भारतीय नौसेना ने नौकायन परंपरा को पुनर्जीवित करने के लिए महत्वपूर्ण प्रयास किए हैं, जिसमें समुद्री विरासत को संरक्षित करने और नाविक कौशल को बढ़ावा देने की अपनी प्रतिबद्धता पर जोर दिया गया है। नौकायन प्रशिक्षण जहाजों आईएनएस तरंगिनी और आईएनएस सुदर्शिनी के अग्रणी प्रयासों और आईएनएसवी म्हादेई और तारिणी पर परिक्रमा के जरिए भारतीय नौसेना ने महासागर नौकायन अभियानों में प्रमुख स्थान हासिल किया है।
समुद्री कौशल और साहस की परंपरा को जारी रखते हुए भारतीय नौसेना की दो महिला अधिकारी – लेफ्टिनेंट कमांडर रूपा ए और लेफ्टिनेंट कमांडर दिलना के बहुत जल्द ही आईएनएसवी तारिणी पर सवार होकर दुनिया की परिक्रमा करने के विशेष अभियान – नाविका सागर परिक्रमा II पर रवाना होंगी। दोनों पिछले तीन वर्षों से इस अभियान के लिए खुद को तैयार कर रही हैं।
छह सदस्यीय चालक दल के हिस्से के रूप में इन दोनों अधिकारियों ने पिछले साल गोवा से केप टाउन होते हुए रियो डी जेनेरियो और वापस ट्रांस-ओशनिक अभियान में भाग लिया था। इसके बाद, इन महिला अधिकारियों ने गोवा से विजया पुरम (पहले पोर्ट ब्लेयर) और वापस डबल हैंडेड मोड में नौकायन अभियान चलाया। इसके अलावा, इस वर्ष की शुरुआत में दोनों ने गोवा से मॉरीशस की राजधानी पोर्ट लुइस तक सफल यात्रा की थी।
सागर परिक्रमा एक कठिन यात्रा होगी, जिसके लिए अत्यधिक कौशल, शारीरिक तंदुरुस्ती और मानसिक सतर्कता की आवश्यकता होगी। ये अधिकारी कठोर प्रशिक्षण ले रहे हैं और उन्होंने हजारों मील यात्रा का अनुभव प्राप्त किया है। उन्हें प्रसिद्ध जलयात्रा चालक और गोल्डन ग्लोब रेस के नायक कमांडर अभिलाष टॉमी (सेवानिवृत्त), केसी, एनएम के मार्गदर्शन में भी प्रशिक्षित किया जा रहा है। आईएनएसवी तारिणी की जलयात्रा भारत के समुद्री नौकायन उद्यम और समुद्री प्रयासों में एक महत्वपूर्ण कदम होगा, जो वैश्विक समुद्री गतिविधियों में देश की बढ़ती प्रमुखता और खुले सागर में महिला-पुरुष समानता को प्रदर्शित करेगा।
समुद्री तारीख में इस ऐतिहासिक घटना के महत्व को दर्शाते हुए, भारतीय नौसेना ने अभियान के ‘लोगो’ का गर्व से अनावरण किया। इस ‘लोगो’ का अष्टकोणीय आकार भारतीय नौसेना को दर्शाता है, जबकि सूर्य एक खगोलीय पिंड और कम्पास चुनौतीपूर्ण समुद्र में नाविकों का मार्गदर्शन करता है। विशाल समुद्र में अपना रास्ता बनाती पाल वाली नाव यात्रियों की साहस और जीवटता की भावना का प्रतीक है। अभियान का यह पूरा महिला दल महिला-पुरुष समानता और उत्कृष्टता को बढ़ावा देने के लिए भारतीय नौसेना की प्रतिबद्धता का प्रमाण है।
नाविका सागर परिक्रमा I: 2017-2018 में पहले अभियान में सभी महिला चालक दल ने 254 दिनों की वैश्विक यात्रा पूरी की, जिसमें 21,600 समुद्री मील की दूरी तय की गई, जो 4 बंदरगाहों और 3 महासागरों से गुज़री, जिसमें नारी शक्ति और भारत की समुद्री शक्ति का प्रदर्शन किया गया।
उपलब्धियाँ: पहले चालक दल को इस चुनौतीपूर्ण यात्रा को पूरा करने के लिए नारी शक्ति पुरस्कार और नौसेना पदक से सम्मानित किया गया, जो महिला सशक्तिकरण और भारत की “मेक इन इंडिया” पहल का प्रतिनिधित्व करता है।
[wp-faq-schema title="FAQs" accordion=1]
दुबई स्पोर्ट्स काउंसिल ने चार वैश्विक खेल हस्तियों को अपना खेल राजदूत नियुक्त किया है,…
विश्व AMR जागरूकता सप्ताह (WAAW) 18-24 नवंबर तक मनाया जाने वाला एक वार्षिक वैश्विक अभियान…
भारत ने अपनी पहली लंबी दूरी की हाइपरसोनिक मिसाइल का सफल परीक्षण किया है, जो…
कर्नाटक बैंक ने छात्रों को सहायता प्रदान करने के उद्देश्य से दो वित्तीय उत्पाद शुरू…
भारत का भारी संचार उपग्रह जीसैट-20, जिसका वजन 4,700 किलोग्राम है, 19 नवंबर 2024 को…
एक बड़ी घटना में, संयुक्त राज्य अमेरिका ने दक्षिण और दक्षिण-पूर्व एशिया से चुराई गई…