भारत पहली बार विश्व धरोहर समिति की बैठक की मेज़बानी कर रहा है। यह 21 से 31 जुलाई 2024 तक नई दिल्ली के भारत मंडपम में आयोजित की जाएगी। विश्व धरोहर समिति की बैठक सालाना होती है और यह विश्व धरोहर से जुड़े सभी मामलों के प्रबंधन और विश्व धरोहर सूची में शामिल किए जाने वाले स्थलों पर निर्णय लेने के लिए जिम्मेदार होती है।
विश्व धरोहर समिति का 46वाँ सत्र
वर्ष 2024 में विश्व धरोहर समिति का 46वाँ सत्र दुनिया भर से 27 नामांकनों की जाँच करेगा, जिसमें 19 सांस्कृतिक, 4 प्राकृतिक, 2 मिश्रित स्थल और 2 सीमाओं में महत्वपूर्ण संशोधन शामिल हैं। इनमें से भारत के मोइदम, द माउंड (अहोम राजवंश की दफ़न प्रणाली) की सांस्कृतिक संपत्ति की श्रेणी में जाँच की जानी है।
इसका महत्व
सदियों से, चोरादेओ ने एक दफन स्थल के रूप में अपना महत्व बनाए रखा है जहाँ ताई-अहोम राजघरानों की दिवंगत आत्माएँ परलोक में जाती थीं।
350 से अधिक कलाकृतियां वापस
भारत मंडपम में भारतीय संस्कृति को प्रदर्शित करने के लिए विभिन्न प्रदर्शनियां भी लगाई जाएंगी। रिटर्न ऑफ ट्रेजर्स प्रदर्शनी देश में वापस लाई गई कुछ कलाकृतियों को प्रदर्शित करेगी। अब तक 350 से अधिक कलाकृतियां वापस लाई जा चुकी हैं। इसके अतिरिक्त, भारत के 3 विश्व धरोहर स्थलों- रानी की वाव, पाटन, गुजरात; कैलासा मंदिर, एलोरा गुफाएं, महाराष्ट्र; और होयसला मंदिर, हलेबिड, कर्नाटक के लिए नवीनतम एआर और वीआर तकनीकों का उपयोग करके एक भावपूर्ण अनुभव प्रदान किया जाएगा। साथ ही, भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत, सदियों पुरानी सभ्यता, भौगोलिक विविधता, पर्यटन स्थलों के साथ-साथ सूचना प्रौद्योगिकी और बुनियादी ढांचे के क्षेत्र में आधुनिक विकास को रेखांकित करने के लिए एक ‘अतुल्य भारत’ प्रदर्शनी भी लगाई जाएगी।