ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने भुवनेश्वर में राष्ट्रीय जनजातीय शिल्प मेला – 2019 का उद्घाटन किया. मेला का उद्देश्य पारंपरिक आदिवासी कला और शिल्प को संरक्षित करना, बढ़ावा देना और लोकप्रिय बनाना है और कारीगरों को अपने उत्पादों की व्यावसायिक व्यवहार्यता के लिए क्रॉस-सांस्कृतिक इंटरैक्शन के माध्यम से अपने कौशल को विकसित करने के बेहतर अवसर खोजने में मदद करना है.
सिक्किम, मणिपुर, नागालैंड, असम, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, महाराष्ट्र, तमिलनाडु, मध्य प्रदेश, कर्नाटक, छत्तीसगढ़, राजस्थान, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, गुजरात, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल सहित 18 राज्यों के 240 से अधिक आदिवासी कारीगर मेले में भाग ले रहे हैं. हस्तशिल्प वस्तुएं, हथकरघा उत्पाद, लोहा, बांस उत्पाद, कठपुतली, लाह शिल्प, आदिवासी आभूषण, शिल्प और वस्त्र के साथ कारीगरों द्वारा प्रदर्शित किया जाएगा.
उपरोक्त समाचार से RRB NTPC/SSC CGL के लिए महत्वपूर्ण तथ्य:
- उत्कल दिवस या ओडिशा दिवस प्रत्येक वर्ष 01 अप्रैल को मनाया जाता है.
- ओडिशा के राज्यपाल: गणेशी लाल.
स्रोत: The Business Standard