हाल ही में भारत और यूनाइटेड किंगडम भारत-यूके नेट ज़ीरो इनोवेशन वर्चुअल सेंटर (India-UK NET Zero Innovation Virtual Centre) स्थापित करने पर सहमत हुए हैं। यह दोनों देशों के हितधारकों के लिए एक मंच है जो विनिर्माण प्रक्रियाओं, परिवहन प्रणालियों के डीकार्बोनाइजेशन और नवीकरणीय स्रोत के रूप में ग्रीन हाइड्रोजन जैसे क्षेत्रों में सहयोग करते हैं। यूनाइटेड किंगडम के मंत्री जॉर्ज फ्रीमैन की उपस्थिति में विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह की अध्यक्षता में भारत-यूके विज्ञान और नवाचार परिषद की बैठक के दौरान यह घोषणा की गई।
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‘नेट जीरो’ इनोवेशन वर्चुअल सेंटर: प्रमुख बिंदु
- डॉ. जितेंद्र सिंह ने अपने उद्घाटन भाषण में कहा कि भारत तेजी से आगे बढ़ रहा है और राष्ट्र अब समय पर अपने जलवायु परिवर्तन और पर्यावरण लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए दृढ़ संकल्पित है।
- डॉ. जितेंद्र सिंह ने महत्वाकांक्षी ‘रोडमैप 2030’ के माध्यम से दोनों देशों के बीच मजबूत हुए घनिष्ठ सहयोग पर प्रकाश डाला, जो स्वास्थ्य, जलवायु, व्यापार, शिक्षा, विज्ञान और प्रौद्योगिकी तथा रक्षा में यूके-भारत संबंधों के लिए एक रूपरेखा प्रदान करता है।
- भारतीय मंत्री ने अपने ब्रिटिश समकक्ष को बताया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में ब्रिटेन (यूके) भारत का दूसरा सबसे बड़ा अंतरराष्ट्रीय अनुसंधान और नवाचार भागीदार बनकर उभरा है।
- उन्होंने कहा कि भारत- यूके विज्ञान और प्रौद्योगिकी (एसएंडटी) सहयोग तीव्र गति से बढ़ रहा है और संयुक्त अनुसंधान कार्यक्रम लगभग शून्य आधार से अब 30 – 40 करोड़ पाउंड के निकट करीब पहुंच गया है।
- दोनों मंत्रियों ने एक भारत-यूके ‘सकल शून्य (नेट जीरो)’ नवाचार आभासी केंद्र (इनोवेशन वर्चुअल सेंटर) बनाने के प्रस्ताव की सराहना की, जो दोनों देशों के हितधारकों को एक साथ लाने के लिए एक ऐसा मंच प्रदान करेगा, जिसमें विनिर्माण प्रक्रिया और परिवहन प्रणालियों और नवीकरणीय एवं अक्षय ऊर्जा स्रोत के रूप में हरित हाइड्रोजन को कार्बन रहित बनाने (डीकार्बोनाइजेशन) सहित कुछ केन्द्रित क्षेत्रों में काम किया जाएगा।
- भारत की शुद्ध शून्य यात्रा के मुद्दे पर डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा, ऊर्जा दक्षता और नवीकरणीय ऊर्जा वे केंद्रीय स्तंभ हैं जहां भारत पहले ही भारत सौर गठबंधन, स्वच्छ ऊर्जा मिशन आदि जैसी विभिन्न पहलों का नेतृत्व कर चुका है।
- केंद्रीय मंत्री ने कहा कि कोविड-19 महामारी ने सहयोग को मजबूत करने की आवश्यकता पर प्रकाश डाला है, क्योंकि इसने हमें एक बार फिर याद दिलाया है कि हम सभी एक ग्रह पर रहते हैं। उन्होंने कहा कि उन्हें पूरी आशा है कि आज हस्ताक्षरित भारत यूके समझौता ज्ञापन (एमओयू) आपसी हित के क्षेत्रों में सहयोग के विस्तार और उसे अधिकतम किए जाने के माध्यम से दीर्घकालिक सतत विकास के लिए दोनों देशों में अनुसंधान और नवाचार का समर्थन करने के लिए एक विशाल तंत्र प्रदान करेगा।
भारत-यूके नेट ज़ीरो इनोवेशन वर्चुअल सेंटर
भारत-यूके नेट ज़ीरो इनोवेशन वर्चुअल सेंटर की स्थापना भारत और यूके को विभिन्न क्षेत्रों को डीकार्बोनाइज़ करने में एक साथ काम करने का अवसर प्रदान करेगी। डीकार्बोनाइजेशन (decarbonization) कार्बन उत्सर्जन को कम करने और जलवायु परिवर्तन के प्रभाव को सीमित करने के वैश्विक प्रयास का एक महत्वपूर्ण घटक है। यह केंद्र विनिर्माण प्रक्रियाओं, परिवहन प्रणालियों और नवीकरणीय ऊर्जा में डीकार्बोनाइजेशन की चुनौतियों का समाधान करने के लिए नई प्रौद्योगिकियों और अभिनव समाधानों के विकास में सहयोग को सक्षम करेगा।
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