चीन की ‘बैटवुमन’ ने खोजा नया बैट कोरोना वायरस

चीनी शोधकर्ताओं ने एक नए चमगादड़ कोरोनावायरस की पहचान की है, जिसे HKU5-CoV-2 नाम दिया गया है, और यह मानव कोशिकाओं को संक्रमित करने की क्षमता रखता है। यह वायरस ACE2 रिसेप्टर का उपयोग करता है, जो वही मार्ग है जिससे SARS-CoV-2 (कोविड-19 का कारण बनने वाला वायरस) मानव कोशिकाओं में प्रवेश करता है। इस खोज ने ज़ूनोटिक संचरण (जानवरों से मनुष्यों में वायरस के प्रसार) की संभावनाओं को लेकर चिंता बढ़ा दी है और चमगादड़ों में पाए जाने वाले वायरसों की निरंतर निगरानी की आवश्यकता को उजागर किया है।

HKU5-CoV-2 क्या है और इसकी खोज कैसे हुई?

वुहान इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी के वैज्ञानिक शी झेंगली के नेतृत्व में शोधकर्ताओं ने HKU5-CoV-2 की पहचान चमगादड़ों में की। यह वायरस मेरबेकोवायरस (Merbecovirus) उपप्रकार का है, जिसमें मिडिल ईस्ट रेस्पिरेटरी सिंड्रोम (MERS) वायरस भी शामिल है। रॉयटर्स की रिपोर्ट के अनुसार, प्रयोगशाला परीक्षणों में पाया गया कि यह वायरस ACE2 रिसेप्टर से जुड़ सकता है, जो इसे मानव कोशिकाओं में प्रवेश करने में सक्षम बनाता है।

हालांकि, वैज्ञानिकों ने कहा है कि HKU5-CoV-2 का मानव कोशिकाओं से जुड़ने की क्षमता SARS-CoV-2 की तुलना में कम है, जिससे इसके बड़े पैमाने पर फैलने की संभावना कम हो सकती है। लेकिन वायरस में एक फ्यूरिन क्लिवेज साइट (Furin Cleavage Site) मौजूद है, जो इसकी संक्रामकता को बढ़ा सकता है और इसे संभावित रूप से खतरनाक बना सकता है।

क्या HKU5-CoV-2 अगली महामारी का कारण बन सकता है?

HKU5-CoV-2 की खोज की तुलना RaTG13 से की जा रही है, जो एक चमगादड़ कोरोनावायरस है और जिसे 2013 में पहचाना गया था। RaTG13 की SARS-CoV-2 से 96.1% आनुवंशिक समानता थी। ऐसे शोध यह संकेत देते हैं कि ज़ूनोटिक स्पिलओवर (जब वायरस जानवरों से मनुष्यों में फैलते हैं) की संभावना बार-बार बनी रहती है।

मिनेसोटा विश्वविद्यालय के संक्रामक रोग विशेषज्ञ डॉ. माइकल ओस्टरहोम ने रॉयटर्स से कहा कि HKU5-CoV-2 मानव कोशिकाओं को संक्रमित कर सकता है, लेकिन SARS-CoV-2 जैसे वायरसों के प्रति पहले से विकसित प्रतिरक्षा इसकी गंभीरता को सीमित कर सकती है। अध्ययन बताते हैं कि इस वायरस की ACE2 रिसेप्टर से जुड़ने की क्षमता कम है, जिससे इसके बड़े स्तर पर महामारी बनने की संभावना फिलहाल कम है।

जन स्वास्थ्य के लिए इसका क्या अर्थ है?

विशेषज्ञों का कहना है कि भविष्य की महामारी को रोकने के लिए चमगादड़ कोरोनावायरस की सतत निगरानी आवश्यक है। HKU5-CoV-2 की मौजूदगी इस बात का संकेत है कि अन्य अज्ञात वायरस भी हो सकते हैं, जिनमें अधिक संक्रमण क्षमता हो सकती है।

इस शोध से यह स्पष्ट होता है कि वैश्विक निगरानी कार्यक्रमों की आवश्यकता है, जो प्रारंभिक पहचान, आनुवंशिक अनुक्रमण (Genetic Sequencing) और अंतरराष्ट्रीय सहयोग पर केंद्रित हों। वैज्ञानिकों ने उन क्षेत्रों में जैव-सुरक्षा उपाय (Biosecurity Measures) बढ़ाने की सिफारिश की है, जहां मानव और चमगादड़ आबादी का संपर्क अधिक होता है, ताकि भविष्य में संभावित महामारियों के जोखिम को कम किया जा सके।

प्रमुख पहलू विवरण
क्यों चर्चा में? चीन में एक नए चमगादड़ कोरोनावायरस HKU5-CoV-2 की खोज, जो मानव कोशिकाओं को संक्रमित कर सकता है।
वायरस का नाम HKU5-CoV-2
उत्पत्ति वुहान इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी के शोधकर्ताओं द्वारा चमगादड़ आबादी में पाया गया।
प्रवेश का तरीका ACE2 रिसेप्टर का उपयोग करता है, जो SARS-CoV-2 (कोविड-19 वायरस) के समान है।
संक्रमण क्षमता प्रयोगशाला परीक्षणों में पुष्टि हुई कि यह मानव श्वसन और आंतों की कोशिकाओं को संक्रमित कर सकता है।
खतरे का स्तर SARS-CoV-2 की तुलना में कम बाइंडिंग क्षमता, जिससे मानव संचरण का जोखिम कम है।
मुख्य चिंता फ्यूरिन क्लिवेज साइट की उपस्थिति, जो वायरस की संक्रामकता को बढ़ा सकती है।
विशेषज्ञ राय वैज्ञानिकों का कहना है कि नए प्रकोप का खतरा कम है, लेकिन निरंतर निगरानी आवश्यक है।
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vikash

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