करने में सक्षम होगी, जो वर्तमान लोकसभा की क्षमता का तीन गुना है। इसी तरह, नई राज्यसभा में 384 सीटों का प्रावधान होगा, जो भविष्य के सांसदों के लिए अतिरिक्त स्थान की आवश्यकता को पूरा करेगा।
सेंट्रल हॉल का न होना: पुराने संसद भवन के विपरीत नए भवन में सेंट्रल हॉल नहीं होगा। इसके बजाय, नए संसद भवन में लोकसभा हॉल को संयुक्त सत्रों को आसानी से समायोजित करने के लिए डिज़ाइन किया जा रहा है। यह संयुक्त सत्रों के दौरान अतिरिक्त कुर्सियों को स्थापित करने की आवश्यकता को समाप्त करते हुए 1,272 लोगों को बैठने में सक्षम होगा।
भूकंपरोधी निर्माण: नई दिल्ली और आसपास के क्षेत्रों के लिए निर्धारित भूकंप जोन-5 दिशानिर्देशों के अनुसार विशेष रूप से पर्याप्त भूकंप संबंधी सुरक्षा उपाए किए गए हैं। नए भवन को सभी मॉडर्न ऑडियो-विजुअल टेक्नॉलजी और डेटा नेटवर्क प्रणालियों से लैस किया गया है।
मोर और कमल के फूल की थीम: नए संसद भवन में लोकसभा और राज्यसभा अलग-अलग थीम प्रदर्शित करेंगे। लोकसभा में राष्ट्रीय पक्षी, मोर को शामिल किया जाएगा, जबकि राज्यसभा में राष्ट्रीय फूल, कमल को उनकी संबंधित संरचनाओं में शामिल किया जाएगा।
आधुनिक तकनीकी सुविधाएं: सदन की तकनीकी क्षमताओं को बढ़ाने के लिए नए संसद भवन में प्रत्येक सांसद की सीट के सामने एक मल्टीमीडिया डिस्प्ले होगा। यह विशेषता, स्वतंत्रता की 75वीं वर्षगांठ पर देश को उपहार, इसे भारत की स्वतंत्रता के बाद निर्मित पहला संसद भवन बनाती है।
पर्यावरण-हितैषी पहलें: नए संसद भवन में स्थिरता और पर्यावरण-मित्रता को प्राथमिकता दी गई है। यह 30 प्रतिशत बिजली की खपत को बचाने के लिए हरित निर्माण सामग्री का उपयोग करेगा और उपकरणों को शामिल करेगा। अक्षय ऊर्जा स्रोतों को बढ़ावा देने के लिए वर्षा जल संचयन और सौर ऊर्जा उत्पादन प्रणाली लागू की जाएगी।
बढ़ी हुई समिति कक्ष सुविधाएं: नए संसद भवन में परिष्कृत ऑडियो-विजुअल सिस्टम से सुसज्जित समिति कक्षों की संख्या काफी अधिक होगी। इस अपग्रेड से संसदीय समितियों के सुचारू कामकाज में मदद मिलेगी।
मीडिया सुविधाएं: नए संसद भवन में मीडिया के लिए विशेष सुविधाएं प्रदान की जाएंगी। मीडिया कर्मियों के लिए कुल 530 सीटों की व्यवस्था की जाएगी। नए संसद भवन में अहम कामकाज के लिए अलग ऑफिस बनाए गए हैं, जो हाईटेक सुविधाओं से लैस है।
जनता के अनुकूल डिजाइन: नए संसद भवन का उद्देश्य जनता के लिए अधिक सुलभ होना है। बच्चों, बुजुर्गों और विकलांग व्यक्तियों के लिए आसान प्रवेश के साथ इसे सार्वजनिक संसद भवन बनाने की तैयारी चल रही है। विशेष प्रवेश द्वार आम जनता को सार्वजनिक गैलरी और केंद्रीय संवैधानिक गैलरी तक पहुंचने की अनुमति देंगे। इसके अतिरिक्त, नए भवन में अग्नि सुरक्षा सुविधाओं में सुधार होगा।
वास्तुकला डिजाइन और निर्माण: नए संसद भवन का निर्माण टाटा प्रोजेक्ट्स लिमिटेड द्वारा किया जा रहा है, जिसका डिजाइन एचसीपी डिजाइन प्लानिंग एंड मैनेजमेंट प्राइवेट लिमिटेड द्वारा किया गया है। निर्माण के लिए कुल क्षेत्रफल 64,500 वर्गमीटर है, जो दिल्ली के केंद्र में एक आधुनिक वास्तुकला का चमत्कार है।
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