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महान स्पिनर और पूर्व भारतीय कप्तान बिशन सिंह बेदी का 77 वर्ष की आयु में निधन

महान स्पिनर और पूर्व भारतीय कप्तान बिशन सिंह बेदी का 77 वर्ष की आयु में निधन |_3.1

भारत के सबसे प्रतिष्ठित क्रिकेटरों में से एक बिशन सिंह बेदी का 77 वर्ष की आयु में निधन हो गया। वह बायें हाथ के स्पिनर और भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान थे।

भारत के सबसे प्रतिष्ठित क्रिकेटरों में से एक बिशन सिंह बेदी का 77 वर्ष की आयु में निधन हो गया। बायें हाथ के स्पिनर और भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान, बेदी द्वारा खेल में दिए गए योगदान ने क्रिकेट जगत पर एक अमिट छाप छोड़ी।

क्रिकेट की दुनिया में बिशन सिंह बेदी की लेगेसी अदभुत है। एक स्पिनर के रूप में उनकी कुशलता, मैदान पर नेतृत्व और एक सलाहकार और चयनकर्ता के रूप में भारतीय क्रिकेट में योगदान का सदैव जश्न मनाया जाएगा। जैसा कि क्रिकेट जगत उनके निधन पर शोक मना रहा है, खेल पर उनका प्रभाव सदाबहार बना हुआ है, और उनका नाम क्रिकेटरों की भावी पीढ़ियों को प्रेरित करता रहेगा।

बिशन सिंह बेदी, एक शानदार करियर

डैब्यू और टेस्ट प्रदर्शन: बिशन सिंह बेदी ने 1969-70 श्रृंखला में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टेस्ट क्रिकेट में डैब्यू किया और उसी समय से वह एक शक्ति बन गए। शीर्ष क्रिकेट देशों के खिलाफ यादगार प्रदर्शन के साथ उनका टेस्ट करियर असाधारण से कम नहीं था।

भारत का नेतृत्व: 1976 में, मंसूर अली खान पटौदी के बाद बेदी को भारतीय क्रिकेट टीम का कप्तान नियुक्त किया गया। उन्होंने पोर्ट-ऑफ-स्पेन में दुर्जेय वेस्टइंडीज के खिलाफ ऐतिहासिक जीत हासिल की और उनकी कप्तानी ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में भारत के प्रभुत्व की नींव रखी।

स्पिन बॉलिंग क्रांति: बेदी ने इरापल्ली प्रसन्ना, बीएस चंद्रशेखर और एस. वेंकटराघवन के साथ मिलकर भारत की स्पिन बॉलिंग क्रांति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उनके सामूहिक प्रयासों ने भारत की क्रिकेट शक्ति को काफी हद तक बढ़ाया।

काउंटी क्रिकेट में सफलता: बेदी का प्रभाव अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से आगे तक फैला। काउंटी क्रिकेट में उनका कार्यकाल सफल रहा, उन्होंने नॉर्थहेम्पटनशायर के लिए 102 प्रथम श्रेणी मैच खेले और 1972 से 1977 तक 434 विकेट लिए।

बिशन सिंह बेदी, क्षेत्र से परे योगदान

मैनेजर और चयनकर्ता: बेदी का भारतीय क्रिकेट से जुड़ाव उनके खेल करियर के साथ खत्म नहीं हुआ। उन्होंने 1990 में न्यूजीलैंड और इंग्लैंड के दौरों के दौरान भारतीय क्रिकेट टीम के प्रबंधक के रूप में कार्य किया। इसके अतिरिक्त, उन्होंने राष्ट्रीय चयनकर्ता की भूमिका भी निभाई, जिससे मनिंदर सिंह और मुरली कार्तिक जैसे प्रतिभाशाली स्पिनरों के चयन पर प्रभाव पड़ा।

लेगेसी और प्रशंसा
पद्म श्री: 1970 में, बिशन सिंह बेदी को क्रिकेट में उनके उत्कृष्ट योगदान के लिए भारत के सर्वोच्च नागरिक पुरस्कारों में से एक, पद्म श्री से सम्मानित किया गया था।

बायें हाथ के स्पिन विशेषज्ञ: बेदी को खेल के इतिहास में सबसे महान बायें हाथ के स्पिनरों में से एक माना जाता है। गेंद के साथ उनकी कलात्मकता और कौशल ने उन्हें दुनिया भर के क्रिकेट प्रेमियों का सम्मान और प्रशंसा दिलाई।

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