भारतीय सेना ने भारतीय तटरक्षक बल (Indian Coast Guard) और मरीन पुलिस के साथ मिलकर गुजरात के बेत द्वारका में बड़े पैमाने पर सैन्य अभ्यास ‘जल-थल-रक्षा 2025’ का आयोजन किया। इस अभ्यास का उद्देश्य द्वीप सुरक्षा को मजबूत करना, अवैध अतिक्रमण रोकना और विभिन्न सुरक्षा एजेंसियों के बीच समन्वय बढ़ाना था। इस ड्रिल का निरीक्षण कई सरकारी एजेंसियों ने किया, जिससे संभावित सुरक्षा खतरों से निपटने की तैयारियों को परखा गया।
अभ्यास के प्रमुख बिंदु
स्थान और उद्देश्य
- अभ्यास बेत द्वारका, गुजरात में आयोजित किया गया।
- द्वीप सुरक्षा को सुदृढ़ करने और अवैध अतिक्रमण को रोकने पर केंद्रित।
प्रतिभागी
- भारतीय सेना की 11 अहमदाबाद और 31 जामनगर इकाइयाँ।
- भारतीय तटरक्षक बल (ICG) और मरीन पुलिस।
- देवभूमि द्वारका जिला प्रशासन, वन विभाग, समुद्री बोर्ड, गुजरात ऊर्जा विभाग, और NSG।
प्रमुख गतिविधियाँ
- हवरक्राफ्ट लैंडिंग और महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे की सुरक्षा से जुड़े संयुक्त सुरक्षा अभ्यास।
- भूमि आधारित खतरों और आतंकवादी हमलों के संभावित परिदृश्यों की प्रतिक्रिया का अभ्यास।
- संकट के समय विभिन्न विभागों के बीच समन्वय को मजबूत करना।
रणनीतिक महत्व
- भारत की तटीय रक्षा क्षमताओं को मजबूत करता है।
- आपातकालीन प्रतिक्रिया के लिए अंतर-सेवा समन्वय में सुधार करता है।
- महत्वपूर्ण समुद्री क्षेत्रों की सुरक्षा के लिए तैयारियों को बढ़ाता है।
मुख्य पहलू | विवरण |
क्यों चर्चा में? | बेत द्वारका में सैन्य अभ्यास ‘जल-थल-रक्षा 2025′ आयोजित |
अभ्यास का नाम | जल-थल-रक्षा 2025 |
स्थान | बेत द्वारका, गुजरात |
उद्देश्य | द्वीप सुरक्षा को मजबूत करना, अवैध अतिक्रमण रोकना |
प्रमुख प्रतिभागी | भारतीय सेना, तटरक्षक बल, मरीन पुलिस, सरकारी एजेंसियाँ |
मुख्य गतिविधियाँ | सुरक्षा अभ्यास, खतरे की प्रतिक्रिया सिमुलेशन, हवरक्राफ्ट की तैनाती |
रणनीतिक प्रभाव | रक्षा तैयारियों को मजबूत करना और एजेंसियों के बीच समन्वय बढ़ाना |