जीवन बीमा निगम (एलआईसी) को बाजार नियामक सेबी ने 10 प्रतिशत सार्वजनिक शेयरधारिता मानदंड का पालन करने के लिए 16 मई 2027 तक तीन साल का अतिरिक्त समय दिया है। फिलहाल एलआईसी में सरकारी हिस्सेदारी 96.50 प्रतिशत और सार्वजनिक हिस्सेदारी 3.50 प्रतिशत है।
एलआईसी ने शेयर बाजार को दी सूचना में बताया कि भारतीय प्रतिभूति व विनिमय बोर्ड (सेबी) ने 14 मई 2024 को पत्र के जरिए भारतीय जीवन बीमा निगम को 10 प्रतिशत सार्वजनिक शेयरधारिता हासिल करने के लिए तीन साल का अतिरिक्त समय देने के फैसले की जानकारी दी। बीमा कंपनी के अनुसार, एलआईसी के लिए 10 प्रतिशत सार्वजनिक शेयरधारिता हासिल करने की संशोधित समयसीमा 16 मई 2027 या उससे पहले है।
मुख्य विवरण
विस्तार दिया गया
सेबी ने एलआईसी को तीन साल का विस्तार प्रदान किया है, जिससे कंपनी को अपनी लिस्टिंग की तारीख से पांच साल की अवधि के भीतर अपनी सार्वजनिक हिस्सेदारी 10% तक बढ़ाने की अनुमति मिल गई है।
बाज़ार प्रतिक्रिया
घोषणा के बाद, व्यापक सूचकांकों में मामूली गिरावट के बावजूद, बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) पर एलआईसी का स्टॉक 6.3% बढ़ गया और 989.8 रुपये प्रति शेयर पर बंद हुआ।
वर्तमान स्थिति
31 मार्च, 2024 तक, एलआईसी की सार्वजनिक शेयरधारिता 3.5% है, जो दर्शाता है कि अनुपालन के लिए अभी भी महत्वपूर्ण विनिवेश की आवश्यकता है।
पृष्ठभूमि
लिस्टिंग दिनांक
एलआईसी को 17 मई, 2022 को सूचीबद्ध किया गया था, जिससे तीन वर्षों के भीतर 10% सार्वजनिक शेयरधारिता प्राप्त करने की प्रारंभिक आवश्यकता शुरू हो गई।
सरकार का हस्तक्षेप
दिसंबर में, वित्त मंत्रालय ने एलआईसी को 10 साल की अवधि के लिए 25% सार्वजनिक शेयरधारिता नियम से एक बार छूट दी थी। इस छूट का उद्देश्य एलआईसी पर कड़े नियामक मानदंडों का पालन करने का दबाव कम करना है।