वरिष्ठ लेखक अनंत उर्फ नंदा खरे का लंबी बीमारी के चलते पुणे में निधन हो गया. वह 76 वर्ष के थे। नंदा खरे के निधन से साहित्य के क्षेत्र में मातम छाया है। उन्होंने विज्ञान, समाजशास्त्र और भूगोल जैसे विभिन्न विषयों पर 19 पुस्तकें लिखीं, जिनमें से उनकी कुछ सबसे प्रसिद्ध कृतियाँ ‘अंटाजिचि बखर’, ‘बखर अंतकलाची’ और ‘उद्या’ हैं। उन्होंने करीब ग्यारह वर्षों तक ‘आजचा सुधारक’ अखबार के संपादकीय बोर्ड में भी काम किया था और मराठी विज्ञान परिषद के सदस्य थे।
Buy Prime Test Series for all Banking, SSC, Insurance & other exams
भारत में डिजिटल इंडिया को बड़ा प्रोत्साहन देते हुए इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MEITY)…
भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 की धारा 45ZL के तहत भारत की मौद्रिक नीति समिति…
भारत में उच्च शिक्षा क्षेत्र के लिए एक महत्वपूर्ण कदम के रूप में, ऑस्ट्रेलिया की…
सिर्फ 29 साल की उम्र में लुवाना लोप्स लारा (Luana Lopes Lara) ने दुनिया की…
हर साल विश्व मृदा दिवस 5 दिसंबर को मनाया जाता है। मृदा को आम बोलचाल…
अंतर्राष्ट्रीय स्वयंसेवक दिवस हर साल 5 दिसंबर को मनाया जाता है। इस वर्ष की थीम…