भारत में, मिर्गी के बारे में जागरूकता पैदा करने के लिए हर साल 17 नवंबर को मिर्गी फाउंडेशन द्वारा राष्ट्रीय मिर्गी दिवस (National Epilepsy Day) के रूप में मनाया जाता है। मिर्गी मस्तिष्क का एक पुराना विकार है जिसके लक्षण आवर्तक ‘दौरे’ या ‘फिट’ है। नवंबर का महीना ‘राष्ट्रीय मिर्गी जागरूकता माह (National Epilepsy Awareness Month)’ के रूप में मनाया जाता है।
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मिर्गी क्या है?
- मिर्गी लगातार न्यूरोलॉजिकल अव्यवस्था का एक विविध सेट है जिससे अचानक दौरे पड़ते है।
- मस्तिष्क में असामान्य और चरम गतिविधियों के कारण मिर्गी के दौरे पड़ते हैं और दौरे भी हाइपरसिंक्रोनस न्यूरोनल मस्तिष्क गतिविधि से उत्पन्न होते हैं।
- विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के अनुसार, दुनिया भर में 50 मिलियन से अधिक लोग मिर्गी के शिकार है, जो इसे सबसे आम न्यूरोलॉजिकल रोगों में से एक बनाता है।
- लगभग 80% मिर्गी से पीड़ित लोग निम्न और मध्यम आय वाले देशों में रहते हैं। यह अनुमान लगाया जाता है कि मिर्गी से पीड़ित 70% से अधिक लोगों का उचित निदान और उपचार करने ये बिना दौरे आए रह सकते हैं।
मिर्गी फाउंडेशन ऑफ इंडिया का इतिहास:
राष्ट्रीय मिर्गी दिवस एक राष्ट्रीय स्तर का अभियान है जो भारत में मिर्गी के दौरे को कम करने के लिए मिर्गी फाउंडेशन ऑफ इंडिया द्वारा शुरू किया गया है। मुंबई, महाराष्ट्र में मिर्गी फाउंडेशन ऑफ इंडिया की स्थापना 2009 में डॉ. निर्मल सूर्या (Dr Nirmal Surya) द्वारा की गई थी। मिर्गी फाउंडेशन ऑफ इंडिया एक गैर-लाभकारी धर्मार्थ संगठन है, जो इससे पीड़ित लोगों की मदद करने के लिए अपना पूरा जीवन और समाज में मिर्गी के बारे में दृष्टिकोण बदलने में लगा हुआ है।