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रिटायर्ड लेफ्टिनेंट जनरल अनिल चौहान देश के अगले CDS नियुक्त

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केंद्र सरकार ने लेफ्टिनेंट जनरल अनिल चौहान (सेवानिवृत्त) को अगले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) के रूप में नियुक्त किया है। लेफ्टिनेंट जनरल अनिल चौहान सैन्य मामलों के विभाग के सचिव के रूप में भी कार्य करेंगे। पिछले साल हेलिकॉप्टर हादसे में जनरल बिपिन रावत के निधन के बाद से ही यह पोस्ट खाली पड़ी थी। जिसके बाद अब करीब 10 महीने बाद सरकार ने अगले सीडीएस की नियुक्ती की है। बिपिन रावत देश के पहले सीडीएस भी थे।

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रक्षा मंत्रालय की तरफ से बुधवार को जारी आदेश में कहा गया है कि भारत सरकार ने लेफ्टिनेंट जनरल अनिल चौहान (सेवानिवृत्त) को अगले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) के रूप में नियुक्त किया। वे भारत सरकार में सैन्य मामलों के विभाग के सचिव के रूप में भी कार्य करेंगे।

 

हेलिकॉप्टर हादसा कब हुआ था?

 

गौरतलब है कि बीते वर्ष 8 दिसंबर को सीडीएस बिपिन रावत, उनकी पत्नी मधुलिका रावत और 12 अन्य सेना के जवान सुलूर एयरबेस से वेलिंगटन एयरबेस के लिए हेलिकॉप्टर में सवार हुए थे। हेलिकॉप्टर के अपने गंतव्य तक पहुंचने के कुछ मिनट पहले सुलूर एयरबेस कंट्रोल रूम का हेलिकॉप्टर से संपर्क टूट गया था और विमान हादसे का शिकार हो गया था। जनरल बिपिन रावत के निधन के बाद से यह पद खाली था।

 

लेफ्टिनेंट जनरल अनिल चौहान के बारे में

 

  • अनिल चौहान का 18 मई 1961 को जन्म हुआ था। अनिल चौहान का सेना में लगभग 40 वर्षों से ज्‍यादा का करियर रहा है। लेफ्टिनेंट जनरल अनिल चौहान कई कमांड की बागडोर हाथ में रख चुके हैं। जम्मू-कश्मीर और पूर्वोत्‍तर में आतंकवाद विरोधी अभियानों में उनका व्यापक अनुभव है।
  • लेफ्टिनेंट जनरल चौहान 1981 से 2021 तक सेना में महत्‍वपूर्ण पदों पर रहे। वे 40 साल की शानदार सेवा के बाद सेना की पूर्वी कमान के प्रमुख (जनरल ऑफिसर कमांडिंग इन चीफ) के पद से 31 मई 2021 को सेवानिवृत हुए थे।
  • लेफ्टिनेंट जनरल चौहान के पूर्वी कमान के जनरल ऑफिसर कमांडिंग इन चीफ रहने के दौरान पूर्वोत्तर क्षेत्र में उग्रवाद में बड़ी कमी आई थी। पूर्वी कमान ने उनके नेतृत्व में भारत-चीन सीमा पर राष्ट्रीय हितों की रक्षा करने में अपना साहस दिखाया।
  • लेफ्टिनेंट जनरल चौहान मूल रूप से उत्तराखंड के रहने वाले हैं। इन्हें साल 1981 में सेना की 11 गोरखा राइफल्स में कमीशन दिया गया था। मेजर जनरल के रैंक में चौधरी ने उत्तरी कमान में महत्वपूर्ण बारामुला सेक्टर में एक इन्फैंट्री डिवीजन की कमान संभाली थी।
  • पूर्वी कमान की जिम्मेदारी संभालने से पहले लेफ्टिनेंट जनरल चौहान नई दिल्ली में सैन्य अभियान के महानिदेशक (डीजीएमओ) के तौर पर नियुक्‍त रहे।
  • बतौर डीजीएमओ उन्‍होंने ‘ऑपरेशन सनराइज’ में मुख्‍य रणनीतिकार की भूमिका निभाई थी। इस ऑपरेशन में भारतीय सेना ने म्‍यांमार की फौज के साथ मिलकर सीमाओं के पास उग्रवादियों के खिलाफ उक्‍त ऑपरेशन चलाया था।
  • सेना के टॉप कमांडरों में शुमार लेफ्टिनेंट जनरल चौहान पाकिस्तान के खिलाफ बालाकोट में अंजाम दी गई सर्जिकल स्ट्राइक की योजना से भी जुड़े थे।

 

लेफ्टिनेंट जनरल चौहान: पुरस्कार

 

लेफ्टिनेंट जनरल चौहान को उत्तम युद्ध सेवा मेडल, परम विशिष्ट सेवा मेडल, अति विशिष्ट सेवा मेडल, सेना मेडल, विशिष्ट सेवा मेडल से सम्‍मानित किया जा चुका है।

 

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