वित्तीय वर्ष 2024-25 की तीसरी तिमाही में प्रधानमंत्री मुद्रा योजना (PMMY) ने ₹3.39 लाख करोड़ के ऋण वितरित कर ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की, जो 2015 में योजना की शुरुआत के बाद से सबसे अधिक त्रैमासिक वितरण है। यह महत्वपूर्ण वृद्धि भारत में सूक्ष्म और लघु उद्यमों को सशक्त बनाने की सरकार की निरंतर प्रतिबद्धता को दर्शाती है।
त्रैमासिक प्रदर्शन और वृद्धि
Q3 FY25 में वितरित ₹3.39 लाख करोड़ पिछले तिमाहियों की तुलना में उल्लेखनीय वृद्धि को दर्शाता है, जो छोटे व्यवसायों के बीच वित्तीय सहायता की मजबूत मांग को इंगित करता है। यह वृद्धि जमीनी स्तर पर आर्थिक गतिविधियों को प्रोत्साहित करने और उद्यमिता व स्व-रोजगार को बढ़ावा देने के सरकार के प्रयासों के साथ मेल खाती है।
नीति सुधार और उनका प्रभाव
इस उल्लेखनीय वृद्धि में कई नीति उपायों ने योगदान दिया है:
- ऋण सीमा में वृद्धि:
24 अक्टूबर 2024 से, सरकार ने PMMY के तहत अधिकतम ऋण सीमा ₹10 लाख से बढ़ाकर ₹20 लाख कर दी। यह संशोधन 2024-25 के केंद्रीय बजट के दौरान घोषित किया गया था, जिसमें ‘तरुण प्लस’ श्रेणी पेश की गई, जिससे सफल उधारकर्ताओं को उच्च क्रेडिट सीमा तक पहुंचने में सक्षम बनाया गया। - क्रेडिट गारंटी योजना:
जुलाई 2024 में विनिर्माण क्षेत्र में छोटे और मध्यम उद्यमों की सहायता के लिए एक नई क्रेडिट गारंटी योजना शुरू की गई। इस पहल के तहत व्यवसायों को बिना गारंटी के मशीनरी और उपकरण खरीदने की अनुमति दी गई, जिससे वित्तीय बाधाएं कम हुईं और विस्तार को प्रोत्साहन मिला।
पिछले समय के साथ तुलनात्मक विश्लेषण
वर्तमान वितरण आंकड़े पिछले प्रदर्शन की तुलना में सकारात्मक प्रवृत्ति को दर्शाते हैं:
- FY25 की पहली छमाही: FY25 की पहली छमाही में PMMY ऋण ₹1.86 लाख करोड़ रहे, जो पिछले वर्ष की समान अवधि में ₹1.91 लाख करोड़ से थोड़ा कम थे। इस मामूली गिरावट के बावजूद, हाल की नीति हस्तक्षेपों के कारण पूरे वर्ष का दृष्टिकोण आशाजनक है।
- वित्तीय वर्ष 2023-24: पूरे वित्तीय वर्ष 2023-24 में ₹5.20 लाख करोड़ से अधिक के रिकॉर्ड वितरण हुए, जो FY23 में वितरित ₹4.40 लाख करोड़ से अधिक थे। यह वृद्धि कम चूक दरों और सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों द्वारा सक्रिय निगरानी के कारण हुई।
दृष्टिकोण और भविष्य की संभावनाएं
Q3 FY25 में अभूतपूर्व वितरण पूरे वर्ष के वित्तीय परिणामों पर सकारात्मक प्रभाव डालने की संभावना है। बैंकरों का मानना है कि बढ़ी हुई ऋण सीमा और सहायक योजनाएं वितरण में वृद्धि को जारी रखेंगी, जिससे सूक्ष्म और लघु उद्यमों के बीच आर्थिक गतिविधियों को प्रोत्साहन मिलेगा। वित्तीय समावेशन और वंचित उद्यमियों के लिए समर्थन पर सरकार का ध्यान आगामी तिमाहियों में इस सकारात्मक प्रवृत्ति को बनाए रखने की उम्मीद करता है।
प्रमुख बिंदु | विवरण |
क्यों चर्चा में | PMMY ने Q3 FY25 में ₹3.39 लाख करोड़ के ऋण वितरित किए, जो इसकी शुरुआत से अब तक का सबसे उच्च स्तर है। |
योजना का नाम | प्रधानमंत्री मुद्रा योजना (PMMY) |
नई ऋण सीमा | संशोधित अधिकतम ऋण सीमा: ‘तरुण प्लस’ श्रेणी के तहत ₹20 लाख (24 अक्टूबर 2024 से प्रभावी)। |
FY24 में वितरण | ₹5.20 लाख करोड़ (पूरे वित्तीय वर्ष के दौरान) |
पूर्व ऋण सीमा | ₹10 लाख (₹20 लाख में संशोधन से पहले)। |
शुरुआत का वर्ष | 2015 |
उद्देश्य | सूक्ष्म और लघु उद्यमों को बिना गारंटी के ऋण प्रदान करना। |
क्रेडिट गारंटी योजना | जुलाई 2024 में विनिर्माण क्षेत्र के मध्यम और लघु उद्यमों के लिए शुरू की गई। |
Q3 FY25 उपलब्धि | PMMY के तहत ऋणों का अब तक का सबसे अधिक त्रैमासिक वितरण। |
हालिया बजट मुख्य बिंदु | ‘तरुण प्लस’ श्रेणी 2024-25 के केंद्रीय बजट में घोषित की गई, ताकि क्रेडिट तक पहुंच को बढ़ाया जा सके। |