झूंसी हवेलियों, प्रयागराज के तपोवन आश्रम में स्थापित विश्व का पहला महामृत्युंजय यंत्र, जो 52 फीट लंबाई, चौड़ाई और ऊंचाई में है, एक अद्भुत आध्यात्मिक चमत्कार है। यह पवित्र यंत्र श्रद्धालुओं को भगवान शिव की उच्च चेतना से जोड़ने का विश्वास दिलाता है।
महामृत्युंजय यंत्र, जिसे “मृत्यु पर विजय” का यंत्र भी कहा जाता है, निम्नलिखित लाभ प्रदान करता है:
शुरुआत निम्नलिखित स्थानों से होगी:
महंत सहजानंद जी के अनुसार, इन यंत्रों से उत्पन्न सकारात्मक ऊर्जा:
ज्योतिषाचार्य आचार्य हरे कृष्ण शुक्ल ने इसे ईश्वरीय आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए रनवे बनाने जैसा बताया।
सद्गुरु मां उषा, जो महामृत्युंजय यंत्र अनुसंधान संस्थान से जुड़ी हैं, ने यंत्र को एक ऊर्जा स्रोत बताया, जो किसी भी नकारात्मक ऊर्जा को सकारात्मकता में बदल सकता है। उन्होंने कहा कि यह यंत्र:
| श्रेणी | विवरण |
| समाचार में क्यों | झूंसी हवेलियों, प्रयागराज, उत्तर प्रदेश के तपोवन आश्रम में 52x52x52 फीट का विश्व का पहला महामृत्युंजय यंत्र स्थापित। |
| महत्त्व | – श्रद्धालुओं को भगवान शिव की उच्च चेतना से जोड़ता है। |
| – मृत्यु, बीमारी और खतरों के डर को दूर करता है। | |
| – साहस, सकारात्मकता और मानसिक स्वास्थ्य को बढ़ावा देता है। | |
| निर्माण विवरण | – 52 दिनों में ₹4 करोड़ की लागत से निर्मित। |
| – 52x52x52 फीट का परिपूर्ण चौकोर आकार। | |
| रुद्राक्ष स्थापना | – मकर संक्रांति (14 जनवरी, 2025) से 151 आचार्य महामृत्युंजय मंत्र का जाप कर रहे हैं। |
| – 11,11,111 पंचमुखी रुद्राक्ष अभिमंत्रित कर भक्तों को निःशुल्क वितरित किए जाएंगे। | |
| – रुद्राक्ष प्राप्त करने के लिए भक्तों को अपना नाम और पता पंजीकृत कराना अनिवार्य। | |
| वैज्ञानिक प्रतीकवाद | – मंत्र के 52 अक्षर: |
| – शरीर और देश के 52 ऊर्जा केंद्रों का प्रतिनिधित्व करते हैं। | |
| – 52 हिंदी वर्णमाला और ध्वनियों से जुड़े हैं, जो सनातन धर्म की नींव को दर्शाते हैं। | |
| – यंत्र मेरुदंड (spinal column) की संरचना का अनुकरण करता है, जो ऊर्जा प्रवाह और ब्रह्मांडीय कनेक्टिविटी का प्रतीक है। | |
| भविष्य की योजनाएँ | 12 ज्योतिर्लिंगों पर स्थापना की योजना: |
| – सोमनाथ (गुजरात), केदारनाथ (उत्तराखंड), भीमाशंकर (महाराष्ट्र), त्र्यंबकेश्वर (महाराष्ट्र)। | |
| – दिल्ली और अन्य प्रमुख स्थानों तक विस्तार। | |
| भारत के लिए दृष्टिकोण | – भारत को एक आध्यात्मिक महाशक्ति और वैश्विक अर्थव्यवस्था में अग्रणी बनाने का प्रयास। |
| – विश्व स्तर पर सनातन धर्म का परचम मजबूत करना। | |
| यंत्र की जागृति | – यंत्र, मंत्र और तंत्र के माध्यम से जागृत। |
| – भगवान शिव की ऊर्जा का आह्वान कर, विश्व कल्याण और सकारात्मकता के लिए कार्य करता है। | |
| प्रशंसापत्र | – सद्गुरु मां उषा: यह यंत्र ऊर्जा का स्रोत है, जो किलोमीटर तक सकारात्मकता फैलाता है और अवसाद को दूर करता है। |
| – आचार्य हरे कृष्ण शुक्ल: यंत्र भगवान शिव के आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए एक आध्यात्मिक रनवे के रूप में कार्य करता है। |
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