Home   »   आदिवासी बस्तियों को मुख्य रस्ते से...

आदिवासी बस्तियों को मुख्य रस्ते से जोड़ने के लिए बिरसा मुंडा योजना

आदिवासी बस्तियों को मुख्य रस्ते से जोड़ने के लिए बिरसा मुंडा योजना |_3.1

राज्य के 17 जिलों के सभी आदिवासी बस्तियों (वाडे व पाडे) को मुख्य रास्ते से जोड़ने के लिए भगवान बिरसा मुंडा जोड़ रस्ते योजना लागू करने को राज्य मंत्रिमंडल ने मंजूरी दी है। इस परियोजना पर लगभग 5 हजार करोड़ रुपए खर्च होंगे।

इससे 6838 किमी लंबे रस्ते का निर्माण किया जाएगा। इन रास्तों के लिए आदिवासी विकास विभाग की स्वतंत्र समिति बनाई जाएगी। जबकि सार्वजनिक निर्माण कार्य विभाग (पीडब्ल्यूडी) रास्तों का निर्माण करेगा।

 

आदिवासी उपयोजना क्षेत्र

इस योजना के तहत सभी आदिवासी बस्तियों को बारहमाही मुख्य रस्ते से जोड़ने, आदिवासी उपयोजना क्षेत्र के सभी आठमाही रस्तों को बारहमाही किया जाएगा। आदिवासी उपयोजना क्षेत्र के सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों और आश्रमशालाओं को मुख्य सड़कों से जोड़ा जाएगा।

 

रास्ते के अभाव में कई हादसे

आदिवासी गांवों और बस्तियों में रास्ते के अभाव में कई हादसे होते हैं। इस योजना के कारण आदिवासी इलाकों में रास्तों की मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी। इस योजना के कारण मुख्य रस्तों का बस्तियों से सीधे संपर्क रहेगा। इससे पहले बीते मार्च महीने में उपमुख्यमंत्री तथा तत्कालीन वित्तमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने आदिवासी बस्तियों को मुख्य रास्ते से तोड़ने के लिए भगवान बिरसा मुंडा जोड़ रस्ता योजना लागू करने की घोषणा की थी।

जनजातीय समुदायों पर सकारात्मक प्रभाव

भगवान बिरसा मुंडा जुड़ाव योजना से आदिवासी समुदायों की बुनियादी सेवाओं तक पहुंच आसान बनाकर उनके जीवन में परिवर्तनकारी बदलाव लाने की उम्मीद है। बेहतर कनेक्टिविटी से स्वास्थ्य देखभाल की पहुंच, शैक्षिक अवसर और समग्र सामाजिक-आर्थिक विकास में वृद्धि होगी।

 

वित्तीय निवेश

अनुमान है कि इस परियोजना के लिए 5,000 करोड़ रुपये के वित्तीय निवेश की आवश्यकता होगी, जो आदिवासी क्षेत्रों के उत्थान के लिए सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। पर्याप्त धनराशि समावेशी वृद्धि और विकास को बढ़ावा देने में योजना के महत्व को रेखांकित करती है।

 

Find More News Related to Schemes & Committees

 

Over 6.23 Crore Loans Sanctioned Under Pradhan Mantri MUDRA Yojana in FY 2022-23_100.1