राष्ट्रीय गणित दिवस 2025: गणित में रामानुजन के योगदान का सम्मान

हर साल 22 दिसंबर को पूरे भारत में राष्ट्रीय गणित दिवस मनाया जाता है। यह दिन श्रीनिवास रामानुजन की जयंती के रूप में मनाया जाता है, जो भारत के अब तक के सबसे महान गणितज्ञों में से एक थे। 2025 में, स्कूल, कॉलेज, रिसर्च संस्थान और एकेडमिक संस्थाएं एक बार फिर शिक्षा, विज्ञान, टेक्नोलॉजी और रोज़मर्रा की ज़िंदगी में गणित के महत्व को बताने के लिए यह दिन मना रहे हैं।

राष्ट्रीय गणित दिवस का उद्देश्य

राष्ट्रीय गणित दिवस केवल श्रीनिवास रामानुजन को श्रद्धांजलि देने तक सीमित नहीं है, बल्कि इसके व्यापक शैक्षिक और सामाजिक उद्देश्य हैं। इस दिवस को मनाने के प्रमुख उद्देश्य निम्नलिखित हैं—

  • छात्रों में गणित के प्रति रुचि और जिज्ञासा विकसित करना
  • वैज्ञानिक सोच, तार्किक क्षमता और समस्या-समाधान कौशल को बढ़ावा देना
  • तकनीक, अंतरिक्ष विज्ञान, अर्थशास्त्र और दैनिक जीवन में गणित की भूमिका को उजागर करना
  • भारत की प्राचीन और समृद्ध गणितीय विरासत को पहचान और सम्मान दिलाना

इन उद्देश्यों की पूर्ति के लिए शैक्षणिक संस्थानों द्वारा व्याख्यान, कार्यशालाएँ, प्रश्नोत्तरी, प्रदर्शनी और विभिन्न शैक्षिक गतिविधियों का आयोजन किया जाता है, जिससे गणित को अधिक सरल, रोचक और उपयोगी बनाया जा सके।

22 दिसंबर को राष्ट्रीय गणित दिवस क्यों मनाया जाता है?

  • 22 दिसंबर महान भारतीय गणितज्ञ श्रीनिवास रामानुजन की जन्मतिथि है। उनका जन्म वर्ष 1887 में हुआ था।
  • रामानुजन के गणितीय कार्य आज भी आधुनिक गणित को गहराई से प्रभावित करते हैं और उनकी खोजें समय से बहुत आगे थीं।
  • भारत सरकार ने वर्ष 2011 में औपचारिक रूप से 22 दिसंबर को राष्ट्रीय गणित दिवस घोषित किया।
  • यह निर्णय रामानुजन के असाधारण, मौलिक और ऐतिहासिक योगदानों को सम्मान देने के उद्देश्य से लिया गया।
  • गणितीय शिक्षा और अनुसंधान को और अधिक बढ़ावा देने के लिए वर्ष 2012 को राष्ट्रीय गणित वर्ष के रूप में मनाया गया।

इस प्रकार, 22 दिसंबर न केवल रामानुजन की स्मृति को सम्मान देता है, बल्कि भारत में गणितीय सोच और शिक्षा को सुदृढ़ करने का भी प्रतीक है।

भारत की प्राचीन और समृद्ध गणितीय परंपरा

भारत में गणित की परंपरा अत्यंत प्राचीन और गहरी रही है, जिसकी जड़ें कई हजार वर्षों पुरानी हैं। प्रेस सूचना ब्यूरो (PIB) द्वारा उद्धृत आधिकारिक अभिलेखों के अनुसार, भारत के गणितीय योगदानों का इतिहास 1200–1800 ईसा पूर्व तक जाता है।

भारत में उत्पन्न हुए कुछ प्रमुख गणितीय सिद्धांत और अवधारणाएँ इस प्रकार हैं—

  • दशमलव संख्या पद्धति
  • शून्य की अवधारणा
  • ऋणात्मक संख्याओं के प्रारंभिक विचार

चौथी से सोलहवीं शताब्दी के बीच का काल, जिसे भारतीय गणित का शास्त्रीय और मध्यकालीन दौर माना जाता है, अत्यंत महत्वपूर्ण रहा। इस अवधि में आर्यभट्ट, ब्रह्मगुप्त, वराहमिहिर और भास्कराचार्य द्वितीय जैसे महान विद्वानों ने अंकगणित, बीजगणित, ज्यामिति और त्रिकोणमिति के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान दिया।

राष्ट्रीय गणित दिवस न केवल श्रीनिवास रामानुजन के योगदान को सम्मान देता है, बल्कि उन्हें भारत की इसी दीर्घकालिक और निरंतर चली आ रही बौद्धिक एवं गणितीय परंपरा से भी जोड़ता है।

श्रीनिवास रामानुजन: जीवन और योगदान

  • श्रीनिवास रामानुजन को संख्या सिद्धांत (Number Theory), अनंत श्रेणियों (Infinite Series), सतत भिन्नों (Continued Fractions) और गणितीय विश्लेषण (Mathematical Analysis) में उनके क्रांतिकारी योगदान के लिए याद किया जाता है।
  • औपचारिक शिक्षा बहुत सीमित होने के बावजूद, रामानुजन ने स्वतंत्र रूप से लगभग 3,900 गणितीय सूत्रों और परिणामों की खोज की। इनमें से अनेक खोजें बाद में न केवल मौलिक सिद्ध हुईं, बल्कि अत्यंत गहन और महत्वपूर्ण भी पाई गईं।
  • गणित के प्रति उनका दृष्टिकोण अत्यंत सहज और अंतर्ज्ञान-आधारित था। उनकी कई संकल्पनाएँ और सूत्र प्रारंभ में अन्य गणितज्ञों के लिए रहस्यमय थे, लेकिन समय के साथ वे आधुनिक गणितीय अनुसंधान के केंद्र बन गए।
  • आज रामानुजन का कार्य सैद्धांतिक भौतिकी, कंप्यूटर विज्ञान, क्रिप्टोग्राफी (गोपनीयता विज्ञान) और उन्नत गणित जैसे क्षेत्रों में व्यापक रूप से उपयोग किया जाता है।

उनका जीवन-प्रसंग छात्रों के लिए निरंतर प्रेरणा का स्रोत है, जो यह दर्शाता है कि प्रतिभा, जिज्ञासा और दृढ़ संकल्प कठिन परिस्थितियों को भी पार कर सकते हैं।

आज के समय में राष्ट्रीय गणित दिवस का महत्व

आज की दुनिया में गणित की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण हो गई है। यह निम्नलिखित प्रमुख क्षेत्रों की आधारशिला है—

  • कृत्रिम बुद्धिमत्ता (Artificial Intelligence) और डेटा साइंस
  • अंतरिक्ष अनुसंधान और इंजीनियरिंग
  • अर्थशास्त्र और वित्तीय प्रणाली
  • जलवायु मॉडलिंग और चिकित्सा अनुसंधान

राष्ट्रीय गणित दिवस मनाकर भारत यह संदेश देता है कि नवाचार, तकनीकी प्रगति और राष्ट्रीय विकास के लिए गणित एक मजबूत आधार है। यह दिवस देश में गणितीय साक्षरता बढ़ाने, अनुसंधान को प्रोत्साहित करने और छात्रों को गणित की ओर आकर्षित करने के प्रयासों को भी मजबूती प्रदान करता है।

मुख्य तथ्य

  • राष्ट्रीय गणित दिवस हर वर्ष 22 दिसंबर को मनाया जाता है।
  • यह महान गणितज्ञ श्रीनिवास रामानुजन (1887–1920) की जयंती पर मनाया जाता है।
  • भारत सरकार ने इसे वर्ष 2011 में घोषित किया था।
  • वर्ष 2012 को पूरे देश में राष्ट्रीय गणित वर्ष के रूप में मनाया गया।
  • रामानुजन ने संख्या सिद्धांत और अनंत श्रेणियों में उल्लेखनीय योगदान दिया।
  • भारत की गणितीय परंपरा अत्यंत प्राचीन और समृद्ध है, जिसमें शून्य और दशमलव प्रणाली का आविष्कार शामिल है।

 

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vikash

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