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ट्रम्प-किम एतिहासिक शिखर वार्ता के बारे में कुछ विशेष तथ्य

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ट्रम्प-किम का ऐतिहासिक शिखर सम्मेलन, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प और उत्तरी कोरिया किम जोंग-अन के बीच इस तरह की पहली बैठक थी. यह अविश्वास, युद्ध और झड़पों की एक लंबी यात्रा है जो आखिरकार सिंगापुर में ऐतिहासिक शिखर सम्मेलन के साथ समाप्त हुई. आइए उन हालिया घटनाओं पर एक संक्षिप्त नज़र डालें जो आखिरकार समझौते पर हस्ताक्षर करने का कारण बनीं. 

असामान्य रूप से उत्तेजक रहे 2017 के दौरान, उत्तरी कोरिया ने थर्मोन्यूक्लियर वारहेड और तीन इंटरकांटिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइलों का परीक्षण किया, किम जोंग यून ने अपने वार्षिक नए साल संबोधन में कूटनीति शुरू की. उन्होंने दक्षिण कोरिया के साथ बेहतर संबंधों और वचनबद्धता के बारे में बताया हालांकि साथ में यह भी कहा कि उनके डेस्क पर एक परमाणु बटन भी है. ट्रम्प ने जवाब दिया कि उनके पास एक बड़ा और अधिक शक्तिशाली परमाणु बटन है जिसके सन्दर्भ में यह भी कहा कि ‘और मेरा बटन काम भी करता है”. उत्तर और दक्षिण कोरियाई अधिकारी एक सीमावर्ती गांव में मिले और उत्तर कोरिया पर दक्षिण में शीतकालीन ओलंपिक में एथलीटों और प्रतिनिधियों को भेजने पर सहमत हुए. 

मार्च 2018 में, दक्षिण कोरियाई प्रतिनिधि वाशिंगटन में ट्रम्प से मिले और किम से मिलने के लिए एक निमंत्रण दिया और फिर ट्रम्प ने निमंत्रण स्वीकार किया. ट्रम्प ने पुष्टि की कि सीआईए प्रमुख माइक पोम्पेओ, उत्तर कोरिया में गुप्त रूप से किम से मिले और कहा कि “एक अच्छा रिश्ते बन गया है” जिससे शिखर सम्मेलन होना प्रत्याशित है. उत्तर कोरिया ने परमाणु और इंटरकांटिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल (ICBM) परीक्षणों को निलंबित कर दिया और अपनी अर्थव्यवस्था को विकसित करने पर ध्यानकेन्द्रित करने के लिए अपनी परमाणु परीक्षण स्थल को बंद करने की योजना बनाई. पोम्पेओ, अमेरिकी विदेश सचिव ने ट्रम्प-किम शिखर सम्मेलन की तैयारी करने के लिए प्योंगयांग की एक और यात्रा की. उत्तरी कोरिया ने तीन अमेरिकियों को भी रिहा कर दिया जिन्हें कैद किया गया था.  
मई 2018 में, ट्रम्प ने घोषणा की कि वह 12 जून को सिंगापुर में किम से मिलेंगे. कुछ दिनों बाद, उत्तरी कोरिया ने अकस्मात दक्षिण के साथ एक उच्चस्तरीय बैठक को रद्द कर दिया और अमेरिकी-दक्षिण कोरियाई  सैन्य अभ्यास में  के विरोध में ट्रम्प के साथ सम्मलेन को रद्द करने की धमकी दी. इस पर अमेरिका ने कहा की उत्तर  को सामने आकार परमाणुकरण के “लीबिया मॉडल” का पालन करना चाहिए. 
उत्तर कोरियाई दूत किम योंग चोल, उत्तरी कोरियाई अधिकारी के सबसे वरिष्ठ संयुक्त राज्य अमेरिका का दौरा किया.  वह पोम्पेओ के साथ पूर्व शिखर वार्ता के लिए न्यूयॉर्क में पहुंचे. व्हाइट हाउस में किम योंग चोल से मिलने के बाद, ट्रम्प ने घोषणा की कि किम जोंग यून के साथ उनकी बैठक वापस 12 जून को ही होगी.  व्हाइट हाउस प्रेस सचिव सारा हक्काबी सैंडर्स ने ट्वीट किया कि ट्रम्प-किम बैठक सिंगापुर के कैपेला होटल में आयोजित की जाएगी. ट्रम्प और किम सिंगापुर में अमेरिकी राष्ट्रपति और उत्तरी कोरियाई नेता के बीच पहली बैठक के लिए 12 जून को आये. 
किम-ट्रम्प शिखर सम्मेलन का नतीजा-
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प और उत्तरी कोरियाई नेता किम जोंग ने कोरिया के डेमोक्रेटिक पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ कोरिया (DPRK) को सुरक्षा गारंटी प्रदान करने के बदले में कोरियाई प्रायद्वीप के पूर्ण परमाणुकरण की दिशा में काम करने के लिए वचनबद्ध दस्तावेज पर हस्ताक्षर नहीं किये. 
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