National Cashew Day 2025: जानें 23 नवंबर को हर साल क्यों मनाया जाता है राष्ट्रीय काजू दिवस

हर साल 23 नवंबर को, हम राष्ट्रीय काजू दिवस (National Cashew Day) मनाते हैं। काजू को आम तौर पर बादाम और अखरोट जैसे मेवों की श्रेणी में रखा जाता है, जबकि वास्तविकता में यह एक बीज है। उष्णकटिबंधीय जंगलों से लेकर आपकी थाली तक काजू की यात्रा बेहद रोचक और स्वाद से भरी है। चाहे भुना हुआ काजू हो, ट्रेल मिक्स का हिस्सा हो, या काजू दूध और काजू बेस्ड सॉस के रूप में—काजू दुनिया भर की रसोई में एक महत्वपूर्ण सामग्री बन चुका है। यह दिन काजू के अनोखे गुणों, ऐतिहासिक महत्व और स्वास्थ्य लाभों को जानने और सराहने का उपयुक्त अवसर प्रदान करता है।

काजू का उद्गम और विकास

काजू का पेड़ (Anacardium occidentale) एक सदाबहार उष्णकटिबंधीय वृक्ष है जिसकी उत्पत्ति ब्राज़ील के उत्तर-पूर्वी क्षेत्र में हुई। पुर्तगालियों ने इसे 1560 से 1565 के बीच भारत के गोवा में लाकर लगाया, और यहीं से यह पूरे दक्षिण-पूर्व एशिया और अफ्रीका में फैल गया।

इस वृक्ष की विशेषताएँ:

  • यह लगभग 32 फीट तक ऊँचा हो सकता है।

  • यह एक विशेष फल काजू सेब (Cashew Apple) उत्पन्न करता है, जो अपने रसदार और नाजुक गूदे के लिए जाना जाता है।

  • इसका तना अनियमित होता है और पत्तियाँ मोटी, चमड़े जैसी तथा सर्पिल आकार में होती हैं।

  • काजू का पेड़ औसतन 60 वर्ष तक जीवित रहता है, और कुछ पेड़ 100 वर्ष से अधिक भी जीते हैं।

  • दुनिया का सबसे बड़ा काजू वृक्ष ब्राज़ील के नटाल शहर में है, जो 81,000 वर्ग फुट क्षेत्र में फैला है!

काजू: मेवे के पीछे छिपा असली बीज

हालाँकि हम काजू को ‘मेवा’ कहते हैं, पर वनस्पति विज्ञान के अनुसार यह असली मेवा नहीं, बल्कि एक बीज है। इसके पीछे कारण:

  • काजू में सख़्त बाहरी खोल नहीं होता, बल्कि इसके अंदर एक मुलायम परत होती है जिसमें एक विषैले द्रव्य (caustic fluid) का अस्तित्व होता है, जिससे कच्चा काजू खाने योग्य नहीं होता।

  • यही कारण है कि काजू कभी भी खोल सहित नहीं बेचे जाते — इन्हें हमेशा भूनकर या भाप में पकाकर ही खाया जा सकता है।

पोषण और पाक उपयोग

काजू स्वादिष्ट होने के साथ-साथ अत्यंत पौष्टिक भी है:

  • एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर

  • कॉपर, मैग्नीशियम, मैंगनीज़ और फॉस्फोरस जैसे खनिजों का अच्छा स्रोत

  • हृदय-स्वास्थ्य के लिए लाभदायक स्वस्थ वसा

  • शाकाहारी और लैक्टोज-मुक्त आहार में काजू का व्यापक उपयोग — जैसे काजू दूध (Cashew Milk)

  • काजू का तेल भी खाना पकाने और सलाद ड्रेसिंग में उपयोग होता है

  • काजू के पेड़ के कई हिस्सों का उपयोग पारंपरिक चिकित्सा में भी किया जाता है

नेशनल काजू डे कैसे मनाएँ?

हर 23 नवंबर को मनाए जाने वाले नेशनल काजू डे पर आप घर पर कई मज़ेदार तरीकों से काजू को अपने दिन का हिस्सा बना सकते हैं:

  • काजू के साथ खाना पकाएँ — कुकीज़, ट्रेल मिक्स या क्रीमी सॉस बनाएं

  • सलाद, सूप या पास्ता पर कटा हुआ काजू डालें

  • घर पर अपने पसंदीदा मसालों के साथ भुने हुए काजू बनाएं

  • त्योहारों में गिफ्ट पैक के रूप में काजू दें

  • काजू दूध या काजू बटर को अपने आहार में शामिल करें

  • मिठाइयाँ और डेज़र्ट में काजू का उपयोग करें

सोशल मीडिया पर #NationalCashewDay के साथ अपनी रचनाएँ साझा करना न भूलें!

कुछ रोचक तथ्य

  • काजू सेब का रस लैटिन अमेरिका में लोकप्रिय है, पर नाजुक त्वचा के कारण इसका निर्यात कम होता है।

  • काजू से एलर्जी होने की संभावना पीनट या अन्य मेवों की तुलना में कम होती है।

  • काजू का दुनिया भर में प्रसार पुर्तगालियों के उपनिवेशी व्यापार मार्गों से हुआ।

  • काजू दूध एक लोकप्रिय डेयरी-मुक्त विकल्प है और इसे घर पर आसानी से बनाया जा सकता है।

[wp-faq-schema title="FAQs" accordion=1]
vikash

Recent Posts

IIT पटना ने रिसर्च को बढ़ावा देने के लिए सुपरकंप्यूटर लॉन्च किया

IIT पटना ने बिहार के पहले ‘परम रुद्र’ सुपरकंप्यूटर का उद्घाटन किया है। यह राष्ट्रीय…

14 hours ago

जोहो के सहयोग से विकसित भारत का पहला स्वदेशी एमआरआई स्कैनर

जोहो समर्थित भारतीय स्टार्टअप VoxelGrids ने भारत का पहला स्वदेशी एमआरआई (मैग्नेटिक रेज़ोनेंस इमेजिंग) स्कैनर…

18 hours ago

भारतीय रेलवे 2030 तक 48 शहरों में ट्रेनों की शुरुआती क्षमता को दोगुना करेगा

भारत सरकार ने घोषणा की है कि भारतीय रेलवे वर्ष 2030 तक देश के 48…

18 hours ago

ओडिशा के बरगढ़ में दुनिया का सबसे बड़ा ओपन-एयर थिएटर ‘धनु यात्रा’ शुरू

दुनिया के सबसे बड़े खुले रंगमंच धनु यात्रा का उद्घाटन ओडिशा के बरगढ़ में किया…

19 hours ago

पीवी सिंधु बीडब्ल्यूएफ एथलीट्स कमीशन की चेयरपर्सन चुनी गईं

भारत की बैडमिंटन आइकन पुसर्ला वेंकट सिंधु (पीवी सिंधु) ने कोर्ट के बाहर भी एक…

19 hours ago

सैंड आर्टिस्ट सुदर्शन पटनायक ने विशाल सांता क्लॉज़ बनाकर वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया

प्रसिद्ध रेत कलाकार और पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित सुदर्शन पटनायक ने ओडिशा के पुरी स्थित…

21 hours ago