अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) ने महिला टी20 विश्व कप में क्रिकेट समुदाय को विषाक्त सामग्री से बचाने और खिलाड़ियों तथा प्रशंसकों के लिए एक सुरक्षित और समावेशी ऑनलाइन वातावरण बनाने के लिए एक ‘सोशल मीडिया मॉडरेशन’ टूल (कंप्यूटर सॉफ्टवेयर का एक हिस्सा) शुरू किया।
यह टूर्नामेंट गुरुवार को शारजाह में शुरू हो रहा है और इसका फाइनल 20 अक्तूबर को दुबई में होगा। ‘गो बबल’ के सहयोग से यह कृत्रिम मेधा (एआई) संचालित टूल आधिकारिक और खिलाड़ियों के सोशल मीडिया चैनलों पर अभद्र भाषा और उत्पीड़न जैसी विषाक्त सामग्री की निगरानी करता है जिसका उद्देश्य मानसिक स्वास्थ्य की रक्षा करना और सकारात्मक माहौल को बढ़ावा देना है।
आईसीसी के डिजिटल प्रमुख फिन ब्रैडशॉ ने कहा कि हम आईसीसी महिला टी20 विश्व कप के सभी प्रतिभागियों और प्रशंसकों के लिए एक सकारात्मक और समावेशी वातावरण को बढ़ावा देने के लिए समर्पित हैं। यह देखकर बहुत अच्छा लगा कि इतने सारे खिलाड़ी और टीमें हमारी नई पहल को अपना रही हैं।’ पहले ही 60 से अधिक खिलाड़ी सोशल मीडिया सुरक्षा सेवा का विकल्प चुन चुके हैं।
इस टूर्नामेंट में इस साल 10 टीमें हिस्सा ले रही हैं। टूर्नामेंट का पहला मैच बांग्लादेश और स्कॉटलैंड के बीच खेला जाएगा। वहीं, भारतीय टीम अपने अभियान की शुरुआत चार अक्तूबर को न्यूजीलैंड के खिलाफ करेगी। 10 टीमों को दो ग्रुपों में बांटा गया है। हर ग्रुप से शीर्ष पर रहने वाली दो टीमें सेमीफाइनल के लिए क्वालिफाई करेंगी। भारत को ग्रुप-ए में डिफेंडिंग चैंपियन ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, पाकिस्तान और श्रीलंका के साथ रखा गया है।
वहीं, ग्रुप-बी में वेस्टइंडीज, बांग्लादेश, दक्षिण अफ्रीका, इंग्लैंड और स्कॉटलैंड हैं। भारतीय टीम के लिए सफर आसान नहीं होगा क्योंकि ग्रुप में सारी टीमें मजबूत हैं और इसे ग्रुप ऑफ डेथ माना जा रहा है। 2009 से खेले जा रहे इस टूर्नामेंट को अब तक टीम इंडिया जीत नहीं सकी है। हालांकि, भारतीय पुरुष टीम की कामयाबी के बाद अब महिलाओं से भी विश्व चैंपियन बनने की उम्मीद की जा रही है।
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