नेशनल जियोग्राफिक डे हर साल 27 जनवरी को मनाया जाता है, जो नेशनल जियोग्राफिक सोसाइटी की स्थापना की याद में है, जो विज्ञान, अन्वेषण और पर्यावरणीय संरक्षण के क्षेत्रों में सबसे प्रतिष्ठित संस्थाओं में से एक मानी जाती है। यह दिन सोसाइटी के पृथ्वी, प्रकृति और मानवता को समझने में किए गए अभूतपूर्व योगदान को सम्मानित करने के साथ-साथ लोगों को हमारे ग्रह की रक्षा में सक्रिय रूप से भाग लेने के लिए प्रेरित करता है।
नेशनल जियोग्राफिक सोसाइटी का इतिहास और पृष्ठभूमि
नेशनल जियोग्राफिक सोसाइटी की स्थापना 27 जनवरी, 1888 को वॉशिंगटन डी.सी., यू.एस.ए. में 33 दूरदृष्टा व्यक्तियों द्वारा की गई थी। इसका उद्देश्य था:
- भूगोल, विज्ञान और मानवता के अध्ययन को बढ़ावा देना।
- पृथ्वी की प्राकृतिक सुंदरता और संसाधनों के बारे में जागरूकता बढ़ाना।
- दुनिया के रहस्यों को उजागर करने के लिए अन्वेषण और खोज को प्रोत्साहित करना।
इसी साल सोसाइटी ने अपनी पहली “नेशनल जियोग्राफिक मैगज़ीन” का प्रकाशन किया था, जो अपने शानदार फोटोग्राफी और वैज्ञानिक लेखों के लिए प्रसिद्ध हुई और सोसाइटी के मिशन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बन गई।
नेशनल जियोग्राफिक के योगदान
नेशनल जियोग्राफिक सोसाइटी ने विभिन्न क्षेत्रों में महत्वपूर्ण योगदान किया है:
- शिक्षा और भौगोलिक साक्षरता: इसने शिक्षकों, छात्रों और जीवनभर के शिक्षार्थियों को संसाधन प्रदान किए हैं, जैसे मानचित्र, पुस्तकें, ऑनलाइन उपकरण और सामग्री।
- विज्ञान और शोध: सोसाइटी ने वैज्ञानिक शोध और परियोजनाओं को समर्थन दिया है, जैसे प्राचीन सभ्यताओं का पता लगाना और लुप्तप्राय प्रजातियों का दस्तावेजीकरण करना।
- डॉक्यूमेंट्री और फोटोग्राफी: इसके डॉक्यूमेंट्री, फिल्में और फोटोग्राफी ने दुनिया भर के दर्शकों को प्रकृति और मानव जीवन की सुंदरता से परिचित कराया।
- पर्यावरण संरक्षण: यह पर्यावरणीय संरक्षण के लिए एक मजबूत समर्थक रही है, जो जलवायु परिवर्तन, आवास विनाश और सतत प्रथाओं के बारे में जागरूकता फैलाती है।
- अन्वेषण और खोज: सोसाइटी अन्वेषकों का समर्थन करती है और परियोजनाओं को वित्तपोषित करती है, जो प्राकृतिक दुनिया की समझ को गहरा करने में मदद करती हैं।
नेशनल जियोग्राफिक डे का महत्व
- प्रकृति और पर्यावरण के बारे में जागरूकता बढ़ाना
- विज्ञान और अन्वेषण का सम्मान करना
- लोगों को शिक्षित करना और प्रेरित करना
यह दिन यह संदेश देता है कि हर व्यक्ति के पास पृथ्वी के अन्वेषण, संरक्षण और सुरक्षा में योगदान देने की शक्ति है।