मध्य प्रदेश के भोपाल में 10वां अंतर्राष्ट्रीय वन मेला 17 दिसंबर, 2024 को शुरू हुआ और 23 दिसंबर तक चलेगा। मेले का उद्देश्य टिकाऊ वन प्रथाओं को बढ़ावा देना, स्थानीय समुदायों को सशक्त बनाना और वानिकी क्षेत्र में हितधारकों के बीच सहयोग को प्रोत्साहित करना है।
मध्य प्रदेश के भोपाल में आयोजित 10वां अंतर्राष्ट्रीय वन मेला 17 दिसंबर, 2024 को शुरू हुआ और 23 दिसंबर तक चलेगा । यह मेला टिकाऊ वन प्रथाओं को बढ़ावा देने, स्थानीय समुदायों को सशक्त बनाने और वानिकी क्षेत्र में विभिन्न हितधारकों के बीच सहयोग को बढ़ावा देने पर केंद्रित है। यह आयोजन सरकारी अधिकारियों, व्यापारियों, उत्पादकों, वैज्ञानिकों और नीति निर्माताओं को सार्थक चर्चाओं और ज्ञान के आदान-प्रदान में शामिल होने के लिए एक मंच प्रदान करता है।
मुख्य बातें
इवेंट अवधि
- यह 17 दिसंबर से 23 दिसंबर 2024 तक भोपाल, मध्य प्रदेश में चलेगा।
विषय
- “लघु वन उपज के माध्यम से महिला सशक्तिकरण।”
- वानिकी क्षेत्र में महिलाओं को सशक्त बनाने पर ध्यान केंद्रित किया गया है, जहां 50% कार्यबल लघु वनोपज का प्रबंधन करने वाली महिलाओं से बना है।
प्रमुख उपस्थितगण
- राज्यपाल मंगूभाई पटेल
- मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव
- श्रीलंका, नेपाल और ऑस्ट्रेलिया के प्रतिनिधियों ने मेले की अंतर्राष्ट्रीय पहुंच बढ़ाई।
स्टॉल और प्रदर्शनियां
- वन-संबंधी उत्पादों और सेवाओं की लगभग 300 स्टॉलें।
- सरकारी विभाग अपनी पहलों और उपलब्धियों का प्रदर्शन करेंगे।
- प्रतिभागियों के बीच नेटवर्किंग और ज्ञान के आदान-प्रदान के लिए एक मंच प्रदान करता है।
स्वास्थ्य सेवाएं
- योग्य आयुर्वेद चिकित्सकों द्वारा निःशुल्क चिकित्सा परामर्श।
- दैनिक ओपीडी सेवाएं समग्र स्वास्थ्य और कल्याण को बढ़ावा देती हैं।
भागीदारी और सहयोग
- सरकारी निकायों, गैर सरकारी संगठनों और निजी उद्यमों के बीच सहयोग को प्रोत्साहित करता है।
- अंतर्राष्ट्रीय भागीदारी वन प्रबंधन में सर्वोत्तम प्रथाओं के आदान-प्रदान को बढ़ावा देती है।
स्थानीय समुदायों पर ध्यान केंद्रित करें
- वन संसाधनों और लघु वन उपज की आर्थिक क्षमता के बारे में जागरूकता को बढ़ावा देना।
- टिकाऊ प्रथाओं पर प्रकाश डालता है और स्थानीय आबादी के सशक्तिकरण का समर्थन करता है।
आर्थिक और सामाजिक प्रभाव
महिला सशक्तिकरण
- यह मेला लघु वनोपज के प्रबंधन में महिलाओं की महत्वपूर्ण भूमिका पर केंद्रित है।
- लैंगिक समानता का समर्थन करता है तथा वानिकी क्षेत्र और स्थानीय अर्थव्यवस्था में महिलाओं के योगदान को स्वीकार करता है।
टिकाऊ प्रथाओं को बढ़ावा देना
- यह मेला वन प्रबंधन में टिकाऊ प्रथाओं की आवश्यकता पर जोर देता है।
- इसका उद्देश्य वन संसाधनों और उनकी आर्थिक क्षमता के बारे में जागरूकता पैदा करना है।
वैश्विक सहयोग
- अंतर्राष्ट्रीय प्रतिनिधियों की भागीदारी से वन प्रबंधन और स्थिरता पर वैश्विक संवाद को बढ़ावा मिलता है।
- वानिकी और पर्यावरण संरक्षण पर वैश्विक बातचीत में भारत की भूमिका को बढ़ाता है।
सारांश/स्थैतिक | विवरण |
चर्चा में क्यों? | मध्य प्रदेश में 10वें अंतर्राष्ट्रीय वन मेले का स्वागत |
जगह | भोपाल, मध्य प्रदेश |
विषय | लघु वनोपज के माध्यम से महिला सशक्तिकरण |
प्रमुख उपस्थितगण | राज्यपाल मंगूभाई पटेल, मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव, श्रीलंका, नेपाल और ऑस्ट्रेलिया से आए अंतर्राष्ट्रीय प्रतिभागी |
स्टॉल और प्रदर्शनियां | वन उत्पादों, सरकारी पहलों और सेवाओं को प्रदर्शित करने वाले 300 स्टॉल |
स्वास्थ्य सेवाएं | आयुर्वेद चिकित्सकों से निःशुल्क चिकित्सा परामर्श, दैनिक ओपीडी सेवा |
प्रमुख फोकस क्षेत्र | – वानिकी क्षेत्र में महिलाओं का सशक्तिकरण
– सरकारी निकायों, गैर सरकारी संगठनों और निजी उद्यमों के बीच सहयोग – टिकाऊ वन प्रबंधन प्रथाएँ |
अंतर्राष्ट्रीय भागीदारी | श्रीलंका, नेपाल, ऑस्ट्रेलिया |
आर्थिक प्रभाव | टिकाऊ प्रथाओं को बढ़ावा देता है और स्थानीय समुदायों को सशक्त बनाता है |
सामाजिक प्रभाव | वानिकी क्षेत्र में महिलाओं की भूमिका पर प्रकाश डाला गया तथा लैंगिक समानता का समर्थन किया गया |