मार्च 2025 तक बिजली की मांग के कारण कोर सेक्टर का उत्पादन 3.8% बढ़ेगा

मार्च 2025 में भारत के कोर सेक्टर (मूलभूत क्षेत्र) के उत्पादन में वर्ष-दर-वर्ष 3.8% की वृद्धि दर्ज की गई, जिसका प्रमुख कारण बढ़ते तापमान और समय से पहले शुरू हुई गर्मी की लहरों के कारण बिजली उत्पादन में इज़ाफा रहा। यह प्रदर्शन फरवरी 2025 की 3.4% वृद्धि की तुलना में थोड़ा बेहतर है, लेकिन मार्च 2024 में दर्ज की गई 6.3% की वृद्धि से कम है। देश की आठ प्रमुख आधारभूत उद्योगें — कोयला, कच्चा तेल, प्राकृतिक गैस, रिफाइनरी उत्पाद, उर्वरक, इस्पात, सीमेंट और बिजली — औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (IIP) में 40.27% का योगदान करती हैं। इस बार की वृद्धि में बिजली, इस्पात और सीमेंट प्रमुख योगदानकर्ता रहे, जबकि प्राकृतिक गैस और कच्चा तेल का प्रदर्शन कमजोर रहा, जिसका मुख्य कारण वैश्विक स्तर पर कम कीमतें और घरेलू उत्पादन के स्थान पर आयात में वृद्धि रहा। यह आँकड़े बताते हैं कि भारत का बुनियादी ढांचा क्षेत्र धीरे-धीरे सुधार की ओर बढ़ रहा है, लेकिन ऊर्जा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता के लिए अभी भी ठोस प्रयासों की आवश्यकता है।

कोर सेक्टर ग्रोथ – मार्च 2025 की प्रमुख झलकियां 

कुल प्रदर्शन

  • मार्च 2025 में कोर सेक्टर की वृद्धि दर 3.8% रही

  • फरवरी 2025 में यह वृद्धि 3.4% थी

  • मार्च 2024 में यह वृद्धि 6.3% थी

  • यह आंकड़े वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय द्वारा जारी किए गए प्रारंभिक (अनंतिम) आँकड़े हैं

बिजली क्षेत्र

  • मार्च 2025 में बिजली उत्पादन में 6.2% की वृद्धि (फरवरी में 3.6%)

  • कारण: समय से पहले गर्मी की शुरुआत और हीटवेव के कारण बिजली की मांग में वृद्धि

  • हालांकि मार्च 2024 में यह वृद्धि और अधिक थी – 8.2%

इस्पात और सीमेंट

  • इस्पात उत्पादन में वृद्धि: 7.1% (फरवरी में 6.9%)

  • सीमेंट उत्पादन में वृद्धि: 11.6% (फरवरी में 10.8%)

  • कारण:

    • सरकारी बुनियादी ढांचा खर्च में तेजी

    • FY 2024-25 की चौथी तिमाही में निजी क्षेत्र के निवेश में उछाल

तेल और गैस क्षेत्र

  • प्राकृतिक गैस उत्पादन में 12.7% की गिरावट – लगातार नौवें महीने गिरावट

    • कारण: आयात पर निर्भरता और कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट

  • कच्चे तेल का उत्पादन: 1.9% की गिरावट, जबकि पिछले तीन महीनों से वृद्धि दर्ज हो रही थी

  • रिफाइनरी उत्पाद: मात्र 0.2% की मामूली वृद्धि

    • कारण: निर्यात मांग में कमी और अंतरराष्ट्रीय कीमतों में गिरावट

अन्य क्षेत्र

  • कोयला और उर्वरक: फरवरी की तुलना में वृद्धि दर में कुछ नरमी

  • उर्वरक और रिफाइनरी उत्पादों में वर्ष-दर-वर्ष गिरावट देखी गई

निष्कर्ष
मार्च 2025 में कोर सेक्टर की ग्रोथ में सुधार देखने को मिला है, लेकिन तेल और गैस जैसे क्षेत्रों में कमजोरी के कारण रिकवरी असमान (patchy) बनी हुई है। बुनियादी ढांचे और निर्माण से जुड़े क्षेत्रों ने मजबूती दिखाई है, जो भविष्य की आर्थिक संभावनाओं के लिए सकारात्मक संकेत है।

[wp-faq-schema title="FAQs" accordion=1]
vikash

Recent Posts

गुजरात राज्य दिवस: तिथि, इतिहास, समारोह

गुजरात स्थापना दिवस (Gujarat Sthapana Divas) हर वर्ष 1 मई को मनाया जाता है। यह…

4 hours ago

महाराष्ट्र दिवस 2025: उत्पत्ति, इतिहास, महत्व और उत्सव

महाराष्ट्र दिवस (Maharashtra Diwas), जिसे महाराष्ट्र दिन या महाराष्ट्र स्थापना दिवस भी कहा जाता है,…

4 hours ago

निर्वाचन आयोग ने चुनाव अधिकारियों के लिए शुरू किया क्षमता निर्माण कार्यक्रम

भारत निर्वाचन आयोग (Election Commission of India) ने 30 अप्रैल 2025 को, नई दिल्ली में…

4 hours ago

विश्व टूना दिवस 2025: इतिहास और महत्व

विश्व टूना दिवस हर साल 2 मई को संयुक्त राष्ट्र के समर्थन से मनाया जाता…

4 hours ago

सुप्रीम कोर्ट ने दिव्यांगों के लिए समावेशी केवाईसी प्रक्रिया का निर्देश दिया

सुप्रीम कोर्ट के एक महत्वपूर्ण निर्णय में, डिजिटल केवाईसी नियमों में संशोधन की आवश्यकता पर…

4 hours ago

मराठा योद्धा रघुजी भोसले की तलवार भारत को वापस मिला

महाराष्ट्र सरकार ने 29 अप्रैल 2025 को लंदन में हुई नीलामी में मराठा योद्धा रघुजी…

7 hours ago