भारतीय भारोत्तोलन की दिग्गज खिलाड़ी मीराबाई चानू ने अहमदाबाद में आयोजित 2025 राष्ट्रमंडल भारोत्तोलन चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीतकर एक बार फिर अंतरराष्ट्रीय मंच पर अपनी काबिलियत साबित की है। यह जीत प्रतिस्पर्धी भारोत्तोलन में उनकी ज़बरदस्त वापसी का प्रतीक है, और उनके गौरवशाली करियर में एक और शानदार अध्याय जोड़ रही है।
दमदार प्रदर्शन
महिलाओं की 48 किलोग्राम वर्ग में मीराबाई ने शानदार प्रदर्शन करते हुए कुल 193 किलोग्राम भार उठाया और सभी मौजूदा कॉमनवेल्थ चैंपियनशिप रिकॉर्ड तोड़ दिए।
स्नैच: 84 किग्रा
क्लीन एंड जर्क: 109 किग्रा
कुल भार: 193 किग्रा
इन तीनों ही लिफ्टों ने नया चैंपियनशिप रिकॉर्ड बनाया और मीराबाई की अद्वितीय लय और दबदबे को दर्शाया।
इस स्वर्ण पदक का महत्व केवल रिकॉर्ड और पदक तक सीमित नहीं है। इस जीत के साथ मीराबाई ने कॉमनवेल्थ गेम्स 2026 (ग्लासगो) के लिए सीधा क्वालिफिकेशन हासिल कर लिया। इससे उन्हें ओलंपिक की तैयारी पर पहले से ध्यान केंद्रित करने का मौका मिलेगा और आने वाली वैश्विक प्रतियोगिताओं के लिए उनकी स्थिति और मजबूत होगी।
प्रतिस्पर्धी मंच पर वापसी
संक्षिप्त अंतराल के बाद यह स्वर्ण पदक मीराबाई की प्रतिस्पर्धी वापसी का प्रतीक है। यह जीत साबित करती है कि वे अभी भी भारत की सबसे भरोसेमंद और सशक्त खिलाड़ियों में से एक हैं। उनकी लचीलापन, निरंतरता और समर्पण आज भी नई पीढ़ी के वेटलिफ्टर्स को प्रेरित कर रहे हैं।
मीराबाई की यह उपलब्धि उनके लंबे उपलब्धियों की सूची में एक और कीमती रत्न जोड़ती है—
टोक्यो ओलंपिक 2020 में रजत पदक
कॉमनवेल्थ गेम्स 2018 और 2022 में स्वर्ण पदक
48 किग्रा और 49 किग्रा वर्ग में कई अंतरराष्ट्रीय रिकॉर्ड और खिताब
अहमदाबाद में उनकी यह जीत न केवल भारत की वेटलिफ्टिंग स्थिति को मजबूत करती है, बल्कि यह भी दर्शाती है कि मीराबाई चानू अब भी भारतीय खेलों की सबसे चमकदार सितारों में से एक हैं।
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