लेफ्टिनेंट जनरल शंकर नारायण ने सेना अस्पताल (आर एंड आर) की कमान संभाली

लेफ्टिनेंट जनरल शंकर नारायण, NM, VSM, ने आर्मी हॉस्पिटल (रिसर्च एंड रेफरल) के कमांडेंट के रूप में पदभार ग्रहण किया, जिसे भारतीय सशस्त्र बलों के प्रमुख अस्पताल के रूप में व्यापक रूप से मान्यता प्राप्त है। यह नियुक्ति अस्पताल के गौरवपूर्ण इतिहास में एक नया अध्याय है और सैन्य स्वास्थ्य सेवा में नए दृष्टिकोण लाने का वादा करती है।

उत्कृष्टता और विशेषज्ञता द्वारा परिभाषित एक कैरियर

शैक्षिक पृष्ठभूमि

लेफ्टिनेंट जनरल नारायण की सैन्य चिकित्सा में यात्रा की शुरुआत प्रतिष्ठित सशस्त्र बल चिकित्सा कॉलेज, पुणे में उनके नामांकन से हुई, जहाँ वे 1982 (‘U’) बैच का हिस्सा थे। यह संस्थान, जो भारत के बेहतरीन सैन्य चिकित्सा पेशेवरों को तैयार करने के लिए जाना जाता है, ने उनके उत्कृष्ट करियर की नींव रखी।

विशेषज्ञता और उन्नत प्रशिक्षण

जनरल अधिकारी की चिकित्सा उत्कृष्टता के प्रति प्रतिबद्धता उनके प्रभावशाली विशेषीकरणों की श्रृंखला में स्पष्ट है:

  1. बाल रोग: उनकी विशेषज्ञता का प्राथमिक क्षेत्र, बच्चों के स्वास्थ्य और कल्याण पर ध्यान केंद्रित करता है।
  2. नियोनेटोलॉजी: प्रसिद्ध अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स), नई दिल्ली से पोस्ट-डॉक्टरेट उप-विशेषज्ञता, उसे नवजात देखभाल में उन्नत कौशल से लैस करती है।
  3. बाल चिकित्सा लिवर प्रत्यारोपण: विश्व प्रसिद्ध किंग्स कॉलेज अस्पताल, लंदन में विशेष प्रशिक्षण, उनकी बाल चिकित्सा विशेषज्ञता में एक महत्वपूर्ण आयाम जोड़ती है।

विशेषज्ञताओं का यह संयोजन लेफ्टिनेंट जनरल नारायण को सैन्य स्वास्थ्य सेवा में एक विशिष्ट योग्य नेता के रूप में स्थान देता है, विशेष रूप से बाल चिकित्सा और नवजात चिकित्सा के क्षेत्र में।

टीम-केंद्रित दृष्टिकोण

लेफ्टिनेंट जनरल नारायण ने आर्मी हॉस्पिटल (आर एंड आर) की उत्कृष्ट टीम में विश्वास व्यक्त किया, उनके स्वास्थ्य सेवा प्रदान करने के उच्चतम मानकों को बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका को उजागर किया। उन्होंने सशस्त्र बलों और व्यापक रूप से राष्ट्र के स्वास्थ्य में सकारात्मक योगदान देने में अस्पताल स्टाफ की सामूहिक जिम्मेदारी पर जोर दिया।

जैसे ही लेफ्टिनेंट जनरल शंकर नारायण, NM, VSM, आर्मी हॉस्पिटल (आर एंड आर) के नेतृत्व में आते हैं, यह संस्थान सैन्य स्वास्थ्य सेवा में उत्कृष्टता के एक नए युग में प्रवेश करने के लिए तैयार है। उनकी विशिष्ट चिकित्सा विशेषज्ञता, व्यापक अनुभव और दूरदर्शी नेतृत्व का अनूठा मिश्रण सैन्य चिकित्सा के कुछ पहलुओं में संभावित रूप से क्रांति लाते हुए भारत के सशस्त्र बलों को प्रदान की जाने वाली देखभाल की गुणवत्ता को बढ़ाने का वादा करता है।

FAQs

विश्व हीमोफीलिया दिवस (World Hemophilia Day) हर साल किस दिन मनाया जाता है?

17 अप्रैल

shweta

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